केरल बाढ़ : 11 जिलों में रेड अलर्ट, अब तक 200 से ज्यादा की मौत
केरल में शनिवार को बाढ़ से 22 अतिरिक्त लोगों की मौत हो गई, और इसके साथ ही नौ अगस्त से अबतक मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 से ज्यादा पहुंच गई है। इस बीच भारी बारिश के अनुमान के कारण अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। केरल के 11 जिलों में रेड अलर्ट जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा शनिवार अपराह्न जारी अनुमान के मुताबिक, केरल के अलग-अलग हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और कासरगोड को छोड़कर केरल के 11 जिले रेड अलर्ट पर हैं और यहां अधिक बारिश की संभावना है। एनार्कुलम, त्रिशूर, इडुक्की, पथनामथित्ता और चेंगन्नूर जिलों से शनिवार को 22 लोगों की मौत की खबर है। बारिश से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में अलुवा, चलाकुडी, अलप्पुझा, चेंगन्नूर और पथनामथित्ता जैसे इलाके शामिल हैं, जहां बचाव अभियान तेजी से चलाया जा रहा है और बचाव दलों ने बहुत से लोगों को बचाया है।
मीडिया संस्थानों से प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के रिश्तेदारों और दोस्तों द्वारा जानकारी के लिए अनुरोध किए जा रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कोच्चि में एक समीक्षा बैठक के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि 29 मई से अबतक 357 लोगों की मौत हो चुकी है। 3.53 लाख प्रभावित लोगों को दो हजार से ज्यादा राहत शिविरों में भेजा गया है। मोदी ने बाढ़ग्रस्त राज्य के लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। इससे पहले केंद्र द्वारा 12 अगस्त को 100 करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी।
विजयन ने कोच्चि में मीडिया को बताया कि हालात बहुत ही गंभीर व खराब हैं। विजयन ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, लेकिन हम जो कार्य कर रहे हैं, उससे हालात काबू में हैं।
हालांकि कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने सरकार पर प्रभावी रूप से राहत व बचाव कार्य करने में विफल रहने का आरोप लगाया। केरल के खाद्य मंत्री पी थिलोथमन ने मीडिया से कहा कि एक बात जो मैं कहना चाहता हूं वह यह कि संख्या बहुत बड़ी है और समय की जरूरत है कि लोगों को खाद्य पैकेट और पीने का पानी मुहैया कराया जाए। नौसेना की करीब 15 छोटी नौका यहां आ सकती हैं। लेकिन दिक्कत शाम के बाद है, जब बचाव अभियान चलाया नहीं जा सकता। लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों की भी आवश्यकता है।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार के प्रयास विफल हो चुके हैं। चेन्निथला ने कहा कि मेरे पास फोन कॉल की बाढ़ आई हुई है और अब भी हजारों लोग फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने तिरस्कार स्वरूप मेरे सुझाव को खारिज कर दिया, जब मैंने उनसे बचाव एवं राहत कार्य सेना को सौंपने को कहा था। मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहता, लेकिन यह बात साबित हो चुकी है कि राज्य सरकार विफल हो चुकी है।