भारत

टाटा ग्रुप के नए चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन होंगे

साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप ऑफ़ कंपनी के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद कंपनी ने टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेज़ (टीसीएस) के सीईओ तथा मैनेजिंग डायरेक्टर नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा सन्स का नया चेयरमैन बनाया है।

अक्टूबर में साइरस मिस्त्री को हटाकर कंपनी ने टाटा के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को इस पद पर तत्काल नियुक्ति की थी।

भारत के सबसे बड़े आईटी कंपनी टीसीएस में वर्ष 2009 से सीईओ की भूमिका निभा रहे नटराजन चंद्रशेखरन को अक्टूबर में साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाए जाने के कुछ ही दिन बाद निदेशक मंडल में शामिल किया गया था।

नटराजन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस ने वर्ष 2015-16 के दौरान राजस्व में बढ़ोत्तरी करते हुए उसे 16.5 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया। टाटा समूह की यह कंपनी भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में भी अपनी जगह बरकरार रखे हुए है, और इसकी बाज़ार पूंजी लगभग 4.2 लाख करोड़ रुपये है।

टीसीएस के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर नटराजन चंद्रशेखरन ने तमिलनाडु के त्रिची स्थित रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर एप्लीकेशन्स में स्नातकोत्तर उपाधि पाने के बाद वर्ष 1987 में कंपनी में काम करना शुरू किया था।

भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेर सेवा कंपनी टाटा कंसलटेसी सर्विसेज (टीसीएस) का शुद्ध लाभ मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी-तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर 2016-17) में 10.9 प्रतिशत बढ़कर 6,778 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने गत वित्त वर्ष की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में 6110 करोड़ रपये का शुद्ध लाभ कमाया था। आलोच्य तिमाही में परिचालन मुनाफा 7733 करोड़ रपये रहा। इसी तरह 2016-17 की तीसरी तिमाही में टीसीएस की आय 8.7 प्रतिशत बढ़कर 29,735 करोड़ रुपये हो गई जो कि एक साल पहले 27364 करोड़ रुपये रही थी।

वहीं तैमासिक आधार पर कंपनी का शुद्ध लाभ 2.9 प्रतिशत व आय 1.5 प्रतिशत बढ़ी। टीसीएस के प्रबंध निदेशक एन चंद्रशेखरन ने कहा, परंपरागत रूप से कमजोर मांग वाली तिमाही में भी हमारा निष्पादन बेहतर रहा जो कि हमारे कारोबारी ढांचे के लचीलेपन व परिचालन नीति की मजबूती को दिखाता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल, प्लेटफार्म व क्लाउड में कंपनी की ताकत और ग्राहकों की बेहतर समझ कंपनी के काम आ रही है।

चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी अपने डिजिटल कारोबार में वृद्धि को जारी रखने के लिए नयी क्षमता निमार्ण, कर्मचारियों को सक्षम बनाने पर ध्यान देती रहेगी। इसके साथ ही कंपनी ने 6.5 रुपये प्रति शेयर लाभांश की घोषणा की है। उसकी प्रति शेयर आय 34.40 रुपये रही।

सहारा प्रमुख की याचिका ख़ारिज, पैसा जमा नहीं किया तो जाना होगा जेल

सुप्रीम कोर्ट ने बकाया राशि के लिए अधिक समय देने संबंधी सहारा प्रमुख सुब्रत राय की याचिका खारिज करते हुए आज कहा कि उन्हें हर हाल में छह फरवरी तक 600 करोड़ रुपये जमा कराने होंगे, नहीं तो उन्हें फिर जेल भेज दिया जायेगा।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर गोगोई और न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी की खंडपीठ ने सख्त लहजे में कहा कि न्यायालय ने राशि जमाने कराने के लिए सुब्रत रॉय को पहले ही काफी समय दे दिया है और अगर अब उन्होंने बकाया राशि नहीं जमा करायी तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा।

