विदेश

बांग्लादेश के सिलहट में दो धमाके, तीन की मौत

बांग्लादेश के अधिकारियों के मुताबिक, देश के उत्तर-पूर्वी शहर सिलहट में हुए दो धमाकों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई।

सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, मरने वालों में एक पुलिस अधिकारी शामिल है। धमाके में कई लोग घायल भी हुए हैं।

अधिकारियों ने जानकारी दी है कि धमाके एक इमारत के पास हुए हैं जहां संदिग्ध चरमपंथियों और सेना के कमांडो के बीच संघर्ष जारी है।

सिलहट मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता ज़िदान अल मूसा ने बताया कि धमाके में इंस्पेक्टर चौधरी अबू कैसर की मौत हो गई। मारे गए बाकी दो लोगों में एक हमलावर हो सकता है।

मूसा ने कहा कि सिलहट में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ सेना अभियान चला रही है।

संदिग्ध चरमपंथियों ने सुरक्षा बलों पर बमों से हमला किया। इस वारदात में 40 लोग घायल हो गए हैं।

स्थानीय पत्रकार अहमद नूर ने बीबीसी बांग्ला को बताया कि जहां बम हमला हुआ, वे वहां से थोड़ी ही दूर थे।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पूरे शहर में चरमपंथियों की धर पकड़ चल रही है।

पुलिस ने सिलहट के दक्षिण सुरमा इलाक़े में एक पांच मंज़िला मकान की दो दिनों से घेराबंदी कर रखी थी। उसके बाद शनिवार को उस मकान पर कमांडो ने हमला कर दिया।

इसके पहले सेना ने जानकारी दी थी कि उन्होंने चरमपंथियों के कब्ज़े वाली इमारत से 78 आम लोगों को बाहर निकाला है। इनमें 21 बच्चे शामिल हैं।

सेना के प्रवक्ता लेफ़्टीनेंट कर्नल रशीदुल हसन ने बताया, चरमपंथियों की संख्या छह के करीब है। उनके पास बड़ी मात्रा में विस्फोटक और बम हैं। 

पाकिस्तान में बदल रहा आतंकी हमले का स्वरूप

पाकिस्तान में पहले आतंकी सिर्फ सरकारी संस्थानों और सुरक्षाकर्मीयों पर ही हमले करते थे, लेकिन अब उनके हमले का पैमाना लगातार बढ़ता और बदलता जा रहा है। अब वह ज्यादातर धार्मिक संस्थान और आम लोगों को निशाना बनाने लगे हैं।

पाकिस्तान के जाने-माने अखबार 'डॉन' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इससे वह सरकार पर और अधिक दबाव बनाना चाहते हैं। डॉन ने पिछले तीन-चार साल में पाकिस्तान में हुए कुछ बड़े आतंकी हमलों के तरीके पर यह रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक, आतंकी लगातार बड़े पैमाने पर भीड़ को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं ताकि ज्यादा नुकसान हो।

आतंकियों का मानना है कि सेना या पुलिस पर हमला करने से सिर्फ राज्य प्रभावित होता है और उनके हमले का ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं हो पाता। लेकिन जैसे ही आम लोग उसका शिकार बनते हैं। आतंक की चर्चा होने लगती है और सरकार पर भी दबाव बनता है। यहां तक कि ऐसी खबरें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोरने लगती हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2007 के बाद से आतंकियों ने अपने साथियों को सजा देने के लिए कोर्ट पर गुस्सा निकाला। इस दौरान पाकिस्तान में कुल 11 बार कोर्ट को निशाना बनाया गया। खैबर पख्तूनवा में आठ, क्वेटा में दो और इस्लामाबाद एक हमला किया गया। इन हमलों में 62 वकील और तीन जज समेत लगभग 170 लोग मारे गए।

सबसे खास बात यह है कि पाकिस्तान में जो उलेमा धार्मिक स्थलों पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं वो कोर्ट पर हमले के समय कुछ नहीं बोलते।

