विदेश

ओमान के समुद्र में तेल टैंकर पर 'हथियारबंद लोगों' का हमला, ईरान के लिए टैंकर का रूट बदला गया

ओमान के समुद्र में तेल टैंकर पर 'हथियारबंद लोगों' का हमला, ईरान के लिए टैंकर का रूट बदला गया

गुरुवार, 11 जनवरी 2024

ब्रिटिश शिपिंग कमर्शियल ऑपरेशंस डिपार्टमेंट ने गुरुवार, 11 जनवरी 2024 को ये बताया है कि उसे ओमान के तट से लगभग 92 किमी पूर्व और सोहर बंदरगाह के पास एक तेल टैंकर को 'चार से पांच हथियारबंद लोगों के हमले' का निशाना बनाने की जानकारी मिली है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, "सशस्त्र हमलावरों ने सैन्य शैली की वर्दी और काले नक़ाब पहने थे।''

इस बीच, ईरान के कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने एक तेल टैंकर को "जब्त" करने के बारे में रिपोर्टें दी हैं। ईरान ने अभी तक इस मामले पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

ब्रिटेन के कमर्शियल शिपिंग ऑपरेशंस अथॉरिटी का कहना है कि वो इस रिपोर्ट के बाद जहाज के साथ आगे संपर्क नहीं कर पाया है और अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।

वहीं, ब्रिटिश मैरीटाइम सिक्योरिटी कंपनी (एम्ब्री) का यह भी कहना है कि "इस टैंकर पर अतीत में ईरान द्वारा तेल ले जाने के लिए मुकदमा चलाया गया था और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा इसे जब्त कर लिया गया था।''

एम्ब्री के मुताबिक, मार्शल आइलैंड्स के झंडे वाले इस तेल टैंकर ने अपना रास्ता बदलकर ईरान के जस्क बंदरगाह की ओर रुख कर लिया है। यूरो न्यूज़ ने यह भी लिखा कि "हथियारबंद लोगों द्वारा जब्त किया गया तेल टैंकर ईरानी जल क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है।''

यह टैंकर कच्चा तेल लेकर जा रहा था और इराक़ के बसरा बंदरगाह में लोड करने के बाद यह तुर्की की ओर बढ़ रहा था, लेकिन बाद में इसने अपना रास्ता बदल लिया।

इस रिपोर्ट के अनुसार, यह टैंकर संभवतः 'स्वेज़ राजन' नाम का वही टैंकर है जिसे 30 मई 2023 को अमेरिका के ह्यूस्टन से अस्सी किलोमीटर दूर गैलवेस्टन में रोक दिया गया था और संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्रतिबंधों के कार्यान्वयन के अनुरूप इसे जब्त कर लिया था। उस समय, ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि वे 'जवाबी' कार्रवाई करेंगे।

अमेरिका ने पन्नू मामले में निखिल गुप्ता के ख़िलाफ़ सबूत देने से इंकार किया

अमेरिका ने पन्नू मामले में निखिल गुप्ता के ख़िलाफ़ सबूत देने से इंकार किया

गुरुवार, 11 जनवरी 2024

अमेरिकी सरकार ने निखिल गुप्ता के खिलाफ़ कोर्ट में सबूत देने पर आपत्ति जतायी है और कहा है कि जब तक वो न्यूयॉर्क की कोर्ट में पेश नहीं किए जाते तब तक इस मामले में निखिल गुप्ता के वकील को डिफ़ेंस मैटेरियल यानी सबूत नहीं दिए जाएंगे।

निखिल गुप्ता अमेरिका में एक खालिस्तानी नेता की हत्या की असफल साजिश के मामले में मुख्य अभियुक्त हैं जो इस समय चेक गणराज्य की जेल में हैं।

भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के वकील ने न्यूयॉर्क की कोर्ट से अपील की थी कि अमेरिकी सरकार निखिल गुप्ता पर लगाए गए आरोपों के सबूत मुहैया कराए। लेकिन अब अमेरिकी सरकार ने ऐसा करने से इंकार किया है।

नवंबर 2023 में अमेरिका ने ये दावा किया है कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए एक व्यक्ति को एक लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) की सुपारी दी गई थी। अमेरिकी कोर्ट में पेश दस्तावेजों में दावा किया गया है कि "निखिल गुप्ता को भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे।''

30 जून 2023 से निखिल गुप्ता चेक गणराज्य की जेल में बंद हैं। अमेरिकी सरकार उनके प्रत्यर्पण की कोशिशों में लगी हुई है।

