मुफ्ती ने कहा, या तो राम रहेंगे या रहीम, ये दोनों साथ नहीं रह सकते

बिहार की नीतीश सरकार के मंत्री खुर्शीद आलम द्वारा 'जय श्री राम' कहने से विवाद बढ़ने पर उन्होंने माफी मांग ली है, लेकिन मंत्री के खिलाफ जारी फतवा और उसे जारी करने वाले इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती सोहेल कासमी के बयान पर अभी भी बहस जारी है।

रविवार (30 जुलाई) को टीवी चैनल 'आज तक' पर डिबेट के दौरान मुफ्ती ने कहा कि या तो राम रहेंगे या रहीम, ये दोनों साथ नहीं रह सकते।

मुफ्ती ने बार-बार इस बात की तस्दीक की कि मंत्री खुर्शीद आलम ने यह कहा था कि वो राम और रहीम की पूजा एक साथ करते हैं। जब एंकर ने उनसे यह पूछा कि क्या खुर्शीद आलम के जय श्री राम कहने पर आपको कोई आपत्ति है तो मुफ्ती ने कहा, इससे हमें कोई परहेज नहीं है, लेकिन राम और रहीम की पूजा एक साथ नहीं हो सकती।

मुफ्ती ने साफ किया कि सिर्फ जय श्री राम का नारा लगाने की वजह से खुर्शीद आलम के खिलाफ फतवा जारी नहीं किया गया है बल्कि उन्होंने यह बयान दिया कि वो राम और रहीम की पूजा एकसाथ करते हैं, इस जुमले की वजह से उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया है। मुफ्ती ने कहा कि इस्लाम में बुनियादी कलमा है, लाइलाहइलल्ला ... यानी इस्लाम में अल्लाह ही सबसे ऊपर है।

इससे पहले मुफ्ती ने खुर्शीद आलम के खिलाफ फतवा जारी कर कहा था कि ''जो मुसलमान जय श्री राम का नारा लगाए और ये कहे कि मैं रहीम के साथ-साथ राम की भी पूजा करता हूं .... मैं भारत के सभी धार्मिक स्थान पर माथा टेकता हूं ....  ऐसा व्यक्ति इस्लाम से खारिज और मुस्तद है। उसकी पत्नी उसके निकाह से बाहर हो गई। ऐसे व्यक्ति पर दोबारा ईमान कबूल करना एवं दोबारा निकाह करना और तौबा करना आवश्यक है। और जब तक वह ऐसा नहीं करे, तब तक मुस्लिमों को उससे किसी तरह का संबंध रखना स्थाई तौर पर जायज नहीं है। ऐसे शख्स से खुद भी बचें और मुसलमानों को भी बचाएं।''

बिहार के गन्ना और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने एक मुफ्ती की आलोचना के बाद रविवार को माफी मांग ली।

शुक्रवार को राजग सरकार के विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद फ़िरोज़ अहमद ने जय श्रीराम का नारा लगाया था। बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड के पश्चिम चंपारण जिले के सिकटा विधानसभा क्षेत्र से विधायक खुर्शीद ने नीतीश कुमार नीत प्रदेश की नवगठित राजग सरकार के गत शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद सदन परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जय श्रीराम के नारे लगाए थे।

खुर्शीद ने रविवार को कहा कि अगर उनके किसी भी बयान से किसी को तकलीफ पहुंची है, तो उसके लिए वे माफी मांगते हैं। उन्होंने उक्त कथन को तोड़-मरोड़कर पेश करने और साजिश रचने का आरोप लगाया।