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भारत के सुप्रीम कोर्ट का बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त रुख़, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

भारत के सुप्रीम कोर्ट का बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त रुख़, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सोमवार, 2 सितम्बर 2024

भारत के कई राज्यों में अभियुक्तों की संपत्ति के ख़िलाफ़ कथित तौर पर बुलडोज़र एक्शन की कार्रवाई करने के मामले को लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 2 सितम्बर 2024 को सख़्त टिप्पणी किया।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की पीठ ने कहा कि किसी का घर सिर्फ़ इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वह अभियुक्त है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट दिशानिर्देश तय करेगा जिसके आधार पर ही जब भी तोड़फोड़ की कार्रवाई की ज़रूरत होगी तो उसी आधार पर वो की जाएगी।

जस्टिस बीआर गवई ने भारत के राज्य उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, "किसी का घर केवल इसी आधार पर कैसे ढहाया जा सकता है कि वो किसी मामले में अभियुक्त है?"

इसके आगे जस्टिस गवई ने कहा, "कोई व्यक्ति दोषी भी है तो बिना क़ानून की निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।''

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी भी इमारत को ढहाने की कार्रवाई इसलिए नहीं की गई है कि वो शख़्स किसी अपराध में अभियुक्त था।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 'हमने एफिडेविट के माध्यम से दिखाया है कि नोटिस काफ़ी पहले ही भेजा गया था।'

तुषार मेहता ने विस्तार से बताते हुए कहा कि ढहाने की प्रक्रिया एक स्वतंत्र मामला है जिसका किसी भी अपराध से कोई संबंध नहीं है।

वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे और सीयू सिंह ने इसके जवाब में कहा कि घर इस कारण ध्वस्त किए गए क्योंकि वो किसी मामले के अभियुक्त हैं।

बेंच ने इसी दौरान मौखिक तौर पर कहा कि किसी भी इमारत को ढहाने के लिए क़ानून मौजूद हैं, लेकिन इसका ‘अधिक बार उल्लंघन’ देखा गया है।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ये भी साफ़ कहा है कि, "हम पूरे देश के लिए दिशानिर्देश तय करेंगे, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि किसी भी अनाधिकृत निर्माण को संरक्षण देंगे।''

बेंच ने दोनों पक्षों से कहा है कि वो इस मामले में दिशानिर्देश तय करने के लिए सुझाव के साथ उसके पास आएं और इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर 2024 को तय की गई है।

सुप्रीम कोर्ट की सोमवार, 2 सितम्बर 2024 की कार्यवाही पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपना मत रखा है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर राहुल गांधी ने पोस्ट किया, ''भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण बुलडोज़र नीति पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। बुलडोज़र के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है।''

राहुल गांधी ने कहा कि 'त्वरित न्याय' की आड़ में 'भय का राज' स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोज़र के पहियों के नीचे अक्सर बहुजनों और गरीबों की ही घर-गृहस्थी आती है।

राहुल गांधी ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करेगा।

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है।

प्रशांत भूषण ने एक्स पर लिखा, "सुप्रीम कोर्ट की प्रशंसा की जानी चाहिए कि उसने क़ानून के शासन के लिए इस ख़तरे को आख़िरकार समझा है।  इंसाफ़ को ढहाने के लिए बुलडोज़र का इस्तेमाल किया जा रहा है।''

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट किया है।

अखिलेश यादव ने लिखा है- ‘अन्याय के बुलडोज़र’ से बड़ा होता है, ‘न्याय का तराज़ू’।

कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने भी इस मामले पर अपना बयान दिया है।

उदित राज ने कहा कि आरोपी हो या आरोप साबित हो जाए, जब बुलडोज़र की कार्रवाई चल गई तो फिर अदालत और संविधान की ज़रूरत क्या है।

