खेल

दो सिलेक्टरों का हटना तय, 5 जनवरी को टीम इंडिया का चयन

भारत के सुप्रीम कोर्ट के लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के आदेश के बाद राष्ट्रीय चयन पैनल में चयनकर्ताओं की संख्या कम होना तय है और ऐसे में गगन खोड़ा और जतिन परांजपे को अपने पद छोड़ने होंगे क्योंकि वे तय शर्तों को पूरा नहीं करते।

लोढ़ा सुधारों के मुताबिक, सीनियर चयनसमिति तीन सदस्यीय होनी चाहिए और उसमें सभी टेस्ट खिलाड़ी होने चाहिए। बीसीसीआई ने सितंबर में जब चयन पैनल घोषित किया था तब अब बर्खास्त किए गए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज कर बनाया था क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तब तक अपना अंतिम फैसला नहीं दिया था।

नई समिति का कभी कोई औपचारिक अनुबंध नहीं रहा। ऐसे में अब इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के लिए एमएसके प्रसाद, देवांग गांधी और शरणजीत सिंह टीम का चयन करेंगे। ये सभी पूर्व टेस्ट खिलाड़ी हैं।

टीम का चयन 5 जनवरी को होगा। लोढ़ा समिति की शर्तों के मुताबिक, बीसीसीआई की सीनियर सिलेक्शन पैनल में केवल टेस्ट क्रिकेटर होने चाहिए। खोड़ा ने दो वनडे और परांजपे ने चार वनडे खेले हैं और इस तरह से वे सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त समिति द्वारा तय की गई शर्तों को पूरा नहीं करते।

संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा, ''मुझे अभी देखना होगा कि नए नियम क्या होंगे? अमूमन सचिव सीनियर टीम का समन्वयक होता है। उनकी अनुपस्थिति में संयुक्त सचिव बैठक बुलाता है।''

बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि खोड़ा और परांजपे के अब तक के अच्छे काम को देखते हुए उन्हें प्रतिभा समन्यवक बनाया जा सकता है। इसके लिए टेस्ट क्रिकेटर होना जरूरी नहीं है और खोड़ा और परांजपे इसमें फिट बैठ सकते हैं।

नए बीसीसीआई संचालकों के नाम नरीमन नही सुझाएंगे

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई के नए संचालक के नाम का सुझाव देने का कार्यभार वरिष्ठ अधिवक्ता और जाने-माने वकील फली नरीमन को सौंपा था, लेकिन मंगलवार को कोर्ट ने अपने फैसले में इस काम के लिए नरीमन की जगह वरिष्ठ वकील अनिल दीवान को नियुक्त किया है।

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने यह फैसला सुनाया। बीसीसीआई के संचालक के नामों के सुझाव के लिए नरीमन ने पीठ से खुद की जगह अनिल को नियुक्त करने का आग्रह किया था जिसे कोर्ट ने मान लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने फैसले में एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम और जाने-माने वकील नरीमन को उन लोगों के नाम सुझाने के लिए कहा है जो एक प्रशासक के नेतृत्व में काम करने वाली समिति में शामिल हों। यह समिति बीसीसीआई के संचालन का कामकाज देखेगी।

इसके साथ ही कोर्ट ने संचालक के नामों के सुझाव के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। गौरतलब है कि कोर्ट ने सोमवार को लोढ़ा समिति की अनुशंसाओं को लागू करने पर अड़ियल रुख अपनाए हुए बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बीसीसीआई से निकाल दिया था।

सुरेश कलमाड़ी ने आईओए के लाइफटाइम प्रेजिडेंट के पद को ठुकराया

सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला को आनरेरी लाइफटाइम प्रेजिडेंट बनाने के फैसले पर भारत के खेल मंत्रालय ने हैरानी जताई है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि इस संबंध में आईओए से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और फैसला लिया जाएगा। एक सवाल के जवाब में विजय गोयल ने कहा कि भले ही आईओए स्वायत्त संस्था है, लेकिन सरकार से बड़ा कोई नहीं है।

सुरेश कलमाड़ी ने आईओए के द्वारा दिए गए आनरेरी लाइफटाइम प्रेजिडेंट के पद को ठुकरा दिया है। वही अभय चौटाला ने विजय गोयल पर हमला किया।   

आईओए के सूत्रों ने बताया कि यह फैसला एसोसिएशन की परंपराओं के मुताबिक ही लिया गया है। गौरतलब है कि सुरेश कलमाडी यूपीए शासनकाल के बहुचर्चित कॉमनवेल्थ घोटाले में आरोपी हैं। इंडियन नेशनल लोकदल प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला भी आय से अधिक संपत्ति के केस का सामना कर रहे हैं।

