मनोरंजन

साहित्य का 2023 का नोबेल पुरस्कार नार्वे के लेखक यून फ़ोसा को मिला

साल 2023 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार नार्वे के लेखक यून फ़ोसा को मिला है।

नोबेल पुरस्कार देने वाली स्वीडिश एकेडमी ने कहा है कि यून फ़ोसा के इनोवेटिव (प्रयोगात्मक) नाटक और गद्य में उन लोगों की आवाज़ मुखर होती है जो अपनी बात नहीं कह सकते।

वर्ष 1959 में जन्में यून फ़ोसा ने अब तक 40 से अधिक नाटक, कई उपन्यास, निबंध, बच्चों की किताबें लिखी हैं। इनके अलावा उन्होंने अनुवाद के क्षेत्र में भी योगदान दिया है।

आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिला

आशा पारेख को उनके 80 वें जन्म दिन से ठीक पहले दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलना उनके लिए एक खूबसूरत सौगात है। उनका 2 अक्टूबर को 80वां जन्म दिन है। जबकि इस बार का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह 30 सितंबर 2022 को होना निश्चित हुआ है।

हिन्दी सिनेमा की दिलकश और बेहद सफल अभिनेत्री आशा पारेख ने अपने फ़िल्म करियर में एक से एक यादगार फ़िल्म की है। जब प्यार किसी से होता है, तीसरी मंज़िल, लव इन टोक्यो, दो बदन, उपकार, कन्यादान, आन मिलो सजना, कटी पतंग, समाधि और मैं तुलसी तेरे आँगन की।

इधर आशा पारेख को सन 2020 के लिए भारतीय सिनेमा का यह शिखर पुरस्कार मिलना और भी बड़ी बात है, क्योंकि भारत सरकार ने 37 साल बाद किसी फ़िल्म अभिनेत्री को फाल्के सम्मान दिया है। पिछली बार वर्ष 1983 के लिए अभिनेत्री दुर्गा खोटे को यह सम्मान मिला था, अन्यथा फाल्के पुरस्कार पर अधिकतर पुरुषों का वर्चस्व रहा है।

जबकि फाल्के पुरस्कार की शुरुआत सन 1969 में अभिनेत्री देविका रानी के साथ हुई थी, जब 1970 में 17 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में देविका को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, लेकिन बाद में पुरुष ही इस पुरस्कार को ज्यादा पाते रहे।

सोशल मीडिया, ओटीटी, डिजिटल प्लेटफॉर्म के नियमन के लिए क़ानून बनेगा

भारत में केंद्र की मोदी सरकार अगले तीन महीने में सोशल मीडिया और डिजीटल कंटेन्ट को नियमित करने के लिए एक नया क़ानून लाएगी। भारत के क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और भारत के संचार मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की।

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''सोशल मीडिया भारत में बिजनस कर रहे हैं, उन्होंने अच्छा बिज़नस किया है और भारतीय लोगों को मज़बूत किया है।  लेकिन इसके साथ ही पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया के गैर-ज़िम्मेदाराना इस्तेमाल की शिकायतें आ रही हैं।''

मोदी सरकार के मुताबिक़ पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर हिंसा को बढ़ावा देने, अश्लील सामग्री शेयर करने, दूसरे देश के पोस्ट का इस्तेमाल करने जैसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिससे निपटने के लिए सरकार नई गाइडलाइंस लेकर आई है और तीन महीने में इसे लेकर एक क़ानून बनाया जाएगा।

गाइडलाइंस क्या हैं?

