आईबीटीएन ईरान, इसराइल, फ़लस्तीन और लेबनान न्यूज़

इसराइली सेना ने लेबनान के ईन अल-हिलवेह फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर पर हमला किया

इसराइली सेना ने लेबनान के ईन अल-हिलवेह फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर पर हमला किया

मंगलवार, 1 अक्टूबर, 2024
इसराइली सेना ने लेबनान के सिडोन में ईन अल-हिलवेह फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर पर हमला किया। लेबनान में अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड के एक ब्रिगेडियर जनरल के घर को निशाना बनाकर किए गए हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए।

इसराइल ने दक्षिणी लेबनान में ज़मीनी हमला शुरू किया

इसराइल ने दक्षिणी लेबनान में ज़मीनी हमला शुरू किया

मंगलवार, 1 अक्टूबर, 2024
इसराइली सेना ने सीमा के पास कई लेबनानी गाँवों में ज़मीनी हमला शुरू किया है। इसराइली सेना के एक बयान में कहा गया है कि यह हिज़्बुल्लाह के ठिकानों के खिलाफ़ एक ''सीमित, स्थानीय और लक्षित'' हमला है।

इसराइल को हथियार भेजते समय अमेरिका द्वारा युद्ध विराम की बात का कोई मतलब नहीं: विश्लेषण

इसराइल को हथियार भेजते समय अमेरिका द्वारा युद्ध विराम की बात का कोई मतलब नहीं: विश्लेषण

रविवार, 29 सितंबर, 2024
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने नसरल्लाह की हत्या पर एक बयान जारी किया है, जिसमें इसे "हजारों अमेरिकियों, इसराइलियों और लेबनानी नागरिकों सहित उनके कई पीड़ितों के लिए न्याय का एक उपाय" कहा गया है।

बिडेन ने कहा कि अमेरिका "हिजबुल्लाह, हमास, हौथिस और किसी भी अन्य ईरानी समर्थित आतंकवादी समूहों के खिलाफ खुद का बचाव करने के इसराइल के अधिकार का पूरी तरह से समर्थन करता है"।

बिडेन ने कहा कि उनकी सरकार "आक्रामकता को रोकने और व्यापक क्षेत्रीय युद्ध के जोखिम को कम करने के लिए मध्य पूर्व क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य बलों की रक्षा स्थिति को बढ़ा रही है"।

अल जज़ीरा के शिहाब रतनसी ने वाशिंगटन, डीसी से अमेरिकी प्रतिक्रिया के बारे में अधिक जानकारी दी है।

फिलिस बेनिस इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज की फेलो हैं। फिलिस का कहना है कि इसराइल को हथियारों की निरंतर आपूर्ति के कारण बिडेन प्रशासन के युद्ध विराम को सुरक्षित करने के प्रयासों को कमजोर किया जा रहा है।

हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की इजरायल द्वारा हत्या पर विश्व की प्रतिक्रिया

हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की इजरायल द्वारा हत्या पर विश्व की प्रतिक्रिया

रविवार, 29 सितंबर, 2024 #लेबनान #हसननसरल्लाह #हसननसरल्लाहकीहत्या
संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व नेताओं ने मध्य पूर्व में व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष के बारे में चिंता व्यक्त की है।

और रूस ने हसन नसरल्लाह की हत्या की निंदा की है।

अल जज़ीरा के गेब्रियल एलिज़ोंडो ने न्यूयॉर्क से रिपोर्ट की।

हिजबुल्लाह का उथल-पुथल भरा इतिहास, क्या पार्टी शक्तिशाली नेता की मौत के बाद भी बच पाएगी?

हिजबुल्लाह का उथल-पुथल भरा इतिहास, क्या पार्टी शक्तिशाली नेता की मौत के बाद भी बच पाएगी?

