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इसराइल तेहरान के धैर्य की परीक्षा ले रहा है: विश्लेषण

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शुक्रवार, 4 अक्टूबर, 2024
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क्या हिज़्बुल्लाह अभी भी इसराइल से लड़ने में सक्षम है?

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शुक्रवार, 4 अक्टूबर, 2024
हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्...

अमेरिका इसराइल को कितनी दूर तक जाने देगा?

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गुरुवार, 3 अक्टूबर, 2024 | द टेक
मध्य पूर्व में हिंसा बढ़ने के साथ ब...

हिजबुल्लाह ने दक्षिणी लेबनान में इसराइली सेना का विरोध करने का दावा किया, जिससे जमीनी अभियान की प्रगति में बाधा उत्पन्न हुई

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गौतम गंभीर टीम इंडिया के अगले हेड कोच होंगे

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मंगलवार, 9 जुलाई 2024

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'चंद्रशेखर के मृत्यु से एक राजनीतिक युग का अंत हुआ'

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सोमवार, 8 जुलाई 2024

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यूक्रेन पर रूसी हमले में 31 लोगों की मौत, बच्चों के अस्पताल पर भी हमला

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सोमवार, 8 जुलाई 2024

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डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ ने एमपॉक्स की कोविड से तुलना पर क्या कहा?

डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ ने एमपॉक्स की कोविड से तुलना पर क्या कहा?

मंगलवार, 20 अगस्त 2024

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइेजशन (डब्ल्यूएचओ) के एक प्रमुख विशेषज्ञ ने कहा है कि एमपॉक्स 'नया कोविड' नहीं है क्योंकि इसे नियंत्रित करने के तरीके के बारे में पता है।

डब्ल्यूएचओ के यूरोप डायरेक्टर डॉक्टर हेन्स क्लुगे ने पत्रकारों से कहा कि एमपॉक्स वायरस के नए वैरिएंट को लेकर चिंताएं हैं और इस बारे में ग्लोबल अलर्ट जारी कर दिया गया है। लेकिन मिलजुल कर एमपॉक्स को नियंत्रित किया जा सकता है।

डॉक्टर हेन्स क्लुगे ने कहा कि सबसे जरूरी चीज तो ये है कि इसके टीके सबसे जरूरतमंद इलाकों तक पहुंचे ताकि घबराहट और उपेक्षा के एक और चक्र को तोड़ा जा सके।

पिछले सप्ताह स्वीडन में मंकीपॉक्स का न्यू वैरिएंट क्लैड आईबी मिला था। इसे अफ्रीका में इसके बढ़ते प्रकोप से जोड़ कर देखा जा रहा है।

मध्य और पूर्वी अफ़्रीका में संक्रामक मंकी पॉक्स (एमपॉक्स) के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एडोनम गेब्रीयेसुस ने कहा था, "एमपॉक्स के एक नए वैरिएंट का उभरना और इसका तेज़ी से फैलना काफी चिंताजनक है।''

इससे पहले अफ़्रीका सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था।

अफ़्रीका सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा था कि मंकी पॉक्स पिछली बार से ज़्यादा चिंताजनक है। ऐसा इसलिए क्योंकि नया वैरिएंट ज़्यादा घातक है।

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Weekly News

क्या हसन नसरल्लाह की हत्या कोई बड़ा बदलाव है?

क्या हसन नसरल्लाह की हत्या कोई बड़ा बदलाव है?

शनिवार, 28 सितंबर, 2024 #हसननसरल्लाह #हिजबुल्लाह #इसराइल

उन्होंने तीन दशकों से ज़्यादा समय तक हिजबुल्लाह का नेतृत्व किया और इसे मध्य पूर्व में लंबे समय से चल रहे संघर्ष में एक सैन्य और राजनीतिक ताकत बनाया।

बेरूत के दक्षिणी उपनगर में एक बड़े इसराइली हवाई हमले में हसन नसरल्लाह की हत्या निश्चित रूप से चल रहे युद्ध में एक नया अध्याय खोलेगी।

इसराइल हाई अलर्ट पर है और कहता है कि वह उसकी मौत की घोषणा के बाद सभी विकल्पों के लिए तैयार है।

लेकिन क्या हिजबुल्लाह जवाब देगा - और अगर हाँ, तो कैसे?

और नवीनतम घटनाक्रम सशस्त्र समूह के भविष्य और क्षेत्र में इसकी भूमिका को कैसे आकार देगा?

