विदेश

राहील शरीफ़ इस्लामिक गठबंधन सेना के प्रमुख बने

पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के मुताबिक़, पाकिस्तान सेना के पूर्व प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) राहील शरीफ़ को आतंकवाद के ख़िलाफ़ 39 मुस्लिम देशों की गठबंधन सेना का प्रमुख नियुक्त किया गया है।

पाकिस्तान के टीवी जियो न्यूज़ के एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ ने कहा कि उन्हें इस नियुक्ति के बारे में जानकारी है, हालाँकि उन्होंने फ़िलहाल इस समझौते का विवरण होने से इनकार किया।

पाक रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ सैन्य गठबंधन का फैसला सरकार को विश्वास में लेने के बाद किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की नियुक्ति या जिम्मेदारी के लिए सरकार और सैन्य मुख्यालय की क्लीयरेंस की ज़रूरत होती है और इस प्रक्रिया का पालन किया गया है।

दिसंबर 2015 में आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान सहित 30 से अधिक इस्लामी देशों ने सऊदी अरब के नेतृत्व में एक सैन्य गठबंधन का ऐलान किया था।

इस गठबंधन में शुरू में 34 देश शामिल थे, लेकिन बाद में उनकी संख्या 39 हो गई।

इस्लामी देशों के सैन्य गठबंधन में मिस्र, क़तर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई अरब देशों के साथ तुर्की, मलेशिया, पाकिस्तान और अफ्रीकी देश शामिल हैं।

दवाओं पर रोड्रिगो दुतेर्ते के युद्ध के शिकार

चूंकि फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते छह महीने पहले ही शपथ ली थी, 6,000 से अधिक लोग दवाओं पर अपने युद्ध में मारे जा चुके हैं।

पीड़ितों में से अधिकांश गरीब समुदायों से आते हैं।

अल जज़ीरा की जमीला अलिन्दोंगन ने मनीला से खबर दी है।

छह महीने में राष्ट्र विभाजित

यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए छह महीने पहले ब्रिटेन कई हिस्सों में बंट गया था।

स्काई न्यूज़ के वरिष्ठ संवाददाता मिशेल क्लिफर्ड ने दो क्षेत्रों का दौरा किया। ग्लासगो, जहां दो तिहाई यूरोपीय संघ में बने रहने के लिए मतदान किया, और बर्नले जहां दो तिहाई छोड़ने के लिए मतदान किया।

सीरियाई सरकार और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की है कि सीरियाई सरकार और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी है और दोनों पक्ष शांति वार्ता के लिए राज़ी हो गए हैं।

ये संघर्ष विराम स्थानीय समयानुसार गुरुवार मध्यरात्रि से लागू हो जाएगा। रूस और तुर्की दोनों देश सीरिया में अलग-अलग पक्षों का समर्थन कर रहे हैं।

जहां तुर्की विद्रोही गुटों का समर्थन कर रहा है तो वहीं रूस राष्ट्रपति बशर अल असद के नेतृत्व वाली सीरियाई सरकार का समर्थन कर रहा है। सीरिया में पांच सालों से ज़्यादा समय से यह संघर्ष चला आ रहा है।

सीरिया में रूस की रणनीति क्या है? बीबीसी संवाददाता जोनाथन मार्कस के अनुसार, रूस का सीरिया के साथ सोवियत संघ के जमाने से रणनीतिक रिश्ता रहा है। लंबे समय से सीरिया के तट पर रूस का एक छोटा सा नौसैनिक अड्डा रहा है और सीरिया की फ़ौज के साथ रूस का मजबूत संबंध रहा है। रूस सीरिया की फ़ौज को हथियार मुहैया कराने वाला मुख्य आपूर्तिकर्ता देश है। सीरिया रूस के लिए मध्य पूर्व के इलाके में अपना प्रभाव जमाए रखने का आख़िरी जरिया है।

मार्कस कहते हैं, "इस रिश्ते ने व्लादिमीर पुतिन को सीरिया में कार्रवाई करने के लिए उकसाया."

पर बड़ा सवाल ये है कि सीरिया में आख़िर दखल देने का रूस का मकसद क्या है? लंबे समय से रूसी फ़ौज पर नज़र रखने वाले और जेम्सटाउन फाउंडेशन में यूरेशियाई मामलों के सीनियर फेलो रोजर मैक डरमोट का कहना है, "आम तौर पर सीरिया में रूस के दखल ने पर्यवेक्षकों को प्रभावित किया है। इसने रूस से इतनी दूर सीरिया में ऐसे मुश्किल ऑपरेशन को अंज़ाम देने की रूस की क्षमता को साबित किया है."

