संभल जामा मस्जिद परिसर के कुएं से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

संभल जामा मस्जिद परिसर के कुएं से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

शुक्रवार, 10 जनवरी, 2025

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 10 जनवरी, 2025 को भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद परिसर में स्थित कुएं की स्थिति में कोई बदलाव न करने के आदेश दिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाली दो जजों की बेंच सुनवाई कर रही थी।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच मस्जिद कमिटी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि 'संभल जिला प्रशासन' पुराने मंदिरों और कुएं को पुनर्जीवित यानी फिर से शुरू करने के लिए एक कथित अभियान चला रहा है।

मस्जिद कमिटी ने दलील दी कि रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि ऐसे कम से कम 32 पुराने मंदिरों को पुनर्जीवित किया गया है जिनमें अब कोई पूजा-अर्चना नहीं होती या जो बंद हैं। वहीं 19 ऐसे कुओं की भी पहचान की गई है जिन्हें सार्वजनिक प्रार्थनाओं/उपयोग के लिए चालू किया जा रहा है।

मस्जिद कमिटी ने ये भी कहा है कि संभल की मस्जिद का कुआं भी इस सूची का हिस्सा है। इस कुएं का आधा हिस्सा मस्जिद में है। इसलिए कमिटी ने कोर्ट से ये अपील की है कि वो ये निर्देश दे कि अदालत के आदेश के बिना इस कुएं के मामले में कोई कदम न उठाया जाए।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 21 फ़रवरी 2025 को करेगा।

मस्जिद कमिटी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि संभल नगर पालिका के नोटिस में मस्जिद को हरि मंदिर बताया गया है और इसमें जल्द ही पूजा करना शुरू किया जा सकता है।  इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी दाख़िल करने को कहा।

हालांकि बेंच ने हुजैफा अहमदी से कहा कि उन्हें कुएं से दूसरों को पानी लेने की अनुमति देनी होगी। इस पर हुजैफा अहमदी ने आशंका जताई कि कुंए को खोदा जा सकता है।

इसके जवाब में सीजेआई ने मौखिक रूप से कहा कि इसकी इजाज़त नहीं है।