असम में सीएए विरोधी प्रदर्शन में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के पुतले फूंके गए, सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस हिरासत में
असम में सीएए विरोधी प्रदर्शन में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के पुतले फूंके गए, सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस हिरासत में
मंगलवार, 12 मार्च 2024
भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किए जाने के ख़िलाफ़ मंगलवार, 12 मार्च 2024 को पूरे भारत के राज्य असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
इस दौरान डिब्रूगढ़ में असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुतले फूंके। असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद ने सीएए कानून की प्रतियां जलाई और सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की।
सीएए के ख़िलाफ़ ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू), कृषक मुक्ति संग्राम समिति समेत करीब 30 जनजातीय संगठनों ने असम के विभिन्न हिस्सों में लगातार विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
असम में सीएए के ख़िलाफ़ शुरू हुए आंदोलन के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार, 12 मार्च 2024 को कहा, "कानून बनने से पहले आंदोलन किया जाता है और अगर अब कानून का विरोध करना है तो कोर्ट में जाना चाहिए। लोग जब पोर्टल में नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे तो 45 दिन में ही हमें पता चल जाएगा कि कितने लोगों ने आवेदन किया है। अगर आवेदन करने वाले लाखों की संख्या में हुए तो मैं खुद इसका विरोध करूंगा।''
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "अगर राज्य (असम) में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक व्यक्ति को सीएए के तहत नागरिकता मिलती है, तो वह इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे।''
सीएए के ख़िलाफ़ जोरहाट ज़िले में वकीलों की बिरादरी ने मंगलवार, 12 मार्च 2024 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया।
असम के जोरहाट ज़िले के वकीलों के एक समूह ने अपना विरोध जताने सड़कों पर पैदल मार्च किया। इन वकीलों के हाथ में जो तख्तियां थी उन पर "सीएए नहीं चाहिए" और "हम सीएए का विरोध करते हैं" जैसे नारे लिखे हुए थे।
इस बीच ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेताओं ने मंगलवार, 12 मार्च 2024 को सीएए के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया है। सीएए के ख़िलाफ़ मंगलवार, 12 मार्च 2024 की सुबह से ही सड़कों पर उतरे आंदोलनकारियों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने कई जगह बैरिकेडिंग की थी।
असम के शिवसागर जिले में कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सदस्यों ने सीएए की प्रतिलिपि जलाई और सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
ऊपरी असम के कई ज़िलों में पुलिस ने आंदोलन करने सड़कों पर उतरे कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए शहर और आसपास के इलाकों में जवानों को तैनात किया गया है और स्थानीय थानों में अस्थाई जेल बनाई गई है।
असम की प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी मंगलवार, 12 मार्च 2024 को गुवाहाटी के राजीव भवन के सामने धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने सीएए की प्रतिलिपि जलाई और बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी की। कांग्रेस पार्टी की ज़िला इकाइयों ने भी असम के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया।