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'ये गठबंधन मौकापरस्त नहीं है, ये तो दिलों का गठबंधन है'

कांग्रेस-सपा गठबंधन के बाद आज पहली बार अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात हुई। लखनऊ में दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया और एक साथ मंच साझा किया।

मंच पर दोनों पार्टियों के कई और दिग्गज भी मौजूद रहे। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता को संबोधित किया।

पहले राहुल गांधी ने संबोधन करना शुरू किया और कहा, मैं और अखिलेश एक-दूसरे को पहले से जानते हैं, हम मिलकर काम करेंगे और यूपी का विकास करेंगे।

राहुल गांधी ने कहा, मैंने कहा था अखिलेश अच्छा लड़का है, पर उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की राजनीति को विरोधी रोकना चाहते हैं इसलिए हमने हाथ मिलाया है ताकि हम मिलकर लड़ाई लड़ सकें। हम प्रगति की ओर कदम बढाएंगे।

हम नफरत की राजनीति को रोकना चाहते हैं इसलिए ये गठबंधन किया है। हम चुनाव प्रचार कैसे करेंगे, हमारी प्लानिंग क्या होगी, ये अभी नहीं बताएंगे। सोनिया गांधी और मुलायम सिंह यादव चुनाव प्रचार करेंगे या नहीं, इसका खुलासा भी अभी नहीं करेंगे।

राहुल ने दावा किया है कि दोनों पार्टी मिलकर 300 से ज्यादा सीटें हासिल करेंगी। प्रियंका गांधी के साथ पर राहुल ने कहा, उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है, अब तक दिया है और आगे भी देंगी। वे चुनाव प्रचार करेंगी या नहीं, ये उनकी इच्छा है। उनपर कोई जोर नहीं दिया जाएगा।

राहुल गांधी ने कहा, ये गठबंधन मौकापरस्त नहीं है, ये तो दिलों का गठबंधन है। हमने निजी रिश्तों को राजनीतिक रंग दिया है। हम संघ और बीजेपी को समझाना चाहते हैं कि हम यूपी को टूटने नहीं देंगे। बीजेपी तो बस एक हिन्दुस्तानी को दूसरे हिन्दुस्तानी से लड़ाती है। उनके विचारों से देश को खतरा है।

अखिलेश यादव ने कहा, हमारे निजी रिश्ते पहले से ही थे और अब राजनीति में भी हम जुड़ गए हैं। हम दो पहिएं हैं, हमारी उम्र में भी ज्यादा फर्क नहीं है।

गठबंधन पर अखिलेश ने कहा, इस गठबंधन के जरिए हम पिपल एलाइंस बनकर उभर आएंगे।

अखिलेश ने दोनों पार्टियों के मिलन को गंगा यमुना का मिलन कहा। ये एक ऐतिहासिक गठबंधन है, सपा और कांग्रेस मिलकर विरोधियों को करारा जवाब देंगे। हाथ के साथ साइकिल हो और साइकिल के साथ हाथ हो, तो सोचिए रफ्तार क्या होगी।

अमेठी और रायबरेली की सीट पर अखिलेश ने कहा, आने वाला वक्त बताएगा, सब अभी बता देंगे तो मसला खत्म ही हो जाएगा।

मायावती संग गठबंधन पर अखिलेश बोले कि उनके साथ गठबंधन कैसे होगा, वे तो बहुत जगह लेती हैं। उनका चुनाव चिन्ह भी हाथी है।

राहुल और अखिलेश ने कहा कि यह गठबंधन क्रोध, गुस्से, बांटने की राजनीति और कंपनियों को पैसा देने की राजनीति के जवाब देने के लिए किया गया है।

दोनों ने संयुक्त रूप से मोदी पर निशाना साधा और कहा कि मोदी जी की भाषा में यह गठबंधन थ्री पी के लिए किया गया है यानी प्रोग्रेस, प्रासपेरिटी और पीस ...। इसमें अखिलेश ने एक और पी जोड़ते हुए कहा कि यह पीपुल्स एलायंस है ...।