उदित राज ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, ''ये बर्बर युग की याद दिलाता है कि देश में तानाशाही है और संविधान है ही नहीं। अदालत के द्वारा ये फ़ैसला लिया जाना चाहिए कि घर गिराया जाना चाहिए या नहीं, जेल जाना है या नहीं, फ़ाइन लगना है या नहीं।''

उदित राज ने कहा, "नेताओं या हुकूमत के कहने से अगर अधिकारी लोग ही फ़ैसला करने लगेंगे तो फिर संविधान, अदालत और क़ानून की किताब की क्या ज़रूरत है।"

विपक्ष के विरोध के बाद लेटरल एंट्री को मोदी सरकार ने यूपीएससी से रद्द करने का अनुरोध किया

विपक्ष के विरोध के बाद लेटरल एंट्री को मोदी सरकार ने यूपीएससी से रद्द करने का अनुरोध किया

मंगलवार, 20 अगस्त 2024

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्री ( डीओपीटी ) जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी अध्यक्ष को पत्र लिखा है।

इसमें लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।

पत्र में लिखा है कि पीएम का मानना है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के आदर्शों पर आधारित होनी चाहिए, खासकर आरक्षण के प्रावधानों को लेकर।

इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री का मानना है कि सरकारी नौकरी में आरक्षण हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है, जिसका उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना है।

यूपीएससी ने हाल में वरिष्ठ अफ़सरों के 45 पदों पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया था।

ये पद संयुक्त सचिव और उप सचिव स्तर के हैं। इस तरह की नियुक्तियों का विरोध करने वालों का कहना है कि इनमें आरक्षण का प्रावधान न होने से पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों का हक़ मारा जाएगा।

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है। उसने लेटरल एंट्री को रद्द करने के अनुरोध वाले इस पत्र पर प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस ने पोस्ट में लिखा, "संविधान की जीत हुई। मोदी सरकार लेटरल एंट्री में बिना आरक्षण के भर्ती की साज़िश कर रही थी, लेकिन अब इस फैसले को वापस लेना पड़ा है। एक बार फिर मोदी सरकार को संविधान के आगे झुकना पड़ा है।''

पोस्ट में आगे लिखा है, "आरक्षण विरोधी इस फैसले का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और INDIA गठबंधन ने खुलकर विरोध किया। इसकी वजह से मोदी सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा है। ये बाबा साहेब के संविधान की जीत है। ये हर दलित, शोषित और पिछड़ों की जीत है।''

कोलकाता रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

कोलकाता रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

मंगलवार, 20 अगस्त 2024

भारत में कोलकाता रेप-मर्डर मामले में मंगलवार, 20 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है।

ये सुनवाई भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने की।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "ऐसा लगता है कि अपराध का पता शुरुआती घंटों में ही चल गया था। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की।''

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अधिकतर युवा डॉक्टर 36 घंटे तक काम करते हैं।  हमें कामकाज़ के सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल विकसित करना चाहिए।''

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पाएंगी और कार्यस्थल पर सुरक्षित नहीं होंगी, तो ऐसा कर हम उन्हें समानता के अधिकार से वंचित कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता ज़ाहिर की कि पीड़िता का नाम मीडिया में हर जगह छप चुका है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल का आचरण जांच के दायरे में था, तो उन्हें तुरंत दूसरे कॉलेज में कैसे नियुक्त कर दिया गया।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस पर भी सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैसे हज़ारों की भीड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में घुस गई।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एफआईआर देरी से दर्ज करने को लेकर भारत के राज्य पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अस्पताल प्रशासन क्या कर रहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है। इसका काम डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से रेप-मर्डर मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट देने और पश्चिम बंगाल सरकार से आरजी कर अस्पताल पर भीड़ के हमले की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है। इसकी तारीख 22 अगस्त 2024 रखी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और घटना स्थल को सुरक्षित रखने की अपेक्षा की गई थी। लेकिन ये समझ नहीं आ रहा कि राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सका।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आरजी कर अस्पताल पर हमला करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो।

इंटरनेशलन क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने शेख़ हसीना समेत नौ लोगों के खिलाफ जांच करने का फैसला लिया

बांग्लादेश में क्रांति को कुचलने के लिए भारत से कई योजनाएं बनाई जा रही हैं: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी

इंटरनेशलन क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने शेख़ हसीना समेत नौ लोगों के खिलाफ जांच करने का फैसला लिया

मंगलवार, 20 अगस्त 2024

बांग्लादेश के प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को शरण देने के लिए भारत की आलोचना की है।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव मिर्ज़ा फख़रुल आलमगीर ने कहा है कि शेख़ हसीना को शरण देकर भारत लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के वादे से पीछे हट गया है।

मिर्ज़ा फख़रुल आलमगीर ने कहा, ''बांग्लादेश में क्रांति को कुचलने के लिए भारत से कई योजनाएं बनाई जा रही हैं।"

मिर्ज़ा फख़रुल आलमगीर ने कहा कि देश में अवामी लीग ने तबाही मचाई उसे ठीक करने में थोड़ा वक़्त लगेगा। उनकी पार्टी इसके लिए अंतरिम सरकार को पर्याप्त समय देगी।

बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में छात्रों के आंदोलन और हिंसा के बीच 5 अगस्त 2024 को शेख़ हसीना अपने पद से इस्तीफा देकर भारत भाग गई थीं और तब से भारत में हैं।

इस बीच, इंटरनेशलन क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन से जुड़े मामलों में शेख़ हसीना समेत नौ लोगों के खिलाफ जांच करने का फैसला लिया है।

सभी पर हत्या, नरसंहार और यातना के आरोप लगाए गए हैं। आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान एक छात्र के पिता ने बुधवार, 14 अगस्त 2024 को यह याचिका लगाई थी।

अंतरिम सरकार के कानून, न्याय और संसदीय मामलों के सलाहकार प्रोफेसर आसिफ नज़रूल ने बुधवार, 14 अगस्त 2024 को कहा कि अभियुक्तों के ख़िलाफ़ इंटरनेशलन क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में मुक़दमा शुरू किया जाएगा।

यूक्रेनी हमलों के बीच रूस के एक और इलाके में इमरजेंसी घोषित

यूक्रेनी हमलों के बीच रूस के एक और इलाके में इमरजेंसी घोषित

बुधवार, 14 अगस्त 2024

रूस के बेलोगोरोद के गवर्नर ने इस इलाक़े में आपातकाल लगाने की घोषणा की है। बीते 10 दिनों के अंदर बेलगोरोद इमरजेंसी लगाने वाला रूस का दूसरा क्षेत्र है।

छह अगस्त 2024 को यूक्रेन ने रूस के इलाक़ों पर अचानक हमले तेज़ कर दिए थे और उसने दावा किया है कि वह रूस की सीमा में कुर्स्क इलाक़े के 1000 वर्ग किलोमीटर अंदर घुस चुका है।

यूक्रेन की कार्रवाई जारी रहने के मद्देनज़र बेलगोरोद के गवर्नर ने इमरजेंसी का ऐलान किया है।

इस बीच यूक्रेन की वायुसेना ने कहा है कि उसने रात भर में रूस की ओर से दागे गए 23 में से 17 ड्रोन मार गिराए हैं। यूक्रेन ने कहा है कि रूसी सेना ने दो गाइडेड मिसाइलें भी छोड़ी थीं।

यूक्रेन की वायुसेना के अनुसार, ये ड्रोन कीएव, ख़ारकिएव, चरकैसी, म्योक्लेव, सुमी, ज़पॉरज़िया, ज़ाइतोमिर इलाके में गिराए गए हैं।

इन ड्रोन्स से कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं लेकिन इससे अधिक नुक़सान की कोई जानकारी नहीं है।

बेलगोरोद के गवर्नर ने कहा है कि यूक्रेन की ओर से रोज़ाना हो रही बमबारी के कारण घर बर्बाद हो रहे हैं और आम लोगों की जान जा रही है।

यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के 74 कस्बों और गांवों पर कब्ज़ा कर लिया है।

ज़ेलेंस्की का दावा- रूस के कुर्स्क में यूक्रेनी सेना कई दिशाओं से आगे बढ़ रही है

बुधवार, 14 अगस्त 2024

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि उनके देश की सेना रूस के कुर्स्क क्षेत्र में कई दिशाओं से आगे बढ़ रही है।

ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट में लिखा है, ''कुर्स्क में हमारी सेना कई दिशाओं से एक से दो किलोमीटर तक आगे घुस गई है।''

हालांकि बीबीसी स्वतंत्र तौर पर इसकी पुष्टि नहीं कर पाया है। अभी ये पता नहीं चल पाया है कि यूक्रेनी सेना ने रूसी क्षेत्र की कितनी ज़मीन पर क़ब्ज़ा किया है।

एक्स पर जे़लेंस्की की ओर से शेयर की गई तस्वीर में वो यूक्रेन के शीर्ष कमांडर अलेक्जेंडर सिरस्की से बात करते हुए दिख रहे हैं।

इस वीडियो में अलेक्जेंडर सिरस्की बता रहे हैं कि यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क पर हमले के दौरान 100 रूसी सैनिकों को गिरफ़्तार कर लिया है। इससे हमारे लोगों की वापसी की रफ्तार तेज़ हो जाएगी।

दो दिन पहले रूस ने माना था कि यूक्रेन की सेना उसके कुर्स्क प्रांत में घुस आई है। रूस के कई रिहायशी इलाकों पर यूक्रेन की सेना का नियंत्रण हो गया है।

रूस के कुर्स्क पर यूक्रेनी हमले के बाद भारतीय दूतावास ने एडवाइज़री जारी की

बुधवार, 14 अगस्त 2024

रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी हमले के बाद रूस में भारतीय दूतावास ने ब्रेंस्क, बेलगोरोद और कुर्स्क में रहने वाले भारतीयों को सतर्कता बरतने और अस्थायी तौर पर वहां से बाहर चले जाने को कहा है।

भारतीय दूतावास ने कहा है कि किसी भी भारतीय की मदद के लिए वो पूरी तरह तैयार है। इसके लिए उसने एक ई-मेल एड्रेस - edu1.moscow@mea.gov.in जारी किया है। इसके अलावा एक हेल्पलाइन टेलीफोन नंबर +7 9652773414 भी जारी किया गया है।

दो दिन पहले रूस ने माना था कि यूक्रेन की सेना उसके कुर्स्क प्रांत में घुस आई है। रूस के कई रिहायशी इलाकों पर यूक्रेन की सेना का नियंत्रण हो गया है।

इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि उनके देश की सेना रूस के कुर्स्क क्षेत्र में कई दिशाओं से आगे बढ़ रही है।

ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट में लिखा है, "कुर्स्क में हमारी सेना कई दिशाओं से एक से दो किलोमीटर तक आगे घुस गई है।''

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन

बुधवार, 14 अगस्त 2024

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन दिया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में भारत की अर्थव्यवस्था की तरक्की का खासतौर पर ज़िक्र किया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है।''

"जो लोग अभी भी ग़रीबी से पीड़ित हैं, उनकी सहायता करने के साथ-साथ उन्हें ग़रीबी से बाहर निकालने के लिए भी सभी प्रयास किए जा रहे हैं।  उदाहरण के लिए, कोविड-19 के शुरुआती चरण में आरंभ की गई पीएम ग़रीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन दिया जा रहा है।''

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "ये हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है।''

कलकत्ता हाई कोर्ट ने महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंपी

कलकत्ता हाई कोर्ट ने महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंपी

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के रेप और हत्या मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने घटना की जांच कर रही पुलिस को बुधवार, 14 अगस्त 2024 की सुबह दस बजे तक सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को आदेश दिए हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्यमय भट्टाचार्य ने ये फैसला सुनाया।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले में याचिका दायर की थी।