गाइडलाइंस के बारे में बताते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''सोशल मीडिया को 2 श्रेणियों में बांटा गया है, एक इंटरमीडयरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी। हम जल्दी इसके लिए यूज़र संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे।''

''यूज़र्स की गरिमा को लेकर अगर कोई शिकायत की जाती है, ख़ासकर महिलाओं की गरिमा को लेकर तो शिकायत करने के 24 घंटे के अंदर उस कंटेन्ट को हटाना होगा।''

उन्होंने कहा कि सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया के क़ानून को तीन महीने में लागू किया जाएगा।

इसके अलावा सोशल मीडिया कंपनियों को एक शिकायत निवारण व्यवस्था बनानी होगी और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफ़िसर का नाम भी सार्वजनिक करना होगा। ये अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा।

उन्होंने कहा कि सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया को चीफ़ कंप्लाएंस ऑफिसर, नोडल कंटेन्ट पर्सन और एक रेज़ीडेट ग्रीवांस ऑफ़िसर नियुक्त करना होगा और ये सब भारत में ही होंगे। इसके अलावा शिकायतों के निपटारे से जुड़ी रिपोर्ट भी उन्हें हर महीने जारी करनी होगी।

अकाउंड वेरिफ़िकेशन होगा ज़रूरी

मोदी सरकार ने कहा, इसके अलावा ये सुनिश्चित करने के लिए कि सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट न बनाए जाए, कंपनियों से अपेक्षा होगी कि वो वेरिफिकेशन प्रक्रिया को अनिवार्य बनाएं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई पोस्ट किसने किया है, कोर्ट के आदेश या सरकार के पूछने पर ये जानकारी कंपनी को देनी होगी।

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''किसी कोर्ट या सरकार के पूछने पर उन्हें बताना पड़ेगा कि कोई पोस्ट किसने शुरू किया। अगर भारत के बाहर से हुआ तो भारत में किसने शुरू किया। यह भारत की संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ संबंध, बलात्कार आदि के संबंध में होना चाहिए।''

हालांकि सोशल मीडिया कंपनियां अक्सर ये दलील देती आई हैं कि इस तरह की जानकारियां देने के लिए उन्हें एंड टू एंड एन्क्रिपशन को तोड़ना पड़ेगा और यूज़र का डेटा सेव करना पड़ेगा जो उनकी निजता का हनन होगा। एंड टू एंड एन्क्रिपशन का मतलब है कि दो लोगों के बीच हो रही बातचीत को कोई तीसरा (कंपनी भी) सुन या पढ़ नहीं सकता।

ये जानकारियां कंपनी कैसे मुहैय्या करा सकती है, इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''हम एन्क्रिपशन तोड़ने के लिए नहीं कह रहे, हम बस ये पूछ रहे हैं कि इसे शुरू किसने किया।''

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कुछ गाइडलाइंस का हवाला देते हुए कहा कि अश्लील सामग्री, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार से जुड़े वीडियो को फैलने से रोकने के लिए ये क़दम बेहद ज़रूरी हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश के बाहर से भी सोशल मीडिया पोस्ट्स करने की कई ख़बरें सामने आई हैं।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन सभी नियमों का मकसद लोगों के हाथ में अधिक शक्ति देना है। इस पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ''अगर कोई सिग्निफिकेंट पोस्ट हटाई जाती है, तो कंपनी को इसकी वजह देनी होगी।''

उन्होंने कहा कि इन सभी चीज़ों को लेकर प्लैटफ़ॉर्म्स से कहेंगे कि एक मैकेनिज़म बनाया जाए।

रविशंकर प्रसाद अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूज़र्स का डेटा भी दिया। उनके मुताबिक़ भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, यूट्यूब के 44.8 करोड़, फेसबुक के 41 करोड़, इस्टाग्राम के 21 करोड़, ट्विटर के 1.75 करोड़ यूज़र्स हैं।

ओटीटी और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए भी नियम

मोदी सरकार ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म को रेगुलेट करने के लिए भी कानून लेकर आएगी।

भारत के केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ''ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए तीन स्तर का तंत्र होगा। OTT प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को अपने बारे में जानकारी देनी होगी, और उन्हें एक शिकायत निवारण तंत्र बनाना होगा।''

जावड़ेकर के मुताबिक़ सरकार ने पहले ओटीटी कंपनियों से मुलाकात की थी और एक सेल्फ़ रेगुलेशन बनाने के लिए कहा था लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाए।

