कश्मीरी युवक को सेना की जीप के आगे बांधने को अटार्नी जनरल ने सही ठहराया

कश्‍मीर के बड़गाम जिले में सेना द्वारा एक व्‍यक्ति को ढाल बनाकर जीप के आगे बांधने को अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सही ठहराया है।

उन्‍होंने कहा कि हालात की मांग यही थी और किसी की जान न जाए, यह सुनिश्चित करने का यह एक प्रभावी उपाय था।

भारत की केंद्र सरकार ने भी उस सैन्‍य अधिकारी का साथ दिया है जिसने कथित पत्‍थरबाज को 'मानव ढाल' बनाने का फैसला किया।

भारत सरकार ने अधिकारी द्वारा अपनी यूनिट, पैरामिलिट्री सैनिकों और जम्‍मू-कश्‍मीर के अधिकारियों की सुरक्षा के लिए इस कदम का समर्थन किया है।

सरकार ने सेना की उस जांच का संज्ञान लिया है जो 9 अप्रैल की घटना पर बिठाई गई थी।

जांच में कहा गया है कि कमांडिंग अधिकारी ने हिचकिचाते हुए आखिरी उपाय के तौर पर यह फैसला किया क्‍योंकि उसने महसूस किया कि उसकी यूनिट को उन सड़कों से होकर गुजरना है जहां पत्‍थरबाजों की भीड़ जमा है और जिन्‍होंने आस-पास की छतों पर पोजिशन ले रखी थी। जो जवान भीड़ के बीच फंसे थे, उनमें दर्जन भर स्‍थानीय सरकार के कर्मचारी, 9-10 आईटीबीपी जवान, कश्‍मीर पुलिस के दो कांस्‍टेबल और एक बस ड्राइवर शामिल था।