विदेश

दक्षिण सूडान सिविल वॉर: अत्यधिक अत्याचारों के कारण शरणार्थियों का पलायन

दक्षिण सूडान में छिड़े सिविल वॉर में अत्यधिक अत्याचारों के कारण शरणार्थियों का पलायन हो रहा है।

नाटो के खर्च को पूरा करने के लिए यूरोपीय संघ के नेता सहमत

नाटो के खर्च की जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरोपीय संघ के नेताओं ने मीटिंग के लिए सहमति दी।

पाकिस्तान-रूस के बीच पहली द्विपक्षीय बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकियों के बीच रूस और पाकिस्तान के बीच दूरियां खत्म होती दिख रही है। बुधवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान और रूस के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। यह पहला मौका है, जब दोनों देशों के बीच बातचीत हुई है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस दौरान कई क्षेत्रीय मुद्दों और आपसी हितों से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई। इसके अलावा आर्थिक सहयोग एवं संपर्क पर भी बात हुई। मंत्रालय ने कहा, ''दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाओं पर बातचीत की। इस मीटिंग में यह फैसला भी लिया गया कि दोनों पक्षों के बीच 2017 में मॉस्को में वार्ता आयोजित होगी।''

सितंबर में रूसी और पाकिस्तानी सैनिकों ने पहली बार संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था। दोनों देशों की सेनाओं ने पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के चेरात में आयोजित सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया था। इस जॉइंट ड्रिल को 'फ्रेंडशिप 2016' का नाम दिया गया था। इस सैन्याभ्यास को देनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों के तौर पर देखा गया था। दोनों देश शीत युद्ध के दौरान प्रतिद्वंद्वी थे।

2011 में अमेरिका के एक गुप्त अभियान में पाकिस्तान के एबटाबाद में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने और नाटो सेनाओं के हमले में अफगान सीमा पर 24 पाक सैनिकों के मारे जाने के बाद से पाकिस्तान ने रूस के साथ अपने संबंधों को मधुर बनाने की कोशिशें तेज की हैं।

इन दोनों घटनाओं के बाद पाकिस्तान के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में नई विदेश नीति को मंजूरी दी गई थी जिसमें रूस के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की बात भी शामिल थी। अपने पुराने सहयोगी रहे भारत को खुश रखने के लिए रूस लंबे समय से पाकिस्तान को नजरअंदाज करता रहा है।

बीते 15 महीनों में पाकिस्तानी सेना, नेवी और एयर फोर्स के चीफ रूस की यात्रा पर गए हैं और दोनों देशों के बीच 4 MI-35 हेलिकॉप्टर्स को लेकर डील भी हुई।

पाकिस्तान के साथ संबंध बढ़ाने को रूस की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका और भारत में नजदीकी बढ़ने के साथ ही रूस ने पाकिस्तान की ओर रुख करने की नीति अपनाई है।

चीन की ताइवान को जंग की धमकी

अमेरिका-ताइवान की बढ़ती नजदीकियों से चीन बौखला गया है। चीन अब ताइवान में बल प्रयोग की तैयारी में है। चीन ने सार्वजनिक तौर पर ताइवान में बल प्रयोग करने की वकालत की है।

बीते दिनों अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और ताइवान के राष्ट्रपति की फोन पर हुई बातचीत को लेकर चीन नाराज है। चीन ने इसे ताइवान की छोटी चाल तक बता दिया था। वहीं चीन के विदेशमंत्री ने इस बातचीत पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि इस फोन कॉल के बाद चीन और अमेरिका के संबंध खराब नहीं होंगे।

चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे संपादकीय में कहा गया है, ''अब समय आ गया है जब चीन को अपनी ताइवान नीति को दोबारा तैयार करना चाहिए जिसमें बल प्रयोग प्रमुख विकल्प हो और सावधानीपूर्वक इसके लिए तैयार होना चाहिए।'' ग्लोबल टाइम्स के इस संपादकीय को इसलिए भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि इसका चीन की सरकार से सीधा संबंध है। विदेश नीति से जुड़े किसी भी मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए चीनी सरकार इसी का सहारा लेती है।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार दशक पुराने 'वन चाइना पॉलिसी' को लेकर जब से सवाल खड़े किए हैं, उसके बाद से ही चीनी मीडिया ने ट्रंप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

असल में चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। यही कारण है कि अमेरिका और ताइवान के बीच 1979 से ही आधिकारिक कूटनीतिक संबंध नहीं हैं। 'वन चाइना पॉलिसी' के तहत अमेरिका भी ताइवान को संप्रभु राष्ट्र नहीं मानता

न्यूजीलैंड के पीएम ने इस्तीफा दिया

न्यूजीलैंड के पीएम जॉन की ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा का ऐलान कर सभी को चौंका दिया। रिपोर्टर्स से बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे लिए यह बहुत ही कठिन फैसला है। मैं पारिवारिक कारणों से इस्तीफा दे रहा हूं, ये एक बड़ी वजह है, लेकिन और भी कई कारण हैं। वैसे, मेरे लिए राजनीति छोड़ने का यह सही समय है।'' जॉन ने कहा, ''मैंने अपने सबसे करीबी लोगों और अपनी फैमिली के लिए यह फैसला लिया है। मेरे बालिग हो चुके बच्चों को अपने पिता के जॉब के चलते बेहद दबाव और दखलंदाजी का सामना करना पड़ता है।'' न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जॉन की ने कहा, मैं हमेशा नई प्रतिभा को आगे आते देखना चाहता हूं, इसीलिए अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। .... मैंने अभी फ्यूचर के लिए कोई योजना नहीं बनाई है, लेकिन मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बना रहूंगा, ताकि मेरे क्षेत्र को अगले साल होने वाले जनरल इलेक्शन से पहले चुनाव का सामना न करना पड़े। ... नेशनल पार्टी कॉकस 12 दिसंबर को मीटिंग करेगा, उसी दिन नए पार्टी लीडर और नए पीएम का चुनाव होगा।''

माना जा रहा है कि उसी दिन जॉन ऑफिशियली अपना इस्तीफा दे देंगे। कहा रहा था कि जॉन अगले साल अपना चौथा जनरल इलेक्शन भी लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ''मैं चाहता था कि वह गलती न करूं जो दुनिया के बाकी नेताओं ने की इसीलिए राजनीति में टॉप पर होने के बावजूद मैं पद छोड़ रहा हूं।'' बता दें कि 55 साल के जॉन की 19 नवंबर 2008 को न्यूजीलैंड के 38वें पीएम चुने गए थे। जॉन की ने कहा, ''8 साल तक काम करने के बाद यह आगे बढ़ने का बिल्‍कुल सही समय है। ... यह बेहद कठिन फैसला है और मुझे नहीं पता अब मैं आगे क्‍या करूंगा। पार्टी और देश का नेता रहते हुए मेरे अनुभव शानदार रहे।'' जॉन की ने इस्‍तीफा देते हुए इस बात की तरफ इशारा किया कि वो अब अपना वक्‍त पत्‍नी और परिवार के साथ बिताएंगे। जॉन की ने कहा, ''मैंने पिछले कई सालों से देखा है कि इस स्थिति में कई नेता हैं जो ऐसा फैसला नहीं ले सके। मैं समझ सकता हूं यह एक कठिन काम है। - See more at: http://ibtnkhabar.com/article.php?id=12472#sthash.CUVxdCEl.dpuf

पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर चीन की हर हरकत पर भारत की नजर

नई दिल्ली, पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर अगर चीन किसी तरह की हरकत करता है तो भारत उसको मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। ये कहना है कि भारतीय नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा का।

लांबा ने कहा, ''इंडियन नेवी इन हरकतों पर पैनी नजर बनाए हुए है और अगर वहां किसी फोर्स की तैनाती हुई तो हम मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

नेवी चीफ ने पाकिस्तान के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि पाकिस्तान से सटी समुद्री सीमा में भारत ने कोई न्यूक्लियर सबमरीन तैनात की है।''