नए नियम के आने पर ओटीटी और डिजिटल न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म को अपनी डिटेल बतानी पड़ेंगी जैसे कि वो कहां से काम करते हैं। इसके अलावा शिकायतों के निवारण के लिए एक पोर्टल बनाना होगा।  

जावड़ेकर ने कहा कि टीवी और प्रिंट की तरह डिजिटल के लिए भी एक नियामक संस्था बनाई जाएगी, जिसका अध्यक्ष कोई रिटायर्ट जज या प्रख्यात व्यक्ति हो सकता है।

उन्होंने कहा, ''जैसे ग़लती करने पर टीवी पर माफ़ी मांगी जाती है, वैसा ही डिजीटल के लिए भी करना होगा।''

इसके अलावा कंटेंट पर उम्र के मुताबिक़ क्लासिफ़िकेशन करना होगा और पेरेंटल लॉक की सुविधा देनी होगी।

उन्होंने कहा कि जहां तुरंत एक्शन की ज़रूरत हो, ऐसे मामलों के लिए सरकारी स्तर पर एक निगरानी तंत्र बनाया जाएगा।

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यों की?

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने खुदकुशी कर ली है। मुंबई पुलिस के एडिशनल सीपी मनोज कुमार ने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या किए जाने की बात की पुष्टि की है।

अभी तक सुशांत की आत्महत्या की वजह सामने नहीं आई है लेकिन मुंबई पुलिस के सूत्रों का कहना है कि उनके फ्लैट से कुछ दवाइयां मिली है, जिससे लगता है कि वह पिछले कुछ महीनों से डिप्रेशन का इलाज करवा रहे थे। अभी तक उनके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत के घर से कोई संदेहास्पद सामान नहीं मिला है। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार रहे हैं।

सुशांत की बहन और दोस्त मुंबई के कूपर हॉस्पिटल पहुंच गए हैं। सुशांत सिंह राजपूत का सोमवार को अंतिम संस्कार होगा। इस समय उनके पिता और परिवार वालों का मुंबई आने का इंतजार हो रहा है। कोरोना वायरस के चलते सुशांत के अंतिम संस्कार में केवल करीबी लोग ही शामिल होंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुशांत के कमरे के दरवाजे को जब तोड़ा गया तो रूम में वह फांसी के फंदे से लटके पाए गए। इसके बाद नौकर ने पुलिस को फोन करके इसकी सूचना दी।

पुलिस के मुताबिक, सुशांत सिंह राजपूत ने अपने कमरे में हरे रंग के कपड़े से फंदा बनाया था, जिससे लटक कर उन्होंने आत्महत्या की। उनका शव कूपर अस्पताल लाया गया है, जहां कुछ ही देर में शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।

सुशांत की मौत की खबर आते ही पूरा बॉलीवुड और उनके फैन्स सकते में आ गए। बांद्रा में जिस सोसायटी में सुशांत रहते थे, वहां बाहर भीड़ जमा हो गई है। कई अभिनेता, राजनेता और फैन्स सोशल मीडिया के माध्यम से सुशांत को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

उनकी पूर्व मैनेजर 28 वर्षीया दिशा सलियन ने 8 जून को मलाड की एक इमारत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

सुशांत के सुसाइड की खबर सुनकर बॉलीवुड सेलेब्स को भी सदमा लगा है। अक्षय कुमार ने ट्वीट किया, 'मैं बहुत शॉक्ड हूं और मेरे पास कहने के लिए कुछ शब्द नहीं है। मैंने उनकी आखिरी फिल्म छिछोरे देखी थी और उनके प्रोड्यूसर साजिद को मैंने बताया था कि कितना मजा आया मुझे यह फिल्म देखकर। वह बहुत ही टैलेंटेड एक्टर थे'।

कुछ दिनों पहले ही सुशांत सिंह राजपूत की एक्स मैनेजर दिशा सालियान ने आत्महत्या की थी। सुशांत ने अपनी इंस्टा स्टोरी में दिशा को लेकर लिखा था, 'ये बहुत दुखद खबर है। दिशा के परिवार और दोस्तों को मेरी सांत्वना। ईश्वर तुम्हारी आत्मा को शांति दे'।

मां के लिए लिखा था आखिरी पोस्ट
सुशांत का लास्ट इंस्टाग्राम पोस्ट अपनी मां के लिए था। उन्होंने मां के साथ अपनी फोटो शेयर कर लिखा था, ''आंसुओं से धुंधलाता अतीत धुंधलाता हुआ, मुस्कुराते हुए और एक क्षणभंगुर जीवन को संजोने वाले सपनों में, दोनों के बीच बातचीत#माँ''।

सुशांत के इस पोस्ट पर इंडस्ट्री से उनके काफी दोस्तों ने कॉमेंट किए, जिसमें उनकी कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती भी शामिल थी।

सुशांत ने 'किस देश में है मेरा दिल' नाम के शो से अपना करियर शुरू किया था, लेकिन उन्हें पॉपुलैरिटी एकता कपूर के शो 'पवित्र रिश्ता' से मिली। इसके बाद सुशांत ने फिल्मों में एंट्री की। 'काय पो छे' से उन्होंने बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की और उनकी अंतिम फिल्म 'छिछोरे' थी। उन्होंने 'शुद्ध देसी रोमांस', 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी', 'राबता', 'केदारनाथ' और 'सोनचिड़िया' जैसी फिल्मों में भी काम किया था।

सुशांत ने सबसे ज्यादा चर्चा भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक में उनका किरदार निभाकर बटोरी थी। यह सुशांत के करियर की पहली फिल्म थी, जिसने सौ करोड़ का कलेक्शन किया था।

सुशांत सिंह राजपूत की शुरुआती पढ़ाई सेंट कैरेंस हाई स्कूल, पटना से हुई है और इसके आगे की पढ़ाई दिल्ली के कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल से हुई है। इसके बाद दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने मैकेनिल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

एर्टुगरुल गाजी उर्दू | एपिसोड 2 | सीजन 1

टीआरटी का हिट तुर्की ड्रामा शो, एर्टुगरुल गाजी, अब पीटीवी द्वारा डब किया गया उर्दू में उपलब्ध है। पाकिस्तान टेलीविजन लिमिटेड।

एर्टुगरुल गाजी उर्दू | एपिसोड 1 | सीजन 1

टीआरटी का हिट तुर्की ड्रामा शो, एर्टुगरुल गाजी, अब पीटीवी द्वारा डब किया गया उर्दू में उपलब्ध है पाकिस्तान टेलीविजन लिमिटेड।

तुर्की टीवी शो में लॉकडाउन के दौरान फिल्म बनाने के रचनात्मक तरीके मिले

कोरोनोवायरस कर्फ्यू के दौरान, तुर्की निर्माताओं ने दर्शकों के लिए मनोरंजक टीवी शो लाने के लिए फिल्मांकन रखने के लिए अनोखे तरीके खोजे थे।

शबाना आज़मी कार दुर्घटना में ज़ख्मी हुईं

बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आज़मी मुंबई-पुणे हाइवे पर कार दुर्घटना में ज़ख़्मी हो गई हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शबाना को नवी मुंबई के एमजीएम हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।

यह हादसा मुंबई से 60 किलोमीटर दूर खलापुर के पास शनिवार शाम में चार बजे के आसपास हुआ। रायगढ़ के एसपी अनिल परासकर का कहना है कि इनकी कार की ट्रक से टक्कर हो गई थी। इस दुर्घटना में कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।

शबाना आज़मी मुंबई लौट रही थीं तभी उनकी कार ट्रक से भिड़ गई।  महाराष्ट्र ट्रैफ़िक पुलिस के अनुसार यह हादसा खलापुर टोल बूथ से दो किलोमीटर पहले शाम में चार बजे के क़रीब हुआ। पुलिस के अनुसार शबाना के चेहरे, गर्दन और आँख के पास चोट लगी है। वो ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठी थीं।