ट्रंप के आदेश के बाद न्यूयार्क हवाई अड्डे पर हिरासत में लिए गए यात्री

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रवासियों और शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर अस्थायी रूप से रोक लगाये जाने के आदेश के बाद अमेरिका में आने पर हिरासत में लिये गये लोगों के परिवारों के सदस्य न्यूयॉर्क शहर के कैनेडी हवाई अडडे पर परेशान और हताश नजर आ रहे थे।


ट्रंप ने शुक्रवार को जिस समय मुख्य रूप से सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था उस समय कई विमान अमेरिका के लिए पहले ही रवाना हो चुके थे।

वकीलों ने कल कहा, उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है कि विमान के रवाना होने के बाद कितने लोगों को हिरासत में लिया गया है। हवाई अड्डे पर अपने प्रियजनों को रिहा किये जाने या वापस विमान से भेजे जाने का इंतजार कर रहे घबराये हुये दर्जनों लोगों में 25 वर्षीय योसरे घालेद भी शामिल थीं।

उनकी सास की 67 वर्षीय बहन को न्यूयॉर्क में सउदी अरब से आये एक विमान से उतरने के बाद हिरासत में ले लिया गया। उनकी सास की बहन यमन की नागरिक हैं जो अपने परिवार के साथ रहने के लिए अमेरिका इसलिए आ रहीं थी क्योंकि उन्हें दिल और मधुमेह से सबंधित समस्याएं हैं।

घालेद ने कहा, हम बहुत दुखी हैं। उनकी हालत बहुत खराब है। हम उनके अंतिम दिनों में उन्हें एक अच्छी जिंदगी देने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि उनके परिवार से कहा गया है कि उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा और वापस सउदी अरब जाने वाले विमान में बिठा दिया जाएगा।

ट्रंप ने कहा है कि अस्थायी यात्रा प्रतिबंध का मकसद संभावित आतंकवादियों को अमेरिका से बाहर रखना है।

यूरोप को मात दे रही भारत की ठंड

यूरोप में अत्यधिक ठंड सामान्य बात है, लेकिन पिछले एक हफ्ते में अपेक्षाकृत गर्म माने जाने वाले भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। भारत की ठंड यूरोप को मात दे रही है। भारत के कई शहरों का न्यूनतम तापमान यूरोपीय शहरों से भी नीचे चला गया है।

भारत की राजधानी दिल्ली के सफदरजंग में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि स्पेन की राजधानी मैड्रिड में न्यूनतम तापमान भी इतना ही दर्ज किया गया। दिल्ली के लोधी रोड में तो 2 डिग्री पारा रहा।

भारत के प्रान्त हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान क्रमश: 0.6 और -5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं जिनेवा का पारा 0 और ज्यूरिख का तापमान मात्र -1 डिग्री सेल्सियस रहा।

हिमालय पर्वत की हवाओं से बेपरवाह रहने वाले दक्कन के शहरों की सुबह भी इस बार सर्द हो रही है। नासिक, पुणे और अहमदनगर में गुरुवार को क्रमश: 6, 7 और 8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 48 घंटों में न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ गलन बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के कई इलाकों में तापमान 7 डिग्री से नीचे चले जाने की उम्मीद है।

पश्चिमी विक्षोभ की वजह से जम्मू-कश्मीर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। इसकी वजह से ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में आतंरिक चक्रवात की स्थिति से भी तापमान में गिरावट के हालात पैदा हुए हैं।

यूरोप की सर्दी के मुकाबले भारत में पड़ रही ठंड सेहत के लिए अधिक घातक है। यूरोप में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अधिक अंतर नहीं होता। साथ ही यूरोपीय (कॉकेशियन) के जीन कठोर सर्दी के अनुकूल है। इसके उलट भारत में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 25 डिग्री तक का अंतर होता है।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 26 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। आठ के समय में परिवर्तन किया गया, जबकि 7 को रद्द कर दिया गया।

हाड़ कंपा देने वाली ठंड के चलते नोएडा में कक्षा 12 तक के सभी स्कूल 15 जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं।