वकील बिकास रंजन भट्टाचार्य और कौस्तुभ बागची इस मामले की पैरवी कर रहे थे।

शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही एक महिला डॉक्टर की सेमिनार हॉल में लाश मिली थी। डॉक्टर खाना खाने के बाद सेमिनार हॉल में ही सो गई थीं।

पुलिस के मुताबिक़, बलात्कार और हत्या की ये घटना रात तीन से सुबह छह बजे के बीच हुई है।

माधबी पुरी बुच की सफाई पर हिंडनबर्ग ने क्या कहा?

माधबी पुरी बुच की सफाई पर हिंडनबर्ग ने क्या कहा?

सोमवार, 12 अगस्त 2024

हिंडनबर्ग ने बाज़ार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर रविवार, 11 अगस्त 2024 की रात एक बार फिर सवाल उठाए हैं।

हिंडनबर्ग ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर दस्तावेज़ों के साथ एक पोस्ट करते हुए कुछ दावे भी किए।

हिंडनबर्ग ने माधबी पुरी बुच के बयान वाले एएनआई के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, "हमारी रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की प्रतिक्रिया में कई ज़रूरी बातें स्वीकार की गई हैं। और कई नए महत्वपूर्ण सवाल भी खडे़ हुए हैं।''

हिंडनबर्ग ने कहा कि माधबी पुरी बुच के जवाब से पुष्टि होती है कि उनका बरमूडा/मॉरीशस के फ़ंड में निवेश था। जिसका पैसा विनोद अदानी ने इस्तेमाल किया। उन्होंने (माधबी पुरी बुच) पुष्टि की है कि ये फ़ंड उनके पति के बचपन के दोस्त चलाते थे, जो तब अदानी के डायरेक्टर थे।

हिंडनबर्ग ने माधबी पुरी बुच की प्रतिक्रिया पर और क्या कहा?

- अदानी से संबंधित निवेश फ़ंड की जांच की ज़िम्मेदारी सेबी को दी गई थी। इसमें माधबी पुरी बुच के व्यक्तिगत निवेश वाले फ़ंड शामिल थे।

- माधबी पुरी बुच के बयान में ये भी दावा किया गया है कि वो दोनों कंसल्टिंग कंपनियों से 2017 में सेबी में नियुक्त होते ही हट गईं। लेकिन 31 मार्च, 2024 की शेयर होल्डिंग बताती है कि अगोरा एडवाइजरी (इंडिया) में माधबी पुरी बुच की 99 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है, न कि उनके पति की। वो अब भी एक्टिव हैं और कंपनी में कमाई कर रही हैं।
    
- सिंगापुर के रिकॉर्ड्स के अनुसार, मार्च 2016, 2022 के वक्त तक माधबी पुरी बुच की अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर में 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी। मतलब सेबी में पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए। माधबी पुरी बुच ने सेबी का चेयरपर्सन बनने के दो हफ्ते बाद अपने शेयर पति के नाम ट्रांसफर कर दिए।
    
- अगोरा एडवाइजरी ने वित्त वर्ष (2022, 2023 और 2024) में 2.3 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। जबकि माधबी पुरी बुच इस दौरान सेबी की चेयरपर्सन भी हैं।

माधबी पुरी बुच ने सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए अपने पर्सनल ई-मेल आईडी से पति के नाम का इस्तेमाल कर बिजनेस किया।

व्हिसलब्लोअर दस्तावेज़ों के अनुसार, 2017 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधबी पुरी बुच की नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले माधबी पुरी बुच ने ये सुनिश्चित किया कि अदानी से जुड़े अकाउंट "केवल उनके पति धवल बुच के नाम पर पंजीकृत हों।''

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी और सेबी ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी और सेबी ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी ने तीन बड़े सवाल उठाये