पुलिस का कहना है कि जावेद अख़्तर पीछे से दूसरी कार में थे और उनकी कार इस टक्कर में शामिल नहीं थी। हिन्दुस्तान टाइम्स से खलापुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर विश्वजीत काइन्जादे ने कहा है, ''शबाना की सफ़ारी गाड़ी उनका ड्राइवर चला रहा था और पीछे से जावेद अख़्तर की आउडी कार थी। ड्राइवर ओवरटेक की कोशिश कर रहा था और इसी में आगे जाने के दौरान शबाना की कार एक ट्रक के पिछले हिस्से से टकरा गई।''

साहित्य नोबेल पुरस्कार 2018 और 2019 की घोषणा

पोलिश लेखिका ओल्गा टोकार्चुक और ऑस्ट्रियाई उपन्यासकार पीटर हैंडके को साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

इनमें से ओल्गा टोकार्चुक को 2018 के लिए जबकि पीटर हैंडके को 2019 के लिए पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। 2018 नोबेल साहित्य पुरस्कार की घोषणा पिछले साल साहित्य का नोबेल की घोषणा नहीं किए जाने के कारण की गई है।

प्रतिष्ठित पुरस्कार देने वाली स्वीडिश एकेडमी ​ने पिछले साल एक यौन उत्पीड़न कांड के कारण पुरस्कार की घोषणा नहीं की थी।

ओल्गा टोकार्चुक को पिछले साल मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार भी दिया गया था। ओल्गा टोकार्चुक को 2018 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। इस साल का नोबेल हैंडके को दिया गया।

एकेडमी ने एक बयान में बताया है कि 76 वर्षीय ऑस्ट्रियाई उपन्यासकार और नाटककार हैंडके को भाषाई सरलता के साथ मानवीय अनुभवों की विशेषता और परिधि के बाहर एक प्रभावशाली काम करने के लिए साहित्य का नोबेल ​दिया गया है।

वहीं, अपनी पीढ़ी के व्यवसायिक रूप से सबसे अधिक सफल लेखकों में से एक 57 साल की पोलिश लेखिका ओल्गा टोकार्चुक को जीवन की परिधियों से परे एक कथात्मक परिकल्पना करने के लिए पुरस्कार दिया गया है।

एकेडमी की सदस्य कटरीना फ्रॉस्टेंसन के पति ज़्यां क्लॉ अरनॉ के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते पिछले साल साहित्य का पुरस्कार स्थगित कर दिया गया था। बलात्कार के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद अक्तूबर में उन्हें दो साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी।

पुरस्कार प्रदान करने वाले संगठन के मुताबिक, फ्रॉस्टेंसन के हटने और हितों के टकराव और नोबेल विजेताओं के नाम लीक होने के आरोपों के कारण समारोह विवादों के दायरे में आ गया था। यह सब एकेडमी में जनता का विश्वास कम होने के कारण हुआ।

सभी ​पुरस्कार विजेताओं को 90 लाख स्वीडिश क्रोनर (£740,000) के अलावा एक मेडल और एक डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा।

मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को ख़त लिखने वालों पर देशद्रोह का मामला दर्ज

भारत में बढ़ रहीं मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखने वाली करीब 50 मशहूर हस्तियों पर बिहार के मुज़फ़्फरपुर में एफ़आईआर दर्ज की गई है।

इस एफ़आईआर में देशद्रोह, उपद्रव, धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने और शांति में बाधा डालने से संबंधित अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जिन लोगों के ख़िलाफ़ यह एफ़आईआर की गई है उनमें मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फ़िल्म निर्देशक मणि रत्नम, अनुराग कश्यप और अभिनेत्री अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोग शामिल हैं।

ख़बर के मुताबिक स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है।  ओझा ने कहा कि सीजेएम ने 20 अगस्त को उनकी याचिका स्वीकार कर ली थी।

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फ़िल्म निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन का नाम भी इस एफ़आईआर में दर्ज है। उन्होंने इस पर चिंता जताई है और कहा है कि सिर्फ इस बात से कोई देशद्रोही नहीं हो जाता कि वो सत्तापक्ष से सहमत नही है।