पश्चिमी भारत

गुजरात में मुसलमानों के घर पर बनाया X का निशान

गुजरात चुनावों से पहले एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सोमवार को अहमदाबाद के कुछ इलाकों में मुसलमानों के घरों के बाहर एक्स या क्रॉस के निशान बनाये गए हैं।

टाइम्स नाउ के मुताबिक, इसके बाद मुसलमानों में तनाव फैल गया है।

सत्ताधारी बीजेपी का कहना है कि गुजरात में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए यह विपक्षी पार्टियों की चाल है।

इलाके के मुसलमानों के घरों के बाहर लगे इन निशानों के बारे में लोगों ने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी है।

बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहती है।

एआईएमआईएम ने कहा है कि इन सबके पीछे कौन है, इसकी जांच होनी चाहिए।

गुजरात में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण का मतदान 9 दिसंबर और दूसरा 14 दिसंबर को होगा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के नतीजे 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

कथित सीडी हार्दिक को बदनाम करने की साजिश, गुजरात की महिला और पटेल समुदाय का अपमान: कांग्रेस

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल की कथित सीडी सामने आने से गुजरात की चुनावी राजनीति में एक नया बवाल खड़ा हो गया है।

कथित सीडी में हार्दिक पटेल जैसा दिखाई देने वाला व्यक्ति कमरे में एक महिला के साथ दिख रहे हैं। हार्दिक ने सीडी जारी होने के बाद कहा है कि मैंने पहले भी कहा था कि इन लोगों का मास्टर प्लान गंदी राजनीति की ओर चलता जा रहा है। ये सब चलता रहेगा। लड़ाई जारी रहेगी, जिसको जो करना है, कर ले।

वहीं कांग्रेस इस मसले को लेकर हार्दिक पटेल के बचाव में उतर आई है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ये ना सिर्फ हार्दिक पटेल को बदनाम करने की साजिश है बल्कि गुजरात की महिला और पटेल समुदाय का भी अपमान है।

आपको बता दें कि ये सीडी तब सामने आई है, जब हार्दिक अपनी टीम के साथ ये फैसला करने के लिए बैठक करने वाले हैं कि कांग्रेस के साथ चुनाव में क्या संबंध रखने है। होटल में रिकॉर्ड हुए लगभग 10 मिनट की यह सीडी 16 मई 2017 की है और वीडियो में एक व्यक्ति जो एक अज्ञात महिला के साथ हार्दिक पटेल जैसा दिखाई दे रहा है।

इस वीडियो को इस तरह से शूट किया गया है कि इसमें महिला का चेहरा दिखाई नहीं दे रहा है और न ही पुरूष का चेहरा साफ दिख रहा है। इस वीडियो में जानबूझकर महिला के चेहरा को नहीं दिखाया गया है। इस सीडी के ऑडियो को सुनिये, महिला की आवाज़ साफ सुनाई दे रही है, लेकिन पुरूष की आवाज़ सुनाई नहीं दे रही है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि यह नकली सीडी है जो जानबूझकर हार्दिक पटेल को बदनाम करने के लिए शूट किया गया है और वायरल किया गया है।

महाराष्ट्र और गोवा में पोस्टमैन भर्ती घोटाला

महाराष्ट्र में 2,400 पोस्टमैन की नियुक्ति के घोटाले का खुलासा हुआ है। ये खुलासा विजिलेंस विभाग ने किया है।

भारतीय डाक विभाग में पोस्टमैन घोटाला गोवा में भी हुआ है। इसके साक्ष्य विजिलेंस विभाग को मिल गए हैं।

घोटाले की शिकायत मुंबई पुलिस से की गई है, जिसके बाद पुलिस ने मनिपाल टेक्नोलॉजी लिमिटेड (MTL)के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

दरअसल इस कंपनी को 2015 में डाक विभाग में पोस्टमैन की निुयुक्ति कराने को लेकर टेंडर दिया गया था। इस टेंडर में उन्हें पोस्टमैन के साथ ही मेल गार्ड की नियुक्ति का भी जिम्मा दिया गया था। पुलिस ने यह एफआईआर मुंबई असिस्टेंट पोस्ट मास्टर जनरल की शिकायत पर दर्ज की है।

इस घोटाले में पी वी माल्या का नाम सामने आ रहा है। मुंबई उच्च न्यायाल में इस घोटाले को लेकर सुनवाई शुरू हो रही है। इसमें जस्टिस ए एम बदर ने आरोपी माल्या को गिरफ्तारी पूर्व जमानत देने से इंकार कर दिया है। यह फैसला न्यायालय ने 3 नवंबर को सुनाया था।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र और गोवा में बीजेपी सरकार है।

अब गंदी राजनीति की शुरुआत हो गई है, लेकिन गुजरात की महिलाओं का अपमान किया जा रहा है: हार्दिक पटेल

गुजरात विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां गुजरात चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। वोटिंग की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश हो रही है। इसी क्रम में गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल निशाने पर आ गए हैं।

दरअसल, एक वीडियो सामने आया है। जिसे सेक्स सीडी का नाम दिया गया है। आरोप है कि इस वीडियो में एक महिला के साथ जो शख्स नजर आ रहा है, वह हार्दिक पटेल है।

हालांकि, हम इस वीडियो या सीडी और वीडियो में हार्दिक पटेल के होने की पुष्टि नहीं करते हैं। मगर, हार्दिक ने खुद इस मसले पर जवाब दिया है।

इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद हार्दिक पटेल ने कहा है, ''अब गंदी राजनीति की शुरुआत हो गई है। मुझे बदनाम कर लो, कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन गुजरात की महिलाओं का अपमान किया जा रहा है।''

हार्दिक ने साफ इनकार किया है कि ये वीडियो उनका नहीं है। हार्दिक पटेल ने ट्विटर के जरिए यह जवाब दिया है।

हार्दिक पटेल ने इस कथित सेक्स सीडी के सामने आने से पहले ही ऐसी आशंका जाहिर की थी। हार्दिक ने 10 नवंबर को बीजेपी पर इस संबंध में आरोप लगाया था।

हार्दिक ने कहा था, ''बीजेपी चुनावी फायदे के लिए उन्हें सेक्स सीडी से बदनाम करने की कोशिश कर सकती है।''

उम्मेद होटल के भाजपाई मालिक ने लीक किया हार्दिक पटेल का फुटेज

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के इंकार करने के बावजूद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मीडिया अब भी दोनों के बीच मुलाकात की खबरें चला रहा है।

अपनी ताजा रिपोर्ट में अहमदाबाद मिरर ने दावा किया है कि कथित सीसीटीवी फुटेज में जिस होटल में हार्दिक पटेल दिखे हैं, वो बीजेपी नेता का है।

अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, होटल के मालिक उम्मेद सिंह चंपावत का नाम अतीत में कॉल गर्ल रैकेट से भी जोड़ा जा चुका है। चंपावत लम्बे समय तक कांग्रेस में भी रहे हैं। गुजरात में नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को विधान सभा चुनाव के लिए मतदान होना है। नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे।

अहमदाबाद मिरर के अनुसार, जिस होटल में हार्दिक पटेल को देखने का दावा किया जा रहा है, वो अहमदाबाद का एयरपोर्ट सर्किल होटल है। इस पाँच सितारा होटल पर हार्दिक पटेल ने जानबूझकर कुत्सित मंशा से सीसीटीवी फुटेज लीक करने का आरोप लगाया है।

हार्दिक पटेल ने राहुल गांधी से मुलाकात से इनकार किया था।

हार्दिक ने ट्वीट करके कहा था कि जब वो राहुल से मिलेंगे तो खुलकर सभी को बताएंगे। हालांकि हार्दिक ने माना कि उन्होंने होटल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के गुजरात प्रभारी हैं।

अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि आईबी और गुजरात पुलिस ने होटल प्रबंधन से सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिया है।

होटल के प्रबंधक ने भी बताया कि पुलिस ने उनसे फुटेज मांगा था जो दे दिया गया। अशोक गहलोत ने होटल के सीसीटीवी फुटेज जब्त करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की विजय रूपानी सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

