भारत

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के परीक्षा परिणाम रद्द करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के परीक्षा परिणाम रद्द करने से इनकार किया

मंगलवार, 23 जुलाई 2024

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया है।

भारत के चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले तीन जजों की बेंच ने कहा है कि इस बात के कोई पुख़्ता प्रमाण नहीं हैं जो यह साबित कर सकें कि परीक्षा के प्रश्न पत्र योजनाबद्ध तरीके़ से लीक हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि परीक्षा की पवित्रता पर सवाल नहीं उठता है, इसलिए कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी छात्र को ग़लत तरीक़े से फ़ायदा होते हुए दिखता है तो ऐसे छात्रों को बाद में सज़ा दी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि फिर से परीक्षा होने से 20 लाख से ज़्यादा छात्रों पर इसका गंभीर असर होगा। इससे मेडिकल की पढ़ाई के लिए दाख़िले का कार्यक्रम प्रभावित होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ़ किया कि ये आदेश नीट परीक्षा की शुचिता पर है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "अगर किसी छात्र को कोई व्यक्तिगत शिकायत है तो वह क़ानून के अनुसार अपने अधिकारों को पाने के लिए स्वतंत्र है।  ऐसे छात्र अपनी मांगों को लेकर हाई कोर्ट जा सकते हैं।"

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो भारत सरकार द्वारा गठित सात सदस्यीय कमेटी को कुछ सुझाव भेजेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "कमेटी अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए ये सुनिश्चित करेगी कि एनटीए द्वारा करवाई जाने वाली नीट यूजी और अन्य परीक्षाओं की प्रक्रिया को मज़बूत किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी ग़लतियां न हों।''

मुज़फ़्फ़रनगर में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई

मुज़फ़्फ़रनगर में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई

सोमवार, 22 जुलाई 2024

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करने के मुज़फ़्फ़रनगर एसएसपी के आदेश पर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है।

जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की दो जजों वाली पीठ ने ये आदेश दिया है।

इसके साथ ही पीठ ने कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक करने को लेकर भारत के राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है।

इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार, 26 जुलाई 2024 को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो निर्देशों को अमल में लाने पर रोक लगा रही है, दूसरे शब्दों में कहें तो खाना बेचने वालों को ये बताना ज़रूरी है कि वो किस तरह का खाना दे रहे हैं लेकिन उन पर मालिक या स्टाफ़ का नाम सार्वजनिक करने के लिए ज़ोर नहीं डाला जा सकता है।

जम्मू-कश्मीर: डोडा एनकाउंटर को लेकर रक्षा मंत्री ने थलसेना प्रमुख से की बात

जम्मू-कश्मीर: डोडा एनकाउंटर को लेकर रक्षा मंत्री ने थलसेना प्रमुख से की बात

मंगलवार, 16 जुलाई 2024

भारत के जम्मू-कश्मीर के डोडा में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ को लेकर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने थलसेना प्रमुख से बात की है।

जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय ने ट्वीट करके इस मुठभेड़ में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी है।

भारत के रक्षा मंत्री के कार्यालय ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर इस बात की जानकारी साझा की है।

इस पोस्ट में रक्षा मंत्री के कार्यालय ने लिखा है, ''रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी से आज सुबह बात की। सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री को डोडा में ज़मीनी हालात और वहां चल रहे आतंकवाद रोधी अभियान के बारे में बताया है।''

जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल कार्यालय ने एक्स पर लिखा, ''डोडा ज़िले में सेना के जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों पर कायराना हमले के बारे में जानकर मैं बेहद दुखी हूं। हमारे राष्ट्र की सुरक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।''

''हम अपने सैनिकों की शहादत का बदला लेंगे और आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के नापाक इरादों को नाकाम करेंगे। मैं लोगों से आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में एकजुट होने की अपील करता हूं। साथ ही हमें सटीक जानकारी देने का आह्वान करता हूं ताकि हम आतंकवाद विरोधी अभियान को तेज़ और आतंकी तंत्र को बेअसर कर सकें।''

डोडा ज़िले के डेसा जंगलों में सोमवार, 15 जुलाई 2024 की रात से सुरक्षाबलों का अभियान जारी है।

इस अभियान में कितने जवान हताहत हुए हैं, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी अब तक साझा नहीं की गई है।

भाजपा की ग़लत नीतियों का खमियाज़ा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं: राहुल गांधी

