भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के केंद्र सरकार के क़दम को वैध ठहराए जाने के भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है।
चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत की आंतरिक अदालत के इस फ़ैसले का लद्दाख को लेकर चीन के रुख़ पर कोई असर नहीं होगा।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने लद्दाख के हिस्से पर दावा जताया।
माओ निंग ने कहा, "चीन ने कभी भी तथाकथित केंद्र शासित लद्दाख को मान्यता नहीं दी है, जिसका गठन भारत ने एकतरफ़ा और अवैध ढंग से किया है. भारत की घरेलू अदालत का फ़ैसला इस तथ्य को नहीं बदलता कि चीन-भारत सीमा का पश्चिमी हिस्सा हमेशा से चीन का रहा है।''
5 अगस्त 2019 को जब भारत ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने और जम्मू-कश्मीर का दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठन करने का फ़ैसला किया था, उस समय भी चीन ने आचोलना की थी। उस समय चीन ने कहा था कि ऐसा कर 'भारत ने अपने क़ानूनों का एकतरफ़ा संशोधन किया है'।
भारत ने 5 अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करते हुए जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का गठन किया था।
इस फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद, सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने को वैध माना था।
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे हटाने की शक्ति थी।
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के पास बाक़ी राज्यों से अलग कोई संप्रभुता नहीं है।
कश्मीर पर चीन का रुख़
साल 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी।
चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में सैकड़ों किलोमीटर तक फैली हुई सीमा पर कई जगह उन इलाक़ों में दाख़िल हो गई थी, जिन्हें भारत अपना क्षेत्र मानता है।
इस घटना के बाद एलएसी के दोनों ओर हज़ारों सैनिक तैनात हैं और सीमा पर तनाव बना हुआ है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने लद्दाख को लेकर चीन के दावे को दोहराने से एक दिन पहले कश्मीर को लेकर भी प्रतिक्रिया दी थी।
पाकिस्तान के पत्रकार ने अनुच्छेद 370 पर भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर माओ निंग से प्रतिक्रिया मांगी थी।
इसके जवाब में मिंग ने कहा था कि 'कश्मीर मसले पर चीन का रुख़ एकदम स्पष्ट है'।
माओ निंग ने कहा, "संबंधित पक्षों को संवाद और परामर्श के माध्यम से विवाद को सुलझाना चाहिए ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।''
माओ निंग ने कहा, ''कश्मीर मसला शांतिपूर्ण ढंग से और यूएन चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के तहत सही ढंग सुलझाया जाना चाहिए।''
कश्मीर और लद्दाख को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता के बयानों पर भारत की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।