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डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ ने एमपॉक्स की कोविड से तुलना पर क्या कहा?

डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ ने एमपॉक्स की कोविड से तुलना पर क्या कहा?

मंगलवार, 20 अगस्त 2024

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइेजशन (डब्ल्यूएचओ) के एक प्रमुख विशेषज्ञ ने कहा है कि एमपॉक्स 'नया कोविड' नहीं है क्योंकि इसे नियंत्रित करने के तरीके के बारे में पता है।

डब्ल्यूएचओ के यूरोप डायरेक्टर डॉक्टर हेन्स क्लुगे ने पत्रकारों से कहा कि एमपॉक्स वायरस के नए वैरिएंट को लेकर चिंताएं हैं और इस बारे में ग्लोबल अलर्ट जारी कर दिया गया है। लेकिन मिलजुल कर एमपॉक्स को नियंत्रित किया जा सकता है।

डॉक्टर हेन्स क्लुगे ने कहा कि सबसे जरूरी चीज तो ये है कि इसके टीके सबसे जरूरतमंद इलाकों तक पहुंचे ताकि घबराहट और उपेक्षा के एक और चक्र को तोड़ा जा सके।

पिछले सप्ताह स्वीडन में मंकीपॉक्स का न्यू वैरिएंट क्लैड आईबी मिला था। इसे अफ्रीका में इसके बढ़ते प्रकोप से जोड़ कर देखा जा रहा है।

मध्य और पूर्वी अफ़्रीका में संक्रामक मंकी पॉक्स (एमपॉक्स) के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एडोनम गेब्रीयेसुस ने कहा था, "एमपॉक्स के एक नए वैरिएंट का उभरना और इसका तेज़ी से फैलना काफी चिंताजनक है।''

इससे पहले अफ़्रीका सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था।

अफ़्रीका सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा था कि मंकी पॉक्स पिछली बार से ज़्यादा चिंताजनक है। ऐसा इसलिए क्योंकि नया वैरिएंट ज़्यादा घातक है।

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भारत के सुप्रीम कोर्ट का बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त रुख़, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

भारत के सुप्रीम कोर्ट का बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त रुख़, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सोमवार, 2 सितम्बर 2024

भारत के कई राज्यों में अभियुक्तों की संपत्ति के ख़िलाफ़ कथित तौर पर बुलडोज़र एक्शन की कार्रवाई करने के मामले को लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 2 सितम्बर 2024 को सख़्त टिप्पणी किया।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की पीठ ने कहा कि किसी का घर सिर्फ़ इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वह अभियुक्त है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट दिशानिर्देश तय करेगा जिसके आधार पर ही जब भी तोड़फोड़ की कार्रवाई की ज़रूरत होगी तो उसी आधार पर वो की जाएगी।

जस्टिस बीआर गवई ने भारत के राज्य उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, "किसी का घर केवल इसी आधार पर कैसे ढहाया जा सकता है कि वो किसी मामले में अभियुक्त है?"

इसके आगे जस्टिस गवई ने कहा, "कोई व्यक्ति दोषी भी है तो बिना क़ानून की निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।''

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी भी इमारत को ढहाने की कार्रवाई इसलिए नहीं की गई है कि वो शख़्स किसी अपराध में अभियुक्त था।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 'हमने एफिडेविट के माध्यम से दिखाया है कि नोटिस काफ़ी पहले ही भेजा गया था।'

तुषार मेहता ने विस्तार से बताते हुए कहा कि ढहाने की प्रक्रिया एक स्वतंत्र मामला है जिसका किसी भी अपराध से कोई संबंध नहीं है।

वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे और सीयू सिंह ने इसके जवाब में कहा कि घर इस कारण ध्वस्त किए गए क्योंकि वो किसी मामले के अभियुक्त हैं।

बेंच ने इसी दौरान मौखिक तौर पर कहा कि किसी भी इमारत को ढहाने के लिए क़ानून मौजूद हैं, लेकिन इसका ‘अधिक बार उल्लंघन’ देखा गया है।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ये भी साफ़ कहा है कि, "हम पूरे देश के लिए दिशानिर्देश तय करेंगे, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि किसी भी अनाधिकृत निर्माण को संरक्षण देंगे।''