रविवार, 29 सितंबर, 2024 #हसन नसरल्लाह #हिजबुल्लाह #मध्यपूर्वसंघर्ष
इसराइल द्वारा हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या ने शिया उग्रवादी संगठन में खलबली मचा दी है। हिजबुल्लाह के लिए सबसे गंभीर आघातों में से एक के रूप में देखा जा रहा है, यह हत्या ईरान समर्थित समूह और इसराइल के बीच दशकों से चली आ रही झड़पों के बाद हुई है।

अल जज़ीरा के मोहम्मद वल की रिपोर्ट।

लेबनान के प्रधानमंत्री ने कहा, इसराइली हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद हम पर खतरा मंडरा रहा है

लेबनान के प्रधानमंत्री ने कहा, इसराइली हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद हम पर खतरा मंडरा रहा है

शनिवार, 28 सितंबर, 2024 #लेबनान #नजीबमिकाती #इसराइलहवाईहमला
लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने शनिवार, 28 सितंबर, 2024 को कहा कि उनका देश खतरे का सामना कर रहा है, क्योंकि पिछले दिन इसराइली हवाई हमले में लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी।

मिकाती न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से लौटने के बाद बुलाई गई एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक में बोल रहे थे। मिकाती ने अपने संबोधन में नसरल्लाह का जिक्र नहीं किया, लेकिन बाद में उनके कार्यालय ने नसरल्लाह के लिए तीन दिन का राष्ट्रीय शोक मनाने का निर्णय प्रकाशित किया।

रूस ने कहा, लगभग अपरिहार्य वृद्धि के लिए इसराइल पूरी तरह से जिम्मेदार है

रूस ने कहा, लगभग अपरिहार्य वृद्धि के लिए इसराइल पूरी तरह से जिम्मेदार है

शनिवार, 28 सितंबर, 2024 #रूस #विदेशमंत्रालय #नसरुल्लाह

रूस के विदेश मंत्रालय ने नसरल्लाह की हत्या का जिक्र करते हुए इसराइल द्वारा ''एक और राजनीतिक हत्या'' की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''यह जबरदस्त कार्रवाई लेबनान और पूरे मध्य पूर्व के लिए और भी अधिक नाटकीय परिणामों से भरी हुई है।'' ''इसराइली पक्ष इस खतरे को पहचानने में विफल नहीं हो सकता था, लेकिन उसने लेबनानी नागरिकों की हत्या करने का कदम उठाया, जो लगभग अनिवार्य रूप से हिंसा के एक नए विस्फोट को भड़काएगा। इस प्रकार, यह बाद की वृद्धि के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।'' मंत्रालय ने इसराइल से लेबनान में शत्रुता को तुरंत रोकने का आह्वान किया।

इस बीच, अल जज़ीरा के गेब्रियल एलिज़ोंडो नवीनतम अपडेट के लिए लाइव जुड़ते हैं।

हिजबुल्लाह ने नेता की हत्या की पुष्टि की

हिजबुल्लाह ने नेता की हत्या की पुष्टि की

शनिवार, 28 सितंबर, 2024 #इसराइलस्ट्राइक्स #लेबनानसंघर्ष #हिज़्बुल्लाह
लेबनान समूह ने एक बयान में इसराइली दावों की पुष्टि की है कि उसके नेता हसन नसरल्लाह की शुक्रवार, 27 सितंबर, 2024 को हत्या कर दी गई।

इसराइल ने शुक्रवार, 27 सितंबर, 2024 की शाम बेरूत पर एक बड़ा हमला किया, जिसमें उसने कहा कि नसरल्लाह की मौत हो गई।

इसराइल पर ईरान के हमले के ख़तरे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने क्या कहा?

इसराइल पर ईरान के हमले के ख़तरे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने क्या कहा?

बुधवार, 14 अगस्त 2024

संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा है कि अमेरिका मध्य-पूर्व में तनाव को कम करने की योजना पर काम कर रहा है।

दरअसल, ऐसी आशंकाएं हैं कि ईरान इसराइल पर हमले की योजना बना रहा है। इस वजह से मध्य-पूर्व में तनाव भरे हालात बने हुए हैं।

लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मंगलवार, 13 अगस्त 2024 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि अमेरिका भविष्य में किसी भी हमले को रोकना और उससे बचाव करना चाहता है और किसी भी क्षेत्रीय संघर्ष को टालना चाहता है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की ये प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मध्य-पूर्व का अपना दौरा फिलहाल टाल दिया है।

जुलाई 2024 को ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की एक हमले में मौत हो गई थी।

ईरान ऐसा मानता है कि इस हमले के पीछे इसराइल का हाथ है। हालांकि औपचारिक रूप से इसराइल ने इस पूरे मामले पर अभी तक कुछ भी नहीं कहा है।

लेकिन ईरान ने ये कहा है कि इसराइल को इस हमले के लिए गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसी वजह से ऐसी आशंकाएं पैदा हुई हैं कि ईरान इसराइल पर हमला कर सकता है।

ईरान की ओर से हमले के ख़तरे के बीच इसराइली रक्षा मंत्री ने क्या कहा?

