कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जैस, अमेठी में एक सभा को संबोधित किया
भारत में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को साल 2007 में दिए गए भड़काऊ भाषण के मामले में सोमवार को नोटिस जारी किया।
न्यूज एजेंसी वार्ता के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने योगी आदित्यनाथ से पूछा है कि वह बताएं कि इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा क्यों न चलाया जाए? इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मुख्यमंत्री समेत सात लोगों को पहले ही राहत मिल चुकी है।
इस मामले में याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से कहा कि उनके पक्ष को सुने बिना ही उच्च न्यायालय में मामला खारिज कर दिया गया था।
गौरतलब है कि गोरखपुर में साल 2007 में दो पक्षों में विवाद हो गया था। बाद में विवाद इतना बढ़ गया कि राजकुमार अग्रहरि नामक शख्स की हत्या कर दी गई। बाद में मामला और बढ़ गया और इसने सांप्रदायिक रूप ले लिया। आरोप है कि उस समय गोरखपुर से तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद दंगा भड़क गया था।
उत्तर प्रदेश के देवरिया बालिका गृह यौन शोषण में विपक्ष ने प्रदेश की योगी सरकार की कड़ी आलोचना की है। समाजवादी पार्टी ने विरोध जताया है। वहीं बसपा ने भी निशाना साधा है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि इस सरकार में ज़्यादा अराजकता है और महिलाओं की दुर्दशा भी।
मायावती ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं चिंता का विषय है। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम व देवरिया नारी संरक्षण गृह में दुष्कर्म का धन्धा चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुये उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण के बिना यह सब अन्याय-अत्याचार व घोर पाप संम्भव ही नहीं है। इसलिए सरकारी अधिकारियों पर भी कार्रवाई काफी सख्त होनी चाहिये, ना कि लीपापोती जैसी कोई बात, जो कि गंभीर से गंभीर घटनाओं में भी भाजपा सरकारों की आम आदत बन गई है।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने देवरिया नारी संरक्षण गृह की लड़कियों के साथ हुए घिनौने कृत्य व मानव तस्करी की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि संरक्षण गृह से देह व्यापार का कृत्य समाज को शर्मसार करने वाला है।
दुबे ने कहा है कि नारी संरक्षण गृह संस्था के सभी सदस्यों को हिरासत में लेना चाहिए। संरक्षण गृह से देह व्यापार व उसके रैकेट के तार कहां-कहां से जुड़े हुए थे। इसका भी खुलासा जल्द किया जाना चाहिए। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार यदि बिहार के मुजफ्फरपुर कांड से सबक ली होती तो शायद ऐसी घटनाएं ना होतीं।
उत्तर प्रदेश के देवरिया बालिका गृह यौन शोषण के विरोध में सपा के फ्रंटल संगठनों ने सोमवार को एकजुट होकर विरोध जताया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम से जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पार्क तक कैंडिल मार्च निकाला। इस दौरान सभी ने सरकार विरोधी नारेबाजी जमकर की।
प्रदर्शन में युवजन सभा, छात्रसभा, यूथ ब्रिगेड, लोहिया वाहिनी व महिला सभा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल रहे। वहीं इससे पूर्व देवरिया से आए सपा कार्यकर्ताओं ने भी जीपीओ पार्क में प्रदर्शन कर विरोध जताया।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एमएलसी आनन्द भदौरिया व सुनील सिंह साजन ने कहा कि भाजपा के शासन में महिलाएं बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं। देवरिया के बालिका गृह में हुई घटना बेहद शर्मनाक है। बालिकाएं अब बालगृह में भी सुरक्षित नहीं। इसकी जितनी निंदा की जाए, वह कम है।
कार्यकर्ताओं ने घटना की सीबीआई जांच करवाने की मांग उठाई, जिससे पूरी सच्चाई सामने आ सके। साथ ही कार्यकर्ताओं ने दोषियों की जल्द गिरफ्तारी कर सख्त से सख्त सजा दिलवाने की मांग उठाई।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिला जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के तुरंत बाद भले ही कुख्यात सुनील राठी ने उसके मर्डर का जुर्म कबूल कर लिया हो, मगर इस सनसनीखेज वारदात के पीछे की वजह को हर कोई जानना चाहता है। हत्यारोपी सुनील राठी के आत्मरक्षा वाले बयान से खुद अफसर ही इत्तेफाक नहीं रखते तो आम जनता भला इस पर कैसे यकीन कर सकती है?
