मराठा क्रांति मोर्चा के आंदोलन के आगे फडणवीस सरकार झुकी
मराठा क्रांति मोर्चा के आंदोलन के आगे महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार झुक गई। सरकार ने शिक्षा में छूट देने का ऐलान किया और इस मामले को पिछड़ा आयोग भेजा।
महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हजारों लोगों ने बुधवार को नौकरियों और शिक्षा सहित अन्य विभागों में आरक्षण की मांग लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए मार्च निकाला।
मुंबई की सड़कों पर उतरे मराठाओं की मांगों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ बड़े ऐलान किए हैं।
हालांकि उन्होंने आरक्षण की मांग को सीधे तौर पर नहीं माना है।
सीएम ने कहा कि शिक्षा के मामले में मराठा समुदाय के बच्चों को वे सारी सुविधाएं और छूट दी जाएंगी जो अभी ओबीसी छात्रों को मिल रही है। यही नहीं, सरकार ने जमीन और मराठा सुमदाय के बच्चों के लिए हर जिले में छात्रावास बनाने के लिए ग्रांट के रूप में 5 करोड़ रुपए देने का भी ऐलान किया है।
नौकरी में आरक्षण की मांग पर विचार करने के लिए यह मामला सरकार ने बैकवर्ड क्लास कमीशन (पिछड़ा वर्ग आयोग) के पास भेजने की बात कही जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा।
फडणवीस ने कहा कि वह कमीशन से आग्रह करेंगे कि वह तेजी से प्रक्रिया को पूरा करे और बॉम्बे हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपे।
मराठा क्रांति मोर्चा ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सुबह बायकुला में जीजामाता उद्यान से मौन मार्च निकाला। मार्च में शामिल होने वाले लोग भगवा झंडे लिये थे। निजी वाहनों के साथ-साथ सार्वजनिक वाहनों से लोग सवेरे से ही यहां पहुंचने लगे थे। पुलिस और यातायात कमिर्यों को भारी संख्या में आने वाले लोगों और मुंबई में वाहनों को नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया था।
मुंबई के मशहूर 'डब्बावाले' लोगों में से अधिकांश लोग मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग हैं और उन्होंने भी मार्च में हिस्सा लिया। औरंगाबाद में इस तरह के पहले प्रदर्शन के ठीक एक साल बाद यह मराठा समुदाय का 58 वां मार्च था।