कोलेस्ट्रॉल कम होने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है

कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में दिल की बीमारी का ख्याल आ जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन यह हमेशा हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं होता। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर की अनेक प्रक्रियाओं के संचालन के लिए बेहद जरूरी होता है। पोषक तत्वों के शरीर में अवशोषण से लेकर तमाम हार्मोन्स के प्रोडक्शन तक में कोलेस्ट्रॉल बेहद जरूरी है।

दरअसल कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं - बैड कोलेस्ट्रॉल और गुड कोलेस्ट्रॉल। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। सामान्यतः कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होना ज्यादा बेहतर माना जाता है। नियमित एक्सरसाइज और खान-पान की बदौलत कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है। लेकिन जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल में ज्यादा कमी आती है तो यह कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे बढ़ाती है।

कई तरह के कैंसर से लड़ने में बैड कोलेस्ट्रॉल अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में जब हमारे शरीर में इसकी ज्यादा कमी होती है तो कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा लो कोलेस्ट्रॉल आपको कैंसर से प्रभावी तरीके से लड़ने से रोकता है।

तमाम शोधों में यह बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर गुस्सा बढ़ाने में मददगार होता है। इसके अलावा यह लोगों में हिंसक प्रवृत्ति को भी बढ़ावा दे सकता है।

कोलेस्ट्रॉल याद्दाश्त के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल लेवल में कमी याद्दाश्त को कमजोर करने का काम करती है। कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं दिमाग की क्षमता को कम करने के लिए जानी जाती हैं।

2011 में हुए एक अध्ययन में बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर जल्दी मरने का खतरा बढ़ा देता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं हमारे संक्रमण से लड़ने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। एक शोध में यह बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल टीबी के मरीजों के लिए मददगार हो सकता है।