कांग्रेस का सत्ता में आने पर चार सप्ताह में पंजाब को नशामुक्त करने का वादा

भारत के प्रान्त पंजाब में 4 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को उदार राजनैतिक पार्टी कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी क्रिया। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर चार सप्ताह में पंजाब को नशामुक्त करने के लिए कदम उठाने का वादा किया है। साथ ही, पंजाब में रोजगार, किसानों को कर्ज में राहत और बिजली की दरें घटाने का भरोसा दिया है।

घोषणा पत्र दिल्ली में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जारी किया। इसके अलावा पंजाब के पांच जगहों जालंधर, लुधियाना, बठिंडा, अमृतसर और पटियाला से भी इसे जारी किया गया।

घोषणा पत्र में कांग्रेस ने पंजाब को नशा मुक्त करने, बेरोजगारों को रोजगार और किसानों को सहूलियत देने का वादा किया है। इस मौके पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह, पंजाब कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष राजिंदर कौर भट्टल, कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति की प्रमुख अम्बिका सोनी, पार्टी की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी तथा कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला भी मौजूद रहे। 120 पन्ने के घोषणा पत्र में दस पन्ने बादल सरकार की कथित नाकामियों पर केंद्रित हैं।

कांग्रेस के वादे और पंजाब की मौजूदा स्थिति
नशा मुक्ति पर कांग्रेस का वादा
- सत्ता में आने के चार सप्ताह के भीतर नशे के कारोबार पर रोक लगाई जाएगी।

पंजाब की मौजूदा स्थिति
- 33 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में अफीम का सेवन करती है
- 2.30 लाख लोग नशे के आदी
- 1.5 लाख से अधिक नशे के रूप में हेरोइन का सेवन करते हैं
- 21 से 25 साल उम्र के 70 फीसदी ग्रामीण युवक कोई न कोई नशा करते हैं।
स्रोत :पीओडी सर्वे 2015

बेरोजगारी पर कांग्रेस का वादा
- 2500 रुपये हर महीने बेरोजगारों को दिए जाएंगे
- 33 फीसदी आरक्षण नौकरियों में महिलाओं को दिए जायेंगे
- 25 लाख नौकरियों के अवसर पांच साल में सृजित होंगे
- 3 फीसदी आरक्षण नौकरियों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 30 किमी दायरे में रह रहे युवाओं को मिलेंगे।  

पंजाब की मौजूदा स्थिति
- 3 फीसदी कुल बेरोजगारी दर पंजाब में
- 7.7 फीसदी बेरोजगारी दर ग्रामीण इलाकों में
- 72 फीसदी शिक्षित युवा कुल बेरोजगार युवाओं में
स्रोत : एनएसएसओ 68 चक्र की रिपोर्ट

किसानों के कर्ज माफ़ी पर कांग्रेस का वादा
- कांग्रेस किसानों का कर्ज माफ करने के लिए बैंकों से मिलकर उपाय करेगी
- फसल की उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के साथ अन्य सहूलियत भी देगी।  

पंजाब की वास्तविक स्थिति
- 69 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज का बोझ किसानों पर
- 449 किसानों ने अकेले 2015 में खुदकुशी की
स्रोत : पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला का सर्वे

बिजली पर कांग्रेस का वादा
- उद्योगों के लिए पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली का वादा
- उद्योगों के लिए पांच साल के लिए बिजली की दर तय होगी
- किसानों के लिए बिजली की दरों में कटौती की जाएगी।

पंजाब की मौजूदा स्थिति
- अभी उद्योगों को 7.6 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल रही बिजली
- 6364 करोड़ रुपये सालाना की सब्सिडी राज्य सरकार दे रही
- 5,197 करोड़ रुपये मुफ्त पंपिंग सेट चलाने के लिए किसानों को दिए जा रहे
- 10,525 मेगावॉट बिजली उपलब्ध, यह राज्य की मांग के अनुरूप है।