सहारा ने सुप्रीम कोर्ट में समय की मांग करने वाली अपनी याचिका में कहा था कि नोटबंदी की वजह से उन्हें यह राशि जुटाने में मुश्किल हुई है क्योंकि इससे रियल एस्टेट क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है और वह इसी कारण अपनी संपत्ति बेच नहीं पाया।

मनमोहन सिंह ने कहा, नोटबंदी का सबसे बुरा पहलू अभी आना शेष है

भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट की आशंका के बीच भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज लोगों को सचेत किया कि बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय के मद्देनजर सबसे बुरा पहलू अभी आना शेष है।

नोटबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से आयोजित 'जन वेदना सम्मलेन' में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया कि आठ नवंबर की कैबिनेट की बैठक का कोई रिकार्ड नहीं है जिसमें सरकार ने कहा है कि उसने बड़े नोटों को अमान्य करने का निर्णय किया ।

कांग्रेस के 'जन वेदना सम्मेलन' को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को आपदा करार दिया और कहा कि चीजें खराब से बहुत खराब हो गई हैं और इसका सबसे बुरा पहलू अभी आना शेष है। उन्होंने इस बारे में दावों को खोखला और मोदी का दुष्प्रचार करार दिया।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने संबोधन में कहा कि यह कांग्रेस कार्यकतार्ओं का कर्तव्य है कि वे लोगों को इस बारे में बताएं कि मोदी सरकार क्या गलत चीजें कर रही हैं और इस बारे में देशवासियों को उठ खड़ा और जागृत होने को आहवान किये जाने की जरूरत है। सिंह और चिदंबरम दोनों ने कहा कि नोटबंदी के कारण सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आयेगी ।

चिदंबरम ने अपने संबोधन में कहा कि आठ नवंबर की कैबिनेट की बैठक का कोई रिकार्ड नहीं है। कैबिनेट नोट कहां है? कैबिनेट का फैसला कहां है? उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा तमाशा कभी नहीं किया गया। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई की प्रतिष्ठा आज दांव पर है । केंद्रीय बैंक के साथ मतभेद रहे हैं, लेकिन पहले कभी सरकार ने आरबीआई के साथ भारत सरकार के एक विभाग के रूप में व्यवहार नहीं किया ।

उन्होंने कहा कि यहां तक कि जीडीपी में एक प्रतिशत की गिरावट से देश को 1.5 लाख करोड़ रूपये का नुकसान होगा। चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से पेश प्रत्येक चुनौती का सामना कांग्रेस को पूरे साहस और बुद्धिमता से करना चाहिए। उन्होंने कहा, केवल कांग्रेस पार्टी इस चुनौती का मुकाबला कर सकती है।

कांग्रेस ने इस कार्यक्रम के दौरान एक बयान भी जारी किया जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि अमान्य किये गए बड़े नोटों का कितना प्रतिशत कालाधन था क्योंकि अमान्य की गई मुद्रा बैंकों में जमा हो चुकी है। इसमें कहा गया है कि इससे सरकार के दावों का खोखलापन बेनकाब होता है। प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ मसीहा के रूप में पेश किया जा रहा है जबकि वे विदेशों में जमा अघोषित धन और पैसे को वापस लाने के वादे को पूरा करने में विफल रहे ।

कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि यह कह कर भारत की छवि को खराब किया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मूल रूप से कालाधन पर आधारित है। कांग्रेस ने कहा, यह चिंता का विषय है कि नोटबंदी के 50 दिनों की अवधि में भाजपा के कुछ भ्रष्ट नेताओं, कालाबाजारियों और बैंक अधिकारियों के अपवित्र गठजोड़ को विभिन्न मीडिया चैनलों ने दिखाया जो नोटों को अवैध रूप से बदलने में लगे थे।

राहुल गाँधी ने कहा, बीजेपी का पूरा मकसद देश के लोगों को डराने का है

बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए राहुल गांधी ने आज आरोप लगाया कि ये लोगों में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं, साथ ही जोर दिया कि कांग्रेस इनकी विचारधारा को परास्त कर देगी और बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगी।

