खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट से महंगाई दर में भारी गिरावट दर्ज की गई

खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट से महंगाई दर में मई महीने में भारी गिरावट दर्ज की गई है। खुदरा अथवा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर मई में घटकर 2.18 फीसदी रही जो पिछले साल के इसी महीने में 5.76 फीसदी थी।

आधिकारिक आंकड़ों से सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल में महंगाई दर 2.99 फीसदी रही थी। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचंकाक में (सीएफपीआई) मई में अपस्फीति देखी गई और यह नकारात्मक 1.05 फीसदी रही, जबकि साल 2016 की समान अवधि में यह 7.45 फीसदी पर थी।

इसमें कमी आने का मुख्य कारण दालों, अनाजों और खराब होने वाली वस्तुओं की कीमतों में गिरावट है। मई में सब्जियों की कीमतों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 13.44 फीसदी की गिरावट आई, दालों की कीमत में 19.44 फीसदी की तेज गिरावट आई। समीक्षाधीन माह में खाद्य पदार्थ और बेवरेज की कीमतों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.22 फीसदी की गिरावट आई।

गैर खाद्य पदार्थ श्रेणी में 'ईधन और बिजली' के क्षेत्र में सबसे ज्यादा 5.46 फीसदी की मुद्रास्फीति दर रही। ग्रामीण सीपीआई की दर मई में बढ़कर 2.30 फीसदी रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई दर 2.13 फीसदी रही। साल 2012 के बाद से मुद्रास्फीति की दर में यह सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

इस संबंध में पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2017-18 की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था।

अब महंगाई दर के नये आंकड़े आने के बाद रिजर्व बैंक पर ब्याज दर घटाने का दबाव बढ़ सकता है। अगर रिजर्व बैंक ब्याज दर घटाता है तो बैंकों को आरबीआई से अधिक नगदी मिल सकेगी और इस वजह से कस्टमर्स को भी सस्ते लोन मिल सकेंगे।