भारत में मध्य प्रदेश के रीवा में महात्मा गांधी के अस्थि अवशेष चोरी होने की ख़बर है। मध्य प्रदेश पुलिस ने इसकी पुष्टि की है।
दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई। यह घटना उसी दिन की है।
साल 1948 में गांधी के अस्थि अवशेषों का एक हिस्सा रीवा स्थित बापू भवन में रखा गया था।
इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार न सिर्फ अस्थि अवशेष की चोरी हुई है बल्कि उनकी तस्वीर से भी छेड़छाड़ की गई। गांधी की तस्वीर पर हरे रंग से 'राष्ट्रद्रोही' लिख दिया गया है।
रीवा पुलिस ने स्थानीय पत्रकार शुरैह नियाज़ी से कहा कि वो इस मामले की जांच कर रही है।
रीवा स्थित बापू भवन की देखरेख करने वाले मंगलदीप ने इस घटना को शर्मनाक बताया है।
उन्होंने कहा, ''मैंने सुबह भवन का गेट खोला क्योंकि गांधी जयंती थी। मैं रात करीब 11 बजे जब वापस आया तो देखा कि गांधी जी की अस्थियां गायब थीं और उनकी तस्वीर को ख़राब किया गया था।''
इस घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस के स्थानीय नेता गुरमीत सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
उन्होंने कहा, ''यह पागलपन बंद होना चाहिए। मैं रीवा पुलिस से गुज़ारिश करता हूं कि वो बापू भवन में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच करें।''
महात्मा गांधी ने भारत को ब्रिटिश हकूमत से आज़ादी दिलाने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने सत्याग्रह और अहिंसक आंदोलन के ज़रिए पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की।
हालांकि भारत में एक समूह उन्हें हिंदुओं के ख़िलाफ़ मानता है। इस समूह का सोचना है कि महात्मा गांधी मुसलमानों के पक्षधर थे। इसी सोच के चलते हिंदू महासभा के एक सदस्य नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 में उनकी हत्या कर दी थी।
मृत्यु के बाद महात्मा गांधी की अस्थियों को नदी में विसर्जित नहीं किया गया था।
उन्हें अलग-अलग हिस्सों में बांटकर भारत में बने गांधी के विभिन्न संग्रहालयों में रखा गया, इन्हीं में से एक रीवा का बापू भवन भी है।