10 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर, बैंकिंग सेवाएं दो दिन ठप रहेंगी

भारत में सरकारी बैंकों के प्रबंधन भारतीय बैंक संघ के दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव के विरोध में बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल आज से शुरु हो गई। इसके चलते देशभर के सरकारी बैंकों में बैंकिंग सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि निजी क्षेत्र के आई सी आई सी आई बैंक, एच डी एफ सी बैंक और एक्सिस बैंक में काम सामान्य तौर पर चल रहा है। सिर्फ चेक क्लियरेंस जैसी कुछ सेवाएं बाधित हुई हैं।

हड़ताल के महीने के आखिर में पड़ने से बैंक शाखाओं से वेतन की निकासी प्रभावित हुई है, वहीं कुछ एटीएम मशीनों के प्रभावित होने की भी संभावना है। इसके अलावा शाखाओं में जमा, सावधि जमा का नवीनीकरण, सरकारी खजाने से जुड़े काम, मुद्रा बाजार से जुड़े इत्यादि अन्य कामों पर इस हड़ताल का असर देखा जा सकता है।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी एच वेंकटाचलम ने कहा कि बैंक और उनके कर्मचारी संघों के बीच कई दौर की वार्ताओं के विफल होने के बाद यूनियन फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन (यू एफ बी यू) ने प्रस्तावित दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के विरोध में दो दिन की हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है क्योंकि पिछली बार 15 फीसदी की वेतन वृद्धि दी गई थी। यू एफ बी यू नौ बैंकों के कर्मचारी संघों का सम्मिलित संगठन है।

अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (ए आई बी ओ सी) के संयुक्त महासचिव रविंद्र गुप्ता ने कहा, ''इस तरह की वेतन वृद्धि का प्रस्ताव, एक तरह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों का अपमान है। हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।''

उन्होंने कहा कि सरकार की मुद्रा योजना, जनधन योजना और नोटबंदी जैसी सभी योजनाओं की सफलता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुनिश्चित करते हैं और बदले में उसके कर्मचारियों को सिर्फ दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की पेशकश की जाती है। यह उन बैंक कर्मियों के साथ अन्याय है जो देश निर्माण में कठिन परिश्रम करते हैं।

वेंकटाचलम ने कहा कि देशभर में करीब 10 लाख बैंक कर्मी इस हड़ताल में भाग ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारत में 21 सरकारी बैंकों की करीब 85,000 शाखाएं हैं जिनकी बाजार हिस्सेदारी करीब 70 प्रतिशत है। इस हड़ताल में शामिल होने की जानकारी भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत अधिकतर बैंकों ने पहले ही दे दी थी।