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सोमवार, 2 अक्टूबर 2023
 
 

कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा, सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ प्रथम दृष्टया केस बनता है

शुक्रवार, 15 सितम्बर, 2023  आई बी टी एन खबर ब्यूरो
 
 
भारत में कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार, 15 सितम्बर, 2023 को न्यूज़ चैनल आज तक के पत्रकार सुधीर चौधरी को गिरफ़्तारी से राहत देते हुए कहा कि उनके ख़िलाफ़ प्रथम दृष्टया केस बनता है।

हाई कोर्ट ने ये आदेश सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ बेंगलुरु पुलिस की एफ़आईआर के सिलसिले में दी है जिसमें उन पर 'सांप्रदायिक शांति भंग करने की साज़िश' करने का आरोप लगाया गया है।

दरअसल, सुधीर चौधरी ने अपने शो में कथित तौर पर ये दावा किया था कि कर्नाटक सरकार की 'स्वावलंबी सारथी योजना' का लाभ केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों को दिया जा रहा है।

लीगल न्यूज़ की वेबसाइट लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत चंदनगौदर ने कहा कि इस मामले में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई ज़रूरत नहीं है, इसलिए राज्य पुलिस को ये निर्देश दिया जाता है कि इस मामले में अगले हफ़्ते अंतिम निपटारा होने तक सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की जाए।

इस केस में सुधीर चौधरी के अलावा न्यूज़ चैनल आज तक ने भी हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था।

कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम (केएमडीसी) ने इस पर अपनी शिकायत में कहा था कि एंकर ने 11 सितम्बर 2023 को अपने शो में दावा किया था कि कर्नाटक में सब्सिडी हिंदुओं को नहीं बल्कि केवल अल्पसंख्यकों को मुहैया कराई जा रही है।

बेंगलुरु में मौजूद बीबीसी के सहयोगी पत्रकार इमरान क़ुरैशी के मुताबिक़, एफ़आईआर में कहा गया है कि शो में ये दावा किया गया है कि स्कीम ग़रीब हिंदुओं के ख़िलाफ़ अन्याय है।

कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम बेरोज़गार युवाओं को ऑटोरिक्शा, माल वाहक गाड़ियां या टैक्सी ख़रीदने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 3 लाख रुपये की सब्सिडी देता है। इसी तरह की स्कीमें देवराज उर्स विकास निगम, डॉ. बीआर आंबेडकर विकास निगम, वाल्मीकि विकास निगम और आदि जम्भावा विकास निगम भी लागू करते हैं।

इस तरह की स्कीमें केवल अल्पसंख्यकों के लिए ही नहीं बल्कि पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए भी चलाई जाती हैं।

शिकायत में कहा गया है, "लेकिन न्यूज़ चैनल ने इस ख़बर को तोड़ मरोड़ कर कहा कि ये स्कीम आम तौर पर अल्पसंख्यकों के लिए और विशेष तौर पर मुस्लिमों के लिए है इसलिए ये हिंदुओं के साथ अन्याय है। ये ख़बर ग़लत और दुर्भावनापूर्ण है। इसका मकसद समाज में साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काना था। संबंधित न्यूज़ चैनल के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।''

ये स्कीम जब 2017-18 में कांग्रेस सत्ता में थी, तब शुरू की गई थी और बाद के सालों में बीजेपी सरकार ने भी इसे लागू किया।

हालांकि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री और बीजेपी नेता राजीव शेखर ने पहली बार आठ सितम्बर 2023 को एक ट्वीट कर इस मुद्दे को उठाया था।
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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