बेंच ने दोनों पक्षों से कहा है कि वो इस मामले में दिशानिर्देश तय करने के लिए सुझाव के साथ उसके पास आएं और इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर 2024 को तय की गई है।

सुप्रीम कोर्ट की सोमवार, 2 सितम्बर 2024 की कार्यवाही पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपना मत रखा है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर राहुल गांधी ने पोस्ट किया, ''भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण बुलडोज़र नीति पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। बुलडोज़र के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है।''

राहुल गांधी ने कहा कि 'त्वरित न्याय' की आड़ में 'भय का राज' स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोज़र के पहियों के नीचे अक्सर बहुजनों और गरीबों की ही घर-गृहस्थी आती है।

राहुल गांधी ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करेगा।

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है।

प्रशांत भूषण ने एक्स पर लिखा, "सुप्रीम कोर्ट की प्रशंसा की जानी चाहिए कि उसने क़ानून के शासन के लिए इस ख़तरे को आख़िरकार समझा है।  इंसाफ़ को ढहाने के लिए बुलडोज़र का इस्तेमाल किया जा रहा है।''

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट किया है।

अखिलेश यादव ने लिखा है- ‘अन्याय के बुलडोज़र’ से बड़ा होता है, ‘न्याय का तराज़ू’।

कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने भी इस मामले पर अपना बयान दिया है।

उदित राज ने कहा कि आरोपी हो या आरोप साबित हो जाए, जब बुलडोज़र की कार्रवाई चल गई तो फिर अदालत और संविधान की ज़रूरत क्या है।

उदित राज ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, ''ये बर्बर युग की याद दिलाता है कि देश में तानाशाही है और संविधान है ही नहीं। अदालत के द्वारा ये फ़ैसला लिया जाना चाहिए कि घर गिराया जाना चाहिए या नहीं, जेल जाना है या नहीं, फ़ाइन लगना है या नहीं।''

उदित राज ने कहा, "नेताओं या हुकूमत के कहने से अगर अधिकारी लोग ही फ़ैसला करने लगेंगे तो फिर संविधान, अदालत और क़ानून की किताब की क्या ज़रूरत है।"


पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बंदूकधारियों ने बस से उतार कर 23 यात्रियों को गोली मारी

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बंदूकधारियों ने बस से उतार कर 23 यात्रियों को गोली मारी

सोमवार, 26 अगस्त 2024

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बस से यात्रा कर रहे 23 लोगों की बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। ये सभी लोग पंजाब प्रांत से थे।

ये घटना बलूचिस्तान के मुसा खेल ज़िले में हुई है

बलूचिस्तान के मुसा खेल के असिस्टेंट कमिश्नर नजीब ने घटना की पुष्टि की और बीबीसी उर्दू को बताया कि 'घटना ज़िले के रारा हाशिम इलाक़े में हुई है। गोलीबारी की घटना रविवार, 25 अगस्त 2024 की रात पुलिस के नियंत्रण वाले इलाके में हुई है।'

जानकारी के मुताबिक़, कुछ अज्ञात लोगों ने पंजाब और बलूचिस्तान के बीच चल रहे ट्रकों और बसों को रोका। इसके बाद यात्रियों को नीचे उतारा। उनके पहचान पत्र चेक किए और जो बलोच नहीं थे, उन पर गोलियां चला दीं।

आतंकवादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी ने हमलों की ज़िम्मेदारी ली है और कहा कि उसने विभिन्न क्षेत्रों से उन सड़कों को ब्लॉक कर दिया है, जहां से प्रांत में प्रवेश किया जा सकता है।

बलूचिस्तान के विभिन्न इलाकों में हाईवे पर हथियारबंद लोगों की मौजूदगी के कारण यातायात रोक दिया गया।

जिन यात्रियों को मारा गया है, वे पंजाब प्रांत से बलूचिस्तान आ रहे थे।

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, बंदूकधारियों ने कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया है। बीते 24 घंटे में बलूच लिबरेशन आर्मी ने कई सरकारी इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया है।

असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि गोलीबारी की घटना में पांच लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है।

इससे पहले शनिवार, 24 अगस्त 2024 और रविवार, 25 अगस्त 2024 की दरमियानी रात बलूचिस्तान के अलग-अलग इलाकों से बम धमाकों की खबरें आईं।