सवाल उठता है कि यह हत्याकांड किसी गहरी साजिश का नतीजा है या फिर करोड़ों की सुपारी डील का अंजाम। अगर ये दोनों वजह नहीं है तो फिर ये पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल के माफिया में किसी नए गठजोड़ के आगाज का खुला ऐलान है। सवाल जितने बड़े हैं, जवाब भी उतना ही उलझा हुआ है।
मुन्ना बजरंगी के परिजन लंबे समय से अपने सफेदपोश विरोधियों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते आ रहे हैं। बजरंगी की हत्या के बाद परिजनों द्वारा खेकड़ा थाने में दी गई तहरीर में भी उन्हीं विरोधियों के नाम शामिल हैं।
वे इसे राजनीतिक हत्या बता रहे हैं तो अगला सवाल खड़ा हो जाता है कि इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में आतंक का दूसरा नाम बन चुका सुनील राठी कैसे मोहरा बन गया? अपराध की दुनिया को करीब से जानने वाले लोगों का जवाब है कि यह एक बहुत बड़ी सुपारी डील हो सकती है। इतना ही नहीं, इस हत्या को लेकर दस करोड़ रुपये तक के सौदे की चर्चाओं का बाजार भी गर्म है।
सुपारी किलिंग के अलावा जो एक और कयास लगाया जा रहा है, वह है वेस्ट यूपी और पूर्वांचल के माफिया के नये गठजोड़ का आगाज। यह कैसे फिट बैठता है? इसके पीछे की दलील भी कमजोर नहीं है।
सुत्रों का कहना है कि सुनील राठी का रिश्तेदार राजीव राठी पूर्वाचल की मिर्जापुर जेल में बंद है उसकी कुछ दिन पहले मुन्ना बजरंगी के गुर्गों द्वारा पिटाई कर दी जाती है, जिसका पक्ष पूर्व सांसद ब्रिजेश सिंह के गुर्गे लेते हैं। इसी रिश्तेदार के जरिये ही सुनील राठी की टेलिफोनिक बातचीत इस नये गैंग से शुरू हो जाती है और फिर दो बड़े माफिया की जुगलबंदी से तीसरे बड़े माफिया डॉन का खात्मा हो जाता है।
पुलिस और न्यायिक जांच भी इन्हीं तीन बिंदुओं को केन्द्र में रखकर चल रही है तथा इसके लिये हर उस कड़ी को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जो हत्याकांड के सटीक खुलासे तक उनको पहुंचा दे।
उत्तराखंड में आज सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। नैनीडांडा ब्लॉक में पिपली-भौन मोटर मार्ग पर एक बस खाई में गिर गई। इस हादसे में कई यात्रियों की मरने की सूचना है।
जानकारी के मुताबिक, यह बस भौन से रामनगर जा रही थी। ग्वीन पुल के पास बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। भौन से करीब 15 किलोमीटर आगे यह दुर्घटना हुई है। आपदा कन्ट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, 47 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 44 लोगों की मौत तुरंत हो गई। वहीं एक की मौत धुमाकोट हॉस्पिटल में हुई। हादसे में जो बस खाई में गिरी है। उसका नंबर यू के12सी/0159 बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि यह बस 28 सीटर थी और काफी ओवरलोडेड होने की वजह से सड़क से करीब 60 मीटर नीचे संगुड़ी गदेरे (बरसाती नाले) में गिरी है। घायलों को इलाज के लिए धुमाकोट अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन की टीम मौके पर रवाना हो गई है। एस डी आर एफ की टीम को 3 हेलीकॉप्टर से मौके पर भेजा गया है। हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य किया जा रहा है।
लोकसभा की 4 सीटों और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। नूरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव समाजवादी पार्टी के नईमुल हसन ने बीजेपी को 6211 वोटों से हराया।
वहीं कैराना उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं तबस्सुम ने बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को 49,494 वोटों से हराया है।
हालांकि नतीजों के आने से पहले रूझानों के दौरान बीजेपी की उम्मीदवार मृगांका सिंह ने हार मान ली थी। मृगांका सिंह ने कहा कि चुनाव में गठबंधन की ताकत दिखी।