रविवार, 11 अगस्त 2024

हिंडनबर्ग और सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच मामले पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है।

राहुल गांधी ने 2 मिनट 19 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया और कहा कि हाल के वक्त में अधिक से अधिक लोग भारतीय शेयर मार्केट में अपनी कमाई लगा रहे हैं, और विपक्ष के नेता के तौर पर मेरी ये ज़िम्मेदारी है कि मैं उनके इसमें निवेश करने के जोखिम के बारे में बताऊं।

राहुल गांधी ने कहा, "ऐसा इसलिए क्योंकि स्टॉक मार्केट का नियमन करने वाली भारत की संस्था सेबी पर आरोप लग रहे हैं।''

राहुल गांधी ने कहा, "लाखों लोगों की जमापूंजी ख़तरे में है इसलिए इस मामले की जांच की जानी चाहिए।''

राहुल गांधी के मुताबिक़, "इससे तीन बड़े सवाल उठते हैं। पहला ये कि आरोप लगने के बाद भी माधबी पुरी ने इस्तीफ़ा क्यों नहीं दिया।''

"दूसरा, ईश्वर न करे अग़र बाज़ार में कुछ गड़बड़ हुई और निवेशकों को अपना पैसा खोना पड़े तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा, सेबी चीफ़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर अदानी।''

"तीसरा, ये मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में है, अब गंभीर आरोप लगने के बाद क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले में भी स्वत: संज्ञान लेगी।''

राहुल गांधी ने कहा, "अब ये साफ़ हो रहा है कि पीएम मोदी इस पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने को लेकर क्यों डर रहे हैं।"

सेबी ने हिंडनबर्ग और अदानी पर क्या कहा?

रविवार, 11 अगस्त 2024

सेबी ने 10 अगस्त, 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है।

सेबी ने कहा है कि निवेशकों को शांति बनाए रखनी चाहिए और ऐसी रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देने से पहले उस जानकारी का सही से आकलन कर लेना चाहिए।

सेबी के मुताबिक़, ''निवेशकों को पता होना चाहिए कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर शामिल है, जिसमें कहा गया है कि कंपनी जिन बॉन्ड्स की चर्चा कर रही है, उनमें शॉर्ट पोज़िशन रख सकती है।''

सेबी ने कहा है कि अदानी समूह के मामले में सेबी ने 24 में से 23 जांचों को पूरा कर लिया है और आखिरी जांच भी लगभग पूरी होने वाली है।

सेबी के अनुसार उसने अदानी समूह को 100 से ज़्यादा समन्स, लगभग 1,100 पत्र और ईमेल जारी किए हैं। इसके अलावा सेबी ने घरेलू और विदेशी नियामकों से 300 से ज़्यादा बार बातचीत की है। साथ ही सेबी ने 12,000 पन्नों के दस्तावेज़ों की समीक्षा भी की है।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर अदानी समूह, पवन खेड़ा, माधबी पुरी और सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर अदानी समूह, पवन खेड़ा, माधबी पुरी और सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर अदानी समूह ने क्या कहा?

रविवार, 11 अगस्त 2024

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर वित्तीय अनिमयितता के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की कारोबारी गतिविधियों पर सवाल उठाए गए हैं।

हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट पर अदानी समूह ने बयान जारी किया है।

अदानी समूह ने बयान में कहा है कि हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए ताजा आरोप में दुर्भावना और शरारत पूर्ण तरीके से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का चयन किया गया है। ताकि निजी लाभ के लिए पहले से तय निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। यह तथ्यों और कानूनों का पूरी तरह उल्लंघन है।

बयान में कहा गया है, ''हम अदानी समूह पर लगाए गए आरापों को पूर्ण रूप से खारिज करते हैं। यह आरोप उन बेबुनियाद दावों की री-साइकलिंग है जिनकी पूरी तरह से जांच की जा चुकी है। इन आरोपों को जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पहले ही खारिज़ किया जा चुका है।''

