पश्चिमी भारत

गुजरात में विकास पागल हो गया है

बीजेपी के गुजरात के 'विकास का मॉडल' होने के दावे पर सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर 'विकास पागल हो गया है' हैशटैग के साथ कई मजेदार ट्वीट किए जा रहे हैं।

इन टिप्पणियों के साथ गुदगुदाने वाले कई वीडियो और फोटो लगाए गए हैं जिनमें लोग सेल्फी ले रहे हैं या मोटरसाइकिल पर सवार हैं।

कुछ लोगों का मानना है कि एक पाटीदार युवक सागर सावलिया ने फेसबुक पर एक फोटो डाली और इसके बाद से यह सब शुरू हुआ। इस पोस्ट में एक सरकारी बस और टूटे हुए टायर दिख रहे हैं।

इसमें गुजराती में कैप्शन लिखा है, ''सरकारी बसें हमारी हैं, लेकिन इनमें चढ़ने के बाद आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी है। जहां है, वहीं रहिए विकास पागल हो गया है।''

20 साल के सागर सावलिया इंजीनियरिंग छात्र हैं और वे बेफामन्यूज नाम से वेबसाइट चलाते हैं। वे पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के सक्रिय सदस्य हैं और हार्दिक पटेल के करीबी हैं।

गुजरात में बीजेपी का मुख्य राजनीतिक मुद्दा विकास है,जहां इस वर्ष चुनाव होने जा रहे हैं।

बीजेपी के शीर्ष नेता गुजरात को अकसर देश के सर्वाधिक विकसित राज्य के तौर पर पेश करते हैं।

गुजरात कांग्रेस ने तुरंत ही इस मौके को भुनाते हुए सैंकड़ों लतीफे बना डाले। इसकी टैगलाइन है, 'विकास पागल हो गया है।'

गुजरात विधानसभा के चुनाव इसी साल होने हैं और इससे पहले इस तरह से सोशल मीडिया पर पार्टी के मजाक उड़ने से बीजेपी का सिरदर्द बढ़ा दिया है। 'विकास पागल हो गया है' के हैशटैग के साथ लोग बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं।

उत्तर प्रदेश, झारखंड के बाद अब महाराष्ट्र के नासिक में 55 बच्चों की मौत

बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और झारखंड के बाद अब महाराष्ट्र के नासिक सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। महाराष्ट्र भी बीजेपी शासित प्रान्त है।

अस्पताल के विशेष शिशु देखभाल खंड में पिछले महीने (अगस्त में) 55 शिशुओं की मौत हो गयी। इधर प्रशासन ने चिकित्सकीय लापरवाही से बच्चों की मौत होने से इनकार किया है।

नासिक के सिविल सर्जन सुरेश जगदले ने पीटीआई को बताया कि अप्रैल के बाद से विशेष शिशु देखभाल खंड में 187 शिशुओं की मौत हुई, लेकिन अगस्त महीने में 55 शिशुओं की जान चली गई।

जगदले ने सफाई देते हुए कहा, ''इनमें से अधिकतर मौतें निजी अस्पतालों से शिशुओं को अंतिम स्थिति में लाए जाने के कारण हुई और उनके बचने की गुंजाइश बहुत कम थी। समय पूर्व जन्म और श्वसन तंत्र कमजोरी के कारण भी मौतें हुई।''

सिविल सर्जन ने कहा कि किसी भी मामले में चिकित्सकीय लापरवाही नहीं हुई।

उन्होंने कहा, ''अस्पताल में 18 इनक्यूबेटर हैं और हमें जगह के अभाव में दो कभी-कभी तीन बच्चों को एक ही इनक्यूबेटर में रखना पड़ता है।''

स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने कहा, ''यह तथ्य है कि शिशुओं को अंतिम स्थिति में सरकारी अस्पताल लाया गया।'' उन्होंने कहा कि निजी और सरकारी अस्पतालों में जल्द ही एक प्रोटोकॉल का पालन होगा।

बता दें कि इससे पहले बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पिछले महीने सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई। इनमें से 30 बच्चों की मौत सिर्फ 48 घंटे में ऑक्सीजन की कमी से हुई थी।

बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पिछले एक साल के दौरान जनवरी में 152 बच्चों की मौत हुई, जबकि फरवरी में 122, मार्च में 159, अप्रैल में 123, मई में 139, जून में 137, जुलाई में 128 और अगस्त में 325 बच्चों की मौत हुई । इसके बाद बीजेपी शासित झारखंड में भी कई मासूमों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई थी। अब यही लापरवाही बीजेपी शासित राज्य महाराष्ट्र में दोहराई गई है।

गुजरात दंगा: माया कोडनानी नहीं दिलवा सकीं अमित शाह की गवाही

गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के पास अमित शाह को गवाही के लिए बुलाने का आखिरी मौका बचा है। विशेष अदालत ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को अदालत में गवाही के लिए लाने के लिए माया कोडनानी को आखिरी मौका दिया।

माया कोडनानी अपने पक्ष में अमित शाह को गवाही देने के लिए अदालत बुलाना चाहती है, इसके लिए वो कोर्ट से समय भी मांग चुकी है, लेकिन माया कोडनानी अब तक अपने पक्ष में गवाही के लिए अमित शाह को कोर्ट आने के लिए राजी नहीं कर सकी है।

ये मामला गुजरात दंगों के दौरान नरोदा पटिया हत्याकांड से जुड़ा हुआ है। अदालत ने कहा कि अगली तारीख तक अगर माया कोडनानी अमित शाह को गवाही के लिए कोर्ट में पेश नहीं कर पाती हैं तो मुकदमे की सुनवाई टाली नहीं जाएगी।

माया कोडनानी ने अदालत से और वक्त मांगा है ताकि वो अमित शाह का एड्रेस पता कर सके और उन्हें कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कह सके।

माया कोडनानी ने सोमवार (4 सितंबर) को विशेष कोर्ट से कहा था कि उसे अमित शाह से संपर्क करने के लिए अधिक वक्त चाहिए ताकि उन्हें समन दिया जा सके और अदालत में हाजिर होने के लिए कहा जा सके।

अदालत को लिखे अपने आवेदन में माया ने कहा था कि अमित शाह के व्यस्त कार्यक्रमों की वजह से उनसे संपर्क साधना मुश्किल हो रहा है।

माया ने कहा था कि उन्हें ये तय करने में कठिनाई हो रही है कि अमित शाह को किस पते पर समन भेजा जाए। माया कोडनानी ने अदालत से इसके लिए 12 सितबंर तक का समय मांगा था।

विशेष जज पीबी देसाई ने उन्हें अमित शाह को गवाही के लिए पेश करने के लिए 8 सितंबर तक का समय दिया था। शुक्रवार 8 सितंबर को भी माया कोडनानी उन्हें अदालत के सामने नहीं ला सकी। इसके बाद उन्होंने अदालत से और भी वक्त मांगा है।

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने विशेष न्यायालय को आदेश जारी कर कहा था कि नरोदा पटिया हत्याकांड की सुनवाई 4 महीनें में पूरी कर दी जाए।

नरोदा पटिया हत्याकांड की आरोपी माया कोडनानी ने ये साबित करने के लिए कि, 28 फरवरी 2002 को जिस दिन गुजरात दंगे भड़के थे, उस दिन वो घटनास्थल पर मौजूद नहीं थी, अमित शाह समेत 14 लोगों की गवाही की मांग की थी।

इसमे से 12 लोग माया कोडनानी के पक्ष में गवाही दे चुके हैं। इनमें उनके पति सुरेन्द्र कोडनानी, बीजेपी के पूर्व पार्षद दिनेश मकवाना, पूर्व बीजेपी विधायक अमरीश गोविंद भाई शामिल है।

इस घटना में मुस्लिम समुदाय के 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस केस में 82 लोग आरोपों का सामना कर रहे हैं इनमें से माया कोडनानी भी एक हैं।

2012 में नरोदा पाटिया हत्याकांड में अदालत माया कोडनानी को उम्र कैद की सजा सुना चुका है। माया और दूसरे 31 आरोपियों ने इस फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में अम्बेडकर स्टूडेट्स फोरम का जोरदार विरोध प्रदर्शन

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में अम्बेडकर स्टूडेट्स फोरम (ASF) ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के मुख्य द्वार पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की मनुवादी संगठनों द्वारा की गयी हत्या के विरोध में बुधवार (6 सितम्बर) की शाम को अम्बेडकर स्टूडेट्स फोरम द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया और उनके हत्यारों को फांसी देने की मांग की गयी।

