ईरान के परमाणु वैज्ञानिक को रिमोट नियंत्रित हथियार से किसने मारा?
ईरान का मानना है कि इसराइल और निर्वासित विपक्षी समूह ने उसके शीर्ष के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह को 27 नवंबर 2020 को मारने के लिए एक रिमोट नियंत्रित हथियार का इस्तेमाल किया था।
तेहरान में फ़ख़रीज़ादेह की अंत्येष्टि के दौरान ईरान के सुरक्षा प्रमुख अली शामख़ानी ने कहा कि हमलावरों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल किया और वे वारदात स्थल पर मौजूद नहीं थे।
हालांकि उन्होंने इसे लेकर और जानकारी नहीं दी। शुरुआत में ईरानी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि फ़ख़रीज़ादेह की कार को कुछ बंदूकधारियों ने निशाना बनाया था और उसी दौरान उन्हें गोली मारी गई थी।
इसराइल ने ईरान के इन दावों पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। 2000 के दशक की शुरुआत में फ़ख़रीज़ादेह ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम में अहम भूमिका अदा की थी।
सबसे अहम बात यह है कि हाल ही में इसराइल ने फ़ख़रीज़ादेह को लेकर कहा था कि वो ईरान के गोपनीय परमाणु हथियार को विकसित करने में लगे हुए हैं।
ईरान हमेशा से कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम हथियार विकसित करने के लिए नहीं है। फ़ख़रीज़ादेह की अंत्येष्टि का कार्यक्रम तेहरान स्थित ईरान के रक्षा मंत्रालय के कैंपस में हुआ। अंत्येष्टि के कुछ अवशेष उत्तरी तेहरान में स्थित एक क़ब्रिस्तान को सौंपा गया।
ईरान के सरकारी टीवी में दिखा कि ईरानी राष्ट्रध्वज में लिपटे फ़ख़रीज़ादेह के ताबूत को सैनिकों और सीनियर अधिकारी उठाए आगे बढ़ रहे थे। इनमें ख़ुफ़िया मंत्री महमूद अलावी, रिवॉल्युशनरी कोर कमांडर जनरल हुसैन सलामी और परमाणु प्रोग्राम के प्रमुख अली अकबर सालेही ने फ़ख़रीज़ादेह की श्रद्धांजलि में नमाज़ अदा की।
ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल के सचिव एडमिरल शामख़ानी ने फ़ख़रीज़ादेह की अंत्येष्टि कार्यक्रम में कहा कि ईरानी ख़ुफ़िया और सुरक्षा सेवाओं को फ़ख़रीज़ादेह की हत्या की साज़िश का अंदेशा पहले से ही था।
शामख़ानी ने कहा, ''उनकी सुरक्षा को लेकर ज़रूरी उपाय किए गए थे लेकिन दुश्मनों ने बिल्कुल नया तरीक़ा इस्तेमाल किया। इस हत्या को अंजाम पेशेवर और ख़ास तरीक़े से दिया गया है। दुर्भाग्य से हमारे दुश्मन इसमें सफल रहे। यह बहुत ही जटिल मिशन था क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल किया गया है। वारदात स्थल पर कोई भी मौजूद नहीं था।''
एडमिरल शामख़ानी ने कहा कि इस हत्या को अंजाम देने वालों का कुछ सुराग़ मिला है। उन्होंने कहा, ''इसमें यहूदी शासन और मोसाद के साथ निर्वासित ईरानी विपक्षी समूह मुजाहिदीन-ए-ख़ाल्क़ (एमकेओ) निश्चित तौर पर शामिल रहा है।''
मोसाद इसराइल की ख़ुफ़िया एजेंसी है और यहूदी शासन इसराइल के लिए इस्तेमाल किया गया है। एमकेओ ईरान का निर्वासित विपक्षी धड़ा है जो मुल्क में वर्तमान सरकार के ढाँचे का विरोध करता है। ईरान की ओर से यह बयान तब आया है जब वहां की फार्स न्यूज़ एजेंसी ने फ़ख़रीज़ादेह की हत्या में रीमोट-कंट्रोल मशीन गन के इस्तेमाल की बात कही है।
अरबी भाषा के अल-अलाम टीवी की रिपोर्ट के अनुसार इस तरह के हथियार का इस्तेमाल सैटेलाइलट कंट्रोल के ज़रिए किया जाता है। 27 नवंबर 2020 को जब ईरानी परमाणु वैज्ञानिक की हत्या हुई तो रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि पूर्वी तेहरान में हथियारबंद आतंकवादियों ने फ़ख़रीज़ादेह की कार को निशाना बनाकर हमला किया था।
मंत्रालय ने कहा था कि फ़ख़रीज़ादेह को उनके सुरक्षा गार्ड और हमलावरों के बीच की गोलाबारी में गोली लगी थी और इसी दौरान उनकी मौत हो गई। सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें पोस्ट की गई हैं उनमें दिख रहा है कि गोलियों से छलनी हुई कार के साथ मलबे और ख़ून बिखरे पड़े हैं।
30 नवंबर 2020 को फ़ख़रीज़ादेह की अंत्येष्टि में ईरान के रक्षा मंत्री जनरल आमिर हतामी ने संकल्प दोहराया कि इस हत्या का बदला लिया जाएगा।
आमिर ने कहा, ''दुश्मनों को पता है और एक सैनिक के तौर पर मैं उन्हें कह रहा हूं ईरान के लोग हर एक का जवाब देंगे।''
ईरानी रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ डिफेंसिव इनोवेशन एंड रिसर्च में फ़ख़रीज़ादेह अहम काम कर रहे थे। यहां परमाणु सुरक्षा को लेकर ईरान काम कर रहा है।
फ़ारसी में इस ऑर्गेनाइज़ेशन को SPND कहा जाता है। ईरानी रक्षा मंत्री ने कहा कि SPND का बजट दोगुना किया जाएगा ताकि 'शहीद डॉक्टर' की राह को और तेज़ी से हासिल किया जा सके।
ईरान के मीडिया का दो चीज़ों पर ज़ोर है। पहला ईरानी वैज्ञानिक की हत्या का बदला लेना और दूसरा ये कि ईरान को इसराइल के झाँसे में नहीं फँसना चाहिए क्योंकि वो तनाव बढ़ाकर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को चौपट करना चाहता है।