गुजरात दंगा: माया कोडनानी नहीं दिलवा सकीं अमित शाह की गवाही
गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के पास अमित शाह को गवाही के लिए बुलाने का आखिरी मौका बचा है। विशेष अदालत ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को अदालत में गवाही के लिए लाने के लिए माया कोडनानी को आखिरी मौका दिया।
माया कोडनानी अपने पक्ष में अमित शाह को गवाही देने के लिए अदालत बुलाना चाहती है, इसके लिए वो कोर्ट से समय भी मांग चुकी है, लेकिन माया कोडनानी अब तक अपने पक्ष में गवाही के लिए अमित शाह को कोर्ट आने के लिए राजी नहीं कर सकी है।
ये मामला गुजरात दंगों के दौरान नरोदा पटिया हत्याकांड से जुड़ा हुआ है। अदालत ने कहा कि अगली तारीख तक अगर माया कोडनानी अमित शाह को गवाही के लिए कोर्ट में पेश नहीं कर पाती हैं तो मुकदमे की सुनवाई टाली नहीं जाएगी।
माया कोडनानी ने अदालत से और वक्त मांगा है ताकि वो अमित शाह का एड्रेस पता कर सके और उन्हें कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कह सके।
माया कोडनानी ने सोमवार (4 सितंबर) को विशेष कोर्ट से कहा था कि उसे अमित शाह से संपर्क करने के लिए अधिक वक्त चाहिए ताकि उन्हें समन दिया जा सके और अदालत में हाजिर होने के लिए कहा जा सके।
अदालत को लिखे अपने आवेदन में माया ने कहा था कि अमित शाह के व्यस्त कार्यक्रमों की वजह से उनसे संपर्क साधना मुश्किल हो रहा है।
माया ने कहा था कि उन्हें ये तय करने में कठिनाई हो रही है कि अमित शाह को किस पते पर समन भेजा जाए। माया कोडनानी ने अदालत से इसके लिए 12 सितबंर तक का समय मांगा था।
विशेष जज पीबी देसाई ने उन्हें अमित शाह को गवाही के लिए पेश करने के लिए 8 सितंबर तक का समय दिया था। शुक्रवार 8 सितंबर को भी माया कोडनानी उन्हें अदालत के सामने नहीं ला सकी। इसके बाद उन्होंने अदालत से और भी वक्त मांगा है।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने विशेष न्यायालय को आदेश जारी कर कहा था कि नरोदा पटिया हत्याकांड की सुनवाई 4 महीनें में पूरी कर दी जाए।
नरोदा पटिया हत्याकांड की आरोपी माया कोडनानी ने ये साबित करने के लिए कि, 28 फरवरी 2002 को जिस दिन गुजरात दंगे भड़के थे, उस दिन वो घटनास्थल पर मौजूद नहीं थी, अमित शाह समेत 14 लोगों की गवाही की मांग की थी।
इसमे से 12 लोग माया कोडनानी के पक्ष में गवाही दे चुके हैं। इनमें उनके पति सुरेन्द्र कोडनानी, बीजेपी के पूर्व पार्षद दिनेश मकवाना, पूर्व बीजेपी विधायक अमरीश गोविंद भाई शामिल है।
इस घटना में मुस्लिम समुदाय के 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस केस में 82 लोग आरोपों का सामना कर रहे हैं इनमें से माया कोडनानी भी एक हैं।
2012 में नरोदा पाटिया हत्याकांड में अदालत माया कोडनानी को उम्र कैद की सजा सुना चुका है। माया और दूसरे 31 आरोपियों ने इस फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी है।