उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

बाबरी मस्जिद की तरह ताजमहल को भी डायनामाइट से उड़ा दिया जाएगा: आजम खान

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने ताजमहल पर चल रहे विवाद के बीच एक नया बयान दिया है। आजम खान ने कहा है कि बाबरी मस्जिद की तरह ताजमहल को भी डायनामाइट से उड़ा दिया जाएगा।

साथ ही कहा कि यह लीपापोती इसलिए हो रही, क्योंकि पूरी दुनिया का दबाव है। टीवी चैनल टाइम्स नाउ से बात करते हुए आजम खान ने कहा, ''पूरे देश में जिस तरह का माहौल बाबरी मस्जिद टूटने और ढहाने से पहले बना था। यह माहौल एक दिन में नहीं बना था, यह माहौल कई वर्षों तक चला। इंसाफ पसंद लोगों को याद होगा कि सुप्रीम कोर्ट का स्टे था, हाईकोर्ट का स्टे था, उस वक्त के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कोर्ट में हलफनामा था, लेकिन इसके बाद भी 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को डायनामाइट से उड़ा दिया गया।''

साथ ही उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि आज जो भी लीपापोती हो रही है, वह इसलिए हो रही है क्योंकि पूरी दुनिया का दबाव है। यह एक ऐतिहासिक स्मारक है और पूरी दुनिया का सातवां अजूबा है। सिर्फ दुनिया के दबाव की वजह से ताजमहल बचा हुआ है। ताजमहल को डायनामाइट से उड़ाना है। पीएनओ की किताब में जो कुछ भी लिखा गया है, उन सब पर फासिस्ट ताकतों ने अमल किया। आरएसएस ने उस पर अमल किया। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि यहां शिवजी का मंदिर था। अगर मंदिर के नाम पर बाबरी मस्जिद को उड़ा दिया गया तो कोई भी इबादतगाह या इमारत नहीं बच सकती।''

बता दें, हाल ही में बीजेपी विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को भारतीय संस्कृति के नाम पर 'धब्बा' बताया था। साथ ही उसने कहा था कि इसे हिंदुओं का सर्वनाश करने वालों ने बनाया था। ऐसे में यह इतिहास में क्यों दर्ज है।? हम इतिहास बदलने जा रहे हैं। इसके बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया। कुछ लोग संगीत सोम के पक्ष में आ गए तो वहीं कुछ लोग उनके खिलाफ बोलने लगे। हालांकि, बीजेपी की योगी सरकार ने उसके बयान से किनारा कर लिया।

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि यह उसका व्यक्तिगत बयान था।

बीएचयू में छात्राओं का उत्पीड़न बहुत ही आम बात है

भारत के पी एम नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे से एक दिन पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में गुरुवार (21 सितंबर) को एक छात्रा से छेड़छाड़ के बाद यहां छात्राओं में जबरदस्त आक्रोश है।

आरोप है कि गुरुवार शाम छह बजे तीन युवाओं ने छात्रा से छेड़छाड़ और उत्पीड़न किया। पीड़िता की पहचान फाइन आर्ट्स प्रथम वर्ष की छात्रा के रूप में की गई है।

घटना के बाद छात्र-छात्राओं ने प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

खबर है कि बीती शुक्रवार रात से करीब 200 छात्र-छात्राएं प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और विश्वविद्यालय के कुलपति से मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है।

द क्विंट की खबर के अनुसार, इस मामले में विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने बताया कि गुरुवार शाम करीब छह बजे बाइक सवार तीन युवाओं ने उनकी दोस्त को छेड़ा और कुर्ते के अंदर हाथ डालने की कोशिश की। जब आरोपियो के खिलाफ शिकायत की तो उलटे पीड़िता से ही सवाल पूछा गया और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए। जबकि छात्रा ने बताया था कि उसके साथ क्या हुआ है।

खबर के अनुसार, पीड़िता ने छात्रावास जाकर अन्य छात्राओं को घटना की जानकारी दी। जिसपर सभी छात्राओं ने बड़े पैमाने पर कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया।
छात्राओं का कहना है कि वो इस बात से बहुत खुश है कि इस मुहिम में विश्वविद्यालय के छात्र भी उनके साथ हैं।

खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि कुलपति आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और छात्राओं की सुरक्षा पुख्ता करें।

वहीं छात्राओं ने मामले में लिखित शिकायत भी की है।

चीफ प्रोटेक्टर को लिखे पत्र में कहा गया है, ''छात्राओं को आए दिन अनेक सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। छात्रावास आने-जाने का मार्ग भी सुरक्षित नहीं है।

आए दिन छेड़खानी होती रहती हैं। यहां तक अंतर्राष्ट्रीय छात्राओं को भी ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

