नीतीश और सुशील मोदी हैं 300 करोड़ के घोटाले के मास्टरमाइंड

राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर 300 करोड़ रुपये के घोटाले का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने कहा है कि भागलपुर में हाल ही में इस घोटाले का पता चला है और वो सीबीआई के पटना कार्यालय में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे।

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, लालू यादव ने दावा किया, ''जब नीतीश और सुशील मोदी को अहसास हुआ कि उनका साझा घोटाला सामने आ सकता है तो उन्होंने महागठबंधन तोड़ दिया ताकि एनडीए में शामिल होकर सरकार बना लें और जांच से बच सकें।''

लालू यादव ने दावा किया कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड ने गैर-कानूनी तरीके से सरकारी खजाने को चूना लगाया है और इसे संरक्षक नीतीश कुमार और सुशील मोदी हैं।

लालू यादव ने कहा कि सीबीआई में शिकायत दर्ज कराते ही केंद्र सरकार को मामले की जांच करानी चाहिए।

चारा घोटाले में झारखंड की राजधानी रांची में चल रही सुनवाई के लिए पहुंचे लालू यादव ने कहा कि घोटाले की बात सामने आने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने तुरंत एक विशेष जांच दल गठित कर दिया ताकि मामले को रफा-दफा जा सके।

लालू यादव ने जोर देकर कहा कि इस मामले की सही से जांच हुई तो कई नेता और अफसर इसकी गिरफ्त में आ जाएंगे। लालू यादव ने आरोप लगाया कि ये घोटाला साल 2013 और 2014 का है, जब नीतीश कुमार सीएम थे और सुशील मोदी डिप्टी-सीएम।

लालू यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने भागलपुर के जिलाधिकारी समेत तमाम पदों पर अपने मनचाहे अफसरों को तैनात कर दिया है।

लालू यादव ने आरोप लगाया कि 295 करोड़ रुपये का घोटाला तो बस शुरुआत है, ये मामला एक हजार करोड़ रुपये तक के घोटाले का हो सकता है।

नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो-टॉलरेंस के बयान पर कटाक्ष करते हुए लालू यादव ने कहा, ''नीतीश कुमार पहले तुम अपना लालच छोड़ो, फिर मुझे लालच छोड़ने की सीख देना। तुम्हारा चेहरा जनता में एक्सपोज हो चुका है।''

लालू ने कहा कि भागलपुर घोटाला चारा घोटाला से बड़ा है जिसमें उन्हें फंसाया गया है।