कलात शहर के पास हुए हमलों में वहां के असिस्टेंट कमिश्नर भी घायल हो गए, जबकि जिउनी में पुलिस स्टेशन के बाहर तीन वाहनों को आग लगा दी गई।

मस्तुंग जिले में भी अज्ञात हथियारबंद लोगों ने खाद कोचा इलाक़े में एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया।

ताज़ा घटना पर बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने घटना की निंदा की। मीर सरफराज बुगती ने इमरजेंसी बैठक भी बुलाई।

इसराइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: इसराइल पर हमले के बाद हिज़बुल्लाह के प्रमुख ने बयान जारी किया

इसराइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: इसराइल पर हमले के बाद हिज़बुल्लाह के प्रमुख ने बयान जारी किया

इसराइल के हमलों के बीच लेबनान के प्रधानमंत्री ने आपात बैठक बुलाई

रविवार, 25 अगस्त 2024

इसराइली हमलों के बीच लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने मंत्रियों के साथ आपात बैठक की है।

लेबनान की सरकारी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक देश के दक्षिणी भाग की स्थिति पर चर्चा करने के लिए लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मकाती ने मंत्रियों के साथ आपात बैठक की है।

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नजीब मकाती ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि वह बढ़ती स्थिति को रोकने के लिए लेबनान के मित्रों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

नजीब मकाती ने इस बात पर ज़ोर दिया कि लेबनान ग़ज़ा में युद्धविराम के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करता है।

इसराइल पर हिज़बुल्लाह के हमलों का हूती विद्रोहियों और हमास ने समर्थन किया

रविवार, 25 अगस्त 2024

इसराइल ने हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाकर लेबनान में हवाई हमले किए हैं।

वहीं हिज़बुल्लाह ने इसराइल पर 300 रॉकेट दागने का दावा किया।

हमास ने कहा है कि वह हिज़बुल्लाह की तरफ से इसराइल पर किए हमले का स्वागत करता है।

टेलीग्राम पर हमास की तरफ से जारी बयान में इसराइल के अंदर किए गए इस हमले की प्रशंसा की गई है। हमले को "प्रमुख प्रतिक्रिया" बताया गया है।

हमास ने कहा कि वरिष्ठ कमांडर फौद शुक्र के मारे जाने के बाद वह हिज़बुल्लाह की इस मज़बूत कार्रवाई की सराहना करता है।

हमास के बयान में कहा गया है कि फ़लस्तीन और लेबनान के लोगों के खिलाफ की गई आपराधिक कार्रवाई को बख्शा नहीं जाएगा।

इस बीच हिज़बुल्लाह की मीडिया की ओर से टेलीग्राम पर किए गए पोस्ट में हिज़बुल्लाह के दो लड़ाकों के मारे जाने की पुष्टि की गई है।

हूती विद्रोहियों ने हिज़बुल्लाह की कार्रवाई का किया समर्थन

रविवार, 25 अगस्त 2024

यमन के हूती विद्रोहियों ने हिज़बुल्लाह की तरफ से इसराइल पर की गई इस कार्रवाई को साहसिक बताया है।

ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने इसराइल की ओर से यमन के एक बंदरगाह पर किए हमले के जवाब में हमला शुरू करने की धमकी दी है।

इसराइल ने कहा है कि उसकी ओर से वो हमला हूती विद्रोहियों की तरफ से तेल अवीव में किए गए ड्रोन हमले के जवाब में किया गया था।

इसराइल की ओर से हिज़बुल्लाह पर किए गए हमले उसके सैन्य अभियान में ''कहानी का अंत नहीं'' हैं: बिन्यामिन नेतन्याहू

रविवार, 25 अगस्त 2024

इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने एक चेतावनी दी है। बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि रविवार, 25 अगस्त 2024 को इसराइल की ओर से हिज़बुल्लाह पर किए गए हमले उसके सैन्य अभियान में ''कहानी का अंत नहीं'' हैं।

कैबिनेट बैठक के दौरान बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि हम हिज़बुल्लाह पर अचानक हमले कर रहे हैं। यह इसराइल के उत्तर में स्थिति को बदलने और नागरिकों को सुरक्षित उनके घर वापस लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि इसराइली सेना ने नागरिकों और सैनिकों को निशाना बनाकर दागे गए रॉकेटों को तबाह कर दिया है।

बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि देश के मध्य भाग को निशाना बनाकर किए गए ड्रोन हमले को भी नाकाम कर दिया गया है।

इसराइल पर हमले के बाद हिज़बुल्लाह के प्रमुख ने बयान जारी किया

रविवार, 25 अगस्त 2024

इसराइल ने हिज़बुल्लाह के कई ठिकानों को निशाना बनाकर लेबनान में हवाई हमले किए हैं। वहीं हिज़बुल्लाह ने इसराइल पर 300 रॉकेट दागने का दावा किया।

हिज़बुल्लाह के प्रमुख शेख़ हसन नसरल्लाह ने कहा है कि समूह ने अपने कमांडर फौद शुक्र की हत्या का बदला लिया है, हालांकि इसका बदला लेने में उसे कई कारणों से देर हो गई।

हसन नसरल्लाह ने कहा, "हिज़बुल्लाह ने 110 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद इसराइली सेना के एक ठिकाने को निशाना बनाया। ये जगह तेल अवीव से डेढ़ किलोमीटर दूर है।''

हसन नसरल्लाह ने दावा किया कि सभी ड्रोन इसराइली हवाई क्षेत्र में घुसने में सफल रहे।

हसन नसरल्लाह ने कहा कि रविवार, 25 अगस्त 2024 के हमले में हिज़बुल्लाह ने सटीक मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन ज़रूरत पड़ने पर बाद में उन्हें तैनात कर सकता है।

हसन नसरल्लाह ने कहा, "हिज़बुल्लाह ने इसराइल के रिहायशी क्षेत्रों और उसके बुनियादी ढांचे को निशाना न बनाकर हत्या का बदला लेने का निर्णय लिया है।''

इसराइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: इसराइल और लेबनान के बीच बढ़े तनाव को लेकर अमेरिका ने क्या कहा?

इसराइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: इसराइल और लेबनान के बीच बढ़े तनाव को लेकर अमेरिका ने क्या कहा?

इसराइल और हिज़बुल्लाह संघर्ष: ताज़ा हमलों को लेकर अब तक इसराइल और हिज़बुल्लाह ने क्या कहा?

रविवार, 25 अगस्त 2024

हिज़बुल्लाह के वरिष्ठ सैन्य कमांडर फौद शुक्र के मारे जाने के बाद, लगभग एक महीने से लेबनान, इसराइल और पूरे क्षेत्र को हिज़बुल्लाह की जवाबी कार्रवाई का इंतज़ार था।

जुलाई 2024 के आख़िर में और अगस्त 2024 की शुरूआत में लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी इलाके़ दाहिया में स्थित एक रिहायशी इमारत पर इसराइल की ओर से किए गए हमले में फौद शुक्र की मौत हुई थी।

फौद शुक्र की मौत के बाद हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने जवाबी कार्रवाई का वादा किया था।

रविवार, 25 अगस्त 2024 को हिज़बुल्लाह ने कहा है कि उसने पहले चरण की जवाबी कार्रवाई में रॉकेट और ड्रोन से हमले किए हैं।  हिज़बुल्लाह ने अपने इस हमले को सफल बताया है।

वहीं इसराइल का कहना है कि उसने हिज़बुल्लाह की योजनाओं को विफल करते हुए, सुबह-सुबह उस पर हमला किया है।

इसराइली सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि हिज़बुल्लाह के कुछ निशाने मध्य इसराइल में थे। हालांकि ये टारगेट हिज़बुल्लाह के हमले से अछूते रहे हैं।

इसराइली सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर दिया बयान

इसराइली सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर कहा कि रविवार, 25 अगस्त 2024 को सवेरे उसने 100 लड़ाकू विमानों की मदद से उत्तर और केंद्रीय इसराइल पर हुए हमलों का मुक़ाबला किया। सेना ने कहा कि उसने हिज़बुल्लाह के 40 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया है।

रविवार, 25 अगस्त 2024 को हुए ताजा हमलों से हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच और अधिक तनाव बढ़ने की चिंता को बढ़ा दिया है।  अभी तक इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच की कार्रवाई सीमावर्ती इलाकों तक ही सीमित रही है।

