सऊदी अरब पाकिस्तान में एक अरब डॉलर का निवेश करेगा

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद के लिए सऊदी अरब ने एकबार फिर हाथ बढ़ाया है। सऊदी अरब पाकिस्तान में एक अरब डॉलर का निवेश करेगा।

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय की ओर से ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी गई है।

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक़, ''सऊदी अरब के किंग सलमान ने पाकिस्तान में एक अरब डॉलर के निवेश के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सहारा देने के लिए और वहां के लोगों के लिए यह मदद देने का निर्देश दिया है।''

विज्ञप्ति के मुताबिक़, इस बात की जानकारी सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने गुरुवार, 25 अगस्त, 2022 को पाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ फ़ोन पर हुई बातचीत के दौरान दी।

सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान ने गुरुवार, 25 अगस्त, 2022 को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से फ़ोन पर बातचीत की।

इस बातचीत के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को किंग सलमान के निर्देश की जानकारी दी। साथ ही दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच साझा लाभ के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

पहले भी मदद कर चुका है सऊदी अरब

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच पाकिस्तान की स्थापना के समय से ही मज़बूत संबंध हैं। 1970 के दशक के बाद से ये संबंध और भी मज़बूत हुए हैं।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जब-जब संकट में आती है, सऊदी अरब उसकी मदद के लिए आगे आता है।

पाकिस्तान में इमरान ख़ान की सरकार गिरने के बाद प्रधानमंत्री बने शहबाज़ शरीफ़ ने अपना पहला विदेशी दौरा सऊदी अरब का ही किया था। इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सऊदी से आठ अरब डॉलर का राहत पैकेज लेने में कामयाबी हासिल की थी।

सऊदी अरब ने पिछले क़र्ज़ समझौते के तहत दिसंबर 2021 में भी पाकिस्तान स्टेट बैंक में तीन अरब डॉलर जमा कराए थे।

इसके अलावा साल 2021 में जब पाकिस्तान मुश्किल आर्थिक संकट में फंसा था, डॉलर के मुक़ाबले उसका रुपया टूट रहा था और विदेशी मुद्रा भंडार ख़त्म हो रहा था तब भी सऊदी अरब ने ही आगे बढ़कर उसकी मदद की थी।

अक्टूबर, 2021 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 4.2 अरब डॉलर की आर्थिक मदद दी थी। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के सऊदी दौरे के दौरान इस मदद की घोषणा की गई थी। ये मदद सस्ते क़र्ज़ और उधार तेल के रूप में थी।