हालांकि बीजेपी ने इसमें किसी तरह की अपनी भूमिका से इनकार किया। सीसीटीवी फुटेज के मीडिया में लीक होने से सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, होटल के मालिक उम्मेद सिंह चंपावत फरवरी 2014 में 30 अन्य स्थानीय नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। चंपावत एवं अन्य ने उस समय 'नरेंद्र मोदी के प्रति सम्मान और स्नेह' को बीजेपी में शामिल होने की वजह बताया था।

बीजेपी में शामिल होने से पहले करीब डेढ़ दशक तक चंपावत कांग्रेस में रहे थे। वो कांग्रेस के टिकट पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ विधान सभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। चंपावत बीजेपी के दिवंगत नेता भैरो सिंह शेखावत के खिलाफ भी विधान सभा चुनाव लड़ चुके हैं।

फरवरी 2003 में चंपावत तब विवादों से घिर गए, जब गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए आए पंजाब की तत्कालीन सरकार के तीन मंत्री उनके होटल में रुके थे और कॉल गर्ल की सेवाएं ली थीं। चंपावत के खिलाफ पुलिस में देह व्यापार रैकेट चलाने का मामला दर्ज किया गया था।

अहमदाबाद मिरर के अनुसार, चंपावत के खिलाफ देह व्यापार रैकेट की जांच करने वाली पुलिस टीम में ऐसे अफसर भी थे जो इशरत जहाँ फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी थे। इस जांच टीम में शामिल तरुण बरोट इशरत जहाँ फर्जी मुठभेड़ मामले में करीब तीन साल न्यायिक हिरासत में रहे थे। बाद में बरोट रिटायर हो गये तो गुजरात सरकार ने उनकी सेवा की जरूरत बताते हुए नौकरी पर रख लिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति पर गुजरात की बीजेपी सरकार को फटकार लगाते हुए नियुक्ति रद्द कर दी।

बरोट के बाद देह व्यापार रैकेट की जांच वरिष्ठ आईपीएस पी पी पाण्डेय की निगरानी में होने लगी। पी पी पाण्डेय भी इशरत जहाँ फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार हुए थे। देह व्यापार मामले की पूरी जाँच क्राइम ब्रांच के तत्कालीन प्रमुख डी जी वंजारा के मातहत हो रही थी। वंजारा साल 2007 से 2015 तक विभिन्न फर्जी मुठभेड़ों में आरोपी होने की वजह से जेल में रह चुके हैं।

जब देह व्यापार का मामला दर्ज किया गया तो चंपावत कांग्रेस नेता थे। उन्होंने हाई कोर्ट में अर्जी दी थी कि उन्हें राजनीतिक वजहों से परेशान किया जा रहा है। चंपावत ने हाई कोर्ट को बताया कि वो युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय ज्वाइंट सेक्रेटरी रहे हैं और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी रहे हैं। अदालत ने उनके खिलाफ दायर मामले को रद्द करने का आदेश दिया था।

आज भले ही चंपावत बीजेपी में हों, लेकिन कांग्रेस नेताओं से भी उनके संबंध अच्छे हैं। हालिया राज्य सभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता अहमद पटेल उन्हीं के होटल में रुके थे।

गुजरात: हार्दिक पटेल को बड़ी राहत, कोर्ट ने गैर जमानती वारंट रद्द किया

गुजरात चुनाव से पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को गुजरात की स्‍थानीय अदालत ने बड़ी राहत दी है। उनके खिलाफ साल 2015 के एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।

2015 में बीजेपी नेता ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर हार्दिक पटेल के समर्थकों ने हमला किया था, इसी मामले पर कोर्ट ने बुधवार को यह वारंट जारी किया।

पटेल के वकील ने हार्दिक की अदालत में पेशी से छूट की मांग की थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।

हार्दिक ने बुधवार रात को कहा था, ''अगर पुलिस मुझे गिरफ्तार करना चाहती है तो मैं आत्‍मसमर्पण को तैयार हूं।''

हार्दिक अदालत में अपने 5 सहयोगियों के साथ पहुंचे थे। हार्दिक लगातार दूसरी तारीख पर हाजिर नहीं हुए थे, तब अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। हार्दिक को देशद्रोह के एक मामले में सेशन्‍स कोर्ट, अहमदाबाद में भी पेश होना है।

पटेल ने मंगलवार को अहमदाबाद के एक होटल में सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की खबर को गलत बताया और इस खबर के साथ समाचार चैनलों पर दिखाए गए सीसीटीवी फुटेज पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि एक पांच सितारा होटल का सीसीटीवी फुटेज लीक कैसे हो सकता है?