भारत ने इस आरोप की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है जो अमेरिका से मिले सबूतों के आधार पर मामले की जांच कर रही है।

मालदीव और चीन ने पर्यटन सहयोग सहित 20 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए

मालदीव और चीन ने पर्यटन सहयोग सहित 20 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए

बुधवार, 10 जनवरी 2024

भारत और मालदीव के बीच चल रहे राजनयिक तनाव के बीच बुधवार, 10 जनवरी 2024 को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के साथ बैठक की और इसके बाद दोनों देशों ने पर्यटन सहयोग सहित 20 "प्रमुख" समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को और व्यापक करने की घोषणा की।

इस बैठक को लेकर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने कहा कि वह चीन में अपने पहले आधिकारिक दौरे को लेकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं और उन्हें खुशी है कि वो चीन के लिए इस साल के पहले विदेशी राजनीतिक मेहमान हैं।

मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर लिखा, "आज मालदीव सरकार और चीन सरकार के बीच 20 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और ये दोनों राष्ट्रपतियों की मौजूदगी में हुआ।''

जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए है उसमें टूरिज़्म कोऑपरेशन, ब्लू इकॉनमी, आपदा प्रबंधन, डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश को मजबूत करना शामिल है। इसके साथ ही चीन मालदीव को अनुदान सहायता भी देगा, लेकिन वो रकम कितनी होगी इसकी जानकारी नहीं दी गयी है।

इसके अलावा समझौतों में चीन के बेल्ट एंड रोड पहल के ज़रिए निर्माण के कामों में तेज़ी लाना, फुशीदिग्गारु फाल्हू पर आवास परियोजना, फिशरी के उत्पादों के कारखाने बनाना, माले और विलीमाले में सड़क विकास परियोजनाओं का पुन: विकास करना भी शामिल है।

चीन की सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़, शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन मालदीव का सम्मान और समर्थन करता है और वो मालदीव के राष्ट्रीय हित में किए जा रहे विकास के एजेंडे में उनकी मदद करेगा। साथ ही चीन राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने में मालदीव के साथ दृढ़ता से खड़ा है।

भारत-मालदीव विवाद

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू चीन का पांच दिवसीय दौरा ऐसे समय कर रहे हैं जब भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया है।

दरअसल बीते दिनों मालदीव के दो मंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद सोमवार, 8 जनवरी 2024 को राजनयिक स्तर पर दोनों देशों के अधिकारियों को तलब किया गया।

भारत में मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम साहिब को तलब किया गया।  मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने माले में एंबेसडर एट लार्ज नसीर मोहम्मद से मुलाक़ात की।

मुइज़्ज़ू सरकार ने तीन डिप्टी मंत्रियों को उनके सोशल मीडिया पर किए गए अपमानजनक पोस्ट के लिए सस्पेंड कर दिया है।

मंगलवार, 9 जनवरी 2024 को मुइज़्ज़ू ने चीन में कहा था कि चीन कोविड महामारी से पहले मालदीव के पर्यटन के मामले में सबसे बड़ा देश था और उसे वापस ये जगह लेने की 'कोशिशें तेज़ कर देनी चाहिए'।

इस समय पर्यटन के लिहाज से सबसे ज्यादा भारतीय पर्यटक मालदीव जाते हैं।

पाकिस्तान: पेशावर हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग का फ़ैसला पलटा, इमरान ख़ान की पार्टी का 'बैट' सिम्बल बहाल

पाकिस्तान: पेशावर हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग का फ़ैसला पलटा, इमरान ख़ान की पार्टी का 'बैट' सिम्बल बहाल

बुधवार, 10 जनवरी 2024

पाकिस्तान के पेशावर हाई कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़' के चुनाव चिह्न से जुड़े मामले में फैसला सुनाते हुए उसके चुनाव चिह्न 'बैट' को बहाल कर दिया है।

बुधवार, 24 जनवरी 2024 को जस्टिस इजाज़ अनवर और जस्टिस अरशद अली की बेंच ने पेशावर हाई कोर्ट में पीटीआई के आंतरिक चुनावों को रद्द करने और पार्टी सिम्बल 'बैट' को ज़ब्त करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर अपील पर सुनवाई की।

पेशावर हाई कोर्ट ने अपने संक्षिप्त फैसले में कहा कि पाकिस्तान के चुनाव आयोग का 22 दिसंबर 2023 का फ़ैसला असंवैधानिक है।