गौरतलब है कि सुरेश कलमाडी और आईएनएलडी के नेता अभय सिंह चौटाला को इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (आईओए) का सर्वसम्मति से लाइफटाइम प्रेजिडेंट चुन लिया गया। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की चेन्नै में हुई आम सभा बैठक में इसका प्रस्ताव भारतीय ओलिंपिक संघ के संयुक्त सचिव राकेश गुप्ता ने रखा जिसे बैठक में मौजूद 150 लोगों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

कलमाड़ी और चौटाला आईओए के आजीवन अध्यक्ष बने

राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोपों के दागी सुरेश कलमाड़ी को मंगलवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की वार्षिक आम सभा की बैठक में आजीवन अध्यक्ष बनाया गया। एक अन्य दागी अधिकारी अभय सिंह चौटाला को भी आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया है।

आईओए की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कलमाड़ी और चौटाला से पहले केवल विजय कुमार मल्होत्रा को ही आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था। वह 2011 और 2012 में आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे थे। कलमाड़ी 1996 से 2011 तक आईओए अध्यक्ष रहे और उन्हें 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में घोटाले में संलिप्तता के कारण दस महीने जेल की सजा काटनी पड़ी थी। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

पुणे में जन्में 72 वर्षीय कलमाड़ी कांग्रेस के पूर्व सांसद भी है। वह 2000 से 2013 तक एशियाई एथलेटिक्स संघ के भी अध्यक्ष रहे थे। उन्हें पिछले साल ही एशियाई एथलेटिक्स संघ का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था। वह अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) के भी 2001 से 2013 तक सदस्य रहे।

चौटाला दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए अध्यक्ष रहे। उस समय अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने चुनावों में आईओए को निलंबित कर रखा था क्योंकि उसने चुनावों में ऐसे उम्मीदवार उतारे थे जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल थे। आईओए अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव को आईओसी ने रद्द कर दिया था।

आईओए संविधान में संशोधन करके सुनिश्चित किया गया कि आरोपी उम्मीदवारों को चुनावों में उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद ही आईओसी ने फरवरी 2014 में आईओए का निलंबन हटाया था। चौटाला को मुक्केबाजी की पूर्ववर्ती संस्था भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ का भी अध्यक्ष चुना गया था जिसकी विश्व संस्था एआईबीए ने 2013 में मान्यता रद्द कर दी थी। हाल में उन्हें हरियाणा ओलंपिक संघ का अध्यक्ष चुना गया और रिपोर्टों के अनुसार उनके इस गुट को आईओए ने मान्यता दे दी है।

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भारत का इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज पर 4-0 से कब्जा

भारत ने चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में सीरीज के पांचवें और अंतिम मैच में इंग्लैंड को पारी और 75 रन से हराकर सीरीज पर 4-0 से कब्जा कर लिया है। ये टीम इंडिया की अबतक की सबसे बड़ी जीत है।

4-0 से इंग्लैंड के खिलाफ क्लीन स्वीप के बाद विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने नई उपलब्धियां हासिल की है। टीम इंडिया की इंग्लैंड के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले टीम इंडिया ने 1992-93 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में इंग्लैंड को 3-0 से 'वाइटवाश' की थी।

भारत ने करुण नायर के तिहरे शतक (303 नाबाद) के बूते पहली पारी में सात विकेट पर 759 रन बनाए। इसके चलते भारत को 282 रन की बढ़त मिली। इंग्‍लैंड ने पहली पारी में 477 रन बनाए थे।

दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम भारतीय गेंदबाजों का मुकाबला नहीं कर सके और पूरी टीम 207 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। भारत की ओर से रविंद्र जडेजा ने दूसरी पारी में सबसे ज्यादा इंग्लैंड के 7 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। वहीं इशांत शर्मा, अमित मिश्रा और उमेश यादव ने एक-एक विकेट लिए।

टीम इंडिया की चेन्नई टेस्ट में जीत के सितारों में करुण नायर (303), लोकेश राहुल (199) और रवींद्र जडेजा (10 विकेट- दूसरी पारी में 7 और पहली में 3) प्रमुख रहे। टीम इंडिया ने चौथे दिन नायर के ऐतिहासिक तिहरे शतक की मदद से इंग्लैंड पर 282 रनों की बढ़त बना ली थी, जवाब में इंग्लिश टीम 207 रन पर सिमट गई।

कप्तान एलिस्टर कुक (49), कीटन जेनिंग्स (54 रन) और मोईन अली (44) ने हार टालने की भरपूर कोशिश की, लेकिन जडेजा की घूमती गेंदों के आगे उनकी एक न चली। जडेजा ने कुक को सीरीज में पांचवीं बार आउट किया।  एक समय इंग्लैंड का स्कोर बिना किसी नुकसान के 103 रन था, लेकिन उसने अगले 107 रन पर 10 विकेट गंवा दिए, जबकि दिन के खेल में महज नौ ओवर ही बाकी थे।

