हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी और सेबी ने क्या कहा?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी और सेबी ने क्या कहा?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट: राहुल गांधी ने तीन बड़े सवाल उठाये
रविवार, 11 अगस्त 2024
हिंडनबर्ग और सेबी चीफ़ माधबी पुरी बुच मामले पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है।
राहुल गांधी ने 2 मिनट 19 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया और कहा कि हाल के वक्त में अधिक से अधिक लोग भारतीय शेयर मार्केट में अपनी कमाई लगा रहे हैं, और विपक्ष के नेता के तौर पर मेरी ये ज़िम्मेदारी है कि मैं उनके इसमें निवेश करने के जोखिम के बारे में बताऊं।
राहुल गांधी ने कहा, "ऐसा इसलिए क्योंकि स्टॉक मार्केट का नियमन करने वाली भारत की संस्था सेबी पर आरोप लग रहे हैं।''
राहुल गांधी ने कहा, "लाखों लोगों की जमापूंजी ख़तरे में है इसलिए इस मामले की जांच की जानी चाहिए।''
राहुल गांधी के मुताबिक़, "इससे तीन बड़े सवाल उठते हैं। पहला ये कि आरोप लगने के बाद भी माधबी पुरी ने इस्तीफ़ा क्यों नहीं दिया।''
"दूसरा, ईश्वर न करे अग़र बाज़ार में कुछ गड़बड़ हुई और निवेशकों को अपना पैसा खोना पड़े तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा, सेबी चीफ़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर अदानी।''
"तीसरा, ये मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में है, अब गंभीर आरोप लगने के बाद क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले में भी स्वत: संज्ञान लेगी।''
राहुल गांधी ने कहा, "अब ये साफ़ हो रहा है कि पीएम मोदी इस पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने को लेकर क्यों डर रहे हैं।"
सेबी ने हिंडनबर्ग और अदानी पर क्या कहा?
रविवार, 11 अगस्त 2024
सेबी ने 10 अगस्त, 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है।
सेबी ने कहा है कि निवेशकों को शांति बनाए रखनी चाहिए और ऐसी रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देने से पहले उस जानकारी का सही से आकलन कर लेना चाहिए।
सेबी के मुताबिक़, ''निवेशकों को पता होना चाहिए कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर शामिल है, जिसमें कहा गया है कि कंपनी जिन बॉन्ड्स की चर्चा कर रही है, उनमें शॉर्ट पोज़िशन रख सकती है।''
सेबी ने कहा है कि अदानी समूह के मामले में सेबी ने 24 में से 23 जांचों को पूरा कर लिया है और आखिरी जांच भी लगभग पूरी होने वाली है।
सेबी के अनुसार उसने अदानी समूह को 100 से ज़्यादा समन्स, लगभग 1,100 पत्र और ईमेल जारी किए हैं। इसके अलावा सेबी ने घरेलू और विदेशी नियामकों से 300 से ज़्यादा बार बातचीत की है। साथ ही सेबी ने 12,000 पन्नों के दस्तावेज़ों की समीक्षा भी की है।