सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस बना तानाशाह

सऊदी अरब में कुछ बड़ा होने वाला है, इसका संकेत यहां के कुछ लोगों को एक पत्र से पहले ही मिल गए थे। हालांकि उस समय किसी को इस बात का अहसास नहीं था कि कोई बड़ी कार्रवाई होने वाली है, जिसमें एक फाइव स्टार होटल की बड़ी भूमिका होने वाली है। ये लोग इसी होटल में ठहरे थे।

शनिवार 4 नवंबर को रियाद के आलीशान होटल रिट्स कार्लटन में मौजूद मेहमानों को सूचना दी जाती है कि 'स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई अप्रत्याशित बुकिंग के कारण हम गेस्ट्स को ठहराने में असमर्थ हैं....  जब तक कि सब सामान्य नहीं हो जाता।'

बताया गया कि इस बुकिंग की वजह से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करनी पड़ेगी। जिस समय यह सूचना दी जा रही थी, कार्रवाई शुरू हो चुकी थी। कुछ ही घंटे के भीतर सुरक्षा बलों ने सऊदी अरब के कई बड़ी राजनीतिक और कारोबारी हस्तियों को अपने घेरे में ले लिया। इनमें से ज्यादातर राजधानी और तटीय शहर जेद्दा से थे। गिरफ्तार लोगों में 11 राजकुमारों के अलावा कई मंत्री और अमीर शख्स भी थे।

कुछ लोगों को मीटिंग के लिए बुलाया गया, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया। अन्य लोगों को उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया गया और प्लेन से रियाद ले जाया गया। कुछ ही समय में आलीशान रिट्स कार्लटन होटल एक अस्थायी जेल में तब्दील हो चुका था।

हिरासत में लिए गए लोगों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी गईं।

32 साल के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। आधिकारिक तौर पर अपने पिता किंग सलमान के बाद वह गद्दी के दावेदार हैं।

कुछ का यह भी मानना है कि वही देश को चला रहे हैं। युवराज सऊदी को एक आधुनिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं। इसके लिए और सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए उन्होंने सऊदी के एलीट क्लास के खिलाफ कदम उठाने का बड़ा फैसला लिया, जिसमें शाही परिवार के कुछ लोग भी शामिल हैं। इन लोगों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और बिजनस प्रॉजेक्ट्स की लागत बढ़ाने जैसे कई गंभीर आरोप लगे थे। हालांकि गिरफ्तार लोगों का पक्ष सामने नहीं आ पाया है।

इस घटनाक्रम से दुनिया के सबसे ज्यादा तेल उत्पादक देश की राजनीतिक स्थिरता खतरे में पड़ गई है। शासन करने की युवराज की क्षमता अब इस बात पर निर्भर करेगी कि यह कार्रवाई कितनी सफल रहती है। युवराज का मानना है कि देश नहीं बदला तो अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में फंस जाएगी और इससे अशांति पैदा हो सकती है। इससे शाही परिवार के लिए चुनौती खड़ी हो सकती है और क्षेत्रीय प्रतिद्वंदी ईरान के खिलाफ देश कमजोर पड़ जाएगा।

प्रिंस मोहम्मद के चचेरे भाई और शक्तिशाली नेशनल गार्ड के प्रमुख मुतैब बिन अब्दुल्ला को भी इस होटल में रखा गया है। मुतैब रियाद में अपने फार्म हाउस में थे, जब उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया गया। वरिष्ठ पद पर बैठे अधिकारी को रात में इस तरह बुलाया जाना सामान्य बात नहीं थी। पर किसी को संदेह नहीं हुआ।

इन दिनों सऊदी अरब के शाही परिवार में जबरदस्त उठा-पटक चल रही है। यहां भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में अबतक 201 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सऊदी के भावी शाह मोहम्मद बिन सलामन द्वारा छेड़े गए इस अभियान में देश के 11 राजकुमारों समेत शीर्ष अधिकारियों और पूर्व मंत्रियों पर भी शिकंजा कसा है।

बताया जा रहा है कि 32 साल का ये शहज़ादा सऊदी हुकूमत के सबसे ताकतवर शख्सियत के तौर पर उभर कर सामने आया है। जानकारों के मुताबिक, वह दिन बहुत दूर नहीं है, जब उन्हें सऊदी अरब का सुल्तान बना दिया जाएगा। किंग सलमान कमज़ोर और बीमार हैं, वो कभी भी ताज छोड़ सकते हैं। वो कभी भी क्राउन प्रिंस सलमान को किंग बनाने की घोषणा कर सकते हैं।

जानकारों के मुताबिक, अभी भी क्राउन प्रिंस ही वास्तव में मुल्क चला रहे हैं। मुहम्मद बिन सलमान का जन्म 31 अगस्त 1985 को हुआ था और वह किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद की तीसरी पत्नी फहदा बिन फलाह के सबसे बड़े बेटे हैं। रियाद स्थित किंग सऊद यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद प्रिंस मोहम्मद सलमान ने कई सरकारी महकमों में काम किया। किंग सलमान ने 2015 में सत्ता संभालते ही दो अहम बदलाव किए थे और अपने बेटे को सत्ता के और करीब कर दिया था। उस वक्त शहज़ादा सलमान केवल 29 वर्ष की आयु में दुनिया के सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री बन गए थे।