कांग्रेस के चुनावी अन्य वादे
- सीमावर्ती इलाकों के विकास के लिए विशेष पैकेज दिया जाएगा
- प्रवासी भारतीयों की समस्या एवं शिकायतों के लिए व्यापक प्रबंध
- अवैध कालोनियों को नियमित करने और पयर्टन के लिए नई नीति
- औद्योगिक विकास निधि को बढ़ाकर एक हजार करोड़ रुपये किया जाएगा
- प्रदेश पार्टी में वीवीआईपी संस्कृति को समाप्त किया जाएगा।

मुफ्त योजनाओं की झड़ी
- मीडिया कर्मियों को राज्य राजमार्गों पर टोल टैक्स से छूट होगी
- सभी पत्रकारों को राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा
- युवाओं को मुफ्त स्मार्ट फोन और छात्रों को मुफ्त किताबें
- लड़कियों की पीएसडी तक शिक्षा मुफ्त
- दलित, एससी, एसटी के लिए निशुल्क आवास की व्यवस्था।

प्रकाश पर्व और मोदी-नीतीश की 'जुगलबंदी'

गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव पर पटना साहिब की सरजमीं पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक साथ मौजूद थे। भाषण में दोनों ने एक-दूसरे की जमकर तारीफ की। ऐसा लग रहा था मुंह से फूल बरस रहे हों। लुधियाना की जमीन से उठी कड़वाहट पटना की जमीन पर मिठास में बदलती नजर आ रही थी।

भारत की राजनीति के दो पुरोधा एक-दूसरे की तारीफों में कसीदे पढ़ रहे थे। नीतीश कुमार ने भाषण शुरू किया, शराबबंदी पर मोदी के कामों की जमकर तारीफ की, नीतीश ने कहा, जब मोदी जी गुजरात के सीएम थे, तभी उन्होंने सबसे पहले शराबबंदी सख्ती से लागू किया था।

यह कोई पहला मौका नहीं है इससे पहले नीतीश कुमार पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले की जमकर सराहना कर चुके हैं। आज इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, नीतीश जी ने शराबबंदी का फैसला लेकर ऐसा काम करने की हिम्मत दिखाई है जिसे करने से पहले कई लोग डर जाते हैं। नशामुक्ति के लिए जिस प्रकार उन्होंने अभियान चलाया है मैं नीतीश जी का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को बनाने का बीड़ा उठाया है। मैं पूरे बिहार के लोगों से गुजारिश करता हूं कि शराबबंदी में नीतीश जी का सहयोग दें। यह अकेले नीतीश जी या फिर बिहार सरकार का काम नहीं है। शराबबंदी के बाद बिहार और तेजी से आगे बढ़ेगा और देश की तरक्की में बढ़-चढ़कर अपना योगदान देगा। बाकी राज्य अब बिहार से सीखेंगे।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने पटना साहिब में प्रकाशोत्सव के इंतजामों की जमकर सरहाना करते हुए कहा कि मैं नीतीश सरकार, उनके साथियों और बिहार के लोगों को बधाई देता हूं कि यहां के लिए प्रकाश पर्व खास अहमियत रखता है। नीतीश जी ने स्वयं गांधी मैदान आकर हर चीज की बारीकी से जांच-परख कर भव्य समारोह की योजना तैयार की है। आइए जानते हैं प्रकाश पर्व और मोदी-नीतीश की 'जुगलबंदी'- दोनों ने जमकर की एक-दूसरे को तारीफ, तारीफ की तो मायने निकलेंगे ही-

पीएम मोदी और नीतीश कुमार की नजदीकियों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। वैसे तो अटकलों का बाजार 9 नवंबर को ही गर्म हो गया था जब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के नोटबंदी की तारीफ की थी।

नीतीश कुमार ने बयान दिया था कि शुरुआत में नोटबंदी से लोगों को थोड़ी असुविधा होगी, लेकिन हर चीज को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। जहां पूरा विपक्ष और कुछ सहयोगी भी पीएम मोदी के इस कदम की आलोचना कर रहे थे, वहीं नीतीश कुमार पीएम मोदी की तारीफ में कसीदे पड़ रहे थे।

बिहार की राजधानी पटना की सड़कें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टर से भरी पड़ी हैं। दोनों नेताओं की तस्वीर एक ही पोस्टर में लगाई गई है। इन पोस्टर्स में दोनों नेताओं को विकास पुरुष बताया गया है।

