विदेश

दक्षिणी चीन सागर पर निगरानी बढ़ाने के लिए चीन का टोही पोत लॉन्च

चीनी मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, चीन ने गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक टोही पोत लांच किया। दक्षिणी चीन सागर में मौजूद पेट्रोलियम को लेकर चल रहे तनाव के बीच का चीन का यह बड़ा कदम माना जा रहा है।

विवादित अंतरराष्ट्रीय इलाके दक्षिणी चीन सागर में चीन अपने दावे के साथ और आगे बढ़ता जा रहा है। चीन अमेरिका की चेतावनी के बाद भी अपनी दादागिरी पर अड़ा है।

चाइना डेली ने लिखा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अब छह टोही पोतों का संचालन कर रही है। हालांकिे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीनी सेना कभी भी अपनी क्षमता के बारे में पूरी जानकारी नहीं देती, लेकिन ऐसा पहली बार देखने में आया है कि चीनी सेना ने छठवें टोही विमान के लांचिंग की जानकारी दी है।

जानकारी के अनुसार, पीएलए ने पिछले साल नेवी के लिए मिसाइल डिस्ट्रायर, विमान वाहक पोत, मिसाइल फ्रिगेट समेत 18 पोतों को कमिशन किया था।

चीन ने यह भी कहा है कि वह अब दूसरे विमान वाहक पोत का निर्माण कर रहा है। चीन के पास अभी जो विमान वाहक पोत है, वह काफी पुराना है जो साउथ चाइना सी में चीन की दावेदारी के लिए ज्यादा प्रभावी नहीं था।

स्थानीय नेवी अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी दी है कि चीनी टोही पोत अब व्यापक पैमाने पर विवादित इलाके दक्षिणी चीन सागर में जापान और अमेरिकी युद्धपोतों की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारी ने यह भी कहा है कि यह काम एक रूटीन के तौर पर किया जा रहा है।

चीन दक्षिणी चीन सागर के अधिकांश हिस्से को अपना होने का दावा कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस इलाके में तेल और गैस का एक बड़ा भंडार है जिसे 5 ट्रिलियन डालर का व्यापार हर साल किया जा सकता है। चीन ने इस पर नियंत्रण करने के लिए लड़ाकू विमानों के लिए रनवे और कृत्रिम द्वीप तैयार कर रखा है।

दक्षिणी चीन सागर पर ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपीन्स, ताईवान और वियतनाम भी अपना दावा कर रहे हैं।

पाकिस्तान का पनडुब्बी से मार करने वाली परमाणु क्रूज मिसाइल का परीक्षण

पाकिस्तान ने सोमवार को पहली बार पनडुब्बी से मार करने वाली और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम क्रूज मिसाइल बाबर-3 का सफल परीक्षण किया।

भारत पहले ही पनडुब्बी से मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है।

पाकिस्तान सेना की प्रवक्ता आईएसपीआर ने कहा कि हिंद महासागर में पानी के अंदर एक मोबाइल प्लेटफार्म से मिसाइल का परीक्षण किया गया और जिसने सतह पर तय किए गए लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा। इसका एक वीडियो भी जारी किया गया।

बाबर-3 सतह से मार करने वाली बाबर-2 मिसाइल का समुद्री संस्करण है। बाबर-2 का दिसंबर 2016 में सफल परीक्षण किया गया था।

आईएसपीआर के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि बाबर-3 ध्वनि की गति से तेज, स्टील्थ तकनीक, अत्याधुनिक गाइडेंस और नेवीगेशन सिस्टम से लैस है। यह खतरों को लेकर पाकिस्तान की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करती है।

भारत का परोक्ष जिक्र करते हुए गफूर ने कहा कि पड़ोस में परमाणु हथियारों को लेकर अपनाई जा रही रणनीति और रुख को देखते हुए यह पाकिस्तान की बड़ी वैज्ञानिक कामयाबी है।

पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसके लिए सेना को मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहने में विश्वास करता है, लेकिन इस परीक्षण से देश की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है।

उन्होंने दावा किया कि मिसाइल दुश्मन के रडार और मिसाइल रक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है।

परीक्षण के दौरान पाक सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल जुबैर महमूद हयात, सामरिक योजना डिवीजन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल मजहर जमील और अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

जनरल हयात ने कहा कि सफल परीक्षण ने साबित किया है कि पाकिस्तान हथियारों के मामले में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी सफल परीक्षण के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी।

भारत ने हाल ही में अंतर महाद्वीपीय मिसाइल अग्नि-5 और अग्नि-4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसको लेकर पाकिस्तानी सेना में हलचल बढ़ी है और वह चीन की मदद से अपने सैन्य कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है।

येरुशलम ट्रक हमला: आतंकी ने सैनिकों को कुचला, 4 की मौत, 15 घायल

इजरायल के येरुशलम शहर में रविवार को बर्लिक हमले की तर्ज पर एक आतंकी ने भीड़ पर जानबूझकर ट्रक चढ़ा दिया। इस हमले में चार सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य घायल हुए हैं। पुलिस ने हमलावर को मार गिराया है।

इजरायली पुलिस के आयुक्त मेजर रोनी एलिश्च ने बताया कि ट्रक से रविवार को येरुशलम अरमान हलात्जिप प्रोमेंडे चौक पर हमला किया गया। इसमें तीन महिलाओं सहित चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कम से कम 15 घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। इनमें से तीन की हालत गंभीर है।

एलिश्च ने कहा कि इस हमले की कोई खुफिया जानकारी नहीं थी। इसके बावजूद पुलिस की त्वरित कार्रवाई इकाई ने तुंरत मोर्चा संभाल कर आतंकी को मार गिराया।

उन्होंने बताया कि हमलावर की पहचान पूर्वी येरुशलम के रहने वाले अरब के रूप में की गई है। एलिश्च ने कहा कि हमलावर के पास इजरायली ड्राइविंग लाइसेंस था।

आयुक्त ने बताया कि सैनिकों का दल पर्यटन पर था और बस से उतरे थे और फुटपाथ पर खड़े थे। उसी समय हमलावर ने ट्रक सीधे उनपर चढ़ा दिया।

अब मोसाद को भी महिला जासूस चाहिए

इसराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद पहली बार महिला जासूसों की नियुक्ति करने जा रही है। मोसाद में भर्ती के लिए इसराइल के अख़बारों में विज्ञापन छपा है जिसमें एक महिला का चेहरा दिखाया गया है इसके नीचे लिखा है कि ताक़तवर महिलाओं की ज़रूरत है।

वैसे मोसाद में 40 फ़ीसदी कर्मचारी महिलाएं हैं, मगर वे जासूस नहीं हैं।  स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ 24 फ़ीसदी महिलाएं वरिष्ठ पदों पर हैं।

करीब दो साल पहले मोसाद के पूर्व प्रमुख तैमिर पार्दो का बयान आया था कि पुरुषों के मुक़ाबले महिलाएं बेहतर जासूस बनती हैं।

उन्होंने कहा था कि ख़ुफ़िया मिशन में महिलाएं बेहतर साबित होती हैं क्योंकि वो अपने अहंकार को दबाकर लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करती हैं।

मोसाद की स्थापना 1949 में हुई थी। बेहद ख़ुफ़िया तरीके से काम करने वाली मोसाद अपने जांबाज़ ऑपरेशन के लिए जानी जाती है।

मोसाद पर कई हत्याओं के इल्ज़ाम भी लगते रहे हैं। एक पूर्व मोसाद एजेंट गैड शिमरॉन ने बीबीसी को बताया, ''वो ईमानदार ठगों को ढूंढ़ रहे हैं। वो मेरे जैसे लोगों को लेते हैं, मैं धोखेबाज़ नहीं हूं बल्कि इसराइल का एक आज्ञाकारी नागरिक हूं। वो चोरी करना सिखाते हैं, कभी हत्या करना भी।  ये सब साधारण लोग नहीं करते हैं, सिर्फ अपराधी करते हैं।''

राहील शरीफ़ इस्लामिक गठबंधन सेना के प्रमुख बने

पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के मुताबिक़, पाकिस्तान सेना के पूर्व प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) राहील शरीफ़ को आतंकवाद के ख़िलाफ़ 39 मुस्लिम देशों की गठबंधन सेना का प्रमुख नियुक्त किया गया है।

पाकिस्तान के टीवी जियो न्यूज़ के एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ ने कहा कि उन्हें इस नियुक्ति के बारे में जानकारी है, हालाँकि उन्होंने फ़िलहाल इस समझौते का विवरण होने से इनकार किया।

पाक रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ सैन्य गठबंधन का फैसला सरकार को विश्वास में लेने के बाद किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की नियुक्ति या जिम्मेदारी के लिए सरकार और सैन्य मुख्यालय की क्लीयरेंस की ज़रूरत होती है और इस प्रक्रिया का पालन किया गया है।

