भारत सरकार के आंकड़े: 2014 की तुलना में 2015 और 2016 में छेड़खानी के मामले बढ़े, सजा दर घटी

आठ अगस्त 2017 को भारत के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर द्वारा लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार, साल 2016 में पूरे भारत में महिलाओं द्वारा स्टॉकिंग (पीछा और छेड़खानी करने) के 7132 मामले दर्ज कराए गए थे।

डाटा वेबसाइट इंडिया स्पेंड ने अहीर के दिए आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट दी है कि साल 2014 की तुलना में साल 2016 में पूरे भारत में छेड़खानी की घटनाएं 54 प्रतिशत ज्यादा हुई। हालांकि जहां ऐसी घटनाओं की संख्या तीन साल में बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ इनके लिए सजा पाने की दर पहले से कम हुई है।

पांच अगस्त की रात हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके एक दोस्त ने 29 वर्षीया वर्णिका कुंडु की कार का करीब सात किलोमीटर तक पीछा किया। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की बेटी वर्णिका के अनुसार, विकास और उसके दोस्त ने उसे अगवा करने की कोशिश की।

वर्णिका ने अपनी आपबीती एक फेसबुक पोस्ट लिखकर सार्वजनिक की जो देखते ही देखते वायरल हो गई। इस मामले के सामने आने के बाद मीडिया और सोशल मीडिया की तरह संसद में इस पर सवाल उठे।

ऐसे ही एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री अहीर ने बताया कि पिछले तीन साल में चंडीगढ़ में स्टॉकिंग के कुल 38 मामले दर्ज कराए गए जिनमें 41 लोगों की गिरफ्तारी हुई।

पिछले तीन साल में भारत में स्टॉकिंग के कुल 18,097 मामले दर्ज हुए जिनमें 20,753 लोगों की गिरफ्तारी हुई।

हालांकि ऐसे मामलों में सजा पाने की दर काफी कम रही। ऐसे मामलों में सजा पाने वालों की दर साल 2014 में 34.8 प्रतिशत, साल 2015 में 26.4 प्रतिशत और साल 2016 में 24.7 प्रतिशत रही। साल 2014 में 4699 मामले दर्ज हुए जिनमें 5439 लोग गिरफ्तार हुए, लेकिन सजा केवल 134 को हुई। साल 2015 में 6266 मामले दर्ज हुए और 6694 लोग गिरफ्तार हुए, सजा 340 को हुई। साल 2016 में 7132 मामले दर्ज हुए और 8620 लोग गिरफ्तार हुए और सजा 379 को हुई।

पिछले तीन सालों में सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र (3783) में दर्ज हुए। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली (2500) और तेलंगाना (2288) रहे।