इसे दो विचारधाराओं के बीच का संघर्ष करार देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी का दर्शन लोगों को भयमुक्त होने को कहता है, जबकि भाजपा का दर्शन लोगों में भय और डर पैदा करने वाला है।

राहुल ने कहा, यह दो दर्शन के बीच की लड़ाई है। यह कोई नई लड़ाई नहीं है। यह लड़ाई हजारों वर्षों पुरानी है। कांग्रेस पार्टी का दर्शन कहता है कि भयभीत नहीं हों। दूसरा दर्शन कहता है कि भयभीत करो, डराओ।

कांग्रेस नेता ने कहा, आप भाजपा की नीतियों को देखें। पूरा मकसद देश के लोगों को डराने का है। आतंकवाद, माओवाद, नोटबंदी से डराओ, मीडिया को डराओ। पिछले दो-तीन महीने में पूरे देश में ऐसा डर फैल गया है।

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जहां मजदूरों और किसानों को भयमुक्त होकर आगे आने को कहती है, उन्हें 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने की बात करती है, यह भी कहती है कि बाजार मूल्य से कम कीमत पर किसी की जमीन नहीं ली जायेगी, वहीं नरेन्द्र मोदी उनसे पैसा और जमीन छीन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में जहां आदिवासी अपनी जमीन, जल और वन अधिकारों के लिए खड़े हो रहे हैं, उनका दमन किया जा रहा है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ये लोग (बीजेपी और आरएसएस) सोचते हैं कि वे लोगों के बीच भय और घृणा फैला कर शासन कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी इन्हें परास्त करेगी और सत्ता से हटा देगी। हम उनसे (बीजेपी और आरएसएस) से घृणा नहीं करते हैं, लेकिन हम उनकी विचारधारा को परास्त कर देंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भय को समाप्त करने के लिए खड़ा होगी। भारत एक मजबूत देश है और यहां के लोगों को दुनिया में किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति और ढांचे का आधार भय को गुस्से में बदलने का है। यह पिछले ढाई वर्षों में नहीं हो रहा है, लेकिन वे (बीजेपी और आरएसएस) ऐसा करते रहे हैं। यह विचारधारा ऐसा ही करती है।

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में भयमुक्त होकर आगे बढ़ने का दर्शन है और यह महात्मा गांधी से लेकर जवाहर लाल नेहरू तक में देखा गया है जो अंग्रेजों से भयभीत नहीं होने की बात कहता है। हरित क्रांति के दौरान किसानों को भयमुक्त होने को कहा गया, बैंकों के राष्ट्रीयकरण के दौरान और संप्रग सरकार के समय खाद्य सुरक्षा कानून और भूमि अधिग्रहण कानून के समय लोगों को भयमुक्त होने का संदेश दिया गया।

प्रकाशोत्सव का आयोजन बिहार ने अपने बूते किया: नीतीश

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि गुरुगोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव का आयोजन बिहार ने अपने बूते किया। वर्षों पूर्व जब केंद्र में यूपीए सरकार थी, तब भी हमलोगों ने पत्र लिखा था।

बताया था कि प्रकाशोत्सव के भव्य आयोजन और आधारभूत संचरना समेत अन्य काम के लिए केंद्र सहायता करे। पर मदद नहीं मिली। एनडीए की सरकार केंद्र में आयी, तब भी पत्र लिखा। पर कुछ नहीं आया।

मुख्यमंत्री संवाद कक्ष में सोमवार को लोक संवाद कार्यक्रम के बाद वे पत्रकारों से बात कर रहे थे। नीतीश ने कहा कि जो सबसे बेहतरीन काम हुआ, उनमें पटना सिटी में पुल बनाकर बाईपास से तख्त हरिमंदिर साहिब को जोड़ा गया। यह राज्य सरकार ने किया। गली-गली में सफाई हुई। सड़कों का चौड़ीकरण हुआ। गलियों को ठीक किया गया। बिजली के तारों को बदला गया। एक-एक चीज को हमने खुद जाकर देखा।