रविवार, 25 अगस्त 2024 की सुबह इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के एक बार फिर कहा है कि देश के उत्तरी इलाके़ में विस्थापित किए गए लोगों को फिर से बसाने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं।

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, "जो भी हमें नुक़सान पहुंचाने की कोशिश करेगा, हम उसे नुक़सान पहुंचाएंगे।''

ये हमले तब हुए हैं जब ग़ज़ा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के समझौते के प्रयास जारी हैं। लड़ाई में वृद्धि के बावजूद ये उम्मीद की जा रही है कि वार्ता बाद में भी जारी रहेगी।

हिज़बुल्लाह समूह कौन हैं?

रविवार, 25 अगस्त 2024

हिज़बुल्लाह लेबनान में ईरान से समर्थन प्राप्त शिया इस्लामी राजनीतिक पार्टी और अर्द्धसैनिक संगठन है। वर्ष 1992 से इसकी अगुवाई हसन नसरल्लाह कर रहे हैं। इस नाम का मायने ही अल्लाह का दल है।

1980 के दशक की शुरुआत में लेबनान पर इसराइली कब्ज़ें के दौरान ईरान की वित्तीय और सैन्य सहायता से हिज़बुल्लाह का उदय हुआ।

हिज़बुल्लाह के नेता शेख़ हसन नसरल्लाह ने दावा किया है कि समूह के पास 100,000 लड़ाके हैं, हालांकि स्वतंत्र अनुमान के अनुसार लड़ाकों की संख्या 20,000 और 50,000 के बीच है।

दक्षिणी इसराइल पर हमास के हमले बाद से इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच क्रॉस बॉर्डर फायरिंग जारी है। हमास के हमले में 1200 लोगों की मौत हुई थी और 240 लोगों को बंधक बना लिया गया था।

इसके बाद से इसराइल ने ग़ज़ा पर हमला कर दिया था। हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इसराइल के हमले में अब तक लगभग 40 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

हिज़बुल्लाह पर वर्षों से इसराइली और अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए बमबारी और षड्यंत्र रचने का आरोप लगता रहा है। पश्चिमी देश, इसराइल, अरब खाड़ी देशों और अरब लीग हिज़बुल्लाह को 'आतंकवादी' संगठन मानते हैं।

इसराइल और लेबनान के बीच बढ़े तनाव को लेकर अमेरिका ने क्या कहा?

रविवार, 25 अगस्त 2024

इसराइल के हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हमला करने के बाद से उसका लेबनान के साथ तनाव बढ़ा हुआ है।

इसराइल ने हिज़बुल्लाह के कई ठिकानों को निशाना बनाकर लेबनान में हवाई हमले किए हैं। वहीं हिज़बुल्लाह ने इसराइल पर 300 रॉकेट दागने का दावा किया।

लेबनान और इसराइल के बीच चल रहे ताज़ा तनाव को लेकर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है।

व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अमेरिका के  राष्ट्रपति बाइडन इसराइल और लेबनान के बीच चल रहे घटनाक्रम पर नज़र बनाए हुए हैं।

वो शाम से ही राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के संपर्क में हैं।

राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी इसराइल में अपने समकक्षों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।

व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, ''हम इसराइल का उसकी रक्षा करने में लगातार समर्थन और क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए काम करते रहेंगे।''

इसराइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: हिज़बुल्लाह और इसराइल ने एक-दूसरे पर हमले किये

इसराइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: हिज़बुल्लाह और इसराइल ने एक-दूसरे पर हमले किये

इसराइल का लेबनान पर हमला, हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया

रविवार, 25 अगस्त 2024

इसराइली सेना ने कहा है कि उनके लड़ाकू विमान लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हमला कर रहे हैं।

इसराइल का कहना है कि हिज़बुल्लाह के मिसाइल और रॉकेट दागने की गतिविधियों का पता लगने के बाद यह क़दम उठाया गया है।

इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्स के प्रवक्ता डैनियल हगारी का कहना है कि 'हमने हिज़बुल्लाह के मिसाइलों और रॉकेटों के हमलों को दूर करने के लिए अपनी आत्मरक्षा में लेबनान पर हमला किया है।'