प्रस्तुतकर्ता: हाशेम अहेलबरा

अतिथि:
निकोलस नोए, बेरूत स्थित मिडईस्टवायर डॉट कॉम के प्रधान संपादक।
स्टीफन ज़ुनेस, राजनीति के प्रोफेसर और सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय में मध्य पूर्वी अध्ययन के संस्थापक अध्यक्ष।
गिदोन लेवी, हारेत्ज़ समाचार पत्र के स्तंभकार और 'द पनिशमेंट ऑफ़ गाजा' पुस्तक के लेखक।


लेबनान के प्रधानमंत्री ने कहा, इसराइली हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद हम पर खतरा मंडरा रहा है

लेबनान के प्रधानमंत्री ने कहा, इसराइली हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद हम पर खतरा मंडरा रहा है

शनिवार, 28 सितंबर, 2024 #लेबनान #नजीबमिकाती #इसराइलहवाईहमला
लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने शनिवार, 28 सितंबर, 2024 को कहा कि उनका देश खतरे का सामना कर रहा है, क्योंकि पिछले दिन इसराइली हवाई हमले में लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी।

मिकाती न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से लौटने के बाद बुलाई गई एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक में बोल रहे थे। मिकाती ने अपने संबोधन में नसरल्लाह का जिक्र नहीं किया, लेकिन बाद में उनके कार्यालय ने नसरल्लाह के लिए तीन दिन का राष्ट्रीय शोक मनाने का निर्णय प्रकाशित किया।

रूस ने कहा, लगभग अपरिहार्य वृद्धि के लिए इसराइल पूरी तरह से जिम्मेदार है

रूस ने कहा, लगभग अपरिहार्य वृद्धि के लिए इसराइल पूरी तरह से जिम्मेदार है

शनिवार, 28 सितंबर, 2024 #रूस #विदेशमंत्रालय #नसरुल्लाह

रूस के विदेश मंत्रालय ने नसरल्लाह की हत्या का जिक्र करते हुए इसराइल द्वारा ''एक और राजनीतिक हत्या'' की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''यह जबरदस्त कार्रवाई लेबनान और पूरे मध्य पूर्व के लिए और भी अधिक नाटकीय परिणामों से भरी हुई है।'' ''इसराइली पक्ष इस खतरे को पहचानने में विफल नहीं हो सकता था, लेकिन उसने लेबनानी नागरिकों की हत्या करने का कदम उठाया, जो लगभग अनिवार्य रूप से हिंसा के एक नए विस्फोट को भड़काएगा। इस प्रकार, यह बाद की वृद्धि के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।'' मंत्रालय ने इसराइल से लेबनान में शत्रुता को तुरंत रोकने का आह्वान किया।

इस बीच, अल जज़ीरा के गेब्रियल एलिज़ोंडो नवीनतम अपडेट के लिए लाइव जुड़ते हैं।

हिजबुल्लाह ने नेता की हत्या की पुष्टि की

हिजबुल्लाह ने नेता की हत्या की पुष्टि की

शनिवार, 28 सितंबर, 2024 #इसराइलस्ट्राइक्स #लेबनानसंघर्ष #हिज़्बुल्लाह
लेबनान समूह ने एक बयान में इसराइली दावों की पुष्टि की है कि उसके नेता हसन नसरल्लाह की शुक्रवार, 27 सितंबर, 2024 को हत्या कर दी गई।

इसराइल ने शुक्रवार, 27 सितंबर, 2024 की शाम बेरूत पर एक बड़ा हमला किया, जिसमें उसने कहा कि नसरल्लाह की मौत हो गई।

अमेरिका में हेलेन तूफ़ान की वजह से कम से कम 43 की मौत हुई

अमेरिका में हेलेन तूफ़ान की वजह से कम से कम 43 की मौत हुई

शनिवार, 28 सितम्बर 2024

दक्षिण-पूर्वी अमेरिका में हेलेन तूफ़ान की वजह से कम से कम 43 लोगों की मौत हुई है और लाखों लोग बिना बिजली को रहने को मजबूर हैं।

अधिकारियों ने बताया है कि बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को निकालने के लिए नावों, हेलीकॉप्टरों और बड़ी गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।  इनमें टेनेसी अस्पताल की छत पर फंसे तक़रीबन 50 कर्मचारियों और मरीज़ों को भी निकालने का काम जारी है।

गुरुवार, 26 सितम्बर 2024 की रात समुद्र तट से टकराने के बाद ये फ़्लोरिडा के तट पर आया अब तक सबसे ताक़तवर तूफ़ान है जो उत्तर में जॉर्जिया और कैरोलाइना की ओर बढ़ गया है।

इंश्योरर्स और वित्तीय संस्थानों का कहना है कि तूफ़ान की वजह से अरबों डॉलर का नुक़सान हुआ है।

मलेशिया के कई शेल्टर होम में यौन शोषण का आरोप, पुलिस ने 402 नाबालिगों को रेस्क्यू किया

मलेशिया के कई शेल्टर होम में यौन शोषण का आरोप, पुलिस ने 402 नाबालिगों को रेस्क्यू किया

गुरुवार, 12 सितम्बर 2024

मलेशिया में पुलिस ने बुधवार, 11 सितम्बर 2024 को 402 नाबालिगों को शेल्टर होम्स से रेस्क्यू किया है।

आरोप है कि इन शेल्टर होम्स में नाबालिग बच्चों और किशोरों का यौन शोषण हुआ है। पीड़ितों की उम्र एक से 17 साल के बीच है।

पुलिस ने सेलंगोर और नेगेरी सेम्बिलन राज्य के ऐसे 20 वेलफेयर होम्स में छापे मारे।

इस मामले में 171 संदिग्धों को गिरफ़्तार कर लिया गया है जिसमें धार्मिक गुरु और केयरटेकर शामिल हैं।