विल्सन सेंटर के केनान इंस्टिट्यूट के माइकल कॉफमैन का एक अलग ही बात बताते हैं। उनका कहना है, "रूस ने अपना नुक़सान कम करने के मक़सद से ज़मीनी कार्रवाई के लिए दूसरी ताकतों पर भरोसा किया, जबकि रूस के ऑफिसर्स या तो संयुक्त कार्रवाई में शामिल हुए या फिर हवाई हमले ही किए."

वहीं मैक डरमोट का कहना है, "रूसी फ़ौज इसे अपनी नई और आधुनिक तकनीक को परखने के एक अवसर के तौर पर देखता है."

रूसी फ़ौज ने अपने कुछ अत्याधुनिक विमान सीरिया में तैनात किए हैं, लेकिन यही बात दूसरे जंगी समानों के लिए नहीं कही जा सकती है।

रूस की सीरिया में दखल से रूस को कूटनीतिक लाभ भी मिलने वाला है। इसने इसराइल, ईरान और तुर्की के साथ संबंधों को नया आयाम दिया है।  इसराइल और रूस के बीच एक समझ भी विकसित हुई है।

मैक डरमोट विश्लेषण करते हुए आगे कहते हैं, "सीरिया एक तरह से रूसी फ़ौज की क्षमताओं की 'नुमाइश' करने की जगह बन कर रह गई है। अमरीका न केवल कूटनीतिक रूप से समान स्तर पर रूस से समझौता करने पर मजबूर हुआ बल्कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को लेकर भी उसे रुख बदलना पड़ा। अमरीका लंबे समय तक अड़ा था कि असद को राष्ट्रपति पद छोड़ना होगा। अमरीका ने शर्त रखी थी कि किसी भी बातचीत से पहले असद को सत्ता छोड़नी होगी। सीरिया में रूसी हस्तक्षेप के कारण अमरीका से शत्रुता बढ़ी है।'' 

अमरीका ने रूस के 35 राजनयिकों को निकाला

अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस पर साइबर हमलों से अमरीकी चुनावों के साथ छेड़छाड़ करने के कथित आरोपों के बाद देश से 35 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।

वहाँ दो रूसी परिसरों को बंद किया जा रहा है और कुछ लोगों के ख़िलाफ़ आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएँगे।

ओबामा ने कहा कि रूस अमरीकी अधिकारियों को परेशान कर रहा था और इसके बाद और भी क़दम उठाए जाएँगे।

ओबामा का कहना था कि अमरीका को रूसी हरकतों से सावधान रहना चाहिए।

ये एक तरह से उनके उत्तराधिकारी डोनल्ड ट्रंप के इस बयान का जवाब था कि सब लोगों को अपना-अपना काम करना चाहिए।

वहीं रूसी सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि रूस अमरीका के इस क़दम का समुचित जवाब देगा।

इस बीच यूक्रेन ने कहा है कि उसे पिछले दो महीनों में साढ़े छह हज़ार साइबर हमलों का निशाना बनाया गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको ने कहा कि जाँच से पता चला है कि हैकिंग की इन घटनाओं से रूस सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त था।

मॉस्को ने हैकिंग में अपना हाथ होने के आरोपों से इनकार किया है। 

रोमानिया के प्रेजिडेंट का मुस्लिम महिला को पीएम बनाने से इनकार

नई दिल्ली, रोमानिया को उसकी पहली महिला प्रधानमंत्री मिलने वाली थी, लेकिन उसका यह सपना अभी पूरा नहीं हो सकेगा। रोमानिया के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री पद के लिए पहली मुस्लिम और पहली महिला उम्मीदवार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसके बाद से ही देश में नए सिरे से राजनीतिक उठा-पटक शुरू हो गई है।

रोमानिया की वाम पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए पहली बार किसी महिला और मुस्लिम सेविल शायदेह का नाम प्रस्तावित किया था। हालांकि राष्ट्रपति क्लॉस लोहानिस ने पीएम पद के लिए सोशल डेमोक्रेट की ओर से नामित उम्मीदवार के नाम को ठुकराने की कोई वजह नहीं बताई, लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि सेविल के सीरियाई पति की पृष्ठभूमि की वजह से ऐसा किया गया है।