इसराइल ने यह भी कहा है कि लेबनान में हमला करने से पहले आम लोगों को तुरंत ही हिज़बुल्लाह के इलाक़ों को छोड़ने की चेतावनी दे दी गई थी।

लगभग तीन दिन पहले भी इसराइली सेना ने दक्षिणी लेबनान में हिज़बुल्लाह के 10 ठिकानों को निशाना बनाया था।

इसराइली लड़ाकू विमानों ने लेबनान के अंदर हथियार डिपो और मिलिट्री बिल्डिंग्स को निशाना बनाया था।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना था कि हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई थी वहीं 30 लोग घायल हुए हैं।

वहीं हिज़बुल्लाह ने इन हमलों के जवाब में गोलान हाइट्स के इलाके़ में 50 से भी ज़्यादा मिसाइलें दागी थीं।

हिज़बुल्लाह का कहना था कि उसने अपने मिलिट्री कमांडर फ़ौद शुक्र की हत्या का बदला लेने के लिए इसराइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था।

वहीं इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने अपने मंत्रिमंडल की एक आपात सुरक्षा बैठक बुलाई है।

इसराइल में 48 घंटे के लिए इमरजेंसी लगाई गई, पीएम नेतन्याहू ने आपात बैठक में क्या कहा?

रविवार, 25 अगस्त 2024

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने तेल अवीव में इमरजेंसी नेशनल सिक्योरिटी मीटिंग को संबोधित किया है।

अपने संबोधन में बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, ''हम अपने देश की रक्षा करने और निवासियों को सुरक्षित रूप से उनके घरों तक वापस लाने के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार हैं। जो कोई भी हमें चोट पहुंचाने की कोशिश करेगा, हम उसे चोट पहुंचाएंगे।''

नेतन्याहू ने यह भी कहा कि हमारी सेना ने इसराइल पर हमला करने के लिए हिज़बुल्लाह की तैयारी का पता लगाने के लिए दिन-रात काम किया है।

इसराइली प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सेना की तैयारी के चलते हम हिज़बुल्लाह के हज़ारों रॉकेटों को नष्ट करने में सफल हो पाए हैं।

हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हमले के मद्देनज़र इसराइल में एहतियातन 48 घंटे के लिए इमरजेंसी लगा दी गई है।

इसराइली हमले को लेकर लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय और सरकारी मीडिया ने क्या कहा?

रविवार, 25 अगस्त 2024

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसराइली हमले में अभी तक एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसके अलावा दो लोग घायल हुए हैं।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि लेबनान के दक्षिणी शहर ख़ियाम में एक कार पर हमले में एक व्यक्ति की जान गई है।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, "दक्षिणी लेबनान के शहरों पर रविवार, 25 अगस्त 2024 की सुबह हुए इसराइली हमले में दो लोग घायल हुए हैं। इनमें से एक व्यक्ति सीरिया का नागरिक है।''

वहीं लेबनान की सरकारी न्यूज़ एजेंसी (एनएनए) ने बताया है कि, इसराइली विमानों ने ऐन काना, कफ़र फ़िला, लौइज़ेह, बसालिया और कफ़र मेल्की के शहर के बाहरी इलाक़ों और चकिफ़ कैसल को निशाना बनाया है।

इसके अलावा इसराइल ने कथित तौर पर बीर कल्ब इलाक़े के साथ-साथ साजद, कफ़र फ़िला और सरबा के शहरों के बाहरी इलाकों को भी निशाना बनाया है।

वहीं इसराइल का कहना है कि लेबनान स्थित आतंकवादी समूह हिज़बुल्लाह उन पर बड़े स्तर पर हमले की तैयारी कर रहा था। इसे रोकने के लिए उसने आत्मरक्षा में हमला किया है।

हिज़बुल्लाह का कहना है कि उसने इसराइल के उत्तरी भाग में 11 सैन्य स्थलों को निशाना बनाकर 320 से अधिक रॉकेट दागे हैं।

इसराइली हमले में लेबनान में तीन लोगों की हुई मौत

रविवार, 25 अगस्त 2024

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के दक्षिणी इलाके में इसराइल की ओर से किए गए हमले में तीन लोगों की मौत हुई है।