दिसंबर 2015 में आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान सहित 30 से अधिक इस्लामी देशों ने सऊदी अरब के नेतृत्व में एक सैन्य गठबंधन का ऐलान किया था।

इस गठबंधन में शुरू में 34 देश शामिल थे, लेकिन बाद में उनकी संख्या 39 हो गई।

इस्लामी देशों के सैन्य गठबंधन में मिस्र, क़तर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई अरब देशों के साथ तुर्की, मलेशिया, पाकिस्तान और अफ्रीकी देश शामिल हैं।

दवाओं पर रोड्रिगो दुतेर्ते के युद्ध के शिकार

चूंकि फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते छह महीने पहले ही शपथ ली थी, 6,000 से अधिक लोग दवाओं पर अपने युद्ध में मारे जा चुके हैं।

पीड़ितों में से अधिकांश गरीब समुदायों से आते हैं।

अल जज़ीरा की जमीला अलिन्दोंगन ने मनीला से खबर दी है।

छह महीने में राष्ट्र विभाजित

यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए छह महीने पहले ब्रिटेन कई हिस्सों में बंट गया था।

स्काई न्यूज़ के वरिष्ठ संवाददाता मिशेल क्लिफर्ड ने दो क्षेत्रों का दौरा किया। ग्लासगो, जहां दो तिहाई यूरोपीय संघ में बने रहने के लिए मतदान किया, और बर्नले जहां दो तिहाई छोड़ने के लिए मतदान किया।

सीरियाई सरकार और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की है कि सीरियाई सरकार और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी है और दोनों पक्ष शांति वार्ता के लिए राज़ी हो गए हैं।

ये संघर्ष विराम स्थानीय समयानुसार गुरुवार मध्यरात्रि से लागू हो जाएगा। रूस और तुर्की दोनों देश सीरिया में अलग-अलग पक्षों का समर्थन कर रहे हैं।

जहां तुर्की विद्रोही गुटों का समर्थन कर रहा है तो वहीं रूस राष्ट्रपति बशर अल असद के नेतृत्व वाली सीरियाई सरकार का समर्थन कर रहा है। सीरिया में पांच सालों से ज़्यादा समय से यह संघर्ष चला आ रहा है।

सीरिया में रूस की रणनीति क्या है? बीबीसी संवाददाता जोनाथन मार्कस के अनुसार, रूस का सीरिया के साथ सोवियत संघ के जमाने से रणनीतिक रिश्ता रहा है। लंबे समय से सीरिया के तट पर रूस का एक छोटा सा नौसैनिक अड्डा रहा है और सीरिया की फ़ौज के साथ रूस का मजबूत संबंध रहा है। रूस सीरिया की फ़ौज को हथियार मुहैया कराने वाला मुख्य आपूर्तिकर्ता देश है। सीरिया रूस के लिए मध्य पूर्व के इलाके में अपना प्रभाव जमाए रखने का आख़िरी जरिया है।

मार्कस कहते हैं, "इस रिश्ते ने व्लादिमीर पुतिन को सीरिया में कार्रवाई करने के लिए उकसाया."

पर बड़ा सवाल ये है कि सीरिया में आख़िर दखल देने का रूस का मकसद क्या है? लंबे समय से रूसी फ़ौज पर नज़र रखने वाले और जेम्सटाउन फाउंडेशन में यूरेशियाई मामलों के सीनियर फेलो रोजर मैक डरमोट का कहना है, "आम तौर पर सीरिया में रूस के दखल ने पर्यवेक्षकों को प्रभावित किया है। इसने रूस से इतनी दूर सीरिया में ऐसे मुश्किल ऑपरेशन को अंज़ाम देने की रूस की क्षमता को साबित किया है."

विल्सन सेंटर के केनान इंस्टिट्यूट के माइकल कॉफमैन का एक अलग ही बात बताते हैं। उनका कहना है, "रूस ने अपना नुक़सान कम करने के मक़सद से ज़मीनी कार्रवाई के लिए दूसरी ताकतों पर भरोसा किया, जबकि रूस के ऑफिसर्स या तो संयुक्त कार्रवाई में शामिल हुए या फिर हवाई हमले ही किए."

