उमेश कुमार ने सार्वजनिक किया स्टिंग, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र पर लगाया रिश्वत लेने का आरोप
दिल्ली/देहरादून: समाचार प्लस चैनल के मालिक उमेश कुमार ने आज मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने उत्तराखंड के त्रिवेंद्र रावत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें बिना किसी आधार के जेल में बंद करवाया। साथ ही उन्होंने सीएम पर 50 लाख रिश्वत लेने की भी बात कही है। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने उमेश कुमार के इस आरोप पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने उमेश कुमार पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाकर पिछले साल उन्हें गिरफ्तार करवाया था जिसके बाद आज उमेश कुमार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। उमेश कुमार ने कहा कि बिना किसी जुर्म के उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ एफआईआर दिखाते हुए उन्होंने कहा कि ''इसमें गिरफ्तारी का जो आधार बताया गया है, वो है कि मैं स्टिंग ऑपरेशन के जरिए त्रिवेंद्र रावत की सरकार गिराने वाला था, कोई बताए कि क्या केवल संभावना के आधार पर किसी की गिरफ्तारी हो सकती है?
इसके बाद गिरफ्तारी के खिलाफ दिए गए कोर्ट के आदेश को भी उमेश कुमार ने मीडिया के सामने रखा। जिसमें इस गिरफ्तारी को गलत बताया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार और उत्तराखंड पुलिस ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में मेरे खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दायर किया गया और लोकल ट्रेन से मुझे देहरादून से रांची ले जाया गया।
राजद्रोह के मामले में उमेश कुमार ने कहा कि अमृतेश को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने के लिए त्रिवेंद्र रावत और उसके बीच 50 लाख रिश्वत की बात हुई थी। जिसमें से 25 लाख रुपए नोटबन्दी के दौरान त्रिवेंद्र रावत के खाते में जमा हुए। बता दें कि झारखंड में अमृतेश सिंह चौहान ने उमेश कुमार के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दायर कराया था।
इसके अलावा उमेश कुमार ने त्रिवेंद्र रावत के भाई और भतीजे का स्टिंग भी मीडिया को दिखाया। जिसमें वे खनन को लेकर बात करते नजर आ रहे हैं। उमेश कुमार ने कहा कि इसी सब को छिपाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने उन्हें जेल में बंद रखा।
वहीं उमेश शर्मा के आरोपों पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विवादित व्यक्ति के बारे में उन्हें कुछ नहीं कहना है। वे उस व्यक्ति के बारे में कहकर उसे महत्वता नहीं देना चाहते।