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर आयोजित इस कार्यक्रम में वर्धा के कई संगठनों ने खुलकर समर्थन किया और हिंदुत्ववादी ताकतों से लड़ने का आह्वान किया गया।

इस अवसर पर मनोज कांबले ने कहा कि एक स्त्री को मार देना लोकतन्त्र की हत्या कर देने जैसा है। वास्तव में इस देश में एक स्त्री की इस तरह से नृशंस हत्या अराजक लोकतन्त्र का परिचय देता है।

इस अवसर पर ज्ञानचन्द्र पाल, दीनानाथ यादव, सत्यवन्त यादव, शिल्पा भगत, रजनीश कुमार अंबेडकर और रवींद्र कुमार यादव आदि ने अपनी बात रखी और इस अराजकता की तरफ बढ़ रहे लोकतन्त्र की कड़ी निंदा की।

इस विरोध प्रदर्शन में विश्वविद्यालय के बहुत से छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों ने अपना प्रतिरोध दर्ज कराया। जिनमें भंते राकेश आनंद, विजयलक्ष्मी, मनीषा, सरिता, राजनंदिनी, रंजीत कुमार निषाद, वीरेंद्र यादव, रामदेव जुर्री और ASA के युवा कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

आई बी टी एन न्यूज़ लाइव के लिए वर्धा से धम्म रतन की रिपोर्ट। 

मुंबई का बारिश: 12 साल का रिकॉर्ड टूटा; अस्पताल में घुसा पानी; ट्रेन की पटरियां भी डूबीं

मुंबई में लगातार हो रही बारिश के कारण आम जनता की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शनिवार (26 अगस्त) से हो रही बारिश की वजह से शहर की कई सड़कों समेत अन्य जगहों पर पानी भर गया है।

परेल स्थित किंग एडवर्ड अस्पताल में पानी भर गया है, हालांकि सभी मरीज सुरक्षित हैं।

कुछ ट्रेन स्टेशनों पर पानी भर जाने के कारण लोकल ट्रेनों का आवागमन भी प्रभावित हुआ है।

मुंबई पुलिस ने ट्वीट करके लोगों से अपील की है कि अगर वो कहीं फंस जाएं तो 100 नंबर पर फोन करके या ट्विटर पर तुरंत मदद मांग सकते हैं।

वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एन डी एम ए) ने नागरिकों को सलाह दी है कि अगर वो कहीं जलजमाव में फंस जाएं और उनकी गाड़ी बंद हो जाए तो वो उसे दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश न करें।

एन डी एम ए ने जनता से अपना मोबाइल हमेशा चार्ज रखने, फोन कॉल की जगह मैसेज (एसएमएस) का प्रयोग करने और ऊंची जगहों पर जाने की सलाह दी है।

अत्यधिक बरसात के कारण शहर में जगह-जगह पानी जमा हो गया है। बारिश की वजह से आम जनजीवन और यातायात बाधित है। मुंबई में बरसात ने एक दशक से भी पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

26 जुलाई 2005 के बाद इसे सबसे भारी और लंबी बारिश बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर #MumbaiRains हैशटैग के साथ आम नागरिक बारिश से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं।

कुछ लोग बारिश का मजा लेते दिख रहे हैं तो बहुत से लोग इसकी वजह से पेश आ रही दिक्कतों को सार्वजनिक कर रहे हैं।

चिंता की बात ये है कि मौसम विभाग के अनुसार शहर में कम से कम अगले 24 घंटे तक बारिश रुकने के आसार नहीं हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार (29 अगस्त) को शाम 4.30 बजे के करीब ज्वार आ सकता है। बारिश के कारण समंदर में ऊंची लहरे उठ रही हैं। आम लोगों को ज्वार के दौरान समंदर के किनारे न जाने की सलाह दी जा रही है।

मुंबई यातायात पुलिस ने बारिश के कारण आ रहे दिक्कत को देखते हुए आम लोगों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

मंगलवार को उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करके मुंबई की बारिश की तुलना चक्रवात से की। महिंद्रा ने ट्वीट में कहा कि वो भारत-ऑस्ट्रेलिया बैठक के लिए दिल्ली जा रहे थे, लेकिन बारिश के कारण उन्होंने विमान यात्रा की योजना रद्द कर दी है।

महिंद्रा ने लिखा, ''मैंने अपने ऑस्ट्रेलिया के दोस्तों से कहा कि मैं मुंबई में पानी के अंदर हूं।''