फैसले में पेशावर हाई कोर्ट ने कहा कि पीटीआई के आंतरिक चुनावों का सर्टिफिकेट वेबसाइट पर जारी किया जाना चाहिए और इमरान ख़ान की पार्टी बल्ले के निशान की हकदार है।

22 दिसंबर 2023 को चुनाव आयोग ने पीटीआई के सांगठनिक चुनावों को अमान्य घोषित कर दिया था और इस फ़ैसले के साथ पीटीआई ने अपना चुनाव चिह्न बल्ला खो दिया था।

इमरान ख़ान फिर अयोग्य घोषित किए गए

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के संस्थापक इमरान खान को एनए-89 मियांवाली सीट से चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी गई।

पिछले हफ्ते इमरान खान का नामांकन पत्र खारिज होने के ख़िलाफ़ दायर अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

चुनाव न्यायाधिकरण ने एनए-89 मियांवाली से नामांकन पत्र की अस्वीकृति के खिलाफ इमरान खान की अपील को खारिज कर दिया है।

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने शी जिनपिंग से मुलाक़ात के बाद क्या कहा?

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने शी जिनपिंग से मुलाक़ात के बाद क्या कहा?

बुधवार, 10 जनवरी 2024

भारत के साथ राजनयिक विवाद के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की  मुलाकात और बातचीत हुई है।

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू का रेड कारपेट पर स्वागत किया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के बारे में जानकारी देते हुए लिखा है, ''दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की घोषणा की है।''

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, "नई परिस्थितियों में, चीन-मालदीव संबंधों को पिछली उपलब्धियों से और आगे बढ़ाने का ऐतिहासिक अवसर मिला है।''

वहीं मुइज़्ज़ू ने कहा कि वह कई महत्वपूर्ण कैबिनेट मंत्रियों के साथ चीन की अपनी पहली राजकीय यात्रा करने और इस वर्ष चीन की मेज़बानी करने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष बनने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो पूरी तरह से दर्शाता है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों के विकास को कितना महत्व देते हैं।

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू चीन के पांच दिवसीय राजकीय दौरे पर हैं।

इसराइली सेना शरणार्थी शिविरों की ओर बढ़ी, 1.5 लाख फ़लस्तीनियों ने सेंट्रल ग़ज़ा छोड़ा

इसराइली सेना शरणार्थी शिविरों की ओर बढ़ी, 1.5 लाख फ़लस्तीनियों ने सेंट्रल ग़ज़ा छोड़ा

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ग़ज़ा पट्टी में स्थित शरणार्थी शिविरों की ओर इसराइली सेना के बढ़ने के कारण क़रीब 1.5 लाख फ़लस्तीनियों को सेंट्रल ग़ज़ा छोड़कर जाने पर मजबूर होना पड़ा है।

प्रत्यक्षदर्शियों और हमास के हथियारबंद धड़े ने बताया है कि इसराइली सेना के टैंक बुरेज शिविर की पूर्वी छोर पर पहुंच गए हैं।

इसराइली सेना ने हाल में बुरेज के साथ नुसीरत और मग़ाज़ी शिविरों को निशाना बनाते हुए आक्रामक अभियान की शुरुआत की।

हमास संचालित ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार, 28 दिसंबर 2023 को दावा किया कि इसराइल की गोलीबारी में कई दर्ज़न लोग मारे गए।

उधर मिस्र ने बताया है कि उसने युद्धविराम का लक्ष्य रखते हुए तीन चरणों वाला एक प्रस्ताव पेश किया है।

हमास का एक प्रतिनिधिमंडल इस प्रस्ताव का उत्तर देने के लिए मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंच गया है।

इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार, 28 दिसंबर 2023 को जारी एक रिपोर्ट में इसराइल पर कई आरोप लगाए।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इसराइली बस्तियों के हथियारबंद बाशिंदों की ओर से हो रहे हमलों में उछाल के कारण फ़लस्तीन के चरवाहा समुदाय का बड़े पैमाने पर विस्थापन हो रहा है। आवागमन को लेकर जारी भेदभावपूर्ण प्रतिबंध से लोगों की रोज़ाना की ज़िंदगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।  

इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने इसराइल से वेस्ट बैंक में फ़लस्तीनी नागरिकों की 'ग़ैरक़ानूनी हत्याओं' को रोकने का आग्रह किया।

यूक्रेन के कई शहरों पर रूस के हवाई हमले: 18 लोगों की मौत, 130 से अधिक लोग घायल

यूक्रेन के कई शहरों पर रूस के हवाई हमले: 18 लोगों की मौत, 130 से अधिक लोग घायल

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023 को सुबह से ही यूक्रेन पर रूस की ओर से किए कई हवाई हमलों में 18 लोगों के मारे जाने और 130 लोगों के घायल होने की ख़बर है।

कीएव में यूक्रेन संवाददाता जेम्स वाटरहाउस ने कहा कि एक साथ किए गए मिसाइल हमलों में इतने बड़े पैमाने पर तबाही पहले नहीं देखी गई है।

यूक्रेन की सेना ने कहा कि रूस ने उस पर 158 मिसाइलों और ड्रोन से हमला बोला है।

रूस ने ईरान निर्मित शाहीद ड्रोन से पहले हमला किया, इसके बाद 55 क्रूज़ मिसाइलें, 14 बैलिस्टिक मिसाइलें और पांच एयरोबैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इसके अलावा कुछ एंटी रडार मिसाइलें भी दागीं।

यूक्रेनी सेना के कमांडर इन चीफ़ वैलेरी ज़ालुंझनी ने कहा कि यूक्रेन ने 36 में से 27 ड्रोन और 87 मिसाइलों को मार गिराया।

यूक्रेनी पुलिस ने अपने टेलीग्राम पोस्ट में कहा है कि डेनिपर में पांच लोगों की मौत और 26 घायल, खारकीएव में तीन की मौत और 13 नागरिक घायल, ज़ापोरिझिया में चार लोगों की मौत और 12 घायल, ओडेसा में दो की मौत और 27 घायल, कुछ लोगों के मलबे में दबे रहने की आशंका, ल्वीव में एक की मौत और 27 घायल और कीएव में तीन लोगों की मौत और 22 लोग घायल हुए हैं।

इसी हफ़्ते की शुरुआत में क्राइमिया में रूस के एक लैंडिंग पोत को यूक्रेन ने हमला कर डुबा दिया था, माना जा रहा है कि रूस ने उसी के जवाब में ये कार्रवाई की है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस ने इस हमले में लगभग हर किस्म के हथियारों का इस्तेमाल किया।

यूक्रेन में अमेरिकी राजदूत ने कहा है कि 2024 में ऐसे भयानकता से लड़ने के लिए यूक्रेन को और अधिक मदद की ज़रूरत है।

इसराइल-ग़ज़ा युद्ध: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में इसराइल पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए गए

इसराइल-ग़ज़ा युद्धः यूनएन की रिपोर्ट में इसराइल पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप

गुरुवार, 28 दिसंबर, 2023

संयुक्त राष्ट्र ने वेस्ट बैंक में बड़े पैमाने पर छापे की कार्रवाई, गिरफ़्तारियां, हत्याओं और मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।

साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने इसराइल से वेस्ट बैंक में फ़लस्तीनी नागरिकों की 'ग़ैरक़ानूनी हत्याओं' को रोकने का आग्रह किया है।

यूएन के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख वोल्कर टर्क ने कहा कि इसराइल द्वारा सैन्य रणनीति, बेहिसाब ताक़त के इस्तेमाल और लोगों के आवागमन पर पाबंदी लगाए जाने से वो काफ़ी दुखी हैं।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा गुरुवार, 28 दिसंबर, 2023 को जारी की गई रिपोर्ट में इसराइल पर कई आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि बड़ी संख्या में लोगों की मनमाना गिरफ़्तारियां, हिरासत और टॉर्चर और इसराइली सेना द्वारा बुरा बर्ताव, सामूहिक सज़ा की चिंता को बढ़ाता है। इसराइली बस्तियों के हथियारबंद बाशिंदों की ओर से हो रहे हमलों में उछाल के कारण फ़लस्तीन के चरवाहा समुदाय का बड़े पैमाने पर विस्थापन हो रहा है। आवागमन को लेकर जारी भेदभावपूर्ण प्रतिबंध से लोगों की रोज़ाना की ज़िंदगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

रिपोर्ट जारी करते हुए वोल्कर टर्क ने कहा कि इसके नतीजे बहुत विचलित करने वाले हैं और संघर्षों में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले नए नहीं हैं लेकिन 'जिस स्तर की हिंसा और दमन का सहारा लिया जा रहा है, वो बीते कुछ सालों में देखने को नहीं मिली है'।