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि प्रकाशोत्सव में इतने लोगों को बुलाया। देखा कि यह धार्मिक संवेदनशीलता है। हो सकता है हमारे पदाधिकारी कई बातों से अपरिचित हों। इसको देखते हुए सेवानिवृत मुख्य सचिव जीएस कंग और पूर्व आईपीएस बलजीत सिंह को आग्रह कर बुलाया। पर्यटन विभाग की सचिव मूलत: पंजाब की रहने वाली हैं। ऐसे अन्य पदाधिकारियों को ढूंढ़ कर इस कार्य में लगाया गया ताकि सिखों के धार्मिक सहिष्णुता की हर भावना का ध्यान रखा जाए। राज्यपाल के स्तर से भी एक बार बैठक हुई। यही कारण रहा कि यह आयोजन बिना किसी चूक के सफल हुआ। साबित हुआ कि यहां सहिष्णुता का माहौल है। सफल आयोजन के लिए मैं बिहारवासियों को बधाई देता हूं। राज्य सरकार के पदाधिकारियों और गुरुद्वारा प्रबंधन के लोगों को भी बधाई देता हूं। सबका पूरा सहयोग मिला।

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि प्रकाशोत्सव के आयोजन के बाद बिहार की छवि में निखार आया है। दुनियाभर से आये श्रद्धालुओं ने बिहार की प्रशंसा की। पर, बिहार की छवि यहीं के कुछ लोग खराब करने में लगे हैं। मैं खामियां ढूंढने वाले लोगों से कहूंगा कि कुछ तो अपने आप को सुधारिये। पता नहीं इन लोगों को अपने राज्य की छवि खराब करने में इतना आनंद क्यों आता है। दरअसल इन्हें लग रहा है कि बिहार में इतना अच्छा आयोजन कैसे हो गया। यहां तक कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रकाशोत्सव के आयोजन की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि प्रकाशोत्सव का इतना अच्छा आयोजन हुआ कि चारों ओर इसकी चर्चा है। पर कुछ लोग लालू प्रसाद जी के नीचे बैठने की बात उछाल रहे हैं। उनलोगों को यह भी पता नहीं कि गांधी मैदान के दरबार हॉल में धार्मिक कार्यक्रम का मूल आयोजनकर्ता कौन था। मूल आयोजनकर्ता गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी थी। सिख समाज में सब लोग जमीन पर ही बैठते हैं। जो लोग मंच पर थे, वे भी कुर्सी पर नहीं बैठे थे। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मंच पर कौन बैठेगा, यह दिल्ली से ही तय होता है।

मुलायम ने कहा, अखिलेश यादव अगले मुख्यमंत्री होंगे

समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को कहा कि अखिलेश यादव अगले मुख्यमंत्री होंगे। इस तरह उन्होंने सीएम पद के लिए अखिलेश के नाम का ऐलान कर दिया।

अभी तक मुलायम सिंह यह कहते रहे हैं कि चुनाव बाद विधायक ही मुख्यमंत्री का चयन करेंगे। पार्टी को टूटने से बचाने और साइकिल बरकरार रखने के लिए इसे उनका आखिरी दांव माना जा रहा है।

उम्मीद की जा रही है कि इसके जरिए वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मना लेंगे।

मुलायम सिंह यादव ने सोमवार शाम लखनऊ लौट कर अपनी टीम से बात की और बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि सपा के टूटने का सवाल ही नहीं है। सपा पूरी तरह एक है। अब कोई विवाद नहीं है।

मुलायम सिंह यादव ने कहा कि पार्टी एक है और वह अखिलेश यादव के लिए प्रदेश भर में प्रचार करेंगे। मुलायम ने कहा कि न पार्टी टूटी है और न टूटेगी।

मुलायम जब शाम लगभग 6 बजे दिल्ली से लौटे तो मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति उन्हें लेने हवाई अड्डे गए। दोनों की इस मुद्दे पर अहम बातचीत हुई।

इसके अलावा सपा कोषाध्यक्ष संजय सेठ भी मुलायम से मिले। मुलायम के रुख में बदलाव के पीछे दोनों नेताओं की भूमिका मानी जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि मंगलवार सुबह मुलायम और अखिलेश संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

