नहर की लागत 8 करोड़ थी, बनाने में 390 करोड़ लगे, फिर भी पानी नहीं, नीतीश उद्घाटन करेंगे

बिहार में बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर योजना की लागत 8 करोड़ रुपए थी, इसे बनाने में 390 करोड़ रुपए खर्च हो चुके है, फिर भी नहर में पानी नहीं है, ट्रायल करने पर मालूम हुआ कि नहर में अभी भी कई जगहों पर रिसाव हो रहे हैं, नहर का प्रोजेक्ट अभी भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हड़बड़ाहट देखिये, नहर का अधूरा प्रोजेक्ट का ही वह उद्घाटन करेंगे। 15 फरवरी (गुरुवार) को नीतीश कुमार कहलगांव आ रहे हैं। यहां वो बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर योजना का उद्घाटन करेंगे।

बता दें कि 20 सितंबर 2017  को बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर का उद्घाटन होना था, लेकिन एक दिन पहले ही 19 सितंबर की शाम को नहर की दीवार टूट गई थी और उद्घाटन टल गया था। इस योजना पर 389.36 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। नहर पर 1977 से ही काम चल रहा है। उस वक्त इसकी लागत 8 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इस नहर से बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव इलाके और झारखंड के गोड्डा जिले में सिंचाई होगी।

नहर की लंबाई करीब 100 किलोमीटर है। फिलहाल बिहार में 11 किलोमीटर नहर बनी है। झारखंड में अभी तक नहर नहीं बनी है। इसके बावजूद उद्घाटन पंप हाउस का बटन दबा कर करा लिया जाएगा, लेकिन उदघाट्न के वक्त नहर में पानी नहीं छोड़ा जाएगा।

जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन कोई जोखिम नहीं उठाना चाह रहा है। पिछले चार दिन से पंप का बटन दबा कर नहर में पानी छोड़ने का ट्रायल भी किया जा रहा है, लेकिन नहर में कई जगहों पर रिसाव हो रहे हैं। जिन जगहों पर रिसाव की शिकायतें सामने आई है। वहां जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने हेलीकॉप्टर से पहुंचकर हालात का जायजा लिया। प्रधान सचिव से हरी झंडी मिलने के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश से पंप का बटन दबवा कर उद्घाटन कराने का फैसला किया गया।

अधूरे बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर का उद्घाटन यह दिखाता है कि बिहार में विकास कार्यों का स्तर क्या है? क्या बिहार का इसी तरह से विकास होगा !