लड़के छात्रावास के बाहर आकर आपत्तिजनक हरकतें करते हैं।

वो हस्तमैथुन करते हैं। पत्थर फेंकते हैं। छात्राओं के खिलाफ आपत्तिनजक शब्द बोलते हुए निकलते हैं।''

ये लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें ऐसा कहा गया है। हालांकि, प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हो पाई है।

दूसरी तरफ बीएचयू की अन्य छात्राओं का आरोप है कि यहां छात्राओं को सुरक्षा बहुत कम दी जाती है। यहां उत्पीड़न बहुत ही आम बात है। आमतौर पर छात्राओं को रोज ऐसी परिशानियों से गुजरना पड़ता है। इस वजह से बहुत सी छात्राएं पढ़ाई पूरी करने से पहली ही जा चुकी हैं। ये बात एक छात्रा ने कही है।

डॉ कफील खान को उत्तर प्रदेश एस टी एफ ने गिरफ्तार किया

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (बी आर डी) में हुए हादसे के आरोपी डॉ कफील खान को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में शुक्रवार को आरोपी डॉ. कफील सहित सातों अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस ने अदालत से गैर जमानती वारंट लिया था।

इसके बाद से ही पुलिस ने कफिल को पकड़ने के लिए दबिश तेज कर दी थी। इससे पहले एसटीएफ ने छिपने के प्रयास में ही पूर्व प्राचार्य डॉ राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डॉ पूर्णिमा शुक्ला को कानपुर से गिरफ्तार किया था।

बाद में उन्हें गोरखपुर ले आया गया और गुरुवार को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। इसके साथ ही पुलिस उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट लेने के प्रयास में भी जुटी रही। शुक्रवार को पुलिस को इसमें कामयाबी मिली थी।

मामले के विवेचक अभिषेक सिंह ने फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के महेन्द्र प्रताप सिंह के अदालत में गैर जमानती वारंट के लिए आवेदन किया जिस पर अदालत ने फरार चल रहे सातों अभियुक्तों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।

गौरतलब है कि बीआरडी मेडिकल कालेज में 10 अगस्त को कुछ घंटों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप हो गई थी। इन दो दिनों में शिशु रोग विभाग में 33 मासूमों की मौत हो गई।

इसके अलावा मेडिसिन में भी 18 मरीजों की मौत हो गई। इस घटना के बाद शासन ने मुख्य सचिव की अगुआई में जांच टीम गठित की थी। टीम की रिपोर्ट के बाद एफआईआर दर्ज हुई।

महानिदेशक चिकित्सा-शिक्षा डॉ. के के गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने हजरतगंज थाने में 23 अगस्त को तत्कालीन प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें पूर्व प्राचार्य डॉ राजीव मिश्रा उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला के अलावा अन्य फरार हैं।

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में 48 घंटे में 36 बच्चों की मौत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर के बाबा राघव दास (बी आर डी) मेडिकल कॉलेज में एक और बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया है।

सीएनएन न्यूज़ 18 के मुताबिक, पिछले 48 घंटों के दौरान 36 मासूम बच्चों की मौत हो गई है।

हालांकि, न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सिर्फ सात बच्चों की मौत हुई है। अभी बच्चों की मौत के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।

गौरतलब है कि इस महीने की शुरूआत में गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में 48 घंटे में 63 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी।

उस मामले में आज (मंगलवार) ही बीआरडी कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला को यूपी एस टी एफ ने गिरफ्तार किया है।

हालांकि, एस टी एफ के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इन दोनों को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया गया है।

गोरखपुर के उसी अस्पताल में एक बार फिर से बच्चों की मौत से लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। सोशल मीडिया पर इस खबर पर लोग अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

जनता दल यूनाइटेड नेता और सांसद शरद यादव ने भी इस खबर पर ट्वीट किया है।

गोरखपुर कांड में हीरो बने डॉ कफील अहमद खान को हटा दिया गया

गोरखपुर कांड में हीरो बने डॉ कफील अहमद खान को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एन आई सी यू विभाग के प्रमुख के पद से योगी सरकार ने हटा दिया गया है। उनकी जगह अब डॉक्टर महेश शर्मा नए प्रमुख होंगे।

गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में मचे कोहराम के दौरान बाल रोग विशेषज्ञ और इंसेफलाइटिस वार्ड के हेड डॉ काफिल खान के रोल की जबर्दस्त तारीफ हो रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर संकट की घडी में डॉ काफिल अहमद खान अस्पताल में मौजूद नहीं होते तो मरने वाले बच्चों की संख्या और भी बढ़ सकती थी। अंग्रेजी वेबसाइट डी एन ए इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गया तो डॉ कफील अहमद खान ने अपने दोस्त के नर्सिंग होम से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाये।

लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को एक मुस्लिम डॉक्टर की प्रशंसा बर्दाश्त नहीं हुई तो गोरखपुर कांड में हीरो बने डॉ कफील अहमद खान को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एन आई सी यू विभाग के प्रमुख के पद से योगी सरकार ने हटा दिया। उनकी जगह अब डॉक्टर महेश शर्मा को नया प्रमुख बनाया गया।

हद तो तब हो गई, जब डॉक्टर कफील की प्रशंसा से बौखलाए आरएसएस और बीजेपी समर्थकों ने डॉक्टर कफील का सोशल मीडिया पर चरित्र हनन करना शुरू कर दिया।

देश बचाओ, देश बनाओ रैली में उमड़ा जन सैलाब, समाजवादी पार्टी का बीजेपी पर बड़ा हमला

भारत भर में 9 अगस्त के दिन को क्रान्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 9 अगस्त 1942 के ही दिन अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के लिए 'भारत छोड़ो आंदोलन' की शुरुआत की थी।

ऐसे में बीजेपी की तानाशाही, सरकारी तंत्र के दुरूपयोग, जनविरोधी नीतियों एवं सांप्रदायिक राजनीति का पर्दाफाश करने के लिए 'अगस्त क्रान्ति दिवस' के ख़ास अवसर पर समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश भर में 'देश बचाओ, देश बनाओ' रैली का आयोजन किया है।

इसी क्रम में मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर के कोने-कोने से विशाल पदयात्रा निकाली जो शास्त्रीय घाट पर आकर सभा में तबदील हुई।

सभा में समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल, जिलाध्यक्ष डॉ. पीयूष यादव, किशन दीक्षित, लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष सिद्धांत जायसवाल, प्रदेश सचिव प्रदीप जायसवाल, पूर्व मंत्री रीबू श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर, छात्र सभा अध्यक्ष सतीश यादव, डॉ ओपी सिंह ने योगी सरकार को लॉ एंड आर्डर के मामलों में आड़े हाथों लिया। वही, बीजेपी नेताओं के बचकानी हरकतों पर प्रकाश डाला।

समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि योगी सरकार समाजवादी पार्टी के महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समाजवादी पार्टी गरीबों और मजलूमों के साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री तो योगी हैं, किंतु व्यवस्था रोगी है: कांग्रेस

उत्तर प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि जो गरीब आदमी चटनी रोटी खाकर अपना पेट भरता था, टमाटर के दाम बढ़ा कर केंद्र और बीजेपी की प्रदेश सरकार उसके पेट पर भी लात मारने का कार्य किया है।

कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सरकार में महंगाई को भौजाई माना जा रहा है। टमाटर के आसमान छूते दामों के विरोध में विधानसभा के सामने आयोजित टमाटर काउंटर के कार्यक्रम के दौरान प्रदेश कांग्रेस के सचिव शैलेंद्र तिवारी ने कहा, ''यूपीए की सरकार में महंगाई को डायन का रूप कहा गया था, लेकिन इस सरकार में महंगाई को भौजाई माना जा रहा है। यह गरीबी का मजाक और गरीबों का तिरस्कार है। तत्काल प्रभाव से सब्जियों की महंगाई पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो विधानसभा के सामने सब्जियां फेंककर सरकार के जनविरोधी रवैये का विरोध किया जाएगा।''

उन्होंने कहा, ''टमाटर के दाम बढ़ा कर केंद्र और बीजेपी की प्रदेश सरकार ने गरीबों के पेट पर लात मारा है। सरकार के सिर पर हिटलरशाही सवार हो चुकी है। मुख्यमंत्री तो योगी हैं, किंतु व्यवस्था रोगी है।''

प्रदेश सचिव ने कहा, ''सरकार को इस तरह के काउंटर पूरे देश में लगवाकर गरीबों की मदद करनी चाहिए थी। जो सरकार पांच रुपये में पेट भरने का दावा कर रही थी, आज वही केंद्र सरकार के साढ़े तीन वर्ष एवं प्रदेश सरकार के पांच महीने बीत जाने के बाद भी न सिर्फ दावे में विफल हो गई है, बल्कि गरीबों की रोटी पर लात मारने का काम कर रही है।''

शैलेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अच्छे दिन का वादा किया था, लेकिन आज ऐसा लगता है कि वह गाय और टमाटर के अच्छे दिन लाने वाले थे? इंसानों के कब अच्छे दिन आएंगे, यह एक गंभीर सवाल है।

मुरादाबाद: लव मैरिज करने पर परिवार ने महिला को मार डाला

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हॉनर किलिंग का मामला सामने आया है। यहां अपनी पसंद से शादी करने वाली एक महिला को उसी के परिवार वालों ने आग के हवाले कर दिया। इससे महिला की मौत हो गई। जलती हुई भाभी को देख ननद भी बचाने आई और आग में झुलस गई।

