भारत सरकार के फ़ेक न्यूज़ से निपटने के प्रस्ताव पर एनबीडीए की आपत्तियाँ क्या है?
सोमवार, 23 जनवरी, 2023 आई बी टी एन खबर ब्यूरो
भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के 'फ़ेक न्यूज से निपटने के लिए' जारी नए प्रस्ताव पर न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) ने आपत्ति जताई है। एनबीडीए ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी और आर्टिकल 19(1) के ख़िलाफ़ बताया है।
एनबीडीए की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि नियमों में संशोधन पीआईबी और केंद्र सरकार को बिना जांच के डिजिटल न्यूज़ कंटेंट पर नियंत्रण की ताकत देगा। पीआईबी और 'केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दूसरी एजेंसियां' को फ़ेक न्यूज़ को हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को निर्देश देने की ताकत देना गंभीर चिंता का विषय है।
''ये देखा गया है कि ऐसे बिना चेक और बैलेंस के सरकार को इतनी ताकत देने से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाया जा सकता है और इसका मीडिया पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।''
एनबीडीए ने कहा है कि प्रस्ताव में ''केंद्र सरकार और इसके डिपार्टमेंट'' को लेकर जो बातें लिखी गई हैं, उससे सरकार और उसकी नीतियो की आलोचना और विश्लेषण को दबाया जा सकेगा।
भारत में न्यूज़ मीडिया को रेग्यूलेट करने के लिए पर्याप्त नियम, क़ानून और नियामक संस्थाएं हैं। इसलिए इस संशोधन से केंद्र सरकार को रेग्यूलेशन की बहुत ज़्यादा ताकत देगा जिसकी न ज़रूरत है और न ही ये स्वीकार होगा। इस तरह की सेंसरशिप संविधान में उल्लेखित नहीं है।
इससे पहले प्रस्ताव का एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया समेत बुद्धिजीवियों ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगाम कसने की कोशिश बताकर अपनी आपत्ति दर्ज की है।
प्रस्ताव में क्या है?
- पीआईबी ने किसी ख़बर को फ़ेक कहा तो वो ख़बर हटानी होगी
- सरकार से संबंधित संस्था ने किसी को भ्रामक/फ़ेक न्यूज़ कहा तो वो कंटेंट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटानी होगी
- पीआईबी ने फ़ेक न्यूज़ कहा तो इंटरनेट प्रोवाइडर्स को भी हटाना होगा लिंक
- ऐसी फ़ेक न्यूज़ फ़ेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म से हटानी होगी
- जानकारों के मुताबिक़, जो ताकत पीआईबी को दी जा रही है, वो अब तक आईटी एक्ट 2000 की धारा 69A के तहत आती है
- प्रस्ताव में इसकी स्पष्टता नहीं कि फ़ेक किसे माना जाएगा और किसे नहीं?
न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2002 के गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को रोकने की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ...
न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2002 के गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को रोकने की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ...
भारत में समाजवादी पार्टी ने मुलायम सिंह यादव को दिए गए पद्म पुरस्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर सरकार सच में मुलायम सिंह यादव को सम्मान देना चाहती है तो ...