मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एम आई एम) ने मस्जिद गिराए जाने की निंदा की है। इससे पहले रविवार को कृष्णा जिले के कंकिपुडा मंडल में ईदपुग्गल में स्थित मस्जिद-ए-अली को आंध्र प्रदेश सरकार के राजस्व अधिकारियों ने तोड़ दिया था।
एम आई एम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान को सड़क चौड़ा करने के नाम पर गिराना गैरकानूनी और मनमानी है।''
उन्होंने कहा, ''कोई भी मस्जिद स्थानांतरित और ढ़ाई नहीं जा सकती है क्योंकि यह अल्लाह की संपत्ति है। यहां तक कि मस्जिद को बनाने वाले शख्स को भी यह अधिकार नहीं है कि वह मस्जिद को शिफ्ट या तोड़ सके।
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, ओवैसी ने आरोप लगाया कि मई 2016 के बाद से राजस्व अधिकारियों ने मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को मनमाने ढंग से गिराया। सालों पुरानी मस्जिद-ए-अबु बकर, हजरत शाह जहूर मुसाफिर दरगाह, तारापेट मस्जिद और जन्नातुल फिरदौस कब्रिस्तान को गिराया गया था।''
उन्होंने कहा कि यह धार्मिक स्थानों की सुरक्षा के लिए कानूनों का पूर्ण उल्लंघन है। आंध्र प्रदेश राज्य वक्फ बोर्ड के अनुरोध और स्थानीय मुस्लिमों के विरोध की अनदेखी की गई है।
ओवैसी ने कहा, ''इस संबंध में उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मई 2016 और मई 2017 में धार्मिक स्थलों पर राजस्व अधिकारियों की कार्रवाई के खिलाफ चिट्ठी लिखी थी।
रविवार को ओवैसी ने आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दिनेश कुमार से मुलाकात की थी और आंध्र प्रदेश सरकार से मुसलमान के धार्मिक स्थलों को गिराए जाने से रोकने की मांग की थी।
साथ ही उन्होंने राजस्व अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी।
ओवैसी ने गिराई गई मस्जिदों, दरगाह और कब्रिस्तानों के पुनर्निर्माण की मांग की है।