मुलायम ने कहा कि अखिलेश के समर्थन में वह सभी मंडलों में जनसभा करेंगे।

मुलायम के बदले तेवर से लग रहा है कि मुलायम अब समझौते के मूड में हैं, पर अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह अध्यक्ष पद अखिलेश यादव के लिए छोड़ेगे या नहीं।

असल में मुलायम ने यह बयान देकर सुलह की आखिरी कोशिश की है और गेंद उनके पाले में डाल दी है।

सूत्र बता रहे हैं कि मंगलवार को मुलायम बेटे को मनाने की कोशिश करेंगे। इस मुलाकात में न अमर सिंह होंगे और न रामगोपाल यादव।

अब देखना है कि सुलह के इन प्रयासों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का क्या जवाब रहता है?

बीएसएफ जवान द्वारा घटिया खाद्य सामग्री पर सवाल उठाने पर जांच का आदेश

भारत के अर्द्ध सैनिक बल बीएसएफ जवान द्वारा घटिया खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर सवाल उठाए जाने के बाद सोमवार को भारत के केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गृह सचिव को तत्काल इस संबंध में रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए।

उन्होंने बीएसएफ को भी आंतरिक जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैंने बीएसएफ जवानों के शोषण के संबंध में एक वीडियो देखा है जिस पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं।

सोशल मीडिया पर बीएसएफ जवान का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें जवान ने खाने-नाश्ते के घटिया होने पर सवाल उठाया है।

सीबीआई ने मंत्री गफूर-शहाबुद्दीन मुलाकात की जानकारी माँगी

दैनिक समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की जांच में जुटी सीबीआई की टीम ने जेल प्रशासन से राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर से जेल में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की मुलाकात के संबंध में पूरी जानकारी मांगी है।

सीबीआई ने जानना चाहा है कि किस परिस्थिति में और किन कारणों से मंत्री पूर्व सांसद से मिलने सीवान जेल पहुंचे थे। इस दौरान क्या जेल के नियमों का पालन किया गया? दोनों के बीच कितनी देर मुलाकात हुई?

सीबीआई ने पूछा है कि शहाबुद्दीन से मुलाकात के दौरान मंत्री की पार्टी की तस्वीर सामने आई थी। जेल मैनुअल में किसी से मिलने आने पर जेल में पार्टी का प्रावधान है क्या? जेल प्रशासन से पूछा है कि क्या जेल मैनुअल मंत्री के लिए अलग प्रावधान करता है?

3 मार्च 2016 को मंत्री अब्दुल गफूर जेल में बंद पूर्व सांसद से मिले थे। इस मुलाकात की फोटो वायरल होने के बाद तत्कालीन जेल अधीक्षक राधेश्याम सुमन को निलंबित कर दिया गया था। इस मुलाकात में जेल के नियमों के उल्लंघन की बात आने पर यह करवाई की गई थी। वायरल फोटो में पूर्व सांसद व मंत्री की एक साथ नाश्ते की तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद काफी हो-हल्ला मचा था।

जेल अधीक्षक विद्यु भारद्वाज ने सीबीआई द्वारा शहाबुद्दीन व मंत्री अब्दुल गफूर से मुलाकात के संबंध में जानकारी मांगने के बारे में कहा कि यह गोपनीय और जांच का विषय है। इस संबंध में कुछ विशेष बताना संभव नहीं है। सीबीआई जो जानकारी जेल प्रशासन से मांगेगी, उसे उपलब्ध कराया जाएगा।

इधर सीवान जेल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। शुक्रवार को जेल में छापेमारी के दौरान पूर्व सांसद के अलावा राजदेव रंजन हत्याकांड के आरोपित कैफ के वार्ड की तलाशी ली गई थी। हालांकि कुछ भी आपत्तिजनक समान नहीं मिलने की बात जेल प्रशासन कर रहा है। एक बार फिर जेल से शहाबुद्दीन का फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने से पूर्व सांसद चर्चा में है।

