गोवा-मणिपुर में बीजेपी सरकार
गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों में से ही किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला पाया है। वहीं दोनों राज्यों में सरकार बनाने की रस्सा-कशी में बीजेपी आगे निकल चुकी है।
जहां बीजेपी ने बिना कोई देरी किए गोवा के लिए अपना सीएम घोषित कर दिया है और उन्हें बहुमत साबित करने का मौका भी मिल गया है। वहीं कांग्रेस असमंजस के दौर में ही रह गई।
गोवा के अलावा जहां बीजेपी के पास मणिपुर में भी नबंर हैं, वहीं कांग्रेस इसी बात को लेकर कन्फ्यूस्ड रही कि वह सीएम का दावेदार किसे बनाए? गोवा फॉरवर्ड पार्टी को राज्य में 3 सीटे मिली। राज्य में सरकार बनवाने के लिए यह अहम भूमिका निभा सकती है, लेकिन पार्टी का राज्य कांग्रेस प्रेसिडेंट लुइजीन फालैरो से विरोध है।
हालांकि जीएफपी कांग्रेस के दिगंबर कामत के नाम पर राजी थी, लेकिन लॉबीइंग के चलते कांग्रेस की मुश्किले बढ़ गईं। राज्य में चुनकर आए नए 17 विधायकों ने सीक्रेट बैलेट के जरिए अपना लीडर चुना और हाई कमान को इसकी जानकारी दी, लेकिन उसी दौरान बीजेपी ने तेजी से काम करते हुए अपना सीएम घोषित कर दिया।
कांग्रेस पार्टी दिगंबर कामत और लुइजीन फालैरो के बीच ही उलझकर रह गई। दरअसल राज्य में चुनाव से पहले ही गोवा फॉरवर्ड पार्टी, कांग्रेस के साथ गठबंधन की इच्छुक थी और इसके लिए कामत तैयार थे, लेकिन फालैरो और उनके समर्थक इसके हक में नहीं थे।
12 मार्च को जब कांग्रेस, जीएफपी के साथ गठबंधन की कोशिश करने पहुंची तो पार्टी ने शर्त रख दी कि वह फालैरो को सीएम नहीं बनाएंगे।
इसी बीच बीजेपी ने बाजी मार ली जीएफपी और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी, दोनों को अपने साथ साध लिया।
ऐसे ही कांग्रेस मणिपुर में भी नाकाम रही। सबसे ज्यादा, 28 सीटें जीतने के बाद भी कांग्रेस पार्टी के लिए गठबंधन के साथी जुटा पाना असंभव हो गया क्योंकि एनपीएफ और एनपीपी बीजेपी के साथ है।
इसके अलावा एलजेपी का झुकाव भी बीजेपी की तरफ है।
कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह बीजेपी को तोड़ लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और बीजेपी ने बाजी मार ली।