इसराइली सेना ने ग़लती मानी

गुरुवार, 28 दिसंबर, 2023

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर 24 दिसम्बर 2023 को मग़ाज़ी शरणार्थी कैंप को निशाना बनाकर की गई बमबारी को लेकर इसराइली सेना के अधिकारी ने माना है कि ग़लत हथियार के चुनाव के कारण नागरिकों को अत्यधिक नुकसान हुआ।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, रविवार, 24 दिसम्बर 2023 को हुई इस इसराइली बमबारी में कम से कम 86 लोग मारे गए हैं और हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है।

सरकारी प्रसारक कान न्यूज़ से एक इसराइली सैन्य अधिकारी ने कहा कि जो हमला किया गया था उसके लिए ग़लत हथियार का चुनाव किया गया था जिससे नागरिक नुकसान ज़्यादा हुआ, जिससे बचा जा सकता था।

इस घटना को लेकर बीबीसी से इसराइली सेना ने 'अफ़सोस' जताया।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि रविवार, 24 दिसम्बर 2023 को इसराइली सेना ने मग़ाज़ी कैंप समेत सेंट्रल ग़ज़ा में 50 जगहों पर बमबारी की थी।

मग़ाज़ी कैंप में दो रिहाईशी इमारतों पर बम गिरे थे, जिनमें सर्वाधिक लोग मारे गए।

ग़ज़ा पट्टी में युद्ध शुरू होने के बाद से अबतक 21,320 फ़लस्तीनी मारे गए, 55,603 लोग घायल

ग़ज़ा में इसराइली बमबारी में 50 लोगों की मौत, 24 घंटे में 210 लोगों की मौत हुई

गुरुवार, 28 दिसंबर, 2023

हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि बीते 24 घंटों में ग़ज़ा में 210 फ़लस्तीनियों की मौत हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार, 28 दिसंबर, 2023 की सुबह ग़ज़ा के उत्तर में बेत लाहिया, दक्षिण में ख़ान यूनिस और मध्य में मग़ाज़ी शरणार्थी कैंपों में हुई इसराइली बमबारी से कम से कम 50 फ़लस्तीनियों की मौत हुई है।

हमास से मान्यता प्राप्त सफ़ा न्यूज़ एजेंसी ने बताया है कि मग़ाज़ी में एक घर बमबारी की चपेट में आया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। वहीं बेत लाहिया में चार घर पूरी तरह बर्बाद हो गए।

ख़ान यूनिस के अल-अमाल अस्पताल के आसपास हो रही बमबारी से भी कई लोगों की जान गई है।

हमास प्रशासित ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ग़ज़ा पट्टी में युद्ध शुरू होने के बाद से अबतक 21,320 फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 55,603 लोग घायल हुए हैं।

सेना में भर्ती होने से इनकार करने पर इसराइली युवा को जेल की सज़ा मिली

गुरुवार, 28 दिसंबर, 2023

सेना में जाने से मना करने वाले 18 साल के एक इसराइली युवा पर मुकदमा चलाया गया है और उन्हें मिलिट्री जेल में 30 दिन क़ैद की सज़ा दी गई है।

इसराइली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टाल मिटनिक तेल अवीव में रहते हैं। वो एक सैन्य भर्ती केंद्र में गए और उन्होंने सेना में शामिल न होने के अपने फैसले की घोषणा की।

उन्होंने अपने अंतरात्मा की आवाज़ पर विरोध के लिए इसराइल-हमास युद्ध और कब्ज़े का ज़िक्र किया।

अंतरात्मा की आवाज़ पर विरोध करने का अर्थ ये है कि एक व्यक्ति अपने मान्यताओं के आधार पर किसी चीज़ से इनकार करता है।

ग़ज़ा युद्ध शुरू होने के बाद वो पहले व्यक्ति हैं जिन्हें ‘अपने अंतरात्मा की आवाज़ के कारण सेना में भर्ती न होने के फैसले’ के कारण सज़ा दी गई है।

अगर सैन्य सेवा के लिए वो अपने विरोध को जारी रखते हैं तो उनकी हिरासत को बढ़ाया जा सकता है।

इसराइली मंत्री ने हिज़बुल्लाह को चेतावनी दी?