मंगलवार, 16 जुलाई 2024

भारत के जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में सेना के एक कैप्टन समेत चार जवानों की मौत हुई है।

भारतीय सेना ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर ट्वीट करके जानकारी दी है कि आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन ब्रजेश थापा, नाइक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय की मौत हुई है।

भारतीय सेना ने पोस्ट में लिखा है, ''थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के सभी रैंक की ओर से कैप्टन ब्रजेश थापा, नाइक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट की जाती हैं, जिन्होंने डोडा में क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए आतंक-रोधी अभियान के दौरान अपना कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।''

''भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है।''

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी है।

राजनाथ सिंह ने जानकारी दी है, ''आतंक रोधी अभियान जारी है और हमारे जवान आतंकवाद के अभिशाप को ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी है और केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं।

राहुल गांधी ने लिखा है, ''आज जम्मू कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।''

''एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक है।  लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू-कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं। भाजपा की ग़लत नीतियों का खमियाज़ा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं।''

डोडा मुठभेड़ में मारे गए कैप्टन बृजेश थापा के माता-पिता ने क्या कहा?

मंगलवार, 16 जुलाई 2024

जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान मारे गए भारतीय सेना के कैप्टन बृजेश थापा के माता-पिता से समाचार एजेंसी एएनआई ने बात की है।

बृजेश की मां नीलिमा थापा ने कहा, "मैंने अपने बेटे को खो दिया है। अब वो कभी वापस नहीं आएगा। मेरा लड़का काफ़ी सभ्य था। वो कभी शिकायत नहीं करता था।''

बृजेश की मां ने कहा, "उसे आर्मी में ही जाना था। हमने उसे बता भी रखा था कि आर्मी का जीवन कठिन होता है। उसने अपने पापा को भी देखा था।  हमने उससे कहा था कि या तो एयरफोर्स में जाओ या नेवी में लेकिन उसने आर्मी में ही जाने का सोचा।''

"उसने देश के लिए जो कुछ भी किया उस पर हमें गर्व महसूस होता है।  सरकार को इसके पीछे ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।''

बृजेश थापा के पिता जो कि खुद भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल हैं, उन्होंने कहा, "मेरा बेटा बचपन से ही आर्मी में जाना चाहता था। उसने बीटेक किया था लेकिन फिर भी वो आर्मी में ही जाना चाहता था।''

"उसने बहुत ज़्यादा तैयारी भी नहीं की थी लेकिन फिर भो वो पहली ही बार में एसएसबी सहित सारी परीक्षाओं में पास हो गया। मुझे गर्व है कि उसने देश के लिए अपनी जान दी।''

डोडा एनकाउंटर पर ओवैसी ने पीएम मोदी की आलोचना की

मंगलवार, 16 जुलाई 2024

जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के चार जवानों के मारे जाने पर एआईएमआईएम चीफ़ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है।

ओवैसी ने कहा, "नरेंद्र मोदी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे कि हम घर में घुस कर मारेंगे। फिर ये क्या हो रहा है?"

ओवैसी ने कहा कि "ये सरासर सरकार की नाक़ामी है। वो आतंकवाद को काबू नहीं कर पा रही है। डोडा में जो कुछ भी हुआ वो बहुत ख़तरनाक है और उसकी जांच होनी चाहिए।''

जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में सेना के एक कैप्टन समेत चार जवानों की मौत हुई है।

ओवैसी ने कहा, "मैं यह बताना चाहता हूं हम तो इसकी निंदा करते हैं और करते आए हैं। लेकिन ये मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है।''

पीएम मोदी को घेरते हुए ओवैसी ने कहा, "डोडा का जो इलाक़ा है वो एलओसी से काफ़ी दूर है। यह बेहद गंभीर बात है कि एलओसी से इतना दूर आतंकी हमला कर रहे हैं, जिसमें हमारी सेना के चार जवान जिसमें कैप्टन और मेजर भी हैं मारे जाते हैं। ये घटना नरेंद्र मोदी सरकार की नाकामी को भी बयान करती है।''

ओवैसी ने कहा, ''2021 के बाद सबसे ज़्यादा आतंकी घटनाएं जम्मू में हो रही हैं. यहां तक कि अलगाववाद के उफ़ान के वक़्त भी इतनी घटनाएं नहीं हुई थीं. इसमें अभी तक 48 जवानों, 19 नागरिकों और 48 ही आतंकियों की जानें जा चुकी हैं।''

भारत-ऑस्ट्रिया संबंध पर मोदी और कार्ल नेहमर ने क्या कहा?