इसराइल ने हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाकर लेबनान में हमले किए हैं।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि लेबनान के दक्षिणी शहर ख़ियाम में एक कार पर हमले में एक व्यक्ति की जान गई है।

एक अलग बयान में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि तिरि गांव में इसराइल की ओर से किए गए हमले में दो लोगों की मौत हुई है।

इसके बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी गई है।

इससे पहले हिज़बुल्लाह ने हमले में शिया अमल आंदोलन के एक सेनानी की मौत की पुष्टि की थी।

हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच इस समय तनाव बढ़ा हुआ है।

इसराइल ने हिज़बुल्लाह के कई ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए हैं।

वहीं हिज़बुल्लाह ने इसराइल पर तीन सौ रॉकेट दागने का दावा किया है।

विपक्ष के विरोध के बाद लेटरल एंट्री को मोदी सरकार ने यूपीएससी से रद्द करने का अनुरोध किया

विपक्ष के विरोध के बाद लेटरल एंट्री को मोदी सरकार ने यूपीएससी से रद्द करने का अनुरोध किया

मंगलवार, 20 अगस्त 2024

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्री ( डीओपीटी ) जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी अध्यक्ष को पत्र लिखा है।

इसमें लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।

पत्र में लिखा है कि पीएम का मानना है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के आदर्शों पर आधारित होनी चाहिए, खासकर आरक्षण के प्रावधानों को लेकर।

इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री का मानना है कि सरकारी नौकरी में आरक्षण हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है, जिसका उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना है।

यूपीएससी ने हाल में वरिष्ठ अफ़सरों के 45 पदों पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया था।

ये पद संयुक्त सचिव और उप सचिव स्तर के हैं। इस तरह की नियुक्तियों का विरोध करने वालों का कहना है कि इनमें आरक्षण का प्रावधान न होने से पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों का हक़ मारा जाएगा।

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है। उसने लेटरल एंट्री को रद्द करने के अनुरोध वाले इस पत्र पर प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस ने पोस्ट में लिखा, "संविधान की जीत हुई। मोदी सरकार लेटरल एंट्री में बिना आरक्षण के भर्ती की साज़िश कर रही थी, लेकिन अब इस फैसले को वापस लेना पड़ा है। एक बार फिर मोदी सरकार को संविधान के आगे झुकना पड़ा है।''

पोस्ट में आगे लिखा है, "आरक्षण विरोधी इस फैसले का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और INDIA गठबंधन ने खुलकर विरोध किया। इसकी वजह से मोदी सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा है। ये बाबा साहेब के संविधान की जीत है। ये हर दलित, शोषित और पिछड़ों की जीत है।''

कोलकाता रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

कोलकाता रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

मंगलवार, 20 अगस्त 2024

भारत में कोलकाता रेप-मर्डर मामले में मंगलवार, 20 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है।

ये सुनवाई भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने की।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "ऐसा लगता है कि अपराध का पता शुरुआती घंटों में ही चल गया था। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की।''

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अधिकतर युवा डॉक्टर 36 घंटे तक काम करते हैं।  हमें कामकाज़ के सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल विकसित करना चाहिए।''

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पाएंगी और कार्यस्थल पर सुरक्षित नहीं होंगी, तो ऐसा कर हम उन्हें समानता के अधिकार से वंचित कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता ज़ाहिर की कि पीड़िता का नाम मीडिया में हर जगह छप चुका है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल का आचरण जांच के दायरे में था, तो उन्हें तुरंत दूसरे कॉलेज में कैसे नियुक्त कर दिया गया।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस पर भी सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैसे हज़ारों की भीड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में घुस गई।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एफआईआर देरी से दर्ज करने को लेकर भारत के राज्य पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अस्पताल प्रशासन क्या कर रहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है। इसका काम डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से रेप-मर्डर मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट देने और पश्चिम बंगाल सरकार से आरजी कर अस्पताल पर भीड़ के हमले की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है। इसकी तारीख 22 अगस्त 2024 रखी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और घटना स्थल को सुरक्षित रखने की अपेक्षा की गई थी। लेकिन ये समझ नहीं आ रहा कि राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सका।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आरजी कर अस्पताल पर हमला करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो।