झारखंड में गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए किसान मोर्चा झारखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष अमृतेश सिंह चौहान ने झारखंड के तत्कालीन भाजपा प्रदेश प्रभारी व उत्तराखण्ड के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उत्तराखण्ड में हुए विधानसभा चुनाव से पूर्व उनके साढू व उनके परिजनों के तेरह बैंक खातों में 25 लाख रुपए जमा कराए थे।
हैरानी वाली बात यह रही कि जिस दौरान यह 25 लाख रुपए जमा कराए गए, उसी समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की कार्यवाही को अमल में लाते हुए 500, 1000 के पुराने नोट बंद कर दिए थे और एक खाते में दो लाख से ज्यादा की रकम जमा नहीं की जा सकती थी। दूसरी तरफ़ अमृतेश सिंह चौहान द्वारा उत्तराखण्ड के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के दिए गए खातों में 25 लाख रुपए वो भी पुरानी करेंसी में जमा कराए। एक तरफ तो भारत के प्रधानमंत्री काले धन पर लगाम कसने के लिए नोटबंदी कर रहे है, वहीं भाजपा के तत्कालीन झारखंड प्रदेश प्रभारी अपने खातों में 25 लाख जैसी मोटी घूस की रकम मंगवा रहे है, यह भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या है?
किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अमृतेश सिंह चौहान ने गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए उत्तराखण्ड सरकार के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ मोबाइल नंबर पर बातचीत हुई और उन्हें यह भी बताया कि उन्होंने अब तक 25 लाख रुपए सभी उन्हीं खातों में जमा करा दिए है जिनके खाता नंबर उसे दिए गए थे और जिन खातों में पैसा जमा कराया गया, उसकी रसीद भी झारखंड के तत्कालीन भाजपा प्रदेश प्रभारी त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नंबर पर व्हाटसएप के माध्यम से भेजी थी।
इसी बीच उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकार आने के बाद त्रिवेन्द्र सिंह रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया। अमृतेश सिंह चौहान को जब गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो उसने त्रिवेन्द्र सिंह रावत से संपर्क साधा, लेकिन जब उसे कोई जवाब नही मिला तो अमृतेश ने कुछ पत्रकारों से संपर्क साधा और बताया कि उसने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को 25 लाख दिए, लेकिन उन्होंने न तो उसे गौ सेवा का अध्यक्ष बनाया और न ही अब वह उसके पैसे लौटा रहे है। अमृतेश ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से व्हाटसएप पर हुई बातचीत व उसके द्वारा उनके बताए खातों में जो पैसे जमा कराए थे, उसकी रसीदें भी उनको उपलब्ध कराई जिन पत्रकारों से अमृतेश ने संपर्क साधा था। इतना ही नहीं, एक पत्रकार से तो उसने फोन पर अपनी व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बारे में सारी जानकारी दी थी कि कैसे उससे पैसे लिए गए और अब जबकि उसका काम नहीं हुआ तो वह उसके पैसे नहीं लौटा रहे है।
इसी बीच इस बात की गूंज जब सरकार के कुछ करीबियों के कानों में पड़ी तो अमृतेश सिंह चौहान को दिल्ली में बुलाकर पैसा दिया गया और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कहने पर अमृतेश चौहान ने रांची में समाचार प्लस के सीईओ उमेश कुमार के खिलाफ फर्जी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया। उसके बाद से अमृतेश सिंह चौहान लगातार सीएम आवास में दस्तक दे रहा है और वहां की फोटो भी वह अपने फेसबुक पर अपलोड कर रहा है। यह इस बात का प्रमाण है कि अमृतेश चौहान उत्तराखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का टूल बनकर आगे आया और उसने एक साजिश के तहत उमेश कुमार पर फर्जी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया।