नीतीश को करना था उद्घाटन, 15 घंटे पहले ही बांध टूट गया

बिहार के तथाकथित सुशासन बाबू का सुशासन देखिए कि उनके शासन में बाँध का उद्घाटन होने से पहले ही बाँध टूट गया।

इससे बड़ी शर्मिंदगी की बात क्या हो सकती है कि इंजीनियर से पोलिटिशियन बने नीतीश कुमार को उद्घाटन करना था, लेकिन 15 घंटे पहले ही बांध टूट गया, इससे बिहार में नीतीश सरकार की भद पिट गई।

बांध टूटने से ज़िले के आला प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ गई है, सभी में हड़कंप मचा है। कोई भी अधिकारी शर्म से फोन रिसीव नहीं कर रहा।

कहलगाँव के एक आला अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इस खबर की पुष्टि की है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को इस बांध का उदघाट्न करने वाले थे, लेकिन अब यह कार्यक्रम टल गया है।

बिहार के भागलपुर में बीते 40 साल से बन रही बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर योजना का बांध उदघाट्न के ठीक एक दिन पहले मंगलवार शाम को ही टूट गया। यह तो गनीमत रही कि बांध का पानी ग़ांव की तरफ नहीं आया।

ये बांध कहलगाँव एनटीपीसी आवासीय एरिया सीआईएसएफ क्वाटर के नजदीक में करीब छह फीट टूटा है। एक बार जब नहर का पानी जवानों के क्वार्टर में घुसने लगा तो वहां अफरातफरी मच गई।

इस योजना पर 389.31 करोड़ रुपए खर्च हुए है।

पीरपैंती के विधायक रामविलास पासवान ने बांध टूटने की घटना को इंजीनियर और ठेकेदार के गठजोड़ का नतीजा बताया है।

यह योजना लिफ्ट सिंचाई दर्जे की योजना है। इसके तहत भागलपुर के कहलगांव ब्लाक के शेखपुरा ग़ांव के नजदीक गंगा नदी के तट पर स्थित कौआ व गंगा नदी के संगम के नजदीक पंप हाउस नंबर एक बनाया गया है। इससे आगे डेढ़ किलो मीटर शिवकुमारी पहाड़ी के नजदीक पंप हाउस नंबर दो बनाया है। इन दोनों से पानी को दो स्टेज पर 17 और 27 मीटर लिफ्ट कर मुख्य नहर व इससे निकली वितरण प्रणाली को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाना है।

इस योजना से भागलपुर ज़िले की 18620 हेक्टेयर और झारखंड के गोड्डा ज़िले की 22658 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी यानी इससे बिहार और झारखंड को फायदा होगा।

शुरआत में यह योजना 13.88 करोड़ रुपए की थी। 1977 में योजना आयोग ने इसकी मंजूरी दी थी।