नगालैंड सरकार ने गैर नगा पिता के बच्चे और गोद लिए गैर नगा बच्चों के लिए क्या घोषणा की?
रविवार, 21 मई, 2023 आई बी टी एन खबर ब्यूरो
भारत के राज्य नगालैंड ने गैर-नगा बच्चे और गैर-नगा पिता के बच्चों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं देने का निर्णय लिया है।
ऐसे बच्चों को नगालैंड में पिछड़ी जनजाति या फिर मूलनिवासी जनजाति प्रमाण पत्र के लिए भी पात्र नहीं माना जाएगा।
नगालैंड सरकार का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब पड़ोसी राज्य मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी अर्थात अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की मांग को लेकर व्यापक हिंसा हुई।
इस संदर्भ में कोहिमा के उपायुक्त समेत कई जिलों के अधिकारियों ने आदेश जारी किए है।
मोन जिला उपायुक्त अजीत कुमार वर्मा के 18 मई 2023 के एक आदेश में नगालैंड सरकार द्वारा 11 जून 2012 में जारी एक अधिसूचना का हवाला दिया गया है।
इसमें कहा गया कि 'गैर-नागा पिता के बच्चे, साथ ही नगा माता-पिता द्वारा गोद लिए गए गैर-नगा बच्चों को अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जनजाति और मूलनिवासी जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा।
हालांकि साल 2012 में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि एक आदिवासी महिला और एक गैर-आदिवासी पुरुष के बीच विवाह से पैदा हुए बच्चे को केवल इसलिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने से इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके पिता उच्च जाति क्षत्रिय समुदाय के थे।