वहीं मैक डरमोट का कहना है, "रूसी फ़ौज इसे अपनी नई और आधुनिक तकनीक को परखने के एक अवसर के तौर पर देखता है."

रूसी फ़ौज ने अपने कुछ अत्याधुनिक विमान सीरिया में तैनात किए हैं, लेकिन यही बात दूसरे जंगी समानों के लिए नहीं कही जा सकती है।

रूस की सीरिया में दखल से रूस को कूटनीतिक लाभ भी मिलने वाला है। इसने इसराइल, ईरान और तुर्की के साथ संबंधों को नया आयाम दिया है।  इसराइल और रूस के बीच एक समझ भी विकसित हुई है।

मैक डरमोट विश्लेषण करते हुए आगे कहते हैं, "सीरिया एक तरह से रूसी फ़ौज की क्षमताओं की 'नुमाइश' करने की जगह बन कर रह गई है। अमरीका न केवल कूटनीतिक रूप से समान स्तर पर रूस से समझौता करने पर मजबूर हुआ बल्कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को लेकर भी उसे रुख बदलना पड़ा। अमरीका लंबे समय तक अड़ा था कि असद को राष्ट्रपति पद छोड़ना होगा। अमरीका ने शर्त रखी थी कि किसी भी बातचीत से पहले असद को सत्ता छोड़नी होगी। सीरिया में रूसी हस्तक्षेप के कारण अमरीका से शत्रुता बढ़ी है।'' 

अमरीका ने रूस के 35 राजनयिकों को निकाला

अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस पर साइबर हमलों से अमरीकी चुनावों के साथ छेड़छाड़ करने के कथित आरोपों के बाद देश से 35 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।

वहाँ दो रूसी परिसरों को बंद किया जा रहा है और कुछ लोगों के ख़िलाफ़ आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएँगे।

ओबामा ने कहा कि रूस अमरीकी अधिकारियों को परेशान कर रहा था और इसके बाद और भी क़दम उठाए जाएँगे।

ओबामा का कहना था कि अमरीका को रूसी हरकतों से सावधान रहना चाहिए।

ये एक तरह से उनके उत्तराधिकारी डोनल्ड ट्रंप के इस बयान का जवाब था कि सब लोगों को अपना-अपना काम करना चाहिए।

वहीं रूसी सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि रूस अमरीका के इस क़दम का समुचित जवाब देगा।

इस बीच यूक्रेन ने कहा है कि उसे पिछले दो महीनों में साढ़े छह हज़ार साइबर हमलों का निशाना बनाया गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको ने कहा कि जाँच से पता चला है कि हैकिंग की इन घटनाओं से रूस सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त था।

मॉस्को ने हैकिंग में अपना हाथ होने के आरोपों से इनकार किया है। 

रोमानिया के प्रेजिडेंट का मुस्लिम महिला को पीएम बनाने से इनकार

नई दिल्ली, रोमानिया को उसकी पहली महिला प्रधानमंत्री मिलने वाली थी, लेकिन उसका यह सपना अभी पूरा नहीं हो सकेगा। रोमानिया के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री पद के लिए पहली मुस्लिम और पहली महिला उम्मीदवार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसके बाद से ही देश में नए सिरे से राजनीतिक उठा-पटक शुरू हो गई है।

रोमानिया की वाम पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए पहली बार किसी महिला और मुस्लिम सेविल शायदेह का नाम प्रस्तावित किया था। हालांकि राष्ट्रपति क्लॉस लोहानिस ने पीएम पद के लिए सोशल डेमोक्रेट की ओर से नामित उम्मीदवार के नाम को ठुकराने की कोई वजह नहीं बताई, लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि सेविल के सीरियाई पति की पृष्ठभूमि की वजह से ऐसा किया गया है।

रोमानिया के राष्ट्रपति ने मीडिया से कहा, 'मैंने पक्ष और विपक्ष दोनों की दलीलों का अध्ययन किया और इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया।' उन्होंने वाम पार्टी से किसी और नाम का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है।

सेविल के पास मंत्री के तौर पर पांच महीने का अनुभव है। उनका मुस्लिम होना भी उनके नाम को ठुकराने की वजह नहीं माना जा रहा है।

असल में उनके पति का सीरियाई होना सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। सेविल के पति ने सीरिया के कृषि मंत्रालय में 20 साल तक काम किया और वह साल 2011 में रोमानिया आए। उसी साल दोनों ने शादी भी की। उनके पति को सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल असद का समर्थक भी माना जाता है।