
नरेंद्र मोदी सरकार ने छोटे निवेशकों को दिया झटका
भारत में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने छोटे निवेशकों को झटका दिया है। सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम के तहत आने वाले पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) अकाउंट, किसान विकास पत्र (केवीपी) और राष्ट्रीय बचत पत्र (एन एस सी) पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की है। शुक्रवार (30 जून) को सरकार ने इन छोटे निवेशों पर 10 बेसिस प्वाइंट इन्टेरेस्ट रेट में कटौती की है।
अब पीपीएफ और एनएससी पर 7.8 फीसदी ब्याज मिलेगा, जबकि केवीपी पर 7.5 फीसदी ब्याज मिलेंगे। इनके अलावा वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजनाओं और सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें भी फिर से निर्धारित की गई हैं। इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इसे 8.3 फीसदी रखा गया है। नई दरें एक जुलाई से लागू होगी।
इससे पहले एनएससी और पीपीएफ खातों पर 7.9 फीसदी और किसान विकास पत्र पर 7.6 फीसदी ब्याज दिया जा रहा था। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सुकन्या समृद्धि योजना पर इससे पहले 8.4 फीसदी ब्याज दिया जा रहा था। इससे पहले 31 मार्च को भी ब्याज दरों में कटौती की गई थी। उस समय भी ब्याज दरों में 0.1 फीसदी की कटौती की गई थी।
गौरतलब है कि पीपीएफ को टैक्स बचाने का सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है। इस योजना में ब्याज दर सरकार निर्धारित करती है जिसके चलते हर साल बदलाव आता है। वर्तमान में पीपीएफ पर 7.9 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज मिलता था। कोई भी व्यक्ति किसी भी राष्ट्रीय बैंक, प्राइवेट बैंक या पोस्ट ऑफिस में 15 साल के लिए पीपीएफ खाता खुलवा सकता है। इसमें न्यूनतम 500 से लेकर डेढ़ लाख रुपये सालाना तक जमा करा सकता है। तीसरे साल से इस राशि पर लोन लिया जा सकता है। पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता है। खाता खुलाने के छह साल बाद आप एक तय राशि निकाल सकते हैं।










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