जामिया लाइव : नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध की आग दिल्ली पहुंची

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों की आग दिल्ली भी पहुंच गई है। मथुरा रोड पर जामिया नगर से सटे इलाक़े में डीटीसी की बसों में आग लगाई गई।

चश्मदीदों के अनुसार नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और भीड़ में टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों ने कई बसें, कारें और दोपहिया वाहर फूंके।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चीफ़ प्रॉक्टर ने कहा कि पुलिस जबरदस्ती कैंपस में घुसी। जामिया स्टूडेंट्स ने भी हिंसा की निंदा की।

रविवार शाम को दिल्ली से मथुरा जाने वाली सड़क पर प्रदर्शनकारियों ने कई बसों में आग लगा दी।

बसों में लगी आग बुझाने के लिए पहुंची फायर ब्रिग्रेड की गाड़ियों पर भी प्रदर्शनकारियों ने धावा बोला और तोड़ फोड़ की।

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव दिल्ली के ओखला, जामिया और कालिंदी कुंज वाले इलाके में हुआ।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों सहित प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज रोड पर नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया।

मीडिया की ख़बरों में दावा किया जा रहा है कि हिंसा में जामिया के छात्र शामिल थे।

इन ख़बरों पर समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आला अधिकारियों ने ये दावा किया है कि हिंसा इसी इलाक़े में स्थानीय लोगों द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान हुई, ना कि यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन के समय।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में मौजूद बीबीसी संवाददाता सलमान रावी ने बताया कि इन घटनाओं के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया परिसर की घेराबंदी कर दी है।

यूनिवर्सिटी के चीफ़ प्रॉक्टर वसीम अहमद ख़ान ने ट्वीट किया कि दिल्ली पुलिस ने बिना अनुमति के परिसर में प्रवेश किया है। उनके कर्मचारियों और छात्रों को पीटा गया और परिसर छोड़ने पर मजबूर किया गया है।  

जामिया टीचर एसोसिएशन ने छात्रों से अपील की है कि वो इलाक़े में स्थानीय नेताओं द्वारा किए जा रहे दिशाहीन प्रदर्शनों में कतई शामिल ना हों।

जामिया की वीसी नजमा अख्तर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुस्तकालय के भीतर के छात्रों को बाहर निकाला गया और वो सुरक्षित हैं। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की।

घटनास्थल पर मौजूद बीबीसी संवाददाता बुशरा शेख ने बताया कि एक पुरुष पुलिसवाले ने ना सिर्फ़ उनका मोबाइल छीन कर तोड़ दिया बल्कि बदसलूकी भी की।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अपील की है।

उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह की हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, हुआ ये कि जामिया के स्टूडेंट्स ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध मार्च निकाला था।

छात्रों का जुलूस जैसे ही न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के कम्यूनिटी सेंटर के पास से गुज़रा, वहां पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरीकेड्स लगा रखे थे।  

वहां कुछ छात्र बैठ गए थे, इन छात्रों में जामिया के स्टूडेंट्स के अलावा भी दूसरे स्टूडेंट भी शामिल थे।

पुलिस की नाकेबंदी को देखते हुए छात्रों का समूह दूसरे रास्ते से आश्रम की तरफ़ बढ़ने लगा।

ये रास्ता जंतर मंतर की तरफ़ जाता था। हालांकि ये बात पक्के तौर पर नहीं कही जा सकती कि छात्रों का ये समूह जंतर-मंतर की तरफ़ ही जा रहा था या कहीं और।

छात्रों ने आश्रम के पास रास्ता जाम कर दिया। ये सड़क दिल्ली-फरीदाबाद रोड थी।  

पुलिस ने सड़क खाली कराने के लिए वहां लाठी चार्ज किया। इन छात्रों में लड़के-लड़कियां दोनों ही थे। पुलिस ने इन छात्रों की वहां पर पिटाई की।

इस दौरान दूसरी तरफ़ मौजूद प्रदर्शनकारियों की ओर से भी पुलिस पर पत्थरबाज़ी हुई।  

फिर पुलिस ने वहां लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। अभी भी पुलिस वहां आंसू गैस के गोले छोड़ रही है।

इससे पहले भी जामिया के छात्रों ने 13 दिसंबर को मार्च निकालने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरीकेड लगाकर रोक दिया था।

पिछले दो-तीन दिनों से पुलिस ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के कम्यूनिटी सेंटर के पास बैरीकेड लगा रखा था।  

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया है कि सुरक्षा कारणों से वसंत विहार, मुनिरका और आर के पुरम मेट्रो स्टेशनों को फ़िलहाल बंद कर दिया गया है।

इसके अलावा पटेल चौक, विश्वविद्यालय, जीटीबी नगर, शिवाजी स्टेडियम मेट्रो स्टेशनों को भी बंद किया गया है।

डीएमआरसी ने सुखदेव विहार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, ओखला विहार, जसोला और शाहीन बाग मेट्रो स्टेशनों को भी बंद करने का अपडेट जारी किया है।

दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने कहा है कि प्रदर्शन में आई भीड़ बहुत आक्रामक थी। स्थिति को कंट्रोल करने के लिए हमने उग्र भीड़ को तितर-बितर किया था जिसके जवाब में पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाज़ी की गई। इसमें क़रीब छह पुलिसवाले घायल हुए हैं।

बिस्वाल ने कहा, "हमें जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों से कोई शिक़ायत नहीं थी। पर कैंपस के अंदर से भी हम पर पथराव किया गया। हम यूनिवर्सिटी प्रशासन से कहेंगे कि वे उन छात्रों की पहचान करें।''

बिस्वाल ने कहा कि उग्र भीड़ ने डीटीसी की चार बसों और पुलिस के दो वाहनों समेत कुछ अन्य वाहनों में भी आग लगाई जिसकी वजह से पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि जामिया यूनिवर्सिटी और इससे सटे इलाक़ों में फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

पुलिसिया कार्रवाई के बाद जामिया के छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों के समर्थन में सीपीआई नेता डी. राजा और सीपीएम नेता वृंदा करात आईटीओ पहुंची है।

वहीं, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ट्वीट करके बस जलाने के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराया है।

मनीष सिसौदिया ने ट्वीट करके कल दक्षिण पूर्वी दिल्ली के ओखला, जामिया, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी, मदनपुर खादर क्षेत्र के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है।