मुरादाबाद के एसपी (सिटी) आशीष श्रीवास्तव ने कहा, ''एक आरोपी को घटनास्थल से गिरफ्तार किया गया है। आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।''

रिपोर्ट के मुताबिक, मामला मुरादाबाद जनपद के मूंढापांडे थाना क्षेत्र के आंवला घाट गांव का है।

गुल्फशा ने तीन साल पहले पड़ोस के ही साकिब से प्रेम विवाह किया था। गांव में महज दो सौ मीटर से कम दूरी पर दोनों के घर थे। गैर बिरादरी में शादी करने से गुस्साए मायके वालों ने महिला को उसी के ससुराल में जाकर मार डाला। ससुराल वालों का आरोप है कि वो पहले भी उसपर हमला कर चुके थे।

25 साल बाद फिर सियासी करवट ले रहा अयोध्या प्रकरण

अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के 25 साल गुजरने के बाद उत्तर प्रदेश में यह मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक करवट ले रहा है।

लखनऊ स्थित विशेष सीबीआई अदालत में बाबरी मामले की रोजाना सुनवाई होने से यह प्रकरण अर्से बाद फिर से मुख्य केन्द्र में आ गया है और भाजपा नेता मौजूदा घटनाक्रम में सम्भावनाएं तलाश रहे हैं। उनका मानना है कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को इससे फायदा मिलेगा।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और भाजपा प्रान्तीय अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे पर बातचीत में कहा, ''अयोध्या का प्रकरण अभी अदालत में विचाराधीन है, लेकिन यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह विशुद्ध रूप से आस्था और विश्वास का मामला है।''

उत्तर प्रदेश में इस साल मार्च में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में 403 में से सहयोगी दलों के साथ कुल 325 सीटें हासिल करने वाली भाजपा का मानना है कि राम मंदिर मुुद्दे को जनता का सहयोग मिलेगा।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने कहा, ''हर व्यक्ति चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो और अदालत जब भी (मंदिर से जुड़े) किसी मुद्दे पर निर्णय देती है तो कुछ गर्माहट जरूर पैदा होती है।''

उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि अयोध्या में आखिरकार राम मंदिर जरूर बनेगा। यह करोड़ों भारतवासियों से जुड़ा राष्ट्रीय मुद्दा है।

उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि राम मंदिर मुद्दे का असर आगामी लोकसभा चुनाव पर निश्चित रूप से पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ''हमारी पार्टी अयोध्या प्रकरण को अराजनीतिक मुद्दा नहीं मानती। भाजपा एक अकेली ऐसी पार्टी है जिसने इस मुद्दे को उठाया और वह संविधान के दायरे में रहते हुए अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।''

अयोध्या प्रकरणों से जुड़े दो मामलों की सुनवाई कर रही लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा गत 30 मई को वरिष्ठ भाजपा नेताओं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 12 आरोपियों पर आरोप तय किए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के अस्थायी राम मंदिर में पूजा-अर्चना की।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे का हल आपसी बातचीत से होना चाहिए।

उप-मुख्यमंत्री मौर्य ने भी कहा कि आपसी सहमति और बातचीत के जरिए मामले का हल निकालना ही सबसे अच्छा रास्ता होगा।

बलात्कार केस में मौलाना मसूद मदनी को जमानत मिली

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवबंद के मौलाना मसूद मदनी की जमानत मंजूर कर ली है। इन पर झाड़ फूँक के बहाने बलात्कार करने का आरोप है।

यह आदेश न्यायमूर्ति ए के त्रिपाठी ने दिया है।

मदनी उत्तराखंड सरकार से दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री थे। इनका कहना है कि उन्हें हनी ट्रैप में झूठा फँसाया गया है।

राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि मोनिका ने फर्जी नाम से पैसे ऐंठने के लिए जाल बिछाया था। हरक सिंह रावत को फँसाने में भी इसी गैंग का हाथ था।

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने भी हनी ट्रेप में फँसाकर पैसे ऐंठने के गिरोह का खुलासा किया है। यही गिरोह लोगों को फँसाकर रूपये ऐंठना है।

विवेचना अधिकारी ने बताया कि मोनिका अपने पति के साथ मदनी के पास मजार पर गयी।

उसने कहा कि उसे औलाद नही है जिस पर मदनी ने झाड़ फूँक की और रात में बलात्कार किया और कहा कि औलाद हो जायेगी। इस आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई।

विवेचना के दौरान खुलासा हुआ कि मोनिका असली नाम नही है जिसे वह पति बता रही, वह उसका पति नही है जिसको अपना पिता बताया वह असली पिता नही है। गैंग लीडर नेत्रपाल है जो जाल बिछाता है और लोगो को फँसा कर रुपये ऐंठना है।

मदनी की तरफ से कहा गया कि उन्हें फँसाया गया है। कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

डी रतन की रिपोर्ट।