
बिहार में पद्मावती के रिलीज पर प्रतिबन्ध
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिल्म पद्मावती के खिलाफ उतर आए हैं। इस पर ताज्जुब नहीं करनी चाहिए क्योंकि बीजेपी फिल्म पद्मावती का खिलाफ कर रही है। आखिरकार नीतीश को बीजेपी के समर्थन में उतरना ही था।
फिल्म पर जारी घमासान के बीच उन्होंने कहा है कि निर्देशक संजय लीला भंसाली इस पर अपना रुख साफ करें, वरना इसे तब तक राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश पांचवें सीएम हैं, जो फिल्म की रिलीज के खिलाफ मुखर होकर बोले हैं। उनसे पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे (सभी भाजपा शासित राज्य) इस मसले पर अपनी राय खुल कर रख चुके हैं।
बता दें कि फिल्म की रिलीज के लिए पहले एक दिसंबर की तारीख तय की गई थी, जो कि फिलहाल के लिए स्थगित कर दी गई है। गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में यह कहते हुए इस पर प्रतिबंध लगाया गया कि इसमें इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।
नीतीश का इस बारे में कहना है, ''पद्मावती पर कई लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं। फिल्म के निर्देशक को इस पर अपना रुख साफ करना चाहिए। तब तक के लिए फिल्म बिहार में नहीं दिखाई जाएगी।'' नीतीश ने आगे यह भी कहा, ''रानी पद्मावती (दीपिका पादुकोण) को इसमें नाचते हुए नहीं दिखाया जाना चाहिए था।''
नीतीश के इस बयान का बिहार के कला, संस्कृति, खेल और युवा मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ''फिल्म से जब तक आपत्तिजनक सींस नहीं हटा लिए जाते, तब कर हम इसे राज्य में रिलीज होने की अनुमति नहीं देंगे।''










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