सितम्बर 23, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक और आरएसएस के वरिष्ठ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी मनाने के लिए बनाई दो समितियों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जगह दी है।

मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत के बाद से नीतीश के सहयोगी आरजेडी के कुछ नेताओं के तीखे बयानों ने जेडीयू को बेचैन कर रखा है। नीतीश सरकार के एक अन्य सहयोगी दल कांग्रेस की इस मुद्दे पर अलग राय सामने आई है।

नीतीश ने स्पष्ट रूप से जीएसटी बिल पर सरकार के कदम की सराहना करते हुए उसका समर्थन किया था। पीएम मोदी लगातार अपने भाषणों में नीतीश कुमार का जिक्र करते रहे हैं। नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल की हाल में हुई बैठक में पीएम ने नीतीश का 5 बार जिक्र किया और कहा कि उनके सुझाव अच्छे थे।

नवंबर में यहां तक खबरें आयीं थी कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार के बीच मुलाकात हुई है। ये खबर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रहीं। हालांकि इस बारे में किसी ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी। कहा गया कि कि दोनों नेताओं की मुलाकात एक नवंबर को गुड़गांव के एक फॉर्महाउस में हुई थी। जानकारी के मुताबिक, एक नवंबर को नीतीश कुमार गुड़गांव आए थे। जब इस मुलाकात के बारे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम सुशील मोदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

पीएम मोदी और सीएम नीतीश कैसे दोस्त से दुश्मन बने? नीतीश कुमार ने 2002 में गुजरात दंगों की आलोचना नहीं की थी और एनडीए सरकार में बने रहे थे। साल 2003 में उन्होंने नरेंद्र मोदी और गुजरात में हुए विकास कार्यों की प्रशंसा की थी। नीतीश कुमार ने कहा था कि भविष्य में मोदी राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

नवंबर 2005 आते-आते नीतीश कुमार के रूख में परिवर्तन आ गया। बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही उन्होंने राज्‍य में मोदी के प्रचार पर रोक लगा दी। 2009 में दोनों के रिश्तों में तनाव तब आ गया, जब लुधियाना रैली में मोदी ने नीतीश का हाथ उठा दिया।

लुधियाना जनसभा में गुजरात के सीएम मोदी ने एकजुटता दिखाने के लिए नीतीश का हाथ पकड़कर जबरन उठा दिया था। साल 2010 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश ने कई बार कहा था कि नरेंद्र मोदी के साथ एक मंच पर नहीं आएंगे।

साल 2010 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही नीतीश ने मोदी को प्रचार के लिए बिहार में नहीं आने दिया था। जून 2010 में कोसी नदी में आई बाढ़ के बाद गुजरात सरकार की भेजी मदद की राशि को नीतीश में वापस लौटा दिया।

मई 2012 में नीतीश ने साफ कहा कि अगर मोदी पीएम पद के उम्मीदवार बने तो जदयू एनडीए से नाता तोड़ लेगी। जून 2012 में मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि बिहार शानदार राज्य था, लेकिन वहां के जातिवादी नेताओं ने तबाह कर दिया।

अप्रैल 2013 नरेंद्र मोदी के मुस्लिम टोपी ना पहनने पर नीतीश ने कहा, ''टीका भी लगाना होगा, टोपी भी पहननी होगी''।

16 जून 2013 को बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड का 17 साल पुराना गठबंधन खत्म हो गया।

जनवरी 2014 में 12 साल बाद नीतीश कुमार ने गुजरात दंगों को लेकर कहा, ''नरेंद्र मोदी को 2002 के लिए देश कभी माफ नहीं करेगा।''

बिहार चुनाव के दौरान मोदी ने मुज्जफरपुर की रैली में नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनकेे डीएनए में ही समस्या है। दोनों नेताओं की सियासी कड़वाहट इस हद तक पहुंच गई कि दोनों के विभिन्न मंचों पर हाथ तो मिले, लेकिन दिल नहीं मिले।