मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार: कई वरिष्ठ आईएएस और नेताओं से पूछताछ कर सकती है सीबीआई

बिहार में मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार मामले में बरामद सबूतों के आधार पर सीबीआई कई और लोगों से पूछताछ कर सकती है। खासकर कई आईएएस, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और राजनेता से पूछताछ हो सकती है। जब्त कागजात के आधार पर सीबीआई इनकी सूची तैयार कर रही है। बिहार के दो -तीन टॉप वरीय आईएएस अफसरों की गतिविधियों पर कड़ी नजर है। इन अफसरों से ब्रजेश ठाकुर से निकटता रही है और ब्रजेश के धंधे को फलने-फूलने में इन्होंने काफी मदद की है।

हाल के वर्षों में समाज कल्याण विभाग में पदस्थापित अफसरों की सूची भी सीबीआई तैयार कर रही है, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। शुक्रवार की छापेमारी में सीबीआई को कई महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे हैं। सीबीआई शनिवार को पूरे दिन इन जब्त कागजात को खंगालती रही। जब्त कागजात के आधार पर सीबीआई अगली कड़ी तक पहुंचने की कोशिश में है। ब्रजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर स्थित आवास व अखबार के दफ्तर से कम्प्यूटर व लैपटॉप मिले हैं। सीबीआई कम्प्यूटर व लैपटॉप को सेन्ट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में जांच के लिए भेजेगी। सीबीआई को उम्मीद है कि इस कम्प्यूटर व लैपटॉप से ब्रजेश ठाकुर व उसके गठजोड़ का पता चलेगा।

शुक्रवार की छापेमारी में सीबीआई को पटना के एक शैक्षिक संस्थान के परिसर में स्थित ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रात: कमल के दफ्तर से कई यौन व शक्तिवर्द्धक दवाएं मिली थीं। इस छापेमारी में भी कई महत्वपूर्ण कागजात मिले हैं। सीबीआई को आशंका है कि कहीं बालिका गृह की लड़कियों को यहां अनैतिक कार्य के लिए तो नहीं लाया जाता था।

उधर, पटना के आसरा गृह मामले को लेकर भी पूरे दिन शहर में चर्चा जोरों पर रही। चर्चा है कि सीबीआई आसरा गृह मामले की भी जांच कर सकती है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में होने वाली है। सबकी निगाहें पटना हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी है। अब पटना हाईकोर्ट पर निर्भर करेगा कि मनीषा दयाल मामले की जांच सीबीआई को सौंपती है या फिर पटना पुलिस इस मामले की जांच करेगी। सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फरपुर के बालिका गृह और पटना के आसरा होम्स मामले में काफी समानता हैं।