हार्दिक ने ट्वीट कर कहा, ''मैंने राहुल गांधी से मुलाकात नहीं की है, लेकिन मैं जब भी राहुल गांधी से मिलूंगा, पूरे हिंदुस्तान के सामने घोषणा करके मिलूंगा। मैं उनसे उनके अगले गुजरात दौरे के दौरान मिलूंगा। भारत माता की जय !''

हार्दिक इससे पहले गुजरात में कांग्रेस पार्टी महासचिव अशोक गहलोत से मिले थे। उन्होंने उन्हें कांग्रेस का एजेंट कहने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर प्रहार किया।

एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा, ''जो यह कहते हैं कि मैं कांग्रेस का एजेंट हूं, वे वास्तव में बीजेपी के एजेंट हैं। बीजेपी के नेता क्या कहते हैं, मैं इस पर ध्यान नहीं देता।''

गुजरात में वर्ष 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि कैसे गुजरात पुलिस या राज्य सरकार उम्मेद होटल का सीसीटीवी फुटेज मांग सकती है?

हार्दिक और राहुल गांधी सोमवार को इसी होटल में ठहरे थे और दोनों के सीक्रेट बैठक के कयास लगाए जा रहे थे।

चुनाव आयोग ने किया गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान

भारत में चुनाव आयोग ने बुधवार को गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। चुनाव आयोग ने दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ए के जोति ने राज्य विधानसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए बताया कि गुजरात की 182 सीटों के लिये पहले चरण में 89 सीटों पर नौ दिसंबर को चुनाव होंगे। वहीं, दूसरे चरण में 93 सीटों पर 14 दिसंबर को मतदान होगा।

जोती ने बताया कि गुजरात में दोनों चरणों के मतदान के बाद 18 दिसंबर को मतगणना होगी।

निर्वाचन प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत 14 नवंबर को विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही होगी। इसके साथ ही राज्य के कुल 33 जिलों में से 19 जिलों में होने वाले पहले चरण के मतदान से जुड़ी 89 सीटों के लिये उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में शेष 93 सीटों पर चुनाव के लिये 20 नवंबर को अधिसूचना जारी की जायेगी।

चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किये जाने के साथ ही गुजरात में चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी है।

जोती ने बताया कि गुजरात में दोनों चरणों के मतदान के लिये कुल 50128 मतदान केंद्र बनाये गये हैं, इन पर राज्य के 4.33 करोड़ मतदाता वीवीपैट युक्त ईवीएम के जरिये मतदान कर सकेंगे।

चुनाव आयोग ने गुजरात में पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित 182 मतदान केंद्र भी बनाये हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में इस तरह का एक मतदान केंद्र होगा।

उन्होंने बताया कि समूची चुनाव प्रक्रिया में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। इसके अलावा चुनाव आचार संहिता के पालन के लिये सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों पर भी निगरानी के व्यापक इंतजाम किये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में चुनाव आयोग के ऐलान के बाद हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिये निर्वाचन प्रक्रिया 16 अक्तूबर को शुरू हो गयी है। हिमाचल प्रदेश में एक ही चरण में नौ नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ 18 दिसंबर को ही होगी।

जोती ने बताया चुनाव खर्च की सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिये हर उम्मीदवार को अलग से बैंक खाता खोलना होगा। वहीं शांतिपूर्ण मतदान के लिये चुनाव आयोग द्वारा गठित निगरानी दस्तों को जीपीएस से जोडा जाएगा, जबकि मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जायेगी।

मोदी सरकार पर कांग्रेस का 'गब्बर' अटैक

राहुल गांधी ने कर सुधारों और नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए सोमवार (23 अक्टूबर) को जीएसटी को 'गब्बर सिंह टैक्स' बताया। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस आईटी सेल तुंरत सक्रिय हो गया और मोदी सरकार के खिलाफ कई पोस्टर जारी कर सरकार को ट्रोल करने की कोशिश की।

पोस्टर पीएम मोदी और बीजेपी की आर्थिक रणनीतियों के खिलाफ जारी किए गए। कांग्रेस ने छह पोस्टर रिलीज किए जिसमें गब्बर सिंह के डायलॉग को मोडीफाई किया गया। पहले पोस्टर में गब्बर सिंह के डायलॉग को 'अरे ओ सांबा कितना इनाम रखे हैं सरकार हमपर?' बदलकर लिखा गया, 'अरे ओ जेटली कितना टैक्स रखा है सरकार ने सब पर?'

