बेनामी संपत्ति पर आयकर विभाग सख्त: 230 केस दर्ज

भारत में नए बेनामी लेन-देन अधिनियम के तहत आयकर विभाग ने 230 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। आयकर विभाग ने बुधवार को बताया कि नए बेनामी लेन-देन अधिनियम के तहत 55 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति कुर्क भी की गई है।

आयकर विभाग ने 140 मामलों में संपत्ति के अटैचमेंट को लेकर शोकॉज नोटिस भी जारी किए हैं। इनमें से 124 मामलों में बेनामी संपत्ति को अटैच किया जा चुका है जिसकी कीमत करीब 55 करोड़ रुपये है।

बेनामी संपत्ति वह है जिसकी कीमत किसी और ने चुकाई हो, किन्तु नाम किसी दूसरे व्यक्ति का हो। यह संपत्त‍ि पत्नी, बच्चों या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी गई होती है जिसके नाम पर ऐसी संपत्त‍ि खरीदी गई होती है, उसे 'बेनामदार' कहा जाता है। बेनामी संपत्ति चल या अचल संपत्त‍ि या वित्तीय दस्तावेजों के तौर पर हो सकती है।

कुछ लोग अपने काले धन को ऐसी संपत्ति में निवेश करते हैं जो उनके खुद के नाम पर ना होकर किसी और के नाम होती है। ऐसे लोग संपत्ति अपने नौकर, पत्नी-बच्चों, मित्रों या परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से खरीदते लेते हैं। अगर किसी ने अपने बच्चों या पत्नी के नाम संपत्ति खरीदी है, लेकिन उसे अपने आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया तो उसे बेनामी संपत्ति माना जायेगा।

इस नए कानून के अन्तर्गत बेनामी लेन-देन करने वाले को 3 से 7 साल की जेल और उस प्रॉपर्टी की बाजार कीमत पर 25 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान है। अगर कोई बेनामी संपत्ति की गलत सूचना देता है तो उस पर प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत तक जुर्माना और 6 महीने से 5 साल तक की जेल का प्रावधान रखा गया है।

इनके अलावा अगर कोई ये सिद्ध नहीं कर पाया की ये सम्पत्ति उसकी है तो सरकार द्वारा वह सम्पत्ति जब्त भी की जा सकती है।