हिंडनबर्ग की ताज़ा रिपोर्ट: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मामले की पूरी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति की मांग की

रविवार, 11 अगस्त 2024

हिंडनबर्ग की ताज़ा रिपोर्ट के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मामले की की पूरी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति की मांग की है।

शनिवार, 10 अगस्त 2024 की देर शाम हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच और उनके पति पर आरोप लगाए थे जिसके बाद पवन खेड़ा ने कहा कि 'दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया'।

पवन खेड़ा ने कहा, "हिंडनबर्ग ने ही एक और रिपोर्ट निकाली जिसमें सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के सारे कारनामे सबके सामने आ गए। ऑफ़शोर कंपनी में उनकी इनवेस्टमेंट सबके सामने आ गई।''

पवन खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा, "ये वो कंपनी है जिसमें गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी का निवेश भी है। तो जब सब कुछ सामने है तो सवाल उठता है कि जब माधबी पुरी बुच को सेबी का प्रमुख बनाया गया था तब भारत सरकार को ये जानकारी नहीं थी?''

इस पूरे मामले में सीधे भारत के प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए पवन खेड़ा ने कहा, "अगर सरकार को मामले की जानकारी नहीं थी तो यह बहुत बड़ी विफलता और भूल है। अगर जानकारी थी तो इस षडयंत्र का हिस्सा प्रधानमंत्री खुद हैं। तभी तो राहुल गांधी ने उस वक़्त जो कहा था चौकीदार... वो साबित हो गया।''

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस पूरे मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग की है।

हिंडनबर्ग के दावों पर माधबी पुरी और उनके पति ने क्या नया बयान दिया?

रविवार, 11 अगस्त 2024

अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की 'अदानी मनी साइफ़निंग घोटाले' में उपयोग किए गए ऑफ़शोर फ़ंड्स में हिस्सेदारी रही है।

हिंडनबर्ग के इस दावे पर सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक और बयान जारी किया है।

माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के बयान के मुताबिक़, ''हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जिस फंड का ज़िक्र किया गया है, उसमें निवेश 2015 में किया गया था, माधबी और धवल सिंगापुर में रह रहे थे। यह निवेश माधबी के सेबी का सदस्य बनने से दो साल पहले का है।''

बयान के मुताबिक़, ''इस फंड में निवेश करने का फै़सला इसलिए किया गया क्योंकि फंड के चीफ़ इनवेस्टमेंट ऑफ़िसर अनिल आहूजा, धवल के बचपन के दोस्त हैं और वे दोनों एक दूसरे को स्कूल और आईआईटी दिल्ली के समय से जानते हैं। जब आहूजा ने 2018 में उस फंड हाउस को छोड़ दिया तो हमने भी अपने निवेश को भुना लिया।''

बयान में बताया गया है कि आहूजा ने पुष्टि की थी कि किसी भी समय फंड हाउस ने किसी भी अदानी समूह की कंपनी के किसी भी बॉन्ड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया था।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को हटाने की मांग की

रविवार, 11 अगस्त 2024

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को हटाने की मांग की है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने हिंडनबर्ग की ताज़ा रिपोर्ट और सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों के पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है।

सोशल मीडिया एक्स पर किए एक पोस्ट के ज़रिए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "सेबी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ हितों के टकराव का मामला दूसरी बार उठा है। वैश्विक निवेशकों के बीच भारत की छवि बचाने के लिए उनकी जगह किसी ईमानदार व्यक्ति को लाया जाना चाहिए।''

"मेरी एक जनहित याचिका सोमवार, 12 अगस्त 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की प्रथम पीठ में सूचीबद्ध है। मैंने पहले ही हितों के टकराव को लेकर हलफ़नामा दायर कर दिया है।''

अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति की 'अदानी मनी साइफ़निंग घोटाले' में उपयोग किए गए ऑफ़शोर फ़ंड्स में हिस्सेदारी रही है।