गुरुवार, 28 दिसंबर, 2023

बीबीसी न्यूज़ के जेम्स ग्रैगरी के मुताबिक, इसराइल के एक मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर हिज़बुल्लाह के हमले जारी रहे तो इसराइल की सेना लेबनान की सीमा से हिज़बुल्लाह को हटाने के लिए कार्रवाई करेगी।

बेनी गैंट्ज़ ने कहा कि यदि दुनिया और लेबनान की सरकार ने उत्तरी इसराइल पर चरमपंथियों की गोलीबारी को नहीं रोका तो इसराइल की सेना हस्तक्षेप करेगी।

उन्होंने कहा कि कूटनीतिक हल निकालने के लिए समय अब निकलता जा रहा है।

हमास और इसराइल के बीच सात अक्टूबर 2023 से जारी युद्ध के बाद से ही इसराइल और लेबनान की सीमा पर गोलीबारी तेज़ हुई है।

इससे ये चिंताएं भी बढ़ती जा रही हैं कि ग़ज़ा का युद्ध पूरे क्षेत्र में फैल सकता है।

गैंट्ज़ ने बुधवार, 27 दिसंबर, 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "इसराइल की उत्तरी सीमा पर हालात बदलने ज़रूरी हैं।''

“राजनयिक समाधान के लिए समय खत्म हो रहा है, अगर दुनिया और लेबनान की सरकार इसराइल के उत्तरी हिस्से पर गोलीबारी को रोकने और हिज़बुल्लाह को सीमा से दूर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो आईडीएफ़ (इसराइली सेना) ये काम करेगा।''

इस सप्ताह हिज़बुल्लाह की ओर से रॉकेट हमले और हथियारबंद ड्रोन हमले में बढ़ोतरी हुई है, इसराइल भी इन हमलों का जवाब दे रहा है।

लेबनान के सरकारी मीडिया ने बुधवार, 27 दिसंबर, 2023 को बताया कि इसराइली हवाई हमले में हिज़बुल्लाह के एक लड़ाके और उनके दो रिश्तेदार मारे गए।

हिज़बुल्लाह ने अपने एक बयान में कहा है कि पीड़ितों में से एक, इब्राहिम बाज़ी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक थे जो अपने परिवार से मिलने आये थे।

इस संघर्ष में लेबनान में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। उनमें से ज़्यादातर हिज़बुल्लाह के लड़ाके हैं। लेकिन मरने वालों में तीन पत्रकारों सहित आम नागरिक भी शामिल हैं।

इसराइली हमलों से उत्तरी ग़ज़ा के सारे अस्पताल ठप: डब्ल्यूएचओ

इसराइली हमलों से उत्तरी ग़ज़ा के सारे अस्पताल ठप: डब्ल्यूएचओ

शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023

इसराइल पर सात अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई से ग़ज़ा में हालात बहुत ख़राब हो गए हैं।

ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़, इन हमलों में अब तक बीस हज़ार फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

इसके साथ ही उत्तरी ग़ज़ा में स्वास्थ्य तंत्र बिलकुल ठप हो चुका है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उत्तरी ग़ज़ा में अब कोई अस्पताल नहीं बचा है, जो काम करने की स्थिति में हो।

ग़ज़ा के दक्षिण की तरफ़ भी भीषण जंग जारी है, वहां इसराइल ने फ़लस्तीनियों से कहा है कि वो ख़ान यूनिस शहर के आसपास की जगह खाली कर दें।

फ़लस्तीनी इलाक़े में मौजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉक्टर रिचर्ड पीपरकॉन ने ग़ज़ा के हालात के बारे में विस्तार से बताया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्या कहा?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि पूरे ग़ज़ा में करीब 36 अस्पताल हैं, जिसमें से केवल नौ काम कर रहे हैं। ये सभी ग़ज़ा के दक्षिणी हिस्से में हैं।  उत्तर में कोई अस्पताल नहीं है जो काम कर रहा हो।

अल-अहली एकमात्र अस्पताल बचा था, जो किसी तरह से काम कर रहा था, लेकिन अब वहां भी नए मरीज़ भर्ती नहीं किए जा रहे हैं।

अल-शिफ़ा, अल-अवदा और अल-शहाबा अस्पताल में भी यही हाल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है, ''अल अहली अस्पताल का अब केवल ढांचा ही बचा है। दो दिन पहले उत्तरी ग़ज़ा में ये एकमात्र अस्पताल था, जहां घायलों की सर्ज़री हो रही थी और यहां के इमरजेंसी वार्ड में बड़ी संख्या में लोग आ रहे थे।

लेकिन अब यहां का ऑपरेशन थिएटर काम नहीं कर रहा है, क्योंकि न तो ईंधन हैं, न बिजली, न मेडिकल सप्लाई और न स्वास्थ्यकर्मी या डॉक्टर और सर्ज़न।

अब यह अस्पताल काम करना पूरी तरह बंद कर चुका है। अब यहां बस कुछ लोग हैं, जो इसकी छत के नीचे सिर छिपाए हुए हैं।''