क्षेत्रीय मौसम विभाग द्वारा 27 अगस्त सुबह आठ बजे से 28 अगस्त सुबह आठ बजे तक 102 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गयी। इस दौरान मुंबई के वर्ली में 63.75 एमएम, बायकुला में 78.21 एमएम, भांडुप में 90.63 एमएम और विकरोली में 111.96 बारिश हुई थी।

सोमवार (28 अगस्त) को सुबह 8.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक कोलाबा में 35.8 एमएम और सांताक्रुज में 28.6 एमएम बरसात हुई थी। बारिश के कारण पूरे शहर में कई जगह जाम लग गया है। सोमवार को दक्षिणी मुंबई में ज्यादा बरसात हुई।

मुंबई में मॉनसून आने के साथ ही सड़कों पर गड्ढों का मुद्दा सुर्खियों में आ गया था। एक रेडियो जॉकी ने इन गड्ढों के खिलाफ मुहिम शुरू की तो बीएमसी पर काबिज शिव सेना ने उसका विरोध किया।

वहीं एक महिला बाइकर सड़क पर बने गड्ढे में बरसात के पानी के कारण हुए जल जमाव के कारण  दुर्घटना का शिकार हो गयी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।

2002 के दंगों में क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों को फिर से ना बनाए गुजरात सरकार: सुप्रीम कोर्ट

भारत में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें गोधरा दंगों के बाद वर्ष 2002 के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों के पुर्निनर्माण एवं मरम्मत के लिये राज्य सरकार को पैसों के भुगतान करने के लिये कहा गया था।

भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति पी सी पंत की एक पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली गुजरात सरकार की अपील स्वीकार कर ली और उच्च न्यायालय के उस फैसले को निरस्त कर दिया जिसमें कहा गया था कि दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक ढांचों के फिर से निर्माण एवं मरम्मत के लिये गुजरात सरकार को पैसों का भुगतान करना चाहिए।

गुजरात सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि हमारी याचिका को मंजूर कर लिया गया है।

इसके अतिरिक्त गुजरात सरकार ने अदालत से यह भी कहा कि राज्य सरकार दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए विभिन्न धार्मिक ढांचों, दुकानों एवं घरों की मरम्मत तथा फिर से निर्माण कार्य के लिये अनुग्रह राशि का भुगतान करने की इच्छुक है।

तुषार मेहता ने कहा, ''सरकार की इस योजना को स्वीकार कर लिया गया है।''

सुप्रीम कोर्ट गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ गुजरात सरकार की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी।

गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में राज्य सरकार को वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में क्षतिग्रस्त हुए करीब 500 से अधिक धार्मिक स्थलों को मुआवजे की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के दो पुलिस अफसरों को नौकरी से हटाया

भारत में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के उन दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फौरन नौकरी छोड़ने का हुक्म दिया है जो रिटायरमेंट के बाद फिर से नौकरी कर रहे थे। इन दोनों अफसरों पर फर्जी मुठभेड़ में भी शामिल होने के आरोप हैं।

आरोपी अफसरों में एन के अमीन और टी ए बरोट शामिल हैं। इन दोनों अफसरों ने कोर्ट में गुरुवार (17 अगस्त) को कहा कि वे लोग आज से ही अपना-अपना पद छोड़ देंगे।

अमीन पिछले साल अगस्त में पुलिस अधीक्षक पद से सेवानिवृत हुए थे। उसके बाद उन्हें गुजरात सरकार ने एक साल के लिए संविदा के आधार पर महिसागर जिले का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया था।

अमीन सोहराबुद्दीन और इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में अदालत में ट्रायल फेस कर चुके हैं।

दूसरे अफसर टी ए बरोट पिछले साल रिटायर होने के एक महीने बाद दोबारा अक्टूबर में वडोदड़ा में वेस्टर्न रेलवे के तहत डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) बनाए गए थे। बरोट को भी संविदा के आधार पर एक साल के लिए नियुक्त किया गया था।

बरोट भी सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ और सादिक जमाल मुठभेड़ केस में आरोपी रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए दोनों पुलिस अफसरों को तुरंत नौकरी छोड़ने का फरमान सुनाया।

इन दोनों दागी पुलिस अफसरों की रिटायरमेंट के बाद हुई पुनर्नियुक्ति के खिलाफ पूर्व आईपीएस अफसर राहुल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया था।