दूसरे पोस्टर में लिखा गया है, 'क्या सोचकर आए थे, साहब 15 लाख देगा, साबासी देगा, अब तू दे .... जीएसटी'

गौरतलब है गुजरात दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि गुजरात अनमोल है और इसे खरीदा नहीं जा सकता। उनकी यह टिप्पणी पाटीदार नेता नरेंद्र पटेल के इस दावे के एक दिन बाद आई कि बीजेपी में शामिल होने के लिए उन्हें एक करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी।

बीजेपी ने पटेल के आरोप को खारिज कर दिया। वहीं कांग्रेस के पोस्टर वार पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ''ये कांग्रेस ही थी जो जीएसटी लागू करना चाहती थी, उन्होंने उस समय आपत्ति क्यों नहीं जताई?''

इन दिनों कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चला रखा है। ऐसा पहली बार है, जब सोशल मीडिया पर कांग्रेस बीजेपी से आगे निकल गई है। बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस का सोशल मीडिया कैंपेन तब पहली बार कामयाब होता नजर आया, जब 'विकास गांडो थायो छे अर्थात विकास पागल हो गया' वायरल हुआ।

जानकारी के लिए बता दें कि राहुल ने गांधीनगर में ठाकोर समुदाय की रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ''उनकी (केंद्र की) जीएसटी, जीएसटी नहीं है। जीएसटी का मतलब है गब्बर सिंह टैक्स। इससे देश को काफी नुकसान हो रहा है। छोटे दुकानदार समाप्त हो गए हैं। लाखों युवक बेरोजगार हो गए। लेकिन वे अब भी सुनने को तैयार नहीं हैं। मौजूदा जीएसटी वह नहीं है जिसकी परिकल्पना कांग्रेस ने की थी।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने नई कर व्यवस्था के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में सरकार को आगाह किया था, लेकिन मोदी सरकार ने उन सुझावों के खिलाफ काम किया। राहुल ने सरकार से नई कर व्यवस्था को सरल बनाने को कहा था।

राहुल ने नोटबंदी को लेकर भी मोदी का उपहास किया। नोटबंदी की घोषणा पिछले साल आठ नवंबर को हुई थी। उन्होंने कहा, ''आठ नवंबर को क्या हुआ, नहीं मालूम, मोदी ने कहा कि 500 और 1000 रुपए के नोट मुझे नहीं पसंद हैं, इसलिए आज रात 12 बजे से वे रद्दी हो जाएंगे। हा हा हा।''

राहुल ने कहा कि पहले दो-तीन दिन तक प्रधानमंत्री को नहीं समझ आया कि क्या हो गया। प्रधानमंत्री ने पांच-छह दिनों बाद अपनी गलती महसूस की।

उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया।

गुजरात में बीजेपी के खिलाफ राहुल गांधी को मिल रहा है व्यापक जन समर्थन

गुजरात के ठाकुर समुदाय के युवा नेता अल्पेश ठाकुर विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। अल्पेश ठाकोर ने शनिवार (21 अक्टूबर) को गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद ये घोषणा की।

23 अक्टूबर को अहमदाबाद में एक रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में अल्पेश ठाकुर कांग्रेस में शामिल होंगे। अल्पेश ठाकुर ओबीसी एकता मंच के नेता है।

सूत्रों के मुताबिक, अल्पेश ठाकोर बनासकांठा जिले के वाव सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।

बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव में ओबीसी वोटर्स का बड़ा रोल है। गुजरात में ओबीसी मतदाताओं की संख्या 54 फीसदी है, लिहाजा हर पार्टी इस समुदाय को अपने पक्ष में करना चाहती है।

अल्पेश ठाकोर ने दावा किया है कि 23 अक्टूबर की रैली में 5 लाख लोग जुटेंगे।

इससे पहले कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी को हराने के लिए आज पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, ठाकुर समुदाय के नेता अल्पेश ठाकुर और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को पार्टी के साथ हाथ मिलाने के लिए आमंत्रित किया था।

इन नेताओं के अलावा कांग्रेस ने शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और गुजरात से जनता दल यूनाइटेड के एकमात्र विधायक छोटू भाई वसावा को साथ लाने के लिए चुनावपूर्व गठबंधन का संकेत दिया है।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुजरात कांग्रेस प्रमुख भरत सिंह सोलंकी ने भरोसा जताया कि इन नेताओं के 'समर्थन और आशीर्वाद' से पार्टी कुल 182 सीटों में से 125 से ज्यादा सीटें आसानी से जीत जाएगी।

सोलंकी ने संवाददाताओं से कहा, ''हालांकि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन गांधीनगर के लिए कांग्रेस के विजय मार्च को रोकने में उसे सफलता नहीं मिलेगी।''

उन्होंने कहा, ''जिस कारण के लिए हार्दिक पटेल लड़ रहे हैं, हम उसका सम्मान और अनुमोदन करते हैं। मैं हार्दिक से चुनावों के दौरान कांग्रेस का समर्थन करने की अपील करता हूं। अगर वह भविष्य में चुनाव लड़ना चाहें तो हम उन्हें टिकट देने के लिए भी तैयार हैं।''

उन्होंने कहा, ''इसी तरह हमने जिग्नेश मेवानी को भी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के लिए आमंत्रित किया है। मैंने छोटू वसावा को भी कांग्रेस का समर्थन करने के लिए आमंत्रित किया है जिन्होंने राज्य सभा चुनावों में हमारी मदद की थी।''

उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस को धोखा दिया था, लेकिन वो गुजरात से बीजेपी को उखाड़ फेंकना चाहते हैं तो कांग्रेस के दरवाजे अभी भी उनके लिए खुले है।

चुनाव आयोग ने मोदी को ही गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के लिए अधिकृत कर दिया है: पी चिदंबरम

भारत के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और गृह मंत्री पी चिदंबरम ने गुजरात में चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किए जाने पर चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है।

उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर पोस्ट किया है कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के लिए अधिकृत कर दिया है और कहा है अपनी आखिरी रैली में इसकी घोषणा कर लीजिएगा और हमें भी बता दीजियेगा।

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि चुनाव आयोग को इस बात के लिए भी याद किया जाएगा कि उसकी विस्तारित छुट्टियों ने गुजरात सरकार को कई मुफ्त की चीजें देने और लोकलुभावन घोषणाएं करने का वक्त दे दिया है।

चिदंबरम के इस ट्वीट पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी और पी चिदंबरम गुजरात चुनावों को लेकर डरे हुए हैं, इसलिए इस तरह की भाषा बोल रहे हैं। इनके अलावा कई यूजर्स ने भी मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है।

एक यूजर ने लिखा है कि कांग्रेस जीतकर आएगी तो एक साल में ही गुजरात को बर्बाद कर देगी। इस पर दूसरे यूजर ने लिखा है, ''मोदी जी गुजरात को बर्बाद करने के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। कांग्रेस को इस पिक्चर में क्यों शामिल कर रहे हो। सुषमा जी भी देश का अच्छा विकास कर रही हैं।'' कुछ यूजर्स ने टिप्पणी की है कि चुनाव आयोग भी रिजर्व बैंक की राह पर चल रहा है।

बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने शिक्षकों, नगर निकायों के कर्मियों एवं अन्य के लिए कई सौगात की घोषणा की है। सरकार ने कहा कि सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के 'तय वेतन वाले' शिक्षकों के वेतन में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी की जाएगी। राज्य के 105 नगर निकायों के कर्मियों को सातवें वेतन आयोग के प्रावधानों के मुताबिक वेतन दिया जाएगा। गुजरात सरकार ने गंभीर बीमारियों के लिए दो लाख रुपए तक के नि:शुल्क मेडिकल इलाज के लिए चलाई जा रही 'मा-वात्सल्य' योजना के लिए वार्षिक आय की सीमा को डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दिया है।