रोमानिया के राष्ट्रपति ने मीडिया से कहा, 'मैंने पक्ष और विपक्ष दोनों की दलीलों का अध्ययन किया और इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया।' उन्होंने वाम पार्टी से किसी और नाम का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है।

सेविल के पास मंत्री के तौर पर पांच महीने का अनुभव है। उनका मुस्लिम होना भी उनके नाम को ठुकराने की वजह नहीं माना जा रहा है।

असल में उनके पति का सीरियाई होना सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। सेविल के पति ने सीरिया के कृषि मंत्रालय में 20 साल तक काम किया और वह साल 2011 में रोमानिया आए। उसी साल दोनों ने शादी भी की। उनके पति को सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल असद का समर्थक भी माना जाता है।

रूसी विमान क्रैश: '92 में से कोई भी यात्री नहीं बचा'

रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि काला सागर में क्रैश हुए रूस के सैन्य विमान में सवार सभी 92 यात्री मारे गए हैं। ये विमान सीरिया जा रहा था।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे का कुछ हिस्सा सोची तट से डेढ़ किलोमीटर दूर काला सागर में 165-230 फीट की गहराई में मिला है।

रूस के सैन्य जहाज़, हेलिकॉप्टर व ड्रोन अब भी विमान के बाकी हिस्से को तलाशने में लगे हैं। साथ ही शवों को भी ढूंढा जा रहा है।

रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रूसी सेना का यह विमान सोची के एडलर हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद काला सागर में क्रैश हो गया था।

रूसी सैन्य विमान टीयू-154 ने स्थानीय समयनुसार सुबह 05:20 मिनट पर उड़ान भरी। बीस मिनट बाद रडार से यह विमान लापता हो गया। विमान में 92 लोग सवार थे। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रूस के चर्चित और सेना के आधिकारिक बैंड एलेक्सेंड्रोफ़ एनसेंबल के 64 सदस्य इसमें शामिल थे।

साथ ही विमान में 9 पत्रकार और चालक दल के 8 सदस्य सवार थे। इस विमान ने सीरिया के लटाकिया प्रांत के लिए उड़ान भरी थी। रूसी सेना के प्रवक्ता के मुताबिक़, विमान सीरिया में तैनात रूसी सेना के जवानों के नए साल के कार्यक्रम के लिए लोगों को ले जा रहा था।

रूसी टेलिविजन ने कुछ आवाज़ें भी जारी की हैं जिनमें एयर ट्रैफ़िक कंट्रोलरों और दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के संचालकों के बीच की बातचीत को सुना जा सकता है। इन आवाज़ों से यह साफ हो जाता है कि रडार से गायब होने से पहले तक विमान में किसी किस्म की कोई हलचल नहीं थी।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही मृतकों के परिजनों के नाम शोक संदेश भेजा है।

बांग्लादेश में छापे के दौरान एक महिला ने खुद को धमाके में उड़ाया

बांलादेश की राजधानी ढाका में एक बांग्लादेशी महिला ने धमाके में ख़ुद को उड़ा लिया है। बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज़्ज़मान ख़ान ने बताया कि महिला का संबंध एक प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन जमीअतुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के साथ था।

इसे बांग्लादेश में महिला आत्मघाती हमले की पहली घटना माना जा रहा है।

ढाका में शनिवार को हुए शूट-आउट में इस महिला के साथ एक आदमी के मारे जाने की भी ख़बर है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की इस छापेमारी में दो अन्य महिलाओं और दो बच्चों ने पुलिस के आगे आत्मसमर्पण भी किया था। इस कार्रवाई में मारे गए दोनों लोगों की और गिरफ़्तार किए लोगों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है।

सरकार ने इस पुलिस कार्रवाई को चरमपंथियों के छिपने के ठिकाने पर किया गया 'ऑपरेशन' बताया है।

जुलाई में कुछ बंदूकधारियों ने ढाका के एक कैफ़े पर गोलीबारी कर 22 लोगों की हत्या कर दी थी। अधिकारियों के अनुसार इन हमलावरों का भी संबंध जेएमबी से था।

हालाँकि तथाकथित इस्लामिक स्टेट ने दावा किया था कि हमले के पीछे उनका हाथ था।

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