ममता की राष्ट्रपति से गुहार, भुखमरी शुरू होने के संकेत, लोगों को बचाइए

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से देश की जनता को नोटबंदी और इससे पैदा हुई दिक्कतों से बचाने का अनुरोध किया।

ममता ने दावा किया कि सीबीआई का प्रयोग उनकी पार्टी को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, मैं देश के संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति से अनुरोध करती हूं कि अगर कोई सरकार अपने एकतरफा फैसलों के जरिये देश को आपदा के कगार पर ले जाती है तो संविधान संरक्षक के रूप में लोगों को संरक्षण दिया जाए और लोगों को बचाया जाए।

उन्होंने माटी उत्सव के उद्घाटन के दौरान कहा, भुखमरी शुरू होने के संकेत आ रहे हैं। इसलिए लोगों को बचाइए। इससे पहले कई ट्वीट करके ममता ने केन्द्र द्वारा समय-समय पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने की मांग की।

ममता ने दावा किया कि नोटबंदी का विरोध करने पर उनकी पार्टी और नेताओं को परेशान किया जा रहा है।

नोटबंदी को लेकर विरोध जारी रखते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मोदी सरकार के नोटबंदी अभियान और रोजवैली घोटाले में पार्टी विधायकों की गिरफ्तारी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया।

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बताया, हम जांच के नाम पर षडयंत्र और नोटबंदी के नाम पर अत्याचार की निंदा करते हैं। पार्टी के 34 सांसदों ने साउथ एवेन्यू पर धरना दिया।

अखिलेश से कोई विवाद नहीं, एक आदमी ने मेरे बेटे को बहका दिया है: मुलायम

समाजवादी पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के तेवर सख्त होते जा रहे हैं। मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बहकाने का आरोप लगाया।

रामगोपाल यादव का नाम लिए बगैर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि एक आदमी ने मेरे बेटे को बहका दिया है। वहीं अखिलेश यादव के प्रति मुलायम सिंह का रुख नरम रहा।

मुलायम सिंह ने दावा किया कि उनके और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच कोई विवाद नहीं है।

इससे पहले मुलायम सिंह यादव, शिवपाल और अमर सिंह के साथ चुनाव आयोग पहुंचे। चुनाव आयुक्त से मुलाकात के दौरान उन्होंने सपा और चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा किया। यह भी दलील दी कि रामगोपाल यादव को अधिवेशन बुलाने का हक नहीं है क्योंकि उन्हें 30 दिसंबर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुट की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामों को भी चुनौती दी। आरोप लगाया कि वह फर्जी हैं। चुनाव आयोग जांच कराए। पार्टी संविधान के मुताबिक, वह पार्टी अध्यक्ष हैं और चुनाव चिन्ह पर उनका हक बनता है।

चुनाव आयुक्त से करीब 45 मिनट की मुलाकात के बाद घर पर मीडिया से बात करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह के फार्म पर दस्ताखत वह करेंगे। फार्म ए और फार्म बी वह देंगे।

जब उनसे चुनाव चिन्ह पर विवाद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी में कुछ विवाद है। उन्होंने कहा कि  साइकिल के बारे में फैसला चुनाव आयोग करेगा।

लखनऊ जाने के लिए एयरपोर्ट रवाना होने से पहले मुलायम सिंह यादव ने अपने घर के पास खड़े कार्यकर्ताओं से भी बात की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आपसी सहमति से उम्मीदवार तय करने की हिदायत दी। सहमति नहीं बनती है और दो या तीन लोग चुनाव लडना चाहते हैं, तो पार्टी उम्मीदवार कौन होगा? यह वह तय करेंगे।

मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के चुनाव आयुक्त से मिलने के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से रामगोपाल यादव, किरणमय नंदा और नरेश अग्रवाल के साथ चुनाव आयोग पहुंचे। मुलाकात के बाद रामगोपाल यादव ने कहा कि हमने आयोग से चुनाव चिन्ह साइकिल को लेकर जल्द फैसला लेने की अपील की है क्योंकि पहले चरण के चुनाव के लिए 17 जनवरी से नामांकन शुरु हो रहे हैं।