इससे पहले करुण नायर ने टेस्ट क्रिकेट में अपने पहले शतक को तिहरे शतक में बदलकर नाबाद 303 रन की रिकॉर्ड पारी खेली जिससे भारत ने अपना अब तक का सर्वोच्च स्कोर बनाकर इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी।

तिहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय करुण नायर

करुण नायर ने अपने करियर के तीसरे टेस्ट मैच में तिहरा शतक लगाकर इतिहास बना डाला। नायर तिहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय और दुनिया के 26 वें खिलाड़ी हैं। उनसे पहले वीरेंद्र सहवाग ने दो बार तिहरे शतक मारे हैं। चेन्नई में ही सहवाग ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरा तिहरा शतक जड़ा था।

इससे पहले उन्होंने वीवीएस लक्ष्मण का 15 साल पुराना रिकॉर्ड ( 281) तोड़ दिया। इसके साथ ही नायर ने विनोद कांबली का 23 साल का पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ा। 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ ही कांबली ने पहली सेन्चुरी लगाने के बाद 224 रन बनाए थे।

बता दें कि 200 टेस्ट खेल चुके सचिन तेंडुलकर का करियर का बेस्ट 248 नाॅट आउट था। सचिन ने दिसंबर 2004 में ढाका टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ यह इनिंग खेली थी।  

साथ ही नायर भारत के पहले ऐसे बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने नंबर पांच या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए तीहरा शतक लगाया है। अभी इससे पहले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वीवीएस लक्ष्मण दोहरा शतक लगाने का कारनामा कर चुके हैं।

भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की सीरीज का आखिरी मैच चैन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेला जा रहा है। चौथे दिन भारत ने 759 का आंकड़ा पार कर लिया। भारत ने 7 विकेट खोकर 759 रन बना लिया है। इसके साथ ही टीम इंडिया ने पहली पारी में करीब 282 रन की बढ़त हासिल कर ली है। भारत के लिए करुण नायर ने शानदार तिहरा शतक जड़कर टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। नायर ने 306 गेंद में अपना दोहरा शतक पूरा किया।

इसके साथ ही वह भारत के तीसरे खिलाड़ी बने जिन्होंने अपने पहले टेस्ट शतक को दोहरे शतक में तब्दील किया। फिलहाल नायर 303 रन बनाकर नाबाद रहे। करुण नायर ने 381 गेंदों में तिहरा शतक पूरा किया।

जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप: बेल्जियम को हरा भारत बना चैंपियन

भारत ने जूनियर हॉकी विश्व कप में बेल्जियम को 2-1 से हराकर विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया है। भारत की टीम इस टूर्नामेंट में अजेय रही और उसने अपने सभी 6 मैचों में जीत दर्ज की।

15 साल बाद भारत ने यह खिताब एक बार फिर अपने नाम किया है। इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारत ने अर्जेंटीना को हराकर इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया था।

रविवार के दिन लखनऊ के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में शानदार हॉकी खेलकर हॉकी वर्ल्ड कप का यह खिताब अपने नाम किया। खेल के पहले ही हाफ में 2 गोल की बढ़त बनाने के बाद भारत की टीम ने पूरे मैच में बेल्जियम पर अपना दबदबा बनाए रखा।

दो गोल से पिछड़ने के बाद बेल्जियम की टीम पूरे मैच में इस दबाव से उबर ही नहीं पाई। भारत की ओर से गुरजंत और सिमरनजीत सिंह ने गोल किए। इस मैच में पहला गोल करने वाले गुरजंत सिंह को उनके शानदार खेल के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।

पहले ही हाफ में भारत ने बेल्जियम की टीम पर 2 गोल दागकर उसे दबाव में ला दिया। टीम इंडिया की ओर से खेल के 8वें मिनट में पहला गोल गुरजंत सिंह ने किया। इसके बाद 22वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने एक और गोल दागकर भारत की लीड को 2-0 कर दिया। गुरजंत ने पहले गोल के लिए मिले स्कूप पास को बढ़िया से टैकल कर रिवर्स हिट के जरिए भारत की खाते में पहला गोल डाला।

बेन रयान'स सेवेंस वर्ल्ड सीरीज गाइड

बेन रयान'स सेवेंस वर्ल्ड सीरीज गाइड

पाकिस्तान में प्रथम महिला कबड्डी चैम्पियनशिप का आयोजन

कबड्डी पूरे दक्षिण एशिया में एक बेहद लोकप्रिय और प्रतिस्पर्धात्मक खेल है, लेकिन यह आम तौर पर केवल पुरुषों के बीच खेला जाता है।