2005 से 2017 के बीच पाकिस्तान के लगभग कई प्रमुख धार्मिक स्थलों पर आतंकी हमले हुए। अब्दुल्ला शाह गाजी, शाह नूरानी, बारी इमाम, बाबा फरीद समेत कुल सात श्राइन को निशाना बनाया गया। इन हमलों में कम से कम 269 लोगों की जान गई। इन हमलों से साफ जाहिर होता है कि आतंकी हमले में धर्म कभी आड़े नहीं आता। आतंकी अफगानिस्तान से लेकर सीरिया और इराक में समान रूप से हमले कर रहे हैं। उनका काम सिर्फ दहशत फैलाना है।

ढाका एयरपोर्ट के पुलिस गेट पर आत्मघाती हमला

बांग्लादेश की राजधानी ढाका का इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुक्रवार को बड़ी तबाही से बच गया। एयरपोर्ट की पुलिस चेक पोस्ट पर रोके जाने के बाद एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया।

हमले में किसी अन्य के मारे जाने की अभी खबर नहीं है।

सशस्त्र बल के सहायक कमांडर तंजिला अख्तर ने कहा कि शाम सात बजे यह धमाका हुआ। हमलावर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एयरपोर्ट के सौ मीटर के दायरे में यह धमाका हुआ है।

हवाई अड्डे के पास सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमले के एक हफ्ते बाद यह घटना हुई है। आईएस ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

ताजा हमले के बाद हवाई अड्डों, कारागारों समेत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

ढाका पुलिस के प्रवक्ता मसुदुर रहमान ने कहा कि पुलिस और सैन्य कर्मियों को पास आता देख हमलावर ने धमाका कर दिया। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है।

लंदन के संसद पर आतंकी हमले के बाद संसद बंद

लंदन के संसद पर आतंकी हमले की कोशिश की गई है। लंदन के संसद के पास वाले इलाके में एक अज्ञात बंदूकधारी ने फायरिंग की है। इस फायरिंग में दो लोगों की मौत की खबर है जबकि दर्जन भर लोगों के घायल होने की खबर है।

लंदन के संसद पर आतंकी हमले की कोशिश, दो लोगों की मौत, हमलावर ढेर

लंदन के संसद पर आतंकी हमले की कोशिश की गई है। लंदन के संसद के पास वाले इलाके में एक अज्ञात बंदूकधारी ने फायरिंग की है। इस फायरिंग में दो लोगों की मौत की खबर है जबकि दर्जन भर लोगों के घायल होने की खबर है।

यह इलाका लंदन के बीचो-बीच स्थित है। जहां पर पर्यटक काफी संख्या में मौजूद होते हैं। इस घटना के बाद वेस्टमिनिस्टर ब्रिज पर यातायात को रोक दिया गया है।

बताया जा रहा है कि संसद के भीतर करीब 200 सांसद मौजूद थे। इसके बाद सुरक्षा के लिहाज से संसद को तत्काल बंद कर दिया गया। पुलिस ने पास के वेस्टमिनिस्टर अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन को भी बंद करा दिया है।

अचानक हुआ फायरिंग से इलाके में अफरातफरी मच गई जिसके बाद पुलिस ने संदिग्ध को मार गिराया है। हमलावर द्वारा की गई फायरिंग में मरने वालों में एक पुलिसकर्मी भी बताया जा रहा है।

घटना के बाद पूरे लंदन में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

रॉयटर्स की खबर के अनुसार, इसमें कम से कम एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं। वेस्‍टमिंस्‍टर पैलेस को बंद कर दिया है। खबरों के अनुसार पुलिस ने हमलावर को मार गिराया है। ब्रिटेन के एक मंत्री ने बताया कि कथित हमलावर को पुलिस ने संसद के बाहर मार गिराया है। हमलावर को करीब से गोली मारी गर्इ है। उसे तीन गोलियां मारी गई है। ब्रिटिश पुलिस और खुफिया एजेंसी एमआई5 ने इस घटना के आतंकी होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि अभी गोलीबारी की घटना के रूप में ही इसकी जांच की जाएगी।

ब्रिटेन के एक मंत्री ने बताया कि कथित हमलावर को पुलिस ने संसद के बाहर मार गिराया है। बीबीसी ने हाउस ऑफ कॉमन्‍स के नेता डेविड लिडिंगटन ने कहा कि हमलावर ने एक पुलिसकर्मी पर चाकू से हमला किया। संसद के अंदर मौजूद स्‍टाफ से अंदर ही रहने को कहा गया है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि सांसदों ने तीन या चार बार गोलियां चलने की आवाज सुनी। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की प्रवक्‍ता ने कहा कि वह बिलकुल सुरक्षित हैं।

इंडिपेंडेंट के पत्रकार टॉम पेक ने ट्वीट कर बताया कि बड़ा धमाका हुआ। फिर चीखें सुनी गई। इसके बाद गोलियां चलने की आवाज आई। सब जगह हथियारबंद पुलिस है।

ब्रिटिश संसद के डिप्टी स्‍पीकर ने बताया कि संसद के दोनों सदनों को गोलीबारी के बाद सस्‍पेंड कर दिया गया है। साथ ही वेस्‍टमिंस्‍टर अंडरग्राउंड स्‍टेशन को भी बंद कर दिया गया है।

एक चश्‍मदीद रेडोस्‍लॉ सिकोस्की ने बताया कि वेस्‍टमिंस्‍टर ब्रिज पर एक कार ने पांच लोगों को कुचल दिया। लेकिन यह घटना संसद के बाहर गोलीबारी के वाकये से अलग है।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की जांच कर रही है एफबीआई

अमेरिका के एफबीआई के प्रमुख ने इस बात की पुष्टि की है कि एजेंसी पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की जांच कर रही है और इस जांच के दायरे में ट्रंप की प्रचार टीम एवं मॉस्को के बीच का संभावित संबंध भी है।

प्रतिनिधि सभा की खुफिया मामले की स्थायी प्रवर समिति के समक्ष एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे ने कहा कि चल रही जांच की पुष्टि करने का फैसला विरला है क्योंकि नीति के तहत एजेंसी किसी वर्तमान जांच की पुष्टि नहीं करती है।

उन्होंने कहा कि बहरहाल, न्याय विभाग ने व्यापक जनहित में इस मामले में सहमति दी है। उन्होंने कहा, जांच के दायरे में ट्रंप की प्रचार टीम से जुड़े लोगों और रूस सरकार के बीच के किसी तरह के संपर्क की बात भी है। इसकी भी जांच हो रही है कि क्या ट्रंप की प्रचार टीम और रूस के प्रयासों के बीच किसी तरह का तालमेल था।

कोमे ने मौजूदा जांच के बारे में विवरण देने से इंकार किया। काम के बहुत जटिल होने की बात स्वीकार करते हुए एफबीआई निदेशक ने कहा कि जांच को पूरा करने की कोई मियाद नहीं है।

एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमे ने पहली बार इस मामले में सार्वजनिक तौर पर कुछ बोला है। इसके साथ ही ट्रंप की ओर से लगाए गए फोन टैंपिंग के आरोपों की जांच भी किया जाना है।

ट्रंप ने चार मार्च को ट्वीट किया था कि ओबामा ने उनके फोन टैप कराए थे, इन आरोपों के बाद देश में तेज राजनीतिक बहस छिड़ गई थी।

पूरी दुनिया जल्द देखेगी उत्तर कोरिया की जीत का महत्व: किम जोंग

उत्तर कोरिया ने आज उच्च क्षमता वाले एक नए रॉकेट इंजन का परीक्षण किया है। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी है। केसीएनए की खबर के अनुसार, परीक्षण का निरीक्षण करते हुए नेता किम जोंग-उन ने इस बात पर जोर दिया कि पूरी दुनिया जल्द ही देखेगी कि आज की महान विजय का क्या महत्व है।

किम अपनी बात के जरिए यह संकेत दे रहे थे कि उत्तर कोरिया एक नया उपग्रह रॉकेट प्रक्षेपित करने की तैयारी कर रहा है। केसीएनए ने कहा, ''नए इंजन के विकास से बाह्य अंतरिक्ष विकास क्षेत्र में विश्वस्तरीय उपग्रह स्थापित करने की क्षमता के लिए जरूरी वैज्ञानिक एवं तकनीकी नींव रखने में मदद मिलेगी।''

रॉकेट इंजन को आसानी से मिसाइलों में प्रयोग किया जा सकता है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि परमाणु हथियारों से लैस प्योंगयांग का अंतरिक्ष कार्यक्रम हथियार परीक्षणों को छिपाने के लिए है।

नए अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन अमेरिका के सहयोगी जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करने के बाद कल बीजिंग पहुंचे। उन्होंने कहा कि अमेरिका प्योंगयांग के साथ धैर्यपूर्वक कूटनीति चलाने की विफल तरकीब पर अब काम नहीं करेगा। टिलरसन ने यह चेतावनी दी कि उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का विकल्प मौजूद है।

खबर के अनुसार, माना जा रहा है कि इन मिसाइलों में वह नए इंजन लगाए गए हैं जिनका पिछले साल उत्तर कोरिया ने परीक्षण किया था।

तब प्योंगयांग ने कहा था कि वे अमेरिका में परमाणु हमला करने की गारंटी होंगे।

इससे पहले जो खबरें सामने आई थीं उनमें कहा गया था कि दक्षिण कोरियाई अधिकारियों और दक्षिण कोरियाई एवं अमेरिकी सेना के उच्च स्तरीय सूत्रों के हवाले से दक्षिण कोरिया की योनहैप समाचार एजेंसी ने बताया कि दो नयी मिसाइलों को मोबाइल लांचर पर रखा गया था।

काबुल के सैन्य अस्पताल पर आतंकी हमले में 30 से ज़्यादा की मौत

काबुल स्थित अफगानिस्तान के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल पर बुधवार (8 मार्च) को डॉक्टरों की भेष में हमला करने वाले आतंकवादियों के साथ सुरक्षाकर्मियों की छह घंटे चली मुठभेड़ में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है जो अफगानिस्तान में अपना असर बढ़ा रहा है।

इस्लामिक स्टेट ने एक प्रामाणिक टेलीग्राम खाते से भेजे अपने वक्तव्य में सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल में किये गये हमले की जिम्मेदारी ली है।

राजधानी के वजीर अकबर खान इलाके के दो असैन्य अस्पतालों के निकट स्थित 400 शैया वाले यह सैन्य सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल पर आतंकवादी हमले में 50 अन्य घायल हो गए। विस्फोटों और गोलियों की आवाज से राजधानी काबुल का राजनयिक इलाका दहल गया। अस्पताल के वार्डों में छिपे दहशतजदा मेडिकल स्टाफ ने सोशल मीडिया पर मदद के लिए हताशा भरे संदेश डाले। टीवी फुटेज में दिखाया गया कि मेडिकल स्टाफ में से कुछ सबसे ऊपर वाली मंजिल की खिड़कियों के छज्जे पर शरण ले रखी थी।

अस्पताल के एक कर्मचारी ने फेसबुक पर लिखा, ''हमलावर अस्पताल के अंदर हैं। हमारे लिये दुआ कीजिये।'' अस्पताल प्रशासकों ने एएफपी को बताया कि विस्फोट के बाद चिकित्सकों के सफेद कोट पहने तीन बंदूकधारी अस्पताल में घुस आये जिससे वहां अफरातफरी मच गयी। अस्पताल प्रशासक अब्दुल हाकिम ने एएफपी को टेलीफोन पर जल्दबाजी में बताया, ''हमलावर हर जगह गोलियां चला रहे हैं। हम स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रहे हैं।'' जब अफगान विशेष बल हमलावरों को काबू में करने की कोशिश कर रहे थे तो कम से कम दो अन्य तेज धमाकों की आवाज सुनी गयी।

अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा, ''यह एक आपराधिक कृत्य है। अस्पतालों पर हमले को किसी भी तरह न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। हम इन अपराधियों को कभी माफ नहीं करेंगे। दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से इस हमले में कुछ लोग मारे गये। चिकित्सकों के भेष में हमलावरों ने पीछे के गेट से प्रवेश किया।''

अस्पताल के प्रशासकों ने बताया कि एक फिदाई हमलावर ने बैकडोर प्रवेश पर खुद को उड़ा दिया जिसके बाद डॉक्टरों सा सफेद कोट पहने तीन बंदूकधारियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी की आवाज के बाद अस्पताल में सारे लोग इधर-उधर भागने लगे।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दौलत वजीरी ने एएफपी को बताया, ''आज के हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और तकरीबन 50 घायल हो गए।''

वजीरी ने बताया, ''ज्यादातर पीड़ित मरीज, डॉक्टर और नर्स हैं। अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने हाल के हमलों के बारे में कहा, ''यह एक आपराधिक कार्रवाई है। कोई भी चीज अस्पतालों पर हमले का औचित्य नहीं जता सकता।''

अब्दुल्ला ने कहा, ''हम कभी इन अपराधियों को माफ नहीं कर सकते। बदकिस्मती से, इस हमले में कुछ हताहत हुए।''

यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब गर्मियों में तालिबान के हमले शुरू होने से पहले ही उसके आतंकवादियों के हमले बढ़ गये हैं। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि एक फिदाई हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा दिया जबकि एक अन्य हमलावर को सुरक्षा कर्मियों ने ढेर कर दिया। इस संघर्ष में एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए।

सुरक्षा बलों ने सैन्य अस्पताल की घेरेबंदी कर दी है जबकि अफगान सरकार के हेलीकॉप्टर इलाके के ऊपर चक्कर लगा रहे हैं। इस बीच, इस्लामिक स्टेट समूह ने सैन्य अस्पताल पर हमले की जिम्मेदारी ली और दावा किया कि इस हमले के पीछे उसके लड़ाके हैं। समूह ने एक प्रामाणिक टेलीग्राम खाते के मार्फत अपने वक्तव्य में कहा, ''इस्लामिक स्टेट के घुसपैठियों ने काबुल के सैन्य अस्पताल पर हमला किया।''

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में इस हमले की निंदा की और इसे 'सभी अफगान पुरुषों और सभी अफगान महिलाओं' पर हमला बताया।

पाकिस्तान नेवी ने 80 भारतीय मछुआरे और 15 नाव पकड़ीं

पाकिस्तानी नेवी ने रविवार को 80 भारतीय मछुआरों और 15 नावें पकड़ ली हैं। पाकिस्तानी नेवी ने ये मछुआरे अरब सागर के गुजरात तट से पकड़े हैं।

श्रीलंका ने पिछले कुछ दिनों में 30 से ज्यादा मछुआरों को गिरफ्तार किया है। इसको लेकर तमिलनाडु ने श्रीलंका द्वारा राज्य के मछुआरों की गिरफ्तारियों में हुए इजाफे पर रविवार को विरोध भी जताया और कहा कि केंद्र इस विषय पर कोलंबो पर उपयुक्त दबाव डालता नजर नहीं आ रहा है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे एक पत्र में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने श्रीलंका द्वारा पिछले कुछ दिनों में 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तारी किए जाने का जिक्र किया और कहा कि ये घटनाएं मछुआरा समुदाय को परेशान कर रही हैं और मानसिक वेदना दे रही हैं।

पत्र में कहा गया है कि हमारे मछुआरों की प्रताड़ना और गिरफ्तारी में वृद्धि ऐसे समय हो रही है जब वे बहु प्रतीक्षित कच्चातीवु उत्सव के लिए तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए केंद्र से बार-बार अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि केंद्र की सलाह पर मछुआरों के प्रथम बैच को 'डीप सी लॉंग लाइनर फिशिंग ऑपरेशन' के लिए भी प्रशिक्षित किया गया है, लेकिन हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद न तो भारत सरकार ने 1650 करोड़ रूपये का पैकेज मंजूर किया है और ना ही वह हमारे मछुआरों की रोजमर्ररा की गिरफ्तारी एवं उनके उत्पीड़न को लेकर श्रीलंका पर दबाव बनाते दिख रही है।

पत्र में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि तमिलनाडु के मछुआरों को पूरी तरह से श्रीलंकाई नौसेना की दया पर छोड़ दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कच्चातीवु द्वीप को वापस लेने की भी अपील की जिसे 1974 में श्रीलंका को दे दिया गया था।

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि अभी 85 मछुआरे और मछली पकड़ने की 128 नौकाएं श्रीलंका के कब्जे में हैं। उन्होंने इनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री को इससे संबद्ध विदेश मंत्रालय अधिकारियों को ठोस कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

जर्मनी में स्कूल में मुस्लिम छात्रों के खुले आम नमाज पढ़ने पर रोक

जर्मनी के एक हाई स्कूल ने मुस्लिम छात्रों के खुले आम नमाज पढ़ने, वजू करने और जानमाज के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। समाचार वेबसाइट अल जज़ीरा के अनुसार, स्कूल ने जानमाज और खुले आम नमाज पढ़ने, वजू को दूसरे छात्रों के लिए 'भड़काऊ' बताया है।

रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी जर्मनी के वुपरताल स्थित स्कूल ने फरवरी में अपने स्टाफ को चिट्ठी लिखकर मुसलमान छात्रों द्वारा स्कूल परिसर में नमाज पढ़ने की सूचना देने के लिए कहा। स्कूल के इस फैसले के बाद जर्मनी में धार्मिक आजादी के अधिकार को लेकर बहस छिड़ गयी है।

स्कूल के प्रवक्ता ने गुरुवार (दो मार्च) को डीपीए न्यूज एजेंसी से कहा, स्कूल के टीचर और छात्र मुस्लिम छात्रों के बरताव की वजह से दबाव महसूस करते थे।

रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल प्रवक्ता ने कहा, ''पिछले कुछ समय से ये साफ दिख रहा था मुस्लिम बच्चे दूसरों के सामने ही प्रार्थना कर रहे हैं, बाथरूम में वजू कर रहे हैं, सबके सामने अपने जानमाज को लपेटते थे, अपने शरीर को एक खास मुद्रा में मोड़ते थे। स्कूल में इसकी अनुमति नहीं है।''

स्कूल प्रशासन का ये पत्र पिछले हफ्ते किसी ने फेसबुक पर पोस्ट कर दिया था जिसके बाद कई सोशल मीडिया यूजर ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

लोगों की आलोचना के बाद स्कूल चलाने वाले नगरपालिका अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि इस पत्र में गलत शब्दों का चयन किया गया है, लेकिन इसका मकसद इन बच्चों को प्रार्थना करने का उपाय निकालने के चर्चा करवाना है।

हालांकि नगरपालिका अधिकारियों ने कहा कि स्कूल को बच्चों को इससे रोकने का अधिकार है। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वो स्कूल के फैसले के साथ है।

पिछले कुछ समय से जर्मनी समेत पूरे यूरोप में मुसलमान प्रवासियों को लेकर तीखी बहस छिड़ी हुई है। जर्मनी में 11 लाख प्रवासी मुसलमानों को शरण दी है, लेकिन पिछले कुछ समय से जर्मनी में मुस्लिम विरोधी और प्रवासी विरोधी दक्षिणपंथी पार्टियों का प्रभाव बढ़ा है।