बुधवार, 14 अगस्त 2024

इसराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने बताया है कि इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्स और ख़ुफ़िया एजेंसियां लेबनान और ईरान में हो रही घटनाओं पर बारीक़ी से नज़र रख रही हैं।

इसराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के मुताबिक़, ''इसराइली डिफ़ेस फ़ोर्स और ख़ुफ़िया एजेंसियां किसी भी ख़तरे को दूर रखने के लिए दिन-रात चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। साथ ही हमारी सेना हमले के अलग-अलग विकल्पों को तैयार रखे है। ताकि हम जब जहां चाहें हमला कर सकें।''

योआव गैलेंट ने कहा कि हमारी सेनाओं का शुक्रिया क्योंकि वे हमारे नागरिकों के लिए रातों को सुरक्षित बना रहे हैं। इस वजह से इसराइल के नागरिक सामान्य जीवन जी पा रहे हैं। तैयार रहें और अपने कमांडर के निर्देशों का पालन करें।

जुलाई 2024 में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हुए एक हमले में मौत हो गई थी।

ईरान का कहना था कि इस हमले में इसराइल का हाथ है। हालांकि इसराइल ने इस पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की। लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने कहा था कि हनिया की मौत का बदला लेना ईरान का सर्वोच्च कर्तव्य है।

इसके बाद से ही ऐसी आशंकाएं हैं कि ईरान इसराइल पर हमला कर सकता है। 

इसराइली मंत्री के अल अक़्सा मस्जिद में प्रवेश करने और प्रार्थना के बाद विवाद

इसराइली मंत्री के अल अक़्सा मस्जिद में प्रवेश करने और प्रार्थना के बाद विवाद

बुधवार, 14 अगस्त 2024

इसराइल के धुर-दक्षिणपंथी और नेशनल सिक्योरिटी मामलों के मंत्री इत्तेमार बेन गिविर ने सैकड़ों यहूदियों के साथ यरूशलम के सबसे पवित्र स्थलों में से एक अल-अक़्सा मस्जिद में प्रवेश किया और प्रार्थना की।

अल-अक़्सा मस्जिद के एक हिस्से को टेंपल माउंट के नाम से जाना जाता है जो कि यहूदियों का सबसे पवित्र स्थल भी है।

इसराइली मंत्री के इस क़दम को फ़लस्तीन, अमेरिका, फ़्रांस और सऊदी अरब समेत कई देशों और संयुक्त राष्ट्र ने भी उकसाने वाला बताया है और इसकी निंदा भी की है।

हालांकि इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के ऑफ़िस ने कहा है कि अल अक़्सा मस्जिद में प्रार्थना की स्थिति पर कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। वहां केवल मुस्लिमों को ही प्रार्थना करने की अनुमति है।

इसराइली सरकार ने अल-अक़्सा मस्जिद में किसी भी और धर्म के प्रार्थना करने पर रोक लगाई हुई है।

यरूशलम की अल-अक़्सा मस्जिद यरूशलम के पूर्वी भाग में स्थित है। यह जगह मुसलमानों की तीसरी सबसे पवित्र जगह है। वहीं यह यहूदियों के लिए सबसे पवित्र जगह मानी जाती है।

यहूदियों के लिए 'टेंपल माउंट' और मुसलमानों के लिए 'अल-हराम अल शरीफ़' के नाम से मशहूर पवित्र स्थल में 'अल-अक़्सा मस्जिद' और 'डोम ऑफ़ द रॉक' शामिल है।

'डोम ऑफ़ द रॉक' को यहूदी धर्म में सबसे पवित्र स्थल का दर्जा दिया गया है। पैग़ंबर मोहम्मद से जुड़े होने के कारण 'डोम ऑफ़ द रॉक' को मुसलमान भी पवित्र स्थल मानते हैं।

इस धार्मिक स्थल पर ग़ैर-मुसलमानों की प्रार्थना पर पाबंदी लगी हुई है।