भारत-ऑस्ट्रिया संबंध पर मोदी और कार्ल नेहमर ने क्या कहा?

ऑस्ट्रिया दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

बुधवार, 10 जुलाई 2024

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 9 जुलाई 2024 को ऑस्ट्रिया दौरे पर पहुंचे। उन्होंने ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर से राजधानी वियना में मुलाक़ात की और यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर बात की।

नरेंद्र मोदी ने कहा, "सबसे पहले मैं गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए चांसलर नेहमर का आभार प्रकट करता हूं। मुझे ख़ुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला।''

"मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक भी है और विशेष भी। 41 सालों बाद किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया है। यह भी सुखद संयोग है कि ये यात्रा उस समय हो रही है जब हमारे आपसी सहयोग के 75 साल पूरे हुए हैं।''

मोदी ने कहा, "आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने आपसी सहयोग को और मज़बूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है। हमने निर्णय लिया है कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी। आने वाले दस सालों के सहयोग के लिए खाका तैयार किया गया है।''

मोदी ने कहा, "मैंने और चांसलर ने यूक्रेन समेत दुनिया में चल रहे सभी विवादों पर बात की है। मैंने पहले भी कहा कि ये युद्ध का समय नहीं है।  समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। कहीं भी हो मासूम लोगों की जान की हानि स्वीकार नहीं है।''

ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने क्या कहा?

बुधवार, 10 जुलाई 2024

ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने कहा, "भारत और ऑस्ट्रिया के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। यह विश्वास का रिश्ता है जो 1950 के दशक में शुरू हुआ था। भारत ने ऑस्ट्रिया की मदद की और 1955 में ऑस्ट्रियाई राज्य संधि बातचीत के साथ सकारात्मक निष्कर्ष पर पहुंची। भू-राजनीतिक स्थिति के विकास भारत और ऑस्ट्रिया को एकजुट करती है।''

कार्ल नेहमर ने कहा, "अपनी ऑस्ट्रिया यात्रा से पहले, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात की है। इसलिए, शांति प्रगति के संबंध में रूस के इरादों के बारे में प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत मूल्यांकन के बारे में सुनना मेरे लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण था।''

"हमारा साझा उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति प्राप्त करना है।''

कार्ल नेहमर ने कहा, "मेरा मंत्रिमंडल लगातार यूरोपीय यूनियन के संपर्क में है। कल मेरी कैबिनेट ने इस संदर्भ में संभावित दृष्टिकोण और मुद्दों के बारे में चार्ल्स मिशेल से टेलीफोन पर बात की थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑस्ट्रिया एक स्वतंत्र और समृद्ध यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।''

सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला: तलाक़शुदा मुस्लिम महिलाएं भी गुज़ारा भत्ता की हक़दार

सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला: तलाक़शुदा मुस्लिम महिलाएं भी गुज़ारा भत्ता की हक़दार

बुधवार, 10 जुलाई 2024

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 10 जुलाई 2024 को एक फ़ैसला देते हुए कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की सेक्शन 125 के तहत मुस्लिम महिला गुज़ारा भत्ता की मांग कर सकती है।

जस्टिस बीवी नागरत्ना की अगुवाई वाली दो जजों की बेंच ने इस सेक्शन के तहत गुज़ारा भत्ता की मांग करने वाली एक मुस्लिम महिला के केस की सुनवाई करते हुए यह फ़ैसला दिया।

दस हज़ार रुपये गुज़ारा भत्ता देने के तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश को एक मुस्लिम व्यक्ति ने चुनौती दी थी।

उसके वकील की दलील थी कि चूंकि मुस्लिम महिला (तलाक़ मामले में अधिकारों का संरक्षण) क़ानून 1986 लागू है, इसलिए सेक्शन 125 के तहत उन्हें गुज़ारा भत्ता नहीं मिल सकता।

दोनों जजों ने एकमत से यह फ़ैसला दिया है। अभी आदेश लिखा जाना बाक़ी है।

1985 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेक्शन 125 एक सेक्युलर क़ानून है जो सभी महिलाओं पर लागू होता है।

जिसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

इसके बाद 1986 में भारत सरकार ने मुस्लिम महिला (तलाक़ मामले में अधिकारों का संरक्षण) क़ानून पास किया था।

तलाक़शुदा मुस्लिम महिलाओं को गुज़ारा भत्ता देने के मामले पर मुस्लिम धर्मगुरु ने क्या है?