उपचुनाव में इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर थी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां राष्ट्रीय लोक दल उम्मीदवार का समर्थन कर रही थी और आखिर में वह इसमें सफल भी हुई।
सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद उत्तर प्रदेश की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हुए थे।
भारत में उत्तर प्रदेश के कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा मंगलवार शाम करीब 5: 20 बजे गिर पड़ा। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय कुमार ने वाराणसी में निर्माणाधीन पुल ढहने से अभी तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है। एक महिला समेत 12 के शव निकाले जा चुके हैं। पुल की शटरिंग के लिए बने पिलर के नीचे रोडवेज बस, बोलेरो समेत कई दोपहिया वाहन दब गये।
पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि आठ से 10 मोटरसाइकिल भी इसकी चपेट में आए हैं। अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जतायी है। एक दर्जन से अधिक घायलों को मंडलीय अस्पताल एवं बी एच यू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। राहत कार्य में सेना के जवान व एन डी आर एफ की टीम लगी है।
प्रशासन ने पुल गिरने के कुछ घंटे बाद ही कार्रवाई करके चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एच सी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर के आर सूदन, सहायक अभियंता राजेश सिंह और अवर अभियंता लालचंद शामिल हैं।
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुल हादसे पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और घायलों को हरसंभव मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया।
योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मृत लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये जबकि घायलों को दो-दो लाख रुपये की मदद देने का निर्देश दिया है। वहीं निर्माणाधीन फ्लाईओवर के गिरने के कारणों की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष कृषि उत्पादन आयुक्त आर पी सिंह होंगे। समिति में जल निगम और सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने समिति से 48 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी है।
पहले से बने चौकाघाट फ्लाईओवर के विस्तारीकरण के तहत पिछले कई माह से कैंट-लहरतारा के बीच काम चल रहा है। फ्लाईओवर की सर्विस लेन से ही बनारस से इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र एवं भदोही जिलों के लिए बसों और सामान्य ट्रैफिक का आवागमन होता है। इससे पुल का निर्माण भी धीमा है। हादसे के समय जाम भी लगा था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल पर देर रात पहुंचे। सी एम ने पहले घटनास्थल पर जाकर चल रहे बचावकार्य का जायजा लिया। इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों से मिलने गए।
योगी आदित्य नाथ ने वाराणसी में पुल गिरने के मामले में सेतु निगम के चीफ़ प्रोजेक्ट मैंनेजर एच सी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेन्द्र सिंह और के आर सूडान को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही एक अन्य कर्मचारी लालचंद को भी सस्पेंड किया गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विट कर के दी। इन अधिकारियों पर आरोप हैं कि निर्माण के दौरान उन्होंने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया। सभी अधिकारियों को जल्द ही आरोप पत्र दिये जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य का निर्देश दिया है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के अलावा राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी को तत्काल मौके पर भेजा है।
राहत और बचाव कार्यों में एन डी आर एफ, पुलिस की कई टीमें जुटीं हैं। पुल की शटरिंग हटाने के लिए आधा दर्जन क्रेन भी पहुंच गईं हैं, लेकिन वजनी पिलर टस से मस नहीं हो पा रहे हैं। मौके पर जमा भारी भीड़ के कारण भी राहत और बचाव कार्य में बाधा आई। कैंट और लहरतारा की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर यातायात रोक दिये जाने के बाद भी सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गये हैं।
मंगलवार शाम कैंट रेलवे स्टेशन के पास जिस रोड पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरा है, वह कई जिलों को बनारस से जोड़ती है। इस रोड से ही भदोही, इलाहाबाद के अलावा मिर्जापुर, सोनभद्र होते मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के लिए वाहनों का आवागमन होता है। इनमें यात्री वाहनों के अलावा व्यावसायिक वाहन भी होते हैं।
वहीं राजघाट पुल से भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित होने के बाद गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़ से चंदौली, बिहार और झारखंड जाने वाले बड़े वाहन भी कैंट-लहरतारा रोड से हाईवे पहुंचते हैं। इस नाते इस रोड पर छोटे व बड़े वाहनों का हमेशा दबाव रहता है। यहां अमूमन जाम की स्थिति रहती है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चौकाघाट फ्लाईओवर हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने इस घटना की सूचना मिलते ही ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि ''मैं यहां योगी आदित्यनाथ सरकार सरकार से यह अपेक्षा करता हूँ कि वाराणसी के इस हादसे में वह केवल मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागेगी। इस मामले में सरकार से पूरी ईमानदारी से जांच की भी अपेक्षा है। उम्मीद है कि सरकार ईमानदारी से इस हादसे की जांच करवायेगी।'' उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे लोग घटनास्थल पर बचाव दल का हर संभव सहयोग करें।
निर्माणाधीन लहरतारा फ्लाईओवर का बीम गिरते ही कैंट स्टेशन से लहरतारा तक अफरातफरी मच गई। हादसा करीब पांच बजे हुआ। डेढ़ घंटे बाद क्रेन पहुंची। क्रेन के सहारे बीम को हल्का सा उठाया गया। जानकारी के मुताबिक, बीम के नीचे दो ऑटो भी दब गये लेकिन उसमें बैठे लोग बाल-बाल बच गए। उन्हें मामूली चोट लगी थी। दो बाइक भी दब गईं लेकिन बाइक सवार बच गए। मामूली रूप से घायल व्यक्तियों का लहरतारा स्थित रेलवे के मंडलीय अस्पताल में इंलाज कराया गया है।
भारत में बीती रात आए भयानक आंधी-तूफान व बारिश में अब तक कुल 118 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं। सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश के आगरा और राजस्थान के भरतपुर व धौलपुर में हुआ। उत्तर प्रदेश में 73, उत्तराखंड में 6, राजस्थान में 33, झारखंड में 1, पंजाब में 2 और ओडिशा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं गुरुवार की सुबह उत्तर बिहार के कई जिलों में तेज बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने मृतक परिवारों से संवेदना जताई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में खराब मौसम की चेतावनी जारी की है।
आंधी-तूफान के कारण उत्तर प्रदेश में 73 लोगों की मौत हो गई और 51 लोग घायल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय कुमार ने गुरुवार को बताया कि बुधवार रात सूबे में आए तेज आंधी-तूफान, बिजली गिरने और ओलावृष्टि के कारण हुए हादसों में काफी लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में हुआ है। जबर्दस्त आंधी-तूफान की वजह से अनेक मकान ध्वस्त हो गए, पेड़ गिर गए और बिजली के खंबे उखड़ गए। बिजनौर, सहारनपुर, बरेली, चित्रकूट, रायबरेली, उन्नाव, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, मथुरा, कानपुर, सीतापुर, मिर्जापुर, सम्भल, बांदा तथा कन्नौज में भी आंधी-तूफान और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
उत्तर मध्य रेलवे के सभी ट्रैकों पर बुधवार को चार घंटे रेल गाड़ियों का संचालन बंद रहा। तूफान का असर गुरुवार को ट्रेन संचालन पर भी पड़ा। आगरा से होकर गुजरने वाली तकरीबन 13 रेल गाड़ियां घंटों देरी से चलीं। रेलवे प्रवक्ता डॉ. संचित त्यागी ने बताया कि बुधवार रात आठ बजे से तूफान के कारण रेलों का संचालन रोकना पड़ा। तूफान थमने के बाद रात करीब 12 बजे ट्रेनों का संचालन बहाल किया गया।
लखनऊ के आंचलिक मौसम केन्द्र ने अगले 48 घंटों के दौरान भी उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य जिलों में धूल भरी आंधी चलने तथा कुछ स्थानों पर बारिश होने की चेतावनी जारी की है। केन्द्र के निदेशक जे पी गुप्ता ने अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बलिया, मऊ, गाजीपुर, अम्बेडकर नगर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर और गोंडा समेत 32 जिलों में आंधी-तूफान आने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग द्वारा राहत आयुक्त को पत्र भेजकर अलर्ट करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के डीएम और एस पी को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश शासन स्तर से मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। आपदा से राहत के लिए प्रशासनिक टीमों को निर्देश दिए गए हैं। नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित जिलाधिकारियों को आंधी-तूफान और बारिश से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश में अब जूता घोटाला की आशंकाएं जोर पकड़ रही हैं। अलीगढ़ के करीब 50 हजार स्कूली बच्चे बिना जूता पहने या फिर चप्पलें पहनकर स्कूल जाने को मजबूर बताए जा रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जिन्हें सरकार की योजना में से महज एक पैर का ही जूता उपलब्ध हुआ। जूता सप्लाई करने वाली कंपनी ने 12 महीने की गारंटी और वॉरंटी दी थी, लेकिन कई बच्चों के जूते 4 महीने में ही बुरी तरह से फट गए।
राज्य सरकार ने इस बाबत बेसिक शिक्षा विभाग के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा विभाग ने यह स्वीकार किया है कि 2.11 लाख जोड़ी जूते बांटे गए थे, जिनमें 52,000 जोड़ी जूते खराब ही आए थे और उन्हें बदलने के लिए कंपनी के पास वापस भेजा गया है। इसके अलावा 23,234 जोड़ी मोजे भी खराब गुणवत्ता वाले निकले जिन्हें बदलने के लिए आपूर्तिकर्ता के पास वापस भेजा जा चुका है। अलीगढ़ में 1776 प्राइमरी स्कूल और 735 जूनियर हाई स्कूल हैं।
अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि जूते पावरटेक इलेक्ट्रो इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा और मोजे खादिम इंडिया लिमिटेड के द्वारा सप्लाई किए गए थे। सप्लाई किए जाने की तारीख से 12 महीनों तक किसी भी तरह की क्षति की हालत में उनकी 12 महीने की गारंटी और वॉरंटी दी गई थी।
उन्होंने कहा कि आपूर्तिकर्ता बताए जाने के 15 दिनों के भीतर खराब स्कूल बैग, जूते और मोजे बदलने के लिए उत्तरदायी होगा। उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों में जूते और मोजे पहुंचाने से पहले उनकी जांच हुई थीं, लेकिन उनमें से कुछ खराब गुणवत्ता वाले निकल गए। लोढ़ा के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि उनके ब्लॉक में 23 डिब्बों में एक-एक जूता ही निकला और 5000 जोड़ी जूते खराब थे। उन्होंने बताया कि सभी खराब जूतों को बदलवाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के पास भेजा गया है।
अलीगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी दिनेश चंद्र ने कहा कि उन्होंने इस बारे में जांच बैठाई है कि क्यों बेसिक शिक्षा विभाग ने जूते बांटने से पहले उन्हें नहीं देखा। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूीलों के करीब 1.54 करोड़ बच्चों को स्कूल बैग, जूते और मोजे वितरित करने की पहल शुरू की थी। सरकार ने स्कूल बैग खरीदने के लिए 219 करोड़ रुपये और जूतों के लिए 266 करोड़ रुपये खर्च किए। एक जोड़ी जूतों की कीमत 135.75 रुपये और मोजों की कीमत 21.85 रुपये बताई गई है। जूतों और मोजों की ये खरीद 2017 में जुलाई से अक्टूबर के बीच की गई थी।
उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सी बी आई ने शुक्रवार तड़के हिरासत में ले लिया और पूछताछ की। इस मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं।
पता चला है कि किसी जमाने में आरोपी विधायक और पीड़िता महिला के परिवार में 'मैत्रीपूर्ण रिश्ते' थे। मखी गांव में दोनों परिवारों के घर आमने-सामने हैं। पीड़िता लड़की और उसके भाई-बहन विधायक को 'भइया' कहते थे। पिछले साल जून में विधायक ने उसे नौकरी देने की बात कहकर घर बुलाया। इसके बाद वह एक रिश्तेदार के साथ आरोपी विधायक के घर गई और यह वारदात हो गई।
पीड़िता ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में दोनों परिवारों के बीच के रिश्तों और उन घटनाओं का विस्तार से जिक्र किया है, जिसके बाद पिछले साल उसके साथ कथित तौर पर गैंगरेप हुआ।
17 साल की पीड़िता ने कहा, ''पिछले साल 4 जून की बात है। मुझे एक कमरे में जाने के लिए कहा गया, जहां उसने मेरे साथ रेप किया। बाद में मुझसे कहा गया कि अगर मैंने इस बारे में किसी को बताया तो मेरे पिता और परिवार को मार दिया जाएगा। मैंने इसके बारे में किसी को नहीं बताया। हालांकि, कुछ दिन बाद 11 जून को उसके कुछ लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया। उन्होंने कुछ दिनों तक मेरा गैंगरेप किया और मुझे किसी को बेच दिया। वहां से मुझे छुड़ाया गया।''
बता दें कि इस मामले को उत्तर प्रदेश सरकार ने सी बी आई को सौंपा है। इसके बाद, गुरुवार को आरोपी विधायक के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस ने पॉक्सो समेत कई धाराओं में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इससे पहले पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। आरोपी विधायक के भाई पर पीड़िता के पिता को पीटने का आरोप है।
पीड़िता ने कहा, ''हम सब उनको भैया कहते थे। हमारे बड़े पापा उनके साथ थे। कभी-कभी वो (विधायक) घर आते थे और दादी से कहते थे कि अंडा फ्राई करके खिलाओ तो दादी उन्हें बनाकर खिलाती थी।''
पीड़िता ने बताया कि पिछले साल गैंगरेप की वारदात के बाद जब वह घर लौटी तो अपने रिश्तेदार के पास दिल्ली चली गई। पीड़िता ने बताया, ''दिल्ली में पहली बार मैंने अपनी चाची को इस घटना के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने चाचा को जानकारी दी।''
पीड़िता ने आगे बताया, ''17 अगस्त 2017 को मैं और चाचा लखनऊ गए और वहां सी एम योगी आदित्य नाथ के घर पर अपनी दरख्वास्त दी। उन्होंने हमारी दरख्वास्त किसी और व्यक्ति को सौंप दी और कुछ नहीं हुआ।''
पीड़िता ने आगे बताया कि जब सी एम योगी आदित्य नाथ से निजी तौर पर मिलने से भी कुछ नहीं हुआ तो उसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश डी जी पी को चिट्ठी लिखकर मदद मांगी।
पीड़िता के मुताबिक, इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। और तो और, पुलिसवालों ने नसीहत दी कि वह इस मामले में बीजेपी विधायक को न लाए। लेकिन पिछले हफ्ते जब पीड़िता ने अपने पिता के साथ मारपीट की घटना सुनी तो अगली ट्रेन पकड़कर लखनऊ पहुंची, ताकि सी एम योगी आदित्य नाथ से मुलाकात कर सके।