याचिका में कहा गया था कि अमीन के खिलाफ सीबीआई ने दो फर्जी मुठभेड़ मामले में चार्जशीट दाखिल किया था और वे करीब आठ साल तक न्यायिक हिरासत में जेल में बंद रहे हैं। बावजूद इसके रिटायर होते ही गुजरात सरकार ने उन्हें एक साल के लिए संविदा पर फिर से एसपी बना दिया।

याचिका के मुताबिक, तरुण बरोट भी हत्या, अपहरण से जुड़े मुकदमे में आरोपी रहे हैं और करीब तीन साल तक न्यायिक हिरासत में जेल में कैद रहे हैं।

पूर्व आईपीएस अफसर ने अपने वकील वरीन्दर कुमार शर्मा के जरिए याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुजरात के शीर्ष पुलिस अधिकारी पीपी पांडेय के उस प्रस्ताव पर मुहर लगाने का भी अनुरोध किया था जिसमें डीजीपी और आईजी पुलिस को पद छोड़ने की सिफारिश की गई थी।

गुजरात में दलितों के साथ फिर हुई हिंसा

गुजरात में ऊंची जाति के कुछ लोगों द्वारा एक दलित परिवार की कथित तौर पर बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। यहां एक बार फिर से ऊना कांड जैसे मामले को दोहराने की कोशिश की गई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, गुजरात के आणंद जिले के सोजित्रा तालुका के कासोर गांव में कथित रूप से ऊंची जाति के कुछ लोगों ने एक दलित महिला और उसके बेटे को पहले नंगा किया और फिर बेंत से बुरी तरह पिटाई की।

मामला बीते शनिवार 12 अगस्त का बताया जा रहा है। इस घटना में पीड़िता मणिबेन (45) और शैलेश रोहित (21) की भीड़ ने लाठियों से पिटाई की और अपशब्द कहे। इस घटना में गांव के दरबार (क्षत्रिय) समुदाय के लोगों का हाथ बताया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मणिबेन और उनका बेटा शैलेश मरे हुए मवेशियों के शवों की खाल उतारने का काम करते हैं। पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 506 (2) और एससी-एसटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

बता दें कि एक साल पहले ऊना में मरी गाय की खाल निकालने पर चार दलितों की बेरहमी से पिटाई की गई थी। विरोध में दलितों ने गुजरात के सरकारी कार्यालयों के सामने मरी गायें डाल दी थीं। गुजरात समेत पूरे भारत में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए थे।

मराठा क्रांति मोर्चा के आंदोलन के आगे फडणवीस सरकार झुकी

मराठा क्रांति मोर्चा के आंदोलन के आगे महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार झुक गई। सरकार ने शिक्षा में छूट देने का ऐलान किया और इस मामले को पिछड़ा आयोग भेजा।

महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हजारों लोगों ने बुधवार को नौकरियों और शिक्षा सहित अन्य विभागों में आरक्षण की मांग लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए मार्च निकाला।

मुंबई की सड़कों पर उतरे मराठाओं की मांगों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ बड़े ऐलान किए हैं।

हालांकि उन्होंने आरक्षण की मांग को सीधे तौर पर नहीं माना है।

सीएम ने कहा कि शिक्षा के मामले में मराठा समुदाय के बच्चों को वे सारी सुविधाएं और छूट दी जाएंगी जो अभी ओबीसी छात्रों को मिल रही है। यही नहीं, सरकार ने जमीन और मराठा सुमदाय के बच्चों के लिए हर जिले में छात्रावास बनाने के लिए ग्रांट के रूप में 5 करोड़ रुपए देने का भी ऐलान किया है।

नौकरी में आरक्षण की मांग पर विचार करने के लिए यह मामला सरकार ने बैकवर्ड क्लास कमीशन (पिछड़ा वर्ग आयोग) के पास भेजने की बात कही जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा।

फडणवीस ने कहा कि वह कमीशन से आग्रह करेंगे कि वह तेजी से प्रक्रिया को पूरा करे और बॉम्बे हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपे।

मराठा क्रांति मोर्चा ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सुबह बायकुला में जीजामाता उद्यान से मौन मार्च निकाला। मार्च में शामिल होने वाले लोग भगवा झंडे लिये थे। निजी वाहनों के साथ-साथ सार्वजनिक वाहनों से लोग सवेरे से ही यहां पहुंचने लगे थे। पुलिस और यातायात कमिर्यों को भारी संख्या में आने वाले लोगों और मुंबई में वाहनों को नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया था।

मुंबई के मशहूर 'डब्बावाले' लोगों में से अधिकांश लोग मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग हैं और उन्होंने भी मार्च में हिस्सा लिया। औरंगाबाद में इस तरह के पहले प्रदर्शन के ठीक एक साल बाद यह मराठा समुदाय का 58 वां मार्च था।

राहुल गांधी की गाड़ी पर हुए हमले के मामले में बीजेपी नेता गिरफ्तार

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के काफिले पर हुए हमले के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। जयेश दर्जी नाम के उस शख्स को बीजेपी का नेता बताया जा रहा है। एक पत्रकार के मुताबिक, जयेश पर धारा 337,427, 332 (किसी की जान को खतरे में डालना, शरारत की वजह से नुकसान पहुंचाना) लगाई गई है।

बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक नीरज बडगुजर ने आरोपी की पहचान जयेश दर्जी उर्फ अनिल राठौड़ के तौर पर की है।

कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि वह बीजेपी के युवा संगठन का एक स्थानीय पदाधिकारी है। बडगुजर ने कहा, ''हमने जयेश दर्जी उर्फ अनिल राठौड़ नाम के एक व्यक्ति को उस वाहन पर कथित रूप से एक पत्थर फेंकने के लिए गिरफ्तार किया है जिसमें राहुल गांधी यात्रा कर रहे थे।''

पुलिस अधीक्षक ने कहा, ''जांच के दौरान कांग्रेस सदस्यों की ओर से नाम दिये जाने के बाद हमने जयेश दर्जी को गिरफ्तार किया।''

उन्होंने कहा, ''हम घटना के बारे में उससे पूछताछ करेंगे। जांच आगे बढ़ने पर और नाम सामने आ सकते हैं।''

कांग्रेस ने दावा किया कि जयेश दर्जी बीजेपी युवा मोर्चा से है और कल की घटना के पीछे उसका हाथ है।

जिला कांग्रेस के महासचिव पृथ्वीराज कठवाडिया ने दावा किया, ''जयेश दर्जी बनासकांठा जिला बीजेपी युवा मोर्चा का सचिव है। उसी ने राहुल गांधी पर पत्थर फेंका था। हमने तीन और लोगों के नाम सौंपे हैं जिन्होंने राहुल गांधी के वाहन पर पत्थर फेंकने के लिए जयेश दर्जी के साथ मिलकर साजिश की।''

बडगुजर ने कहा कि पुलिस ने इसकी पुष्टि होने के बाद घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 332 जोड़ी कि इसमें एसपीजी को चोट आयी है। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 337 और 427 के तहत दर्ज की गई थी।

राहुल गांधी के काफिले पर शुक्रवार (4 अगस्त) को गुजरात में बाढ़ प्रभावित बनासकांठा जिले के धानेरा कस्बे में हमला हुआ था। राहुल जब धानेरा हेलीपैड जा रहे थे तो उनकी कार पर पथराव हुआ, जिसमें खिड़कियों के शीशे टूट गए। राहुल गांधी वहां बाढ़ के बाद के हालात का जायजा लेने पहुंचे थे। लेकिन कुछ लोगों ने उनका विरोध किया। विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने राहुल को न सिर्फ काले झंडे दिखाए, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में नारेबाजी भी की। लोगों के विरोध के कारण जनसभा स्थगित करके वापस लौटना पड़ा। वापसी के दौरान ही गाड़ी पर हमला हुआ।

राहुल गांधी के काफिले पर हुए हमले को लेकर कांग्रेस की ओर से बीजेपी पर निशाना साधा गया। राहुल ने अपने काफिले पर हुए हमले को लेकर शनिवार को बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा।

राहुल गांधी ने कहा, ''कल की घटना में इतना बड़ा पत्थर बीजेपी के कार्यकर्ता ने मेरी ओर मारा, मेरे पीएसओ को लगा।'' कांग्रेस उपाध्यक्ष ने गुजरात में अपने काफिले पर हुए हमले को लेकर पीएम मोदी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, ''मोदी जी और बीजेपी-आरएसएस का राजनीति का तरीका है, क्या कह सकते हैं?''