बुधवार, 10 जुलाई 2024

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 10 जुलाई 2024 को एक फ़ैसला देते हुए कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता के सेक्शन 125 के तहत मुस्लिम महिला गुज़ारा भत्ता की मांग कर सकती है।

इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने प्रतिक्रिया दी है।

मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि "शाह बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने साल 1985 में जो फ़ैसला सुनाया था। उसके ख़िलाफ़ पर्सनल बोर्ड ने आंदोलन चलाया। इसके बाद एक क़ानून वजूद में आया। उस क़ानून की व्याख्या सुप्रीम कोर्ट करता है।''

"उस वक्त ही सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया था। जो लोग धारा 125 के तहत राहत चाहेंगे उनको राहत दी जाएगी। इसमें मुस्लिम समुदाय भी शामिल है।''

मोहम्मद सुलेमान ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय की ये मान्यता रही है कि जो महिलाओं के अधिकार के लिए धार्मिक गारंटी है वो पर्याप्त नहीं है।''

"हालिया फ़ैसले पर मुझे यही कहना है कि जो हमारी बहनें हैं, तलाक़ या किसी वजह से अलग हो जाने पर वो इस्लामिक कानून के मुताबिक न्याय चाहती हैं तो यह उनके लिए बेहतर है। जिन बहनों को यह लगता है कि धारा 125 के तहत भरण पोषण मिलना चाहिए वो कोर्ट जा सकती हैं।''

"लेकिन इसमें एक मसला है कि अलग होने के बाद भी वो रिश्ता ख़त्म नहीं होता और महिला दूसरी शादी नहीं कर सकती क्योंकि भरण पोषण लेने की वजह से दोनों के बीच वो ताल्लुक बना रहता है। इसलिए ये अप्राकृतिक अमल है।''

भारत के प्रधानमंत्री को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला

भारत के प्रधानमंत्री को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला

मंगलवार, 9 जुलाई 2024

रूस और ऑस्ट्रिया के तीन दिवसीय दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रेमलिन में रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मोदी ने कहा, "मैं रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मैं इसे भारतीय नागरिकों को समर्पित करता हूं।''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया।

इस अवसर पर मोदी ने कहा, "महामहिम और मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन को रूस के सर्वोच्च अवॉर्ड से सम्मानित करने के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।''

"ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं है। यह 140 करोड़ भारतवासियों का सम्मान है। यह भारत और रूस की सदियों पुरानी गहरी मित्रता और आपसी विश्वास का सम्मान है।''

अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ''महामहिम पिछले लगभग ढाई दशक से आपके नेतृत्व में भारत और रूस के संबंध हर दिशा में मज़बूत हुआ हैं।  और हर बार नई ऊचाइयों को प्राप्त करते रहे हैं। आपने दोनों देशों के बीच जिन रणनीतिक संबंधों की नींव रखी थी वो गुज़रते वक्त के साथ गहरी होती गई है।''

मोदी ने कहा, "आज भी हमने सभी क्षेत्रों में आपसी सहयोग को मज़बूत करने के नए और अहम फ़ैसले किए हैं। हमारे संबंध केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम हैं।''

मोदी ने कहा, ''वैश्विक वातावरण में भारत और रूस की पार्टनरशिप और भी अहम हो जाती है। हम दोनों विश्वास रखते हैं कि वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए लगातार कोशिश करते रहना चाहिए।''

हाथरस सत्संग हादसे में एसडीएम, सीओ समेत छह अफ़सर निलंबित

हाथरस सत्संग हादसे में एसडीएम, सीओ समेत छह अफ़सर निलंबित

मंगलवार, 9 जुलाई 2024

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस मामले में एसडीएम, सीओ (क्षेत्राधिकारी) समेत छह अफ़सरों को निलंबित कर दिया है।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि हाथरस सत्संग हादसे की जांच के लिए बनी एसआईटी की रिपोर्ट के बाद ये कार्रवाई की गई है।

रिपोर्ट में हादसे के लिए किसी साज़िश से इनकार नहीं किया गया है।

इसमें ये भी कहा कि आयोजकों की लापरवाही से हादसा हुआ। आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों को बुलाया गया लेकिन उनके लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए।

रिपोर्ट के मुताबिक़, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया।

उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस बारे में ठीक से जानकारी नहीं दी।

हाथरस हादसे की गहन जांच के लिए न्यायिक आयोग भी अपनी कार्यवाही शुरू कर चुका है।

दो जुलाई 2024 को हाथरस के सिकन्द्राराऊ इलाके में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी बनाई थी।

जम्मू-कश्मीर: कठुआ में पाँच भारतीय सैनिकों के मारे जाने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

जम्मू-कश्मीर: कठुआ में पाँच भारतीय सैनिकों के मारे जाने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

मंगलवार, 9 जुलाई 2024

भारत के जम्मू-कश्मीर के कठुआ में भारतीय सैनिकों पर हुए आतंकी हमले पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है।

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर राजनाथ सिंह ने लिखा, "कठुआ के बदनोटा में एक आतंकवादी हमले में हमारे पाँच बहादुर सैनिकों की मौत पर मुझे गहरा दुख है।''

"शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इस कठिन समय में देश उनके साथ मज़बूती से खड़ा है। आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं और हमारे सैनिक क्षेत्र में शांति और व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''

राजनाथ सिंह ने इस आतंकी हमले में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

सोमवार, 8 जुलाई 2024 को जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में भारतीय सेना के काफ़िले पर हमला हुआ था, जिसमें पांच सैनिकों की मौत हो गई थी और पांच सैनिक घायल हो गए। इसके बाद से पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

मणिपुर दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात के बारे में क्या कहा?

मणिपुर दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात के बारे में क्या कहा?

सोमवार, 8 जुलाई 2024

भारत के विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मणिपुर दौरे के दौरान एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मणिपुर के हालात की चर्चा की।

राहुल गांधी ने कहा, "मणिपुर में स्थिति खराब होने के बाद यह तीसरी बार है जब मैं यहां आया हूं। सच कहूं तो मुझे ऐसी उम्मीद थी कि ज़मीनी स्थितियों में कुछ सुधार आया होगा। लेकिन मुझे ये देख कर निराशा हुई है कि स्थिति में अभी भी कोई सुधार नहीं आया है और वो सही होने के आस-पास भी नहीं पहुंच सकी है।''

राहुल गांधी ने कहा, "मैंने कैंपों में जाकर लोगों से मुलाकात की और उनके दुख-दर्द को सुना। मैं यहां उन लोगों को सुनने के लिए आया हूं और उन लोगों को यह भरोसा दिलाने के लिए आया हूं कि विपक्ष में कोई है जो सरकार पर इस बात का दबाव बनाएगा कि उनके लिए कुछ किया जाए।''

राहुल गांधी ने कहा, "मैं मणिपुर के सभी लोगों से यह कहना चाहता हूं कि मैं यहां आपका भाई बनकर आया हूं। मैं यहां एक ऐसे व्यक्ति के रूप में आया हूं जो आपकी मदद करना चाहता है।''

हाथरस हादसे के पीड़ितों से राहुल गांधी ने मिलने के बाद क्या कहा?

हाथरस हादसे के पीड़ितों से राहुल गांधी ने मिलने के बाद क्या कहा?

शुक्रवार, 5 जुलाई 2024

भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार, 5 जुलाई 2024 को हाथरस हादसे में मारे गए लोगों के परिवार वालों से मुलाक़ात की और उनके लिए ज़्यादा से ज़्यादा और जल्दी मुआवजा मांगा।

पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा, "इस हादसे में बहुत से परिवारों को नुकसान हुआ है। काफी लोगों की मौत हुई है। लेकिन मैं इस घटना को राजनीतिक नज़रिये से नहीं देख रहा हूं।  प्रशासन में कमी तो है। ग़लतियां हुई हैं। इसका पता लगाना चाहिए।''

राहुल गांधी ने कहा, ''शायद सबसे ज़रूरी बात ये है कि मुआवजा सही मिलना चाहिए। ये ग़रीब परिवार हैं और मुश्किल समय है। मुआवजा ज़्यादा से ज़्यादा मिलना चाहिए।''

राहुल ने कहा, "मैं यूपी के मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूँ कि मुआवजा दिल खोल कर मिलना चाहिए। इस समय इसकी ज़रूरत है। इसमें देर नहीं होनी चाहिए। छह महीने या एक साल बाद दिया तो किसी को फ़ायदा नहीं होगा।''

राहुल गांधी ने कहा, "परिवार वालों से मेरी पर्सनल बात हुई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की कमी थी। पुलिस का जो इंतजाम होना चाहिए था वो नहीं हुआ। बहुत दुख में हैं। सदमे में हैं। उनकी स्थिति समझने की कोशिश कर रहा हूं।''

दो जुलाई 2024 को भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा नाम से चर्चित बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 123 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।