पत्रकारों से बातचीत में पुलिस इंस्पेक्टर जनरल रज़ारुद्दीन हुस्सैन ने बताया कि आरोप है कि पीड़ितों को अलग-अलग ढंग से प्रताड़ित किया गया है।

उनका यौन शोषण हुआ है। कथित तौर पर इन शेल्टर होम्स के तार एक इस्लामिक संस्था से जुड़े हैं।

अभी के लिए पीड़ितों को कुआलालंपुर के पुलिस सेंटर में रखा जाएगा और उनका हेल्थ चेकअप होगा।

भारत के सुप्रीम कोर्ट का बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त रुख़, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

भारत के सुप्रीम कोर्ट का बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त रुख़, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सोमवार, 2 सितम्बर 2024

भारत के कई राज्यों में अभियुक्तों की संपत्ति के ख़िलाफ़ कथित तौर पर बुलडोज़र एक्शन की कार्रवाई करने के मामले को लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 2 सितम्बर 2024 को सख़्त टिप्पणी किया।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की पीठ ने कहा कि किसी का घर सिर्फ़ इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वह अभियुक्त है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट दिशानिर्देश तय करेगा जिसके आधार पर ही जब भी तोड़फोड़ की कार्रवाई की ज़रूरत होगी तो उसी आधार पर वो की जाएगी।

जस्टिस बीआर गवई ने भारत के राज्य उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, "किसी का घर केवल इसी आधार पर कैसे ढहाया जा सकता है कि वो किसी मामले में अभियुक्त है?"

इसके आगे जस्टिस गवई ने कहा, "कोई व्यक्ति दोषी भी है तो बिना क़ानून की निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।''

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी भी इमारत को ढहाने की कार्रवाई इसलिए नहीं की गई है कि वो शख़्स किसी अपराध में अभियुक्त था।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 'हमने एफिडेविट के माध्यम से दिखाया है कि नोटिस काफ़ी पहले ही भेजा गया था।'

तुषार मेहता ने विस्तार से बताते हुए कहा कि ढहाने की प्रक्रिया एक स्वतंत्र मामला है जिसका किसी भी अपराध से कोई संबंध नहीं है।

वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे और सीयू सिंह ने इसके जवाब में कहा कि घर इस कारण ध्वस्त किए गए क्योंकि वो किसी मामले के अभियुक्त हैं।

बेंच ने इसी दौरान मौखिक तौर पर कहा कि किसी भी इमारत को ढहाने के लिए क़ानून मौजूद हैं, लेकिन इसका ‘अधिक बार उल्लंघन’ देखा गया है।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ये भी साफ़ कहा है कि, "हम पूरे देश के लिए दिशानिर्देश तय करेंगे, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि किसी भी अनाधिकृत निर्माण को संरक्षण देंगे।''

बेंच ने दोनों पक्षों से कहा है कि वो इस मामले में दिशानिर्देश तय करने के लिए सुझाव के साथ उसके पास आएं और इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर 2024 को तय की गई है।

सुप्रीम कोर्ट की सोमवार, 2 सितम्बर 2024 की कार्यवाही पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपना मत रखा है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर राहुल गांधी ने पोस्ट किया, ''भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण बुलडोज़र नीति पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। बुलडोज़र के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है।''

राहुल गांधी ने कहा कि 'त्वरित न्याय' की आड़ में 'भय का राज' स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोज़र के पहियों के नीचे अक्सर बहुजनों और गरीबों की ही घर-गृहस्थी आती है।

राहुल गांधी ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करेगा।

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है।

प्रशांत भूषण ने एक्स पर लिखा, "सुप्रीम कोर्ट की प्रशंसा की जानी चाहिए कि उसने क़ानून के शासन के लिए इस ख़तरे को आख़िरकार समझा है।  इंसाफ़ को ढहाने के लिए बुलडोज़र का इस्तेमाल किया जा रहा है।''

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट किया है।

अखिलेश यादव ने लिखा है- ‘अन्याय के बुलडोज़र’ से बड़ा होता है, ‘न्याय का तराज़ू’।

कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने भी इस मामले पर अपना बयान दिया है।

उदित राज ने कहा कि आरोपी हो या आरोप साबित हो जाए, जब बुलडोज़र की कार्रवाई चल गई तो फिर अदालत और संविधान की ज़रूरत क्या है।

उदित राज ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, ''ये बर्बर युग की याद दिलाता है कि देश में तानाशाही है और संविधान है ही नहीं। अदालत के द्वारा ये फ़ैसला लिया जाना चाहिए कि घर गिराया जाना चाहिए या नहीं, जेल जाना है या नहीं, फ़ाइन लगना है या नहीं।''

उदित राज ने कहा, "नेताओं या हुकूमत के कहने से अगर अधिकारी लोग ही फ़ैसला करने लगेंगे तो फिर संविधान, अदालत और क़ानून की किताब की क्या ज़रूरत है।"