सुपरटेक का दावा : नोएडा के ट्विन टावर के ध्वस्त होने से कंपनी को करीब 500 करोड़ का नुकसान हुआ

भारत में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक ने दावा किया है कि नोएडा के ट्विन टावर के ध्वस्त होने से कंपनी को करीब 500 करोड़ का नुकसान हुआ है।

कंपनी के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने रविवार, 28 अगस्त, 2022 को ख़ुद इसकी जानकारी दी।

समाचार एजेंसी पीटीआई को आर के अरोड़ा ने बताया कि ज़मीन खरीदने से लेकर ट्विन टावर के निर्माण, अलग-अलग अप्रूवल के लिए अधिकारियों को किए गए भुगतान से लेकर सालों से बैंकों को दिए जा रहे ब्याज़ की राशि और दोनों टावरों के खरीदारों को दिए गए 12 प्रतिशत ब्याज़ के भुगतान को जोड़ लें तो कंपनी को कुल 500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

नोएडा के सेक्टर 93A में बना ट्विन टावर सुपरटेक कंपनी के एमराल्ड प्रोजेक्ट का हिस्सा थी। ट्विन टावर में बने 900 अपार्टमेंट्स की कुल मार्केट वैल्यू क़रीब 700 करोड़ थी।

अरोड़ा ने पीटीआई को बताया कि दोनों ही टावर करीब 8 लाख स्क्वायर फिट की एरिया में बनाई गई थीं।

उन्होंने कहा, ''हमने ये टावर नोएडा विकास प्राधिकरण के अप्रूवल के बाद ही बनवाई थी।''

भारत के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार, 28 अगस्त, 2022 की दोपहर 2.30 बजे करीब 100 मीटर ऊंचे एपेक्स और सेयेन टावरों को गिरा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने एमराल्ड कोर्ट परिसर के अंदर इन दो टावरों के निर्माण में मानदंडों का उल्लंघन पाया था। टावरों को ध्वस्त करने में 3700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया।