श्रीनगर में जी-20 की बैठक में सऊदी अरब, तुर्की, ओमान और मिस्र ने आने से परहेज किया
मंगलवार, 23 मई, 2023 आई बी टी एन खबर ब्यूरो
भारत के जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में जी-20 के टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक सोमवार, 22 मई 2023 से शुरू हुई है।
जी-20 दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। 2023 के लिए जी-20 की अध्यक्षता भारत के पास है। भारत ने अपनी अध्यक्षता में टूरिज्म वर्किंग कमिटी की बैठक श्रीनगर में रखी है।
इसे लेकर पाकिस्तान आपत्ति जता रहा था और जी-20 के सदस्य देशों के अलावा आमंत्रित देशों से आग्रह कर रहा था कि वे इसमें शामिल ना हों। पाकिस्तान की अपेक्षा रहती है कि कम से कम इस्लामिक देश कश्मीर के मामले में उसकी लाइन के साथ रहें। पाकिस्तान इस्लामिक देशों में एकमात्र परमाणु शक्ति संपन्न देश है।
पाकिस्तान के लिए यह संतोषजनक रहा होगा कि सऊदी अरब, तुर्की, ओमान और मिस्र इस बैठक में शामिल नहीं हुए।
चीन ने पहले ही मना कर दिया था। इसके बाद सऊदी अरब और तुर्की इस बैठक में शरीक नहीं हुए। भारत ने जिन देशों को अलग से आमंत्रित किया था, उनमें मिस्र और ओमान भी नहीं आए।
सऊदी अरब और तुर्की के नहीं आने को लेकर कहा जा रहा है कि दोनों देश अब भी पाकिस्तान के ही सहयोगी हैं।
थिंक टैंक रैंड कॉर्पोरेशन में इंडो-पैसिफिक एनालिस्ट डेरेक ग्रॉसमैन ने लिखा है कि भारत के लिए इन देशों का नहीं आना अप्रत्याशित नहीं है। ग्रॉसमैन का कहना है कि सऊदी अरब अब भी पाकिस्तान से जुड़ा है।
ऐसी अटकलें थीं कि इंडोनेशिया भी इसमें शामिल होने से परहेज करेगा लेकिन उसने दिल्ली मिशन से प्रतिनिधि भेजा था।
इन देशों के नहीं आने पर भारत के पीएमओ में एमओएस जितेंद्र सिंह ने कहा है कि कौन देश आ रहा है कौन नहीं आ रहा है, यह उसके हितों पर निर्भर करता है। जितेंद्र सिंह ने 'द प्रिंट' वेबसाइट से कहा कि कई देशों ने निजी कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भेजा है क्योंकि पर्यटन व्यापक रूप से प्राइवेट प्लेयर ही हैंडल करते हैं न सरकारें।
कहा जा रहा है कि अगर तुर्की बैठक में शामिल होता तो यह हैरान करने वाला होता क्योंकि कश्मीर पर टर्किश राष्ट्रपति अर्दोआन का रुख़ पाकिस्तान की ओर झुका रहा है। लेकिन कहा जा रहा है कि मिस्र का शामिल नहीं होना हैरान करने वाला है।
हालांकि मिस्र जी-20 का सदस्य नहीं है लेकिन भारत ने विशेष तवज्जो देते हुए मिस्र को आमंत्रित किया था। मिस्र और भारत की साझेदारी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में मिस्र का नहीं आना कई मामलों में चौंकाने वाला रहा। मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी को साल 2023 में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर मोदी सरकार ने मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था।
भारत और मिस्र के अच्छे संबंध गुटनिरपेक्ष आंदोलन की वजह से उस वक्त शुरू हुए थे जब मिस्र में कमान राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर के पास थी और भारत में जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। माना जाता है कि दोनों नेताओं के बीच पर्सनल केमिस्ट्री बहुत अच्छी थी।
थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे 16